भारतीय अर्थव्यवस्था
GST परिषद की 50वीं बैठक
- 13 Jul 2023
- 9 min read
प्रिलिम्स के लिये:वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद, ऑनलाइन गेमिंग, GST अपीलीय न्यायाधिकरण, धन शोधन निवारण अधिनियम, प्रवर्तन निदेशालय, वित्तीय कार्रवाई कार्य बल मेन्स के लिये:GST परिषद के कार्य, भारत में ऑनलाइन गेमिंग का विनियमन |
चर्चा में क्यों?
वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद ने अपनी 50वीं बैठक में विभिन्न वस्तुओं पर कर दरों में परिवर्तन करने के साथ ही ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो एवं घुड़दौड़ के लिये नियम तय किये।
- परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो एवं घुड़दौड़ के लिये लगाए गए दाँव के पूर्ण अंकित मूल्य पर एक समान 28% कर लगाने का निर्णय लिया।
बैठक की प्रमुख विशेषताएँ:
- कर की दरों में परिवर्तन: GST काउंसिल ने कर दरों में निम्नलिखित संशोधन किये:
- बिना पकाए या बिना तले हुए स्नैक पैलेट और मछली में घुलनशील पेस्ट: कर की दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई।
- नकली ज़री धागे या सूत: कर की दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई।
- सिनेमा हॉल के अंदर उपभोग किये जाने वाले खाद्य और पेय पदार्थ: सिनेमा सेवाओं पर पिछली 18% की कर दर को घटाकर 5% निर्धारित किया गया।
- मूवी सेवाओं पर पहले के 18% कर के बजाय, इनपुट टैक्स क्रेडिट के बिना कर की दर को घटाकर 5% कर दिया गया।
- ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो एवं घुड़दौड़ में कर उपचार:
- भले ही उनमें कौशल, अवसर या संयोजन शामिल हो, ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो एवं घुड़दौड़ गतिविधियों पर लगाए गए दाँव पर अब 28% GST लेवी आरोपित की जाएगी।
- कर ढाँचे के भीतर ऑनलाइन गेमिंग को शामिल करने के लिये GST कानूनों में संशोधन किया जाना है।
- GST से छूट:
- GST परिषद ने कैंसर के ईलाज से संबंधित दवाओं, दुर्लभ बीमारियों की दवाओं और विशेष चिकित्सा उद्देश्यों वाले खाद्य उत्पादों को GST से छूट प्रदान की है।
- GST अपीलीय न्यायाधिकरणों की स्थापना:
- इस परिषद ने देश में GST अपीलीय न्यायाधिकरणों की 50 पीठों की स्थापना के लिये राज्यों के प्रस्तावों की जाँच की।
- प्रारंभिक पीठें राज्यों की राजधानियों और उन स्थानों पर स्थापित की जाएंगी जहाँ उच्च न्यायालयों की पीठ है।
- GST नेटवर्क और PMLA को लेकर व्यक्त चिंताएँ:
- प्रवर्तन निदेशालय द्वारा प्रशासित धन शोधन निवारण अधिनियम के दायरे में GST नेटवर्क को लाए जाने के हालिया फैसले की कुछ राज्यों ने आलोचना की है।
- विशेष रूप से तमिलनाडु ने तर्क दिया कि यह समावेशन करदाताओं के हितों और GST अपराधों को अपराधमुक्त करने के उद्देश्य के बिल्कुल विपरीत है।
- जबकि राजस्व सचिव ने परिषद को आश्वासन दिया है कि यह वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की आवश्यकताओं के अनुरूप है।
- ऐसा स्पष्ट किया गया था कि प्रवर्तन निदेशालय GSTN से किसी प्रकार की कोई जानकारी साझा नहीं करेगा तथा इस अधिसूचना का उद्देश्य कर चोरी और धन शोधन की समस्या से निपटने के लिये कर अधिकारियों को सशक्त बनाना है।
- प्रवर्तन निदेशालय द्वारा प्रशासित धन शोधन निवारण अधिनियम के दायरे में GST नेटवर्क को लाए जाने के हालिया फैसले की कुछ राज्यों ने आलोचना की है।
GST परिषद:
- परिचय:
- GST परिषद एक संवैधानिक निकाय है जो भारत में वस्तु एवं सेवा कर के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों पर सिफारिशें करती है।
- संशोधित संविधान के अनुच्छेद 279ए (1) के अनुसार, GST परिषद का गठन राष्ट्रपति द्वारा किया गया था।
नोट: GST एक मूल्य वर्द्धित कर प्रणाली है जो भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। यह एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है जिसे 1 जुलाई, 2017 को 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम से 'एक राष्ट्र एक कर' के नारे के साथ भारत में लागू किया गया था।
- सदस्य:
- परिषद के सदस्यों में केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष), केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त) शामिल हैं।
- प्रत्येक राज्य वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या किसी अन्य मंत्री को सदस्य के रूप में नामित किया जा सकता है।
- कार्य:
- अनुच्छेद 279 A (4) के अंतर्गत परिषद GST से संबंधित महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर संघ और राज्यों से सिफारिश करती है, जैसे कि वस्तु और सेवाएँ जो GST के अधीन हैं या जिन्हें छूट दी जा सकती है, मॉडल GST कानून, आपूर्ति के स्थान को नियंत्रित करने वाले सिद्धांत, प्रारंभिक सीमाएँ, बैंड के साथ फ्लोर रेट सहित GST दरें, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिये विशेष दरें, कुछ राज्यों के लिये विशेष प्रावधान आदि
- अनुच्छेद 279 A (4) के अंतर्गत परिषद GST से संबंधित महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर संघ और राज्यों से सिफारिश करती है, जैसे कि वस्तु और सेवाएँ जो GST के अधीन हैं या जिन्हें छूट दी जा सकती है, मॉडल GST कानून, आपूर्ति के स्थान को नियंत्रित करने वाले सिद्धांत, प्रारंभिक सीमाएँ, बैंड के साथ फ्लोर रेट सहित GST दरें, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिये विशेष दरें, कुछ राज्यों के लिये विशेष प्रावधान आदि
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये:
उपर्युत्त में से कौन-सा/से जी.एस.टी. (वस्तु एवं सेवा कर) के अंतर्गत छूट प्राप्त है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर : (c) प्रश्न. 'वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स/GST)' के क्रियान्वित किये जाने का/के सर्वाधिक संभावित लाभ क्या है/हैं? (2017)
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम, 2017 के तर्काधार की व्याख्या कीजिये। कोविड-19 ने कैसे वस्तु एवं सेवा कर क्षतिपूर्ति निधि (जी.एस.टी कॉम्पेंसेशन फंड) को प्रभावित और नए संघीय तनावों को उत्पन्न किया है? (2020) प्रश्न. उन अप्रत्यक्ष करों की गिनाइये जो भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी) में सम्मलित किये गए हैं। भारत में जुलाई 2017 से क्रियान्वित जी.एस.टी के राजस्व निहितार्थ पर टिप्पणी कीजिये। (2019) प्रश्न. संविधान (एक सौ एक संशोधन) अधिनियम, 2016 के प्रमुख अभिलक्षणों को समझाइये। क्या आप समझते हैं कि यह "करों के सोपानिक प्रभाव को समाप्त करने में और माल तथा सेवाओं के लिये साझा राष्ट्रीय बाज़ार उपलब्ध कराने में" काफी प्रभावकारी है? (2017) प्रश्न. भारत में माल व सेवा कर (जी.एस.टी) प्रारंभ करने के मूलाधार की विवेचना कीजिये। इस व्यवस्था को लागू करने में विलंब के कारणों का समालोचनात्मक वर्णन कीजिये। (2013) |