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सामाजिक न्याय

दिव्यांगजन सहायता शिविर

  • 01 Dec 2020
  • 8 min read

चर्चा में क्यों: 

हाल ही में 'सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री' (Minister of Social Justice and Empowerment) द्वारा दिव्यांगजन/दिव्यांगों को सहायता प्रदान करने और उन्हें उपकरणों के मुफ्त वितरण के लिये 'दिव्यांगजन सहायता’ (Assistance to Disabled Persons-ADIP) शिविर का उद्घाटन किया है। 

  • दिव्यांगजन का अर्थ है 'दिव्य शरीर वाला'। भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा निर्णय लिया गया है कि विकलांग व्यक्तियों को अब विकलांग व्यक्ति या विकलांग (गैर-कार्यात्मक शरीर के अंगों वाला व्यक्ति) नहीं कहा जाना चाहिये।

प्रमुख बिंदु:

  • शिविर का आयोजन 'भारतीय कृत्रिम अंग विनिर्माण निगम' (ALIMCO), कानपुर द्वारा किया गया था।
    • ALIMCO वर्ष 1972 में स्थापित गैर-लाभकारी 'केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम'  (PSU) है, जो 'दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग' ( Department of Empowerment of Person with Disability- DEPwD) के संरक्षण में कार्य करता है।

दिव्यांगजन सहायता योजना:

इसका क्रियान्वयन वर्ष 1981 से किया जा रहा है।

परिभाषा: 

उद्देश्य:

  • ज़रूरतमंद दिव्यांगजनों को टिकाऊ, परिष्कृत और वैज्ञानिक रूप से निर्मित, आधुनिक, मानक सहायता के साथ ही उनके आर्थिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पुनर्वास को बढ़ावा देने वाले उपकरणों की खरीद में सहायता प्रदान करना ताकि विकलांगता के प्रभाव को कम किया जा सके एवं उनकी आर्थिक क्षमता को बढ़ाया जा सके।

अनुदान:

  • इसके तहत आर्थिक सहायता तथा सहायक उपकरणों की खरीद एवं वितरण के लिये विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों (भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम, राष्ट्रीय संस्थान, समग्र क्षेत्रीय केंद्र, ज़िला विकलांगता पुनर्वास केंद्र, राज्य विकलांग विकास निगम, गैर सरकारी संगठन इत्यादि) को अनुदान दिया जाता है।
  • यदि आय 15,000 रुपए प्रतिमाह से कम हो तो आर्थिक सहायता /उपकरण खरीद की पूरी लागत वहन की जाती है और यदि आय 15,001 रुपए से 20,000 रुपए प्रतिमाह के बीच हो तो आर्थिक सहायता/उपकरण की लागत का 50% वहन किया जाता है। 

अन्य संबंधित सरकारी पहलें:

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम'- 2016: 

  • 'दिव्यांगजन' से आशय दीर्घकालिक शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक या संवेदी दोषों वाले व्यक्ति से है, जिससे उन्हें लोगों के मिलने-जुलने तथा समाज में अपनी पूर्ण और प्रभावी भागीदारी निभाने में बाधा महसूस होती है।

सुगम्य भारत अभियान: दिव्यांगजनों के लिये सुलभ पर्यावरण का निर्माण

  • यह सार्वभौमिक पहुँच को सुनिश्चित करने वाला एक राष्ट्रव्यापी फ्लैगशिप अभियान है, जो दिव्यांगजनों को समान अवसर प्रदान करने तथा स्वतंत्र रूप से जीने एवं एक समावेशी समाज में जीवन के सभी पहलुओं में पूर्ण भागीदारी निभाने में सक्षम बनाता है।

दीनदयाल विकलांग पुनर्वास योजना:

  • योजना के तहत NGOs को विशेष स्कूल, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र, समुदाय-आधारित पुनर्वास, प्री-स्कूल और प्रारंभिक हस्तक्षेप जैसी विभिन्न सेवाएँ प्रदान करने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

दिव्यांग छात्रों के लिये राष्ट्रीय फैलोशिप:

  • इसका उद्देश्य उच्च शिक्षा के लिये दिव्यांग छात्रों हेतु अवसरों को बढ़ाना और प्रतिवर्ष 200 दिव्यांग छात्रों को फैलोशिप प्रदान करना है।

विशिष्ट दिव्यांग पहचान योजना:

  • इसका उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिये एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करना और विकलांगता प्रमाण पत्र के साथ विशिष्ट विकलांगता पहचान (UDID) कार्ड जारी करना है।
  • एक बार परियोजना में दिव्यांग व्यक्तियों को शामिल करने के बाद विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिये UDID कार्ड अनिवार्य कर दिया जाएगा।

सहायक उपकरण / उपकरण की खरीद / फिटिंग के लिये सहायता योजना:

  • इस योजना `का उद्देश्य टिकाऊ, अनुकूलन और वैज्ञानिक रूप से निर्मित, आधुनिक, मानक सहायता और उपकरणों को खरीदने में अक्षम ज़रूरतमंद दिव्यांगजनों की सहायता करना है।

अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस:

  • यह प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है और वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 47/3 द्वारा इसकी घोषणा की गई थी।
  • इसका उद्देश्य समाज और विकास के सभी क्षेत्रों में दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देना तथा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक यानी जीवन के हर पहलू में दिव्यांग व्यक्तियों की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

मानसिक स्वास्थ्य स्थिति में सुधार के लिये पहलें:

  • राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, जिसकी शुरुआत वर्ष 1982 में भारत में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाने हेतु की गई थी।

किरण (KIRAN): 

  • मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के लिये शुरू की गई थी जो ‘एक से अधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिये राष्ट्रीय संस्थान’ (NIEPMD), तमिलनाडु और ‘राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास संस्थान’ (NIMHR), मध्य प्रदेश के समन्वय से काम करता है।

स्रोत: पीआईबी

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