UNSC ने की पुलवामा हमले की निंदा | 22 Feb 2019
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council-UNSC) ने पुलवामा, जम्मू-कश्मीर में आत्मघाती बम विस्फोट की निंदा की है, जिसमें भारतीय अर्द्धसैनिक बल के 40 से अधिक जवान शहीद हो गए।
प्रमुख बिंदु
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सभी राज्यों से इस संबंध में भारत सरकार और अन्य सभी संबंधित अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने का आग्रह किया है।
- इस हमले की संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, फ्राँस सहित विश्व के कई देशों ने निंदा की है।
- न्यूज़ीलैंड की संसद ने हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है।
- UNSC द्वारा हमले की निंदा करना भारत के लिये कूटनीतिक जीत है और इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने के भारत के प्रयासों के हिस्से के रूप में देखा जा सकता है।
- जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को लेकर चीन के रुख में बदलाव भी हो सकता है, क्योंकि UNSC ने जैश-ए-मोहम्मद को इस हमले का अपराधी बताया है।
सुरक्षा परिषद क्या है?
- यह संयुक्त राष्ट्र की सबसे महत्त्वपूर्ण इकाई है, जिसका गठन द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1945 में हुआ था और इसके पाँच स्थायी सदस्य (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्राँस, रूस और चीन) हैं।
- सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों के पास वीटो का अधिकार होता है। इन देशों की सदस्यता दूसरे विश्वयुद्ध के बाद के उस शक्ति संतुलन को प्रदर्शित करती है, जब सुरक्षा परिषद का गठन किया गया था।
- इन स्थायी सदस्य देशों के अलावा 10 अन्य देशों को दो साल के लिये अस्थायी सदस्य के रूप में सुरक्षा परिषद में शामिल किया जाता है। स्थायी और अस्थायी सदस्य बारी-बारी से एक-एक महीने के लिये परिषद के अध्यक्ष बनाए जाते हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत
- भारत 7 बार अर्थात् 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य रह चुका है।
- भारत संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक सदस्यों में से एक है।
- भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना संबंधी अभियानों में योगदान करने वाला सबसे बड़ा देश है।
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना से संबंधित 64 अभियानों में से 43 अभियानों में 1,60,000 से अधिक सैनिकों का योगदान किया है।
- संयुक्त राष्ट्र के नीले झंडे के नीचे लड़ते हुए भारतीय सशस्त्र एवं पुलिस बल के 160 से अधिक कार्मिकों ने अपने जीवन की आहुति दी है।
- वर्तमान में चल रहे संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना के 14 मिशनों में से 7 मिशनों में भारतीय सशस्त्र बलों की मौजूदगी है।
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स्रोत- द हिंदू