जैव विविधता और पर्यावरण
वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम का 19वाँ सत्र
- 22 May 2024
- 14 min read
प्रिलिम्स के लिये:वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम, वनों के लिये संयुक्त राष्ट्र की रणनीतिक योजना (2017-2030), संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), खाद्य और कृषि संगठन (FAO) मेन्स के लिये:UNFF 19 की मुख्य बातें, UNFF 19 में भारत द्वारा संशोधित राष्ट्रीय वन नीति अनुशंसाएँ |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (United Nations Forum on Forests- UNFF) के 19वें सत्र में भाग लिया।
- भारत ने वन संरक्षण और सतत् वन प्रबंधन में अपनी महत्त्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला, जिससे पिछले पंद्रह वर्षों में वन क्षेत्र में लगातार वृद्धि हुई है।
UNFF19 की मुख्य बातें क्या थीं?
- भारत ने अपनी संशोधित राष्ट्रीय वन नीति प्रस्तुत की जिसमें अनुशंसाएँ और तकनीकी समाधानों के माध्यम द्वारा वनाग्नि की रोकथाम एवं प्रबंधन पर ज़ोर दिया गया।
- भारत विश्व भर में सुसंगत और ज़िम्मेदार वन प्रबंधन प्रथाओं के लिये वन प्रमाणन कार्यक्रमों हेतु मॉडल वन अधिनियम जैसे सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत मानक स्थापित करने का सुझाव देता है।
- फोरम ने वनों के लिये संयुक्त राष्ट्र की रणनीतिक योजना (2017-2030) की समीक्षा की तथा वनों के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभों को बढ़ाने तथा वित्त सुरक्षित करने जैसे वैश्विक वन लक्ष्यों को प्राप्त करने में हुई प्रगति की समीक्षा की।
- संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में वनों के "जलवायुकरण" से संबंधित चिंताओं पर प्रकाश डाला गया है, जो कार्बन पृथक्करण के लिये बाज़ार-उन्मुख दृष्टिकोण से प्रेरित है, जिससे वनों की पारिस्थितिक और सामाजिक मूल्यों की भूमिका केवल कार्बन पृथक्करण के रूप में संदर्भित किया है, जिससे इनके पारिस्थितिक और सामाजिक मूल्य सीमित हुए हैं।
- इंडोनेशिया ने अपनी फारेस्ट एंड अदर लैंड यूज़ नेट सिंक 2030 रणनीति प्रस्तुत की तथा मलेशिया ने अपने क्षेत्र का कम से कम 50% वृक्ष आवरण के तहत रखने हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त की।
UNFF19 वन प्रबंधन में भारत की उल्लेखनीय पहल क्या थीं?
- भारत ने वनाग्नि से निपटने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में अपनी सफलता पर प्रकाश डाला।
- उदाहरणों में रिमोट सेंसिंग (remote sensing) के माध्यम से वास्तविक-समय पर वनाग्नि की बेहतर निगरानी, वेब पोर्टल के माध्यम द्वारा वनाग्नि की ऑनलाइन रिपोर्टिंग और बहाली के लिये पारिस्थितिक उपायों का प्रयोग करना शामिल है।
- वन सूची रिकॉर्ड के आधार पर, भारत में 54.40% वन प्राय: आग के संपर्क में आते हैं, 7.49% मध्यम रूप से बार-बार आग लगने और 2.40% उच्च स्तर की आग के संपर्क में आते हैं।
- उदाहरणों में रिमोट सेंसिंग (remote sensing) के माध्यम से वास्तविक-समय पर वनाग्नि की बेहतर निगरानी, वेब पोर्टल के माध्यम द्वारा वनाग्नि की ऑनलाइन रिपोर्टिंग और बहाली के लिये पारिस्थितिक उपायों का प्रयोग करना शामिल है।
- वर्ष 2010 से वर्ष 2020 के बीच औसत वार्षिक वन क्षेत्र में शुद्ध लाभ के मामले में भारत विश्व भर में तीसरे स्थान पर है।
- भारत ने प्रजातियों के संरक्षण और आवास संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए प्रोजेक्ट टाइगर के 50 वर्ष और प्रोजेक्ट एलीफेंट के 30 वर्ष पूरे कर लिये हैं।
- भारत ने जलवायु कार्रवाई पहल को मज़बूत करने के लिये वृक्षारोपण और निष्क्रिय वन भूमि की बहाली को बढ़ाने के लिये 'ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम' की शुरुआत की।
- वर्ष 2023 में भारत ने देहरादून में UNFF के तहत “देश के नेतृत्व वाली पहल (country-led Initiative under)” की मेज़बानी की, इस पहल में 40 देशों और 20 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, इस दौरान वनाग्नि प्रबंधन एवं वन प्रमाणन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
वनों पर संयुक्त राष्ट्र फोरम (United Nations Forum on Forests- UNFF)
- परिचय:
- UNFF एक अंतरसरकारी नीति मंच है जो "सभी प्रकार के वनों के प्रबंधन, संरक्षण और सतत् विकास" को बढ़ावा देता है।
- UNFF की स्थापना वर्ष 2000 में संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (UN Economic and Social Council) द्वारा की गई थी।
- फोरम की सदस्यता सार्वभौमिक है।
- प्रमुख वैश्विक वन संबंधी घटनाएँ:
- 1992: एजेंडा 21 और "वन सिद्धांत" को पर्यावरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में अपनाया गया है।
- 1995: वर्ष 1995 से वर्ष 2000 तक वन सिद्धांतों को लागू करने के लिये वनों पर अंतर सरकारी पैनल (1995) की स्थापना की गई थी।
- 2000: UNFF को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के एक कार्यात्मक आयोग के रूप में स्थापित किया गया है।
- 2006: UNFF वनों पर चार वैश्विक उद्देश्यों पर सहमत है।
- स्थायी वन प्रबंधन (Sustainable Forest Management-SFM) के माध्यम से विश्वभर में वन क्षेत्र की हानि को कम करना;
- वन-आधारित आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ को बढ़ाना;
- सतत् रूप से प्रबंधित वनों के क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि करना;
- स्थायी वन प्रबंधन (SFM) के लिये आधिकारिक विकास सहायता को प्राप्त करना;
- SFM के कार्यान्वयन के लिये अधिक वित्तीय संसाधन जुटाना।
- 2007: UNFF ने सभी प्रकार के वनों पर संयुक्त राष्ट्र के गैर-कानूनी बाध्यकारी उपकरण (वन उपकरण) को अपनाया।
- 2011: अंतर्राष्ट्रीय वन वर्ष, "लोगों के लिये वन"।
भारतीय वन नीति के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- राष्ट्रीय वन नीति, 1894 (औपनिवेशिक दृष्टिकोण):
- नीति में लकड़ी के उत्पादन और संरक्षक प्रबंधन को प्राथमिकता दी गई।
- वाणिज्यिक रूप से मूल्यवान क्षेत्रों के संरक्षण पर ज़ोर देने के साथ वन वर्गीकरण शुरू किया गया था।
- राष्ट्रीय वन नीति, 1952 (राष्ट्रीय आवश्यकताएँ):
- यह नीति भूमि-उपयोग प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर केंद्रित है।
- इसने राष्ट्रीय विकास के लिये लकड़ी, चरागाह और ईंधन लकड़ी जैसे संसाधनों को सुरक्षित करने पर ज़ोर दिया।
- राष्ट्रीय वन नीति, 1988 (पारिस्थितिक सुरक्षा):
- इसमें पर्यावरणीय स्थिरता, जैवविविधता संरक्षण और मृदा एवं जल सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई।
- बड़े पैमाने पर वनीकरण और सामाजिक वानिकी कार्यक्रमों का समर्थन किया गया।
- मसौदा राष्ट्रीय वन नीति, 2018 (समसामयिक चुनौतियाँ):
- जलवायु परिवर्तन और मानव-वन्यजीव संघर्ष जैसे आधुनिक मुद्दों के समाधान के लिये प्रस्तावित संशोधन।
- जलवायु परिवर्तन को कम करने और वन बहाली के लिये सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
भारत में वन:
नवीनतम भारत वन स्थिति रिपोर्ट (ISFR) 2021 के अनुसार, देश का कुल वन क्षेत्र 7,13,789 वर्ग किलोमीटर है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 21.72% है।
निष्कर्ष:
UNFF19 में भारत की भागीदारी ने वन संरक्षण और टिकाऊ प्रबंधन में इसकी सफलता को प्रदर्शित किया। भारत ने तकनीकी समाधानों के साथ एक व्यापक राष्ट्रीय वन नीति का प्रस्ताव रखा और ज्ञान-साझाकरण मंच के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया। जबकि उच्च-स्तरीय घोषणा अभी भी चर्चा में है, UNFF19 ने वैश्विक वन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदमों पर ज़ोर दिया।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. वन प्रबंधन के संबंध में प्रमुख भारतीय पहलों पर चर्चा कीजिये। साथ ही, भारत में व्यापक वन प्रबंधन प्रणाली को लागू करने के तरीके भी सुझाइए। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न 1. FAO, पारंपरिक कृषि प्रणालियों को 'सार्वभौम रूप से महत्त्वपूर्ण कृषि विरासत प्रणाली [Globally Important Agricultural System (GIAHS)]' की हैसियत प्रदान करता है। (2016) इस पहल का संपूर्ण लक्ष्य क्या है?
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये। (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (b) प्रश्न 2. राष्ट्रीय स्तर पर, अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिये कौन-सा मंत्रालय केंद्रक अभिकरण (नोडल एजेंसी) है? (2021) (a) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय उत्तर: (d) प्रश्न 3. भारत का एक विशेष राज्य निन्नलिखित विशेषताओं से युक्त है: (2012)
निम्नलिखित राज्यों में से कौन-सा एक ऊपर दी गई सभी विशेषताओं से युक्त है? (a) अरुणाचल प्रदेश उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. "भारत में आधुनिक कानून की सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पर्यावरणीय समस्याओं का संविधानीकरण है।" सुसंगत वाद विधियों की सहायता से इस कथन की विवेचना कीजिये। (2022) |