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कृषि

एग्रीटेक समिट

  • 16 Sep 2022
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

एग्रीटेक समिट, कृषि से संबंधित पहल।

मेन्स के लिये:

कृषि में प्रौद्योगिकी का महत्त्व।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने 'आउटलुक एग्रीटेक समिट एंड स्वराज अवार्ड्स 2022' को संबोधित किया।

एग्रीटेक समिट:

  • एग्रीटेक समिट भारत में कृषि के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं को पहचानने और ज्ञान साझा करने के लिये कृषि से संबंधित प्रौद्योगिकी में शामिल शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व, नीति निर्माताओं, विचारशील नेताओं और कंपनियों को एक-साथ लाने का मंच है।
  • वार्षिक पुरस्कार कृषि के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन और नवाचारों को मान्यता देते हैं और उन लोगों को पहचान करते हैं जो स्मार्ट तकनीक का उपयोग करके विकास को आगे बढ़ा रहे हैं।
  • स्वराज अवार्ड का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया गया था।

अभिभाषण के प्रमुख बिंदु:

  • खेती की चुनौतियों को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिये कई महत्त्वपूर्ण योजनाएँ लागू की जा रही हैं।
  • देश में 86 फीसदी छोटे किसान हैं, जिनके पास छोटा रकबा है और वे ज़्यादा निवेश नहीं कर सकते हैं। इन किसानों को आगे बढ़ाने के लिये सरकार काम कर रही है, क्योंकि अगर ये किसान पिछड़ जाएंगे तो न खेती आगे बढ़ेगी और न ही देश।
  • सरकार ने इनकी ओर ध्यान देते हुए 10 हज़ार नए किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाने का काम शुरू किया है। यदि छोटे किसान इन FPO से जुड़ते हैं तो खेती का रकबा बढ़ने के साथ ही किसानों की सामूहिक ताकत बढ़ेगी।
  • सरकार दलहन और तिलहन के क्षेत्र में भी काम कर रही है। दोनों ही अभावग्रस्त क्षेत्र थे।

कृषि में प्रौद्योगिकी का महत्त्व:

  • महत्त्व:
    • कृषि क्षेत्र की अपनी अद्वितीय चुनौतियाँ हैं जैसे अच्छे मानसून पर निर्भरता, छोटे और खंडित कृषि जोत, मशीनीकरण की कमी एवं पूंजी की कमी।
    • कृषि में प्रौद्योगिकी का उपयोग कृषि के विभिन्न पहलुओं में किया जा सकता है जैसे कि शाकनाशी, कीटनाशक, उर्वरक और उन्नत बीज का उपयोग।
    • वर्षों से कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी अत्यंत उपयोगी साबित हुई है।
      • वर्तमान में किसान उन क्षेत्रों में फसल उगाने में सक्षम हैं जहाँ उन्हें लगता था कि वे फसल नहीं उगा सकते हैं, लेकिन यह केवल कृषि जैव प्रौद्योगिकी के माध्यम से संभव हुआ है।
    • उदाहरण के लिये जेनेटिक इंजीनियरिंग ने फसलों या जानवरों के अन्य जीनों में कुछ उपभेदों को परिवर्तित करना संभव बना दिया है।
      • इस तरह की इंजीनियरिंग, फसलों के कीटों (जैसे- बीटी कॉटन) और सूखे के प्रतिरोध को बढ़ाती है। प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसान दक्षता और बेहतर उत्पादन के लिये प्रत्येक प्रक्रिया को विद्युतीकृत करने की स्थिति में हैं।
  • पहल:
    • सरकार डिजिटल एग्री मिशन पर काम कर रही है ताकि किसानों की पहुँच सरकार तक हो और सरकार सभी किसानों तक पहुँच सके।
      • डिजिटल कृषि मिशन के तहत यदि सभी किसानों, कृषि क्षेत्रों, सरकारी योजनाओं, केंद्र और राज्य सरकारों तथा बैंकों को भी इस मंच पर लाया जाता है, तो योजनाओं का लाभ आसानी से उपलब्ध होगा।
    • कृषि गतिविधियों को मशीनीकरण से जोड़ा जा रहा है।
    • सरकार ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दे रही है।

कृषि से संबंधित अन्य पहलें:

आगे की राह

  • कृषि क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने की ज़रूरत है, इसमें तकनीक, निजी निवेश और रोज़गार के अवसरों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रश्न: 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

  1. इस योजना के तहत किसानों को वर्ष के किसी भी मौसम में खेती की जाने वाली किसी भी फसल के लिये दो प्रतिशत का एक समान प्रीमियम का भुगतान करना होगा।
  2. इस योजना में चक्रवातों और बेमौसम बारिश तथा फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को शामिल किया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: B

व्याख्या:

  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई फसल बीमा योजना है। इसमें प्राकृतिक आपदाओं (चक्रवात और बेमौसम बारिश), कीटों एवं बीमारियों से फसल कटाई से पूर्व तथा बाद के नुकसान को शामिल किया गया है। अत: कथन 2 सही है।
  • प्रमुख बिंदु:
    • सभी खरीफ फसलों के लिये किसानों द्वारा केवल 2% और सभी रबी फसलों के लिये 1.5% का एक समान प्रीमियम का भुगतान किया जाएगा। अतः कथन 1 सही नहीं है।
    • वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिये 5% प्रीमियम का भुगतान किया जाना है।
    • किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली प्रीमियम दरें बहुत कम हैं और शेष प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाएगा।
    • सरकारी सब्सिडी की कोई ऊपरी सीमा नहीं है। यदि शेष प्रीमियम 90% है, तो भी वह सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
    • प्रीमियम की सीमा अब हटा दी गई है और किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा।
    • प्रौद्योगिकी के उपयोग को काफी हद तक प्रोत्त्साहित किया जाता है। किसानों के दावा भुगतान में देरी को कम करने के लिये फसल कटाई के डेटा का एकत्रण और अपलोड करने हेतु स्मार्टफोन का उपयोग किया जाएगा। फसल काटने में लगने वाले समय में कमी लाने के लिये के लिये रिमोट सेंसिंग का उपयोग किया जाएगा। अतः विकल्प (b) सही है।

मेन्स:

प्रश्न. भारत में कृषि उत्पादों के परिवहन और विपणन में मुख्य बाधाएँ क्या हैं? (2020)

स्रोत: पी.आई.बी.

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