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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत ने पाकिस्तान से 'सबसे पसंदीदा राष्ट्र' (MFN) का दर्जा वापस लिया

  • 16 Feb 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force-CRPF) पर हुए हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को दिया गया 'सबसे पसंदीदा राष्ट्र' (Most-Favoured Nation-MFN) का दर्जा वापस वापस लेने की बात कही है।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के 40 जवानों के शहीद होने की घटना के पश्चात् भारत ने पाकिस्तान को दिया सबसे पसंदीदा राष्ट्र (Most-Favoured Nation) का दर्जा वापस ले लिया।
  • भारत अब पाकिस्तान के खिलाफ सीमा शुल्क, बंदरगाह प्रतिबंध और आयात होने वाले सामानों पर प्रतिबंध लगाने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाने पर विचार कर रहा है।
  • आतंकवादियों द्वारा किया गया यह हमला अब तक के सबसे घातक हमलों में से एक था। इस हमले में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के 40 जवान शहीद हो गए तथा पाँच जवान बुरी तरह से घायल हो गए।
  • यह हमला केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के बस काफिले के गुजरने के दौरान जम्मू-कश्मीर हाईवे पर अवंतिपोरा इलाके में 100 किग्रा. विस्फोटक से लदी कार ने इस काफिले की एक बस को टक्कर मार दी जिससे बस में सवार जवानों कि मृत्यु हो गई।
  • पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए मोहम्मद ने इस आतंकवादी हमले की ज़िम्मेदारी ली है।

MFN (Most-Favoured Nation) क्या है?

  • विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation-WTO) के टैरिफ एंड ट्रेड पर जनरल समझौते (General Agreement on Tariffs and Trade-GATT) के तहत MFN का दर्जा दिया गया था। भारत और पाकिस्तान दोनों ही WTO के हस्ताक्षरकर्त्ता देश हैं तथा विश्व व्यापार संगठन के सदस्य हैं, जिसका अर्थ है कि उन्हें माल पर सीमा शुल्क लगाने के मामले में एक-दूसरे एवं WTO के अन्य सदस्य देशों के साथ व्यापारिक साझेदार के रूप में व्यवहार करना आवश्यक है।
  • 1996 में भारत ने पाकिस्तान को MFN का दर्जा दिया था हालांकि 2012 में पाकिस्तान ने भारत को MFN का दर्जा देने की प्रतिबद्धता जताई थी लेकिन बाद में मुकर गया।
  • पाकिस्तान MFN के बजाय भारत को गैर-भेदभावपूर्ण बाज़ार पहुँच (Non-Discriminatory Market Access-NDMA) का दर्जा देने पर काम कर रहा था, लेकिन यह भी घोषित नहीं किया गया।

भारत द्वारा MFN का दर्जा वापस लेने का क्या प्रभाव पड़ेगा?

  • MFN का दर्जा वापस लेने का मतलब है कि भारत अब पाकिस्तान से आने वाले सामान पर सीमा शुल्क बढ़ा सकता है। इससे भारत में पाकिस्तान द्वारा किया गया निर्यात प्रभावित होगा। यह निर्यात 2017-18 में 488.5 मिलियन डॉलर (लगभग 3,482.3 करोड़ रुपए) का था लेकिन MFN का दर्जा वापस लेने से यह बहुत कम हो सकता है।
  • कुछ समय पहले आई एक सूचना के अनुसार, पकिस्तान के पास भारत को MFN का दर्जा देने के लिये ‘कोई तात्कालिक योजना’ नहीं है। पाकिस्तान वाघा सीमा भूमि मार्ग के माध्यम से भारत से केवल 137 उत्पादों का निर्यात करने की अनुमति देता है।

भारत का पाकिस्तान के साथ व्यापार

  • भारत मुख्य रूप से कपास, रंजक, रसायन, प्लास्टिक, सब्जियाँ और लोहा तथा इस्पात निर्यात करता है, जबकि फल, सीमेंट, चमड़ा और मसाले आयात करता है।
  • भारत में पाकिस्तान द्वारा निर्यात की जाने वाली मुख्य वस्तुओं में ताज़े फल, सीमेंट, पेट्रोलियम उत्पाद, थोक खनिज और अयस्क और तैयार चमड़ा शामिल है।

MFN का महत्त्व

  • विकासशील देशों के लिये MFN स्टेटस व्यापार में सहयोगात्मक भूमिका निभाता है। MFN हस्ताक्षरकर्त्ता देशों में व्यापार हेतु सामानों की बाज़ार तक व्यापक पहुँच सुनिश्चित की जाती है, साथ ही बहुत कम टैरिफ और व्यापार बाधाओं के चलते निर्यात होने वाली वस्तुओं की लागत में कमी आती है।
  • यह आयात के क्षेत्र में आने वाली नौकरशाही बाधाओं और विभिन्न प्रकार के अन्य शुल्कों को भी कम करता है। इससे वस्तुओं की मांग बढ़ती है और अर्थव्यवस्था एवं निर्यात को बढ़ावा मिलता है।
  • एक आधिकारिक सूचना के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय जल्द ही विश्व व्यापार संगठन को सुरक्षा की दृष्टि से पाकिस्तान को MFN का दर्जा न देने के अपने फैसले के बारे में अधिसूचित करेगा। शीघ्र ही मंत्रालय पाकिस्तान से आयातित सामानों की सूची पर काम करेगा, जिस पर भारत द्वारा सीमा शुल्क बढाया जाएगा।

स्रोत – द हिंदू, टाइम्स ऑफ इंडिया

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