शासन व्यवस्था
UJALA और SLNP के 10 वर्ष
- 08 Jan 2025
- 14 min read
प्रिलिम्स के लिये:UJALA (उन्नत ज्योति बाय एफाॅर्डेबल LEDs फॉर ऑल), स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम, लाइट एमिटिंग डायोड, ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड, तापदीप्त लैंप, कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप, ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता मेन्स के लिए:भारत में ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा और पर्यावरण, ऊर्जा दक्षता कार्यक्रमों का आर्थिक प्रभाव, शहरी भारत में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था |
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
ऊर्जा दक्षता की दिशा में एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में 5 जनवरी 2015 को शुरू की गई UJALA (उन्नत ज्योति बाय एफाॅर्डेबल LEDs फॉर ऑल) योजना के 10 वर्ष पूरे हो चुके हैं।
- यह योजना घरेलू प्रकाश व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने एवं ऊर्जा के उपयोग को दक्ष बनाने के साथ भारत के सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भूमिका निभा रही है।
- उजाला के साथ शुरू किए गए स्ट्रीट लाइटिंग नेशनल प्रोग्राम (SLNP) का उद्देश्य पारंपरिक स्ट्रीट लाइटों को ऊर्जा-कुशल लाइट एमिटिंग डायोड (LED) से बदलना है।
उजाला योजना के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- उजाला योजना: इसे पारंपरिक प्रकाश प्रणालियों (तापदीप्त लैंप (ICL) और कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप (CFL)) को ऊर्जा-बचत वाले LED बल्बों से प्रतिस्थापित करने के साथ ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के क्रम में जनवरी 2015 में प्रारंभ किया गया था।
- यह योजना भारत सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (EESL) और DISCOM (वितरण कंपनियों) के बीच एक संयुक्त परियोजना है।
- उद्देश्य: इसका लक्ष्य 77 करोड़ पारंपरिक बल्बों एवं 3.5 करोड़ स्ट्रीट लाइटों को LED से बदलकर 85 लाख किलोवाट प्रतिघंटे विद्युत का उपयोग कम करने के साथ 15,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को कम करना है।
- उजाला की आवश्यकता: भारत में आवासीय विद्युत उपयोग का लगभग 18-27% हिस्सा प्रकाश व्यवस्था पर खर्च होता है।
- वर्ष 2011 के अनुसार भारतीय घरों में लगभग एक अरब प्रकाश यूनिट का उपयोग किया गया, जिनमें से अधिकांश CFL (46%) एवं ट्यूब लाइट (41%) की भागीदारी थी। केवल 0.4% ने LED बल्ब का उपयोग किया।
- LED की दक्षता: LED, ICL की तुलना में 90% तक और CFL की तुलना में 50% तक ऊर्जा दक्ष है।
- LED बल्ब में तापदीप्त बल्बों की तुलना में 75% तक कम ऊर्जा का उपयोग होता है तथा 25 गुना अधिक समय तक यह चलते हैं लेकिन इनमें उच्च प्रारंभिक लागत एक बड़ी बाधा है।
- UJALA की मुख्य विशेषताएँ:
- सब्सिडी वाले LED बल्ब: उजाला के तहत वितरित LED बल्बों की कीमत वर्ष 2014 में 450 रुपए की तुलना में घटकर 70 रुपए प्रति LED बल्ब कर हो गई।
- वितरण तंत्र: बल्बों का वितरण मांग एकत्रीकरण-मूल्य क्रैश मॉडल (कीमतों को कम करने के लिए थोक खरीद) के माध्यम से किया जाता है।
- वर्ष 2015 में EESL ने बड़े पैमाने पर LED लैंप खरीद के लिए खुली बोलियाँ आमंत्रित कीं एवं वितरण नेटवर्क स्थापित करने के लिये राज्य सरकारों को शामिल किया।
- प्रगति एवं उपलब्धियाँ: देश भर में 36.87 करोड़ से अधिक LED बल्ब वितरित किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप:
- ऊर्जा बचत: प्रतिवर्ष 47,883 मिलियन kWh ऊर्जा की बचत हुई है।
- लागत बचत: प्रतिवर्ष 19,153 करोड़ रुपए की बचत हुई है।
- CO2 में कमी: प्रतिवर्ष 3.88 मिलियन टन CO2 उत्सर्जन में कमी आई है।
- अधिकतम मांग से बचाव: 9,586 मेगावाट की अधिकतम मांग को रोका जा सका है।
नोट:
- ग्रामीण परिवारों के लिए मार्च 2021 में ग्राम उजाला योजना शुरू की गई थी, जिसमें पुराने तापदीप्त बल्बों के बदले 10 रुपए में एलईडी बल्ब दिये गए थे।
- चरण-I के अंतर्गत 1.5 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित करने का लक्ष्य था, जिससे 2025 मिलियन kWh/वर्ष ऊर्जा की बचत के साथ प्रतिवर्ष 1.65 मिलियन टन CO2 के उत्सर्जन कमी का लक्ष्य रखा गया।
स्ट्रीट लाइटिंग राष्ट्रीय कार्यक्रम (SLNP) से जुड़े प्रमुख तथ्य क्या हैं?
- SLNP के बारे में: इसके प्रमुख उद्देश्यों में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था के लिये ऊर्जा की खपत और परिचालन लागत को कम करना तथा ऊर्जा-कुशल उपकरणों के प्रति बाज़ार में बदलाव को बढ़ावा देना शामिल है।
- कार्यान्वयन एजेंसी: EESL को इस कार्यक्रम के लिये कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में नामित किया गया, जो शहरी स्थानीय निकायों (ULBs), नगर निकायों, ग्राम पंचायतों (GP) और केंद्र तथा राज्य सरकारों के साथ सहयोग करते हुए पूरे भारत में SLNP को कार्यान्वित करने में सबसे आगे रहा है।
- व्यवसाय मॉडल: SLNP ने एक अनूठा मॉडल प्रस्तुत किया है, जिसमें EESL प्रारंभिक लागतों को वहन करता है तथा परियोजना अवधी के दौरान नगर पालिकाओं द्वारा मासिक या त्रैमासिक भुगतान के माध्यम से निवेश की भरपाई करता है।
- EESL, 95% से अधिक अपटाइम प्रदान करते हुए LED स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव सुनिश्चित करता है, जो सार्वजनिक सुरक्षा को महत्त्वपूर्ण रूप से वृद्धि करता है तथा स्थानीय बजट पर बोझ डाले बिना विश्वसनीय नगरपालिका सेवाएँ सुनिश्चित करता है।
- उपलब्धियाँ:
ICLs, CFLs और LEDs के बीच मुख्य अंतर क्या हैं?
विशेषता |
तापदीप्त लैंप (ICLs) |
कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप (CFLs) |
प्रकाश उत्सर्जक डायोड (LEDs ) |
ऊर्जा दक्षता |
निम्न |
मध्यम |
उच्च |
विद्युत की खपत |
उच्च |
मध्यम |
निम्न |
बल्ब की कीमत |
निम्न (प्रारंभिक लागत) |
मध्यम |
उच्च (प्रारंभिक लागत) |
ऊष्मा उत्सर्जन |
उच्च |
मध्यम |
बहुत कम |
पर्यावरणीय प्रभाव |
उच्च (ऊर्जा के अपव्यय के कारण अधिक CO2 उत्पन्न होती है) |
मध्यम (इसमें थोड़ी मात्रा में पारा/मर्करी होता है) |
निम्न (कोई हानिकारक उत्सर्जन नहीं) |
रंग विकल्प |
तप्त श्वेत |
अतप्त श्वेत, तप्त श्वेत |
तप्त श्वेत, अतप्त श्वेत, RGB |
स्थानित्व |
कमज़ोर |
आईसीएल की तुलना में अधिक टिकाऊ |
बहुत टिकाऊ, प्रभाव प्रतिरोधी |
प्रकाश दिशा |
सर्वदिशात्मक |
सर्वदिशात्मक |
दिशात्मक या सर्वदिशात्मक |
रासायनिक संरचना |
टंगस्टन फिलामेंट, अक्रिय गैस (आर्गन या नाइट्रोजन) |
पारा वाष्प, फास्फोर कोटिंग |
गैलियम नाइट्राइड (GaN), इंडियम गैलियम नाइट्राइड (InGaN), फॉस्फोरस (रंग के लिए) |
एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (EESL)
- EESL, वर्ष 2009 में स्थापित और विद्युत मंत्रालय द्वारा प्रायोजित एक सुपर एनर्जी सर्विस कंपनी (ESCO) है जो ऊर्जा दक्षता समाधानों पर ध्यान केंद्रित करती है।
- EESL प्रकाश व्यवस्था, भवन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, स्मार्ट मीटरिंग और कृषि जैसे क्षेत्रों में विश्व का सबसे बड़ा ऊर्जा दक्षता पोर्टफोलियो क्रियान्वित करता है।
- EESL ने अब तक प्रतिवर्ष 47 बिलियन किलोवाट घंटे से अधिक ऊर्जा की बचत की है तथा कार्बन उत्सर्जन में 36.5 मिलियन टन की कमी की है।
- EESL, राष्ट्रीय थर्मल पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड, REC लिमिटेड और पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के संयुक्त उद्यम के रूप में काम करता है।
ऊर्जा दक्षता से संबंधित भारत की अन्य पहल
- मानक और लेबलिंग (ऊर्जा दक्षता ब्यूरो- BEE)
- ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2022
- संवर्द्धित ऊर्जा दक्षता पर मिशन (NMEE)
- नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP)
- प्रदर्शन, उपलब्धि और व्यापार योजना (PAT)
- ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता (ECBC)
निष्कर्ष
उजाला योजना और स्ट्रीट लाइटिंग राष्ट्रीय कार्यक्रम (SLNP) ने भारत के ऊर्जा दक्षता और स्थिरता लक्ष्यों को महत्त्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाया है। इन पहलों के कारण ऊर्जा का उपयोग कम हुआ है और कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आई है, साथ ही आर्थिक बचत भी हुई है। ये पहल हरित, ऊर्जा-कुशल भविष्य को बढ़ावा देने में सरकार के नेतृत्व वाले प्रयासों के प्रभाव को दर्शाती हैं।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न: भारत में ऊर्जा दक्षता चुनौतियों का समाधान करने में उजाला और स्ट्रीट लाइटिंग राष्ट्रीय कार्यक्रम योजनाओं जैसी सरकार द्वारा संचालित पहलों की भूमिका का परीक्षण कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रिलिम्सप्रश्न. सड़क प्रकाश व्यवस्था के संदर्भ में, सोडियम बत्तियाँ, एल.ई.डी. बत्तियों से किस तरह भिन्न हैं? (2021)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये- (a) केवल 3 उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित में से किसमें आप ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (Bureau of Energy Efficiency) का स्टार लेबल पाते हैं? (2016)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 |