बाइडनॉमिक्स | 27 Oct 2023

प्रिलिम्स के लिये:

 यूरोपीय संघ (EU), सकल घरेलू उत्पाद (GDP), जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता, व्यापार घाटा, रीगनॉमिक्स, ट्रिकल-डाउन थ्योरी, भारतीय रिज़र्व बैंक, रूस-यूक्रेन युद्ध

मेन्स के लिये:

GDP वृद्धि और रोज़गार सृजन के संबंध में भारत एवं विश्व पर बाइडनॉमिक्स के प्रभाव, मुद्दे व चिंताएँ।    

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस  

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2024 प्रमुख प्रभावशाली अर्थव्यवस्थाओं: भारत, रूस, यूके, यूरोपीय संघ और अमेरिका में चुनावों के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होगा, जहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका में बाइडनॉमिक्स एक प्रमुख चुनावी मुद्दा माना जा रहा है।

बाइडनॉमिक्स:

  • परिचय: 
    • बाइडनॉमिक्स एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग अमेरिका में बाइडन प्रशासन द्वारा लिये गए किसी भी नीति निर्णय को संदर्भित करने के लिये किया जाता है।
    • व्हाइट हाउस के अनुसार, बाइडन की आर्थिक दृष्टि तीन प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित है:
      • अमेरिका में स्मार्ट सार्वजनिक निवेश
      • मध्यम वर्ग के विकास के लिये श्रमिकों को सशक्त बनाना और शिक्षित करना
      • लागत कम करने के लिये प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना और उद्यमियों एवं छोटे व्यवसायों को आगे बढ़ने में मदद करना
  • विशेषताएँ:
    • बाइडनॉमिक्स में ऐसी नीतियाँ शामिल हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका के भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढाँचे में सुधार कर सकती हैं, चीन जैसे प्रतिद्वंद्वियों पर इसकी व्यापार निर्भरता को कम करती हैं। 
    • अमेरिकी आबादी के 40% मध्यमवर्गीय और 50% निम्नवर्गीय लोगों के लिये उपलब्ध जीवन स्तर एवं अवसरों में वृद्धि करने हेतु अपनी सीमाओं के भीतर रोज़गार सृजन को बढ़ावा देना
  • बाइडनॉमिक्स का लक्ष्य अधिक-से-अधिक कराधान के माध्यम से राजस्व बढ़ाना था, जबकि दूसरी ओर इसने स्वच्छ ऊर्जा में निवेश और स्वास्थ्य देखभाल लागत को कम करने के लिये बड़े पैमाने पर व्यय करने का निर्णय लिया।

बाइडनॉमिक्स का औचित्य:

  • रीगन का टॉप डाउन मॉडल: 
    • यह अनुमान लगाया गया था कि कोविड संकट को कम करने के लिये अभिनव उपायों की आवश्यकता होगी क्योंकि रीगन का टॉप-डाउन मॉडल तथा ट्रिकल-डाउन दृष्टिकोण वांछित परिणाम देने में विफल रहा था।
  • वर्तमान संदर्भ: 
    • अमेरिका ने माना कि कोविड के बाद की कुछ चुनौतियाँ विफल ट्रिकल-डाउन सिद्धांत में निहित थीं, जिसके कारण रीगनॉमिक्स पर आधारित ट्रिकल-डाउन सिद्धांत को बदलने के लिये बाइडनॉमिक्स नामक एक नए आर्थिक मॉडल का प्रस्ताव लाया गया।

बाइडनॉमिक्स के मायने: 

  • बाइडनॉमिक्स से जुड़ी चिंताएँ:
    • वैश्विक प्रभाव: बाइडनॉमिक्स न केवल अमेरिका के भीतर प्रभावशाली है, बल्कि इसे विश्व स्तर पर बदलाव के लिये एक मॉडल के रूप में भी देखा जाता है, उदाहरण के लिये UK की लेबर पार्टी अधिक हस्तक्षेपवादी दृष्टिकोण पर विचार कर रही है।
  • बाइडनॉमिक्स: एक दोधारी तलवार:
    • सब्सिडी को लेकर वैश्विक होड़ की संभावना: आलोचकों को चिंता है कि बाइडनॉमिक्स, घरेलू उत्पादक सब्सिडी पर अपना ध्यान केंद्रित करने के साथ देशों के बीच विशेषकर कोविड संकट के बाद सब्सिडी को लेकर वैश्विक स्तर पर होड़ शुरू हो सकती है।
  • समष्टि-संकेतक:
    • इस प्रकार की स्थिति में अगर समष्टि-संकेतकों- GDP, बेरोज़गारी और मुद्रास्फीति का अवलोकन किया जाए तो बाइडन प्रशासन ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
  • आर्थिक पुनर्प्राप्ति:
    • अमेरिकी अर्थव्यवस्था इतनी तेज़ गति से लाखों नौकरियों का सृजन कर रही है कि अर्थव्यवस्था में प्रत्येक बेरोज़गार व्यक्ति के लिये दो रिक्तियाँ उपलब्ध हैं।

अन्य देशों द्वारा अपनाई गई अन्य समान पहल: 

  • परिचय:
    • आबेनॉमिक्स एक आर्थिक नीति ढाँचा है जिसे जापान में प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा लागू किया गया था। आबेनॉमिक्स का प्राथमिक लक्ष्य जापानी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना था, जो कई वर्षों से अपस्फीति, धीमी वृद्धि और आर्थिक स्थिरता का सामना कर रही थी।
      • मौद्रिक नीति: हारुहिको कुरोदा के नेतृत्व में बैंक ऑफ जापान ने अपस्फीति से निपटने के लिये "मात्रात्मक और गुणात्मक मौद्रिक सहजता" (QQE) की नीति लागू की
      • राजकोषीय नीति: दूसरे बिंदु में विस्तारवादी राजकोषीय नीतियों पर ज़ोर दिया गया, जिसमें मांग को प्रोत्साहित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिये सरकारी खर्च तथा सार्वजनिक निवेश में वृद्धि शामिल है।

भारत द्वारा शुरू की गई आर्थिक पुनरुद्धार पहल:

  • पिछले दो वर्षों में आर्थिक क्षेत्र में अनिश्चितता का सामना करने के बाद भारत सरकार ने ऐसी रणनीतियाँ अपनाईं, जिनमें समाज/व्यवसाय के कमज़ोर वर्गों पर कोविड महामारी के प्रभाव को कम करने के लिये विभिन्न सुरक्षात्मक उपाय शामिल थे। कुछ पहलें इस प्रकार हैं:
    • नई आर्थिक नीति:
      • भारत ने कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को देखते हुए वर्ष 2020 में एक नई आर्थिक नीति की घोषणा की।
        • इस नीति में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को समर्थन प्रदान करने के लिये सकल घरेलू उत्पाद के 10% के बराबर 20 लाख करोड़ रुपए का प्रोत्साहन पैकेज़ शामिल है।
    • उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (Production-linked Incentive- PLI) योजना:
      • भारत ने ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, वस्त्र और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विनिर्माण तथा निर्यात को बढ़ावा देने के लिये 2020 में एक PLI योजना शुरू की।
      • यह योजना पात्र विनिर्माताओं को पाँच वर्षों की अवधि में उनकी बिक्री में बढ़त और निवेश के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।
    • श्रम संहिता:
      • इसके अंतर्गत कुल चार संहिताएँ हैं जिनका उद्देश्य केंद्रीय श्रम कानूनों को चार व्यापक श्रेणियों में समेकित करना और सरल बनाना है: पारिश्रमिक, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा तथा व्यावसायिक सुरक्षा तथा स्वास्थ्य।
    • आत्मनिर्भर भारत मिशन: 
      • आर्थिक क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य प्राप्त करने के उद्देश्य से 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के साथ आत्मनिर्भर भारत मिशन की घोषणा की।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न    

प्रिलिम्स:

प्रश्न. आर्थिक मंदी के समय निम्नलिखित में से कौन-सा कदम उठाए जाने की सर्वाधिक संभावना होती है? (2021)

(a) कर की दरों में कटौती के साथ-साथ ब्याज दर में वृद्धि करना।
(b) सार्वजनिक परियोजनाओं पर व्यय में वृद्धि करना।
(c) कर की दरों में वृद्धि के साथ-साथ ब्याज दर में कमी करना।
(d) सार्वजनिक परियोजनाओं पर व्यय में कमी करना।

उत्तर: (b)


प्रश्न. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में मांग-प्रेरित मुद्रास्फीति अथवा उसमें वृद्धि निम्नलिखित किन कारणों से होती है? (2021)

  1. विस्तारवादी नीतियाँ 
  2. राजकोषीय प्रोत्साहन
  3. मज़दूरी का मुद्रास्फीति सूचकांकन मज़दूरी (इन्फ्लेशन इंडेक्सिंग वेजेज़)
  4. उच्च क्रय शक्ति
  5. बढ़ती ब्याज दर

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 4
(b) केवल 3, 4 और 5
(c) केवल 1, 2, 3 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (a)