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सामाजिक न्याय

दिव्यांग व्यक्तियों को सहायता योजना

  • 29 Oct 2021
  • 4 min read

प्रिलिम्स के लिये:

दिव्यांगजन या दिव्यांग, दिव्यांग व्यक्तियों (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी-PWD) अधिनियम, 1995, एडिप (दिव्यांग व्यक्तियों की सहायता) योजना

मेन्स के लिये:

भारत में दिव्यांग व्यक्तियों के कल्याण के लिये किये गए विभिन्न प्रयास एवं उनका महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में पंजाब में एडिप (दिव्यांग व्यक्तियों की सहायता) योजना के तहत दिव्यांगजनों को सहायता और सहायक उपकरणों के वितरण के लिये एक सामाजिक अधिकारिता शिविर आयोजित किया गया।

  • दिव्यांगजन या दिव्यांग: इससे पहले वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री ने निर्णय लिया था कि विकलांग व्यक्तियों को अब गैर-कार्यात्मक शरीर के अंगों वाले व्यक्ति के रूप में संदर्भित नहीं किया जाना चाहिये, इसके बजाय उन्हें दिव्यांगजन या दिव्यांग (दिव्य शरीर के साथ एक व्यक्ति) के रूप में संदर्भित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु:

  • परिचय:
    • मंत्रालय:
      • सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय इसका नोडल मंत्रालय है।
      • यह वर्ष 1981 से कार्यरत है।
    • परिभाषा:
      • यह योजना विकलांग व्यक्तियों (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी-PWD) अधिनियम, 1995 में दी गई विभिन्न प्रकार की अक्षमताओं की परिभाषाओं का पालन करती है।
    • उद्देश्य:
      • ज़रूरतमंद दिव्यांग व्यक्तियों को सतत्, परिष्कृत और वैज्ञानिक रूप से निर्मित आधुनिक मानक सहायता उपकरण प्राप्त करने में मदद करना ताकि दिव्यांगंता के प्रभाव को कम करके और आर्थिक क्षमता को बढ़ाकर उनके शारीरिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पुनर्वास को बढ़ाया जा सके।
    • अनुदान:
      • विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों (भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम, राष्ट्रीय संस्थानों, समग्र क्षेत्रीय केंद्रों, जिला दिव्यांगता पुनर्वास केंद्रों, राज्य दिव्यांग विकास निगमों, गैर-सरकारी संगठनों आदि) को सहायता और सहायक उपकरणों का वितरण, खरीद के लिये सहायता अनुदान जारी किया जाता है। 
    • सहायता:
      • ऐसी सहायता/उपकरण जिनकी कीमत 10,000 रुपए से अधिक नहीं है, एकल दिव्यांगता के लिये योजना के अंतर्गत शामिल हैं।
      • हालाँकि कुछ मामलों में यह सीमा बढ़ाकर 12,000 रुपए की जाएगी। एकाधिक अक्षमताओं के मामले में यदि एक से अधिक सहायता/उपकरण की आवश्यकता होती है, तो यह सीमा अलग-अलग मदों पर अलग से लागू होगी।
      • यदि आय 15,000 रुपए प्रतिमाह तक है तो सहायता/उपकरण की पूरी लागत प्रदान की जाती है और यदि आय 15,001 रुपए से 20,000 रुपए प्रतिमाह के बीच है तो सहायता/उपकरण की लागत का 50% प्रदान किया जाता है।
  • अन्य संबंधित पहलें:
  • मानसिक स्वास्थ्य के लिये पहल:

स्रोत: पीआईबी

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