राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का 37वाँ स्थापना दिवस | 14 Mar 2022
प्रिलिम्स के लिये:एनसीआरबी और उसके कार्य, ई-जेल, ई-फोरेंसिक, ई-अभियोजन, ई-कोर्ट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन। मेन्स के लिये:भारत में अपराध की स्थिति और संबंधित मुद्दे। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau-NCRB) का 37वांँ स्थापना दिवस मनाया गया।
प्रमुख बिंदु
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो:
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के बारे में:
- NCRB की स्थापना केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत वर्ष 1986 में इस उद्देश्य से की गई थी कि भारतीय पुलिस में कानून व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिये पुलिस तंत्र को सूचना प्रौद्योगिकी समाधान और आपराधिक गुप्त सूचनाएँ प्रदान कर समर्थ बनाया जा सके।
- यह राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) और गृह मंत्रालय के कार्य बल (1985) की सिफारिशों के आधार पर स्थापित किया गया था।
- कार्य:
- ब्यूरो को यौन अपराधियों के राष्ट्रीय डेटाबेस (National Database of Sexual Offenders-NDSO) को बनाए रखने और इन्हें नियमित आधार पर राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के साथ साझा करने का कार्य सौंपा गया है।
- NCRB को 'ऑनलाइन साइबर-अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल' के तकनीकी और परिचालन कार्यों के प्रबंधन हेतु केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में भी नामित किया गया है, जिसके माध्यम से कोई भी नागरिक बाल अश्लीलता या बलात्कार/सामूहिक बलात्कार से संबंधित अपराध के सबूत के रूप में वीडियो क्लिप अपलोड कर शिकायत दर्ज कर सकता है।
- अंतर-प्रचलित आपराधिक न्याय प्रणाली परियोजना (Inter-operable Criminal Justice System-ICJS) के क्रियान्वयन की ज़िम्मेदारी भी NCRB को दी गई है।
- ICJS देश में आपराधिक न्याय के वितरण के लिये उपयोग की जाने वाली मुख्य आईटी प्रणाली के एकीकरण को सक्षम करने के लिये एक राष्ट्रीय मंच है।
- यह प्रणाली के पाँच स्तंभों जैसे- पुलिस (अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग और नेटवर्क सिस्टम के माध्यम से), फोरेंसिक लैब के लिये ई-फोरेंसिक, न्यायालयों के लिये ई-कोर्ट, लोक अभियोजकों के लिये ई-अभियोजन और जेलों के लिये ई-जेल को एकीकृत करने का प्रयास करती है।
- भारत सरकार ने वर्ष 2026 तक लगभग 3,500 करोड़ रूपए के व्यय से ICJS (Inter-operable Criminal Justice System) के दूसरे चरण का लक्ष्य रखा है।
- प्रमुख प्रकाशन:
- क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट
- आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या
- जेल सांख्यिकी
- भारत में गुमशुदा महिलाओं और बच्चों की रिपोर्ट
भारत में अपराध की स्थिति:
- क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2020 के अनुसार:
- सांप्रदायिक दंगों में पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2020 में 96% की वृद्धि दर्ज की गई।
- महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध, चोरी, सेंधमारी, डकैती सहित अन्य मामलों में दर्ज मामलों की संख्या में लगभग 2 लाख की गिरावट आई है।
- वर्ष 2020 में देश में 'पर्यावरण से संबंधित अपराध' श्रेणी के मामलों में 78.1% की वृद्धि हुई।
- साइबर अपराध की दर (प्रति लाख जनसंख्या पर घटनाएँ) भी वर्ष 2019 में 3.3% से बढ़कर 2020 में 3.7% हो गई।
NCRB के कामकाज को किस प्रकार मज़बूत किया जा सकता है?
- देश में 16,390 पुलिस स्टेशनों को CCTNS से जोड़ा गया है, लेकिन कई केंद्रीय एजेंसियाँ जैसे- केंद्रीय जाँच ब्यूरो (CBI), नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) अभी भी इससे जुड़ी नहीं हैं।
- सभी एजेंसियों को जल्द-से-जल्द CCTNS से जुड़ना चाहिये और डेटा को शत-प्रतिशत पूरा करना चाहिये।
- ICJS के चरण 2 के पूरा होने के बाद इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन, एनालिटिकल टूल्स और फिंगरप्रिंट सिस्टम का उपयोग करके अधिक-से-अधिक उपयोगी बनाया जाना चाहिये।