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डेली अपडेट्स

जैव विविधता और पर्यावरण

वन घोषणा आकलन 2022

  • 29 Oct 2022
  • 10 min read

प्रिलिम्स के लिये:

COP-26, वनों की कटाई, भारतीय वन नीति, 1952, वन संरक्षण अधिनियम, 1980।

मेन्स के लिये:

वन घोषणा आकलन 2022 के निष्कर्ष और सिफारिशें।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वन घोषणा आकलन 2022 को प्रकाशित किया गया, जिसमें दर्शाया गया है कि वर्ष 2018-20 आधार वर्ष की तुलना में दुनिया भर में वनों की कटाई की दर में केवल वर्ष 2021 में 6.3% की गिरावट आई है।

  • कुल 145 देशों ने ग्लासगो (वर्ष 2021) में पार्टियों के 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) में वर्ष 2030 तक वन हानि और भूमि क्षरण को रोकने तथा पुनर्प्राप्ति की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
  • वन घोषणा आकलन वैश्विक वन लक्ष्यों की दिशा में प्रगति पर वार्षिक अद्यतन प्रकाशित करता है।
    • वर्ष 2014 में वनों पर न्यूयॉर्क घोषणा (NYDF) को एक राजनीतिक घोषणा के रूप में अपनाया गया था जिसमें प्राकृतिक वन हानि को रोकने और वर्ष 2030 तक 350 मिलियन हेक्टेयर परिदृश्य एवं वनभूमि की बहाली का आह्वान किया गया था।

प्रमुख बिंदु

  • अवलोकन:
    • वर्ष 2030 तक वनों की कटाई को रोकने के लिये एक भी वैश्विक संकेतक ट्रैक पर नहीं है।
    • वर्ष 2030 तक वनों की कटाई को पूरी तरह से रोकने के लिये इसमें 10% वार्षिक कटौती किये जाने की आवश्यकता है।
    • जबकि वनीकरण और बहाली के प्रयास सराहनीय रहे हैं, प्राप्ति की तुलना में अधिक वन क्षेत्र का नुक्सान हो रहा है।
    • वर्ष 2021 में वैश्विक वन हानि में कमी आई, लेकिन वर्ष 2030 तक वनों की कटाई को रोकने का महत्त्वपूर्ण जलवायु लक्ष्य के अब भी पिछड़ने की आशंका है।
  • वनों की कटाई में योगदानकर्त्ता:
    • वर्ष 2021 में वनों की कटाई में ब्राज़ील दुनिया का सबसे बड़ा योगदानकर्त्ता था।
      • आधार वर्ष 2018-2020 की तुलना में देश ने वर्ष 2021 में वनों की कटाई की दर में 3% की वृद्धि दर्ज की।
      • हालाँकि ब्राज़ील ने बड़ी वृद्धि नहीं दिखाई, लेकिन प्रत्येक वर्ष इसकी कुल वनों की कटाई दर उच्च बनी रही, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा योगदानकर्त्ता बन गया।
    • बोलीविया और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में क्रमशः 6% और 3% वनों की कटाई हुई।
  • वृक्षावरण में वृद्धि:
    • पिछले दो दशकों में वैश्विक वृक्ष आवरण में 130.9 मिलियन हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
    • वैश्विक लाभ का तीन-चौथाई हिस्सा मुख्य रूप से 13 देशों ने प्राप्त किया।
    • सबसे महत्त्वपूर्ण सुधार रूस (28.4%), कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राज़ील और चीन में देखे गए।
      • चीन ने वृक्षों के आवरण में सबसे बड़ी वृद्धि- 2.1 मिलियन हेक्टेयर (Mha) दर्ज की। भारत ने भी वृक्षों के आवरण में 0.87 एमएचए का लाभ दर्ज किया।
    • विश्व स्तर पर कुल वृक्ष आवरण वृद्धि का 118.6 एमएचए प्राकृतिक पुनर्जनन और वृक्षारोपण के साझे सहयोग से होने की संभावना है।
  • वनों की कटाई में कमी:
    • गैबॉन ने 2018-20 की तुलना में 2021 में वनों की कटाई में 28% की कमी की।
      • इस देश ने अवैध कटाई और संरक्षित क्षेत्रों के प्रवर्तन से निपटने के उपायों को लागू किया।
    • इंडोनेशिया ने वन अधिस्थगन को लागू करने और प्रवर्तन उपायों में सुधार के बाद वनों की कटाई को कम किया।
      • यह अधिस्थगन, जो लगभग 66 मिलियन हेक्टेयर के प्राथमिक वन और पीटलैंड (स्थलीय आर्द्रभूमि पारिस्थितिक तंत्र) को कवर करता है, को पहली बार वर्ष 2011 में पेश किया गया था और वनों की कटाई के कारण होने वाली आग से उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों के तहत नियमित रूप से नवीनीकृत किया गया है।
    • ब्राज़ील में वर्ष 2004 और 2012 के बीच वनों की कटाई की दर में गिरावट के लिये आंशिक रूप से अमेज़न में वनों की कटाई की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु कार्ययोजना के समन्वित कार्यान्वयन को उत्तरदायी माना जा सकता है।
      • इससे संरक्षित क्षेत्रों और प्रभावी निगरानी प्रणालियों का निर्माण हुआ।
    • हाल के वर्षों में वनों की रक्षा के लिये यूरोपीय संघ, इक्वाडोर और भारत में कानूनी हस्तक्षेप देखा गया है।
      • वर्ष 2021 में, इक्वाडोर की एक संवैधानिक अदालत ने देश के संविधान में निहित प्रकृति के अधिकारों को बरकरार रखा।
  • सिफारिश:
    • यह ध्यान रखना आवश्यक है कि पेड़ कवर लाभ पेड़ के नुकसान को रद्द नहीं करता है।
    • वन आवरण लाभ कार्बन भंडारण, जैवविविधता या पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के संदर्भ में वन हानि के प्रभावों को नकारते नहीं हैं। सर्वोच् च प्राथमिकता वाले प्रयासों को प्राथमिक वनों को नुकसान से बचाने की दिशा में निर्देशित किया जाना चाहिये।
    • वर्ष 2030 तक वनों की कटाई को रोकने और रिवर्स करने के वैश्विक लक्ष्यों को पूरा करने के लिये वन वित्त को ट्रैक पर लाने की आवश्यकता है।
      • वैश्विक स्तर पर वनों की रक्षा, पुनर्स्थापना और वृद्धि के लिये प्रतिवर्ष 460 बिलियन अमेरिकी डॅालर तक की लागत आएगी।
      • वर्तमान में वनों के लिये घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय शमन वित्त प्रतिवर्ष औसतन 2.3 बिलियन अमेरिकी डॅालर है- आवश्यकता के 1% से भी कम।
    • वर्ष 2030 के लक्ष्यों को पूरा करने के लिये वन वित्तपोषण में 200 गुना तक की वृद्धि होनी चाहिये।
    • वन हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और हमारी भलाई के लिये महत्त्वपूर्ण हैं। वनों की कटाई को रोकने तथा बहाली को बढ़ाने के लिये कार्रवाई एवं ठोस प्रयासों में तेज़ी लाना अब पहले से कहीं अधिक महत्त्वपूर्ण है ताकि लोगों, प्रकृति और जलवायु को लाभान्वित किया जा सके।
    • इसका मतलब है कि अधिक ज़मीनी समावेशी समाधान, सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों एवं नागरिक समाज के बीच मज़बूत सहयोग व समन्वय, प्रतिबद्धताओं से कार्यान्वयन की ओर बढ़ा जा सके।

निर्वनीकरण:

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न

प्रश्न. भारत में मृदा अपक्षय की समस्या निम्नलिखित में से किससे/किनसे संबंधित है/हैं?

  1. वेदिका कृषि
  2. वनोन्मूलन
  3. उष्णकटिबंधीय जलवायु

निचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

स्रोत: डाउन टू अर्थ

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