अटलांटिक घोषणा | 10 Jun 2023

प्रिलिम्स के लिये:

अटलांटिक घोषणा, अटलांटिक चार्टर, उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO), G20, फाइव आईज़ इंटेलिजेंस एलायंस, AUKUS, डीकार्बोनाइज़ेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, जैव-प्रौद्योगिकी

मेन्स के लिये:

यूनाइटेड किंगडम-संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच साझेदारी के प्रमुख स्तंभ

चर्चा में क्यों?

संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम ने इक्कीसवीं सदी की यूएस-यूके आर्थिक साझेदारी के लिये अटलांटिक घोषणा की सूचना दी है।

  • इस घोषणा का उद्देश्य वर्तमान युग की चुनौतियों को प्रभावी ढंग से संबोधित करने के लिये दोनों देशों के मध्य लंबे समय से चले आ रहे गठबंधन को अनुकूलित, सुदृढ़ और पुनर्कल्पित करना है।
  • इस नई घोषणा के साथ दोनों राष्ट्र रक्षा, सुरक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और आर्थिक क्षेत्र में अपने सहयोग को सुदृढ़ करना चाहते हैं।

अटलांटिक घोषणापत्र की प्रमुख विशेषताएँ: 

  • परिचय:  
    • अटलांटिक घोषणा लचीली, विविध और सुरक्षित आपूर्ति शृंखला बनाने पर केंद्रित है, जो रणनीतिक निर्भरता को कम करती है।
    • इस साझेदारी का उद्देश्य साझा विकास, रोज़गार के अवसर उत्पन्न करने और समुदायों के उत्थान हेतु ऊर्जा परिवर्तन एवं तकनीकी सफलताओं का लाभ उठाना है।
  • अटलांटिक घोषणा कार्य योजना (Atlantic Declaration Action Plan- ADAPT):  
    • ADAPT श्रमिकों, व्यवसायों, जलवायु और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्द्धात्मकता एवं लचीलापन बढ़ाने हेतु व्यापक रणनीति तैयार करता है।
    • इस योजना में पाँच प्रमुख स्तंभ शामिल हैं, साथ ही प्रगति एवं समय के साथ महत्त्वाकांक्षा बढ़ाने हेतु नियमित उच्च-स्तरीय बैठकें शामिल हैं।
  • पाँच स्तंभ: 
    • महत्त्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में नेतृत्व: कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी तथा उन्नत विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना।
    • आर्थिक सुरक्षा और प्रौद्योगिकी संरक्षण पर सहयोग: इसमें साइबर सुरक्षा, आपूर्ति शृंखला लचीलापन एवं प्रौद्योगिकी शासन पर जानकारी साझा करना तथा सर्वोत्तम अभ्यास को शामिल किया जाएगा।
    • एक समावेशी और ज़िम्मेदार डिजिटल परिवर्तन हेतु साझेदारी: डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिये व्यक्तियों की तैयारी सुनिश्चित करने हेतु डिजिटल कौशल प्रशिक्षण और कार्यबल विकास पर सहयोग करना।
    • भविष्य की स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था का निर्माण।
    • रक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा और अंतरिक्ष गठबंधन को मज़बूत करना।

UK-US साझेदारी के प्रमुख स्तंभ: 

  • UK-US साझेदारी का ऐतिहासिक महत्त्व: US और UK के बीच साझेदारी ने वैश्विक मुद्दों पर अग्रणी भूमिका निभाई है।
    • वर्ष 1941 में अटलांटिक चार्टर पर हस्ताक्षर ने नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की नींव रखी।
    • वर्ष 2021 में हस्ताक्षरित न्यू अटलांटिक चार्टर ने साझा मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की और साझेदारी हेतु एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया।
  • राजनीतिक मामले: दोनों देश NATO और UN, G7 एवं G20 जैसे अन्य बहुपक्षीय संगठनों में भी करीबी सहयोगी हैं।
  • आर्थिक संबंध: संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम में प्रत्यक्ष निवेश का सबसे बड़ा स्रोत है, इसके साथ ही यूनाइटेड किंगडम संयुक्त राज्य में सबसे बड़ा एकल निवेशक भी है।
  • सुरक्षा और रक्षा सहयोग: संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के पास संयुक्त सैन्य संचालन एवं खुफिया जानकारी साझा करने का एक लंबा इतिहास है, यह प्रक्रिया प्रथम विश्व युद्ध तथा द्वितीय विश्व युद्ध के समय से ही चली आ रही है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स:

प्रश्न. भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की महत्त्वाकांक्षाओं का मुकाबला करना नई त्रि-राष्ट्र नीति AUKUS का उद्देश्य है। क्या यह इस क्षेत्र में मौजूदा साझेदारियों का स्थान लेने जा रहा है? वर्तमान परिदृश्य में AUKUS की शक्ति और प्रभाव की विवेचना कीजियेI (2021) 

स्रोत: द हिंदू