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सामाजिक न्याय

स्कूल न जाने वाले बच्चों के आँकड़ों के संकलन के लिये ऑनलाइन मॉड्यूल

  • 14 Jun 2021
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

समग्र शिक्षा योजना, PRABANDH पोर्टल

मेन्स के लिये:

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिये महत्त्वपूर्ण योजनाएँ

चर्चा में क्यों?

हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश द्वारा चिह्नित, स्कूल न जाने वाले बच्चों (कोविड -19 महामारी के कारण) के आकँड़ों को संकलित करने के लिये एक ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया है।

  • एकत्रित आँकड़ों की समग्र शिक्षा योजना के PRABANDH पोर्टल पर विशेष प्रशिक्षण केंद्रों के साथ मैपिंग की जाएगी।

प्रमुख बिंदु:

मॉड्यूल के संदर्भ में:

  • मॉड्यूल के माध्यम से सरकार 6-14 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों और सामाजिक तथा आर्थिक रूप से वंचित समूहों के बच्चों के आयु-उपयुक्त प्रवेश की सुविधा प्रदान करेगी।
  • इसके अलावा 16-18 वर्ष आयु वर्ग के स्कूली बच्चों के लिये ओपन/डिस्टेंस लर्निंग मोड के माध्यम से उनकी शिक्षा जारी रखने के लिये सत्र 2021-22 में पहली बार वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

PRABANDH पोर्टल के संदर्भ में:

  • PRABANDH (परियोजना मूल्यांकन, बजट, उपलब्धियाँ और डेटा हैंडलिंग सिस्टम) दक्षता बढ़ाने और स्कूली शिक्षा के लिये एक केंद्र प्रायोजित एकीकृत योजना- समग्र शिक्षा के कार्यान्वयन का प्रबंधन करने हेतु प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।
  • यह अनुमोदन, विज्ञप्ति, वित्तीय स्थिति के संबंध में प्रणाली में पारदर्शिता और सटीकता के लिये है।
  • साथ ही कार्यान्वयन के लिये वित्त की वास्तविक आवश्यकता का अधिक सटीक मूल्यांकन को सक्षम करने के लिये वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को भी सुव्यवस्थित करता है।

समग्र शिक्षा (Samagra Shiksha):

प्रमुख प्रावधान:

  • समग्र शिक्षा पूर्व-स्कूल से बारहवीं कक्षा तक शिक्षा के सभी स्तरों पर समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिये एक सामूहिक योजना है।
  • यह सर्व शिक्षा अभियान (SSA), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (RMSA) और शिक्षक शिक्षा (TE) की तीन योजनाओं को समाहित करती है।
  • योजना का केंद्र बिंदु अंग्रेज़ी के टी शब्द – टीचर्स और टेक्नोलॉजी का एकीकरण करके सभी स्तरों पर गुणवत्ता में सुधार लाना है।

विज़न:

  • यह शिक्षा के लिये सतत् विकास लक्ष्य (SDG) अर्थात् SDG 4 (समावेशी और समान गुणवत्ता वाली शिक्षा सुनिश्चित करना तथा सभी के लिये आजीवन अवसरों को बढ़ावा देना) का पूरक है।
  • इसका उद्देश्य बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 के कार्यान्वयन में राज्यों का समर्थन करना है।
    • शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) भारत के संविधान के अनुच्छेद 21-A के तहत एक मौलिक अधिकार है।
    • यह अधिनियम 6 से 14 वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे के लिये शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाता है और प्राथमिक विद्यालयों में न्यूनतम मानदंड निर्दिष्ट करता है।

वित्तीय स्वरूप:

  • इस योजना को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है।
    • केंद्र और राज्यों के बीच योजना के लिये वित्तीय पैटर्न वर्तमान में पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी राज्यों के लिये 90:10 और अन्य सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों (जहाँ विधानसभा है) के लिये 60:40 के अनुपात में है।
    • जिन केंद्रशासित प्रदेशों में विधानसभा नहीं है उनके लिये 100% केंद्र प्रायोजित है।

डिजिटल शिक्षा पर ज़ोर:

  • यह 5 वर्षों की अवधि में सभी माध्यमिक विद्यालयों में 'ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड' को आगे बढ़ाएगा, जो शिक्षा में क्रांति लाएगा और प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षण कक्षाएँ तथा फ़्लिप क्लासरूम आदि को सक्षम बनाएगा।
  • UDISE+ तथा शगुन जैसी डिजिटल पहलों को मज़बूत किया जाएगा।
  • इसके अलावा यह उच्च प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक के स्कूलों में ICT के बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करेगा।

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिये अन्य महत्त्वपूर्ण योजनाएँ

  • प्रधानमंत्री ई-विद्या कार्यक्रम:
    • यह योजना डिजिटल/ऑनलाइन शिक्षा के लिये मल्टीमोड एक्सेस कार्यक्रम के रूप में शुरू की गई।
  • स्टडी वेब्स ऑफ एक्टिव लर्निंग फॉर यंग एस्पायरिंग माइंड्स (SWAYAM):
    • इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के प्रत्येक छात्र को सस्ती कीमत पर सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा प्राप्त हो।
  • स्कूली शिक्षा के लिये एकीकृत ऑनलाइन जंक्शन 'शगुन'
    • यह भारत सरकार और सभी राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की विभिन्न गतिविधियों से संबंधित सभी ऑनलाइन पोर्टलों व वेबसाइटों के लिये एक जंक्शन बनाकर स्कूल शिक्षा प्रणाली में सुधार करने की एक व्यापक पहल है।
  • शिक्षा के लिये एकीकृत ज़िला सूचना प्रणाली (UDISE) और UDISE+
    • UDISE, प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के लिये 2012-13 में शुरू किया गया स्कूली शिक्षा पर सबसे बड़ी प्रबंधन सूचना प्रणाली में से एक है, जिसमें 1.5 मिलियन से अधिक स्कूल, 9.4 मिलियन शिक्षक और लगभग 250 मिलियन बच्चे शामिल हैं।
    • UDISE+, UDISE का एक अद्यतन और उन्नत संस्करण है।
  • निष्ठा (NISHTHA): शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम-
    • इसका उद्देश्य एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रारंभिक स्तर पर सीखने के परिणामों में सुधार करना है।
  • शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन और समावेशन कार्यक्रम (EQUIP):
    • यह पाँच वर्षों (2019-2024) में शिक्षा के क्षेत्र में रणनीतिक हस्तक्षेपों को लागू करके भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से एक पंचवर्षीय योजना है।
    • इसके अलावा यह उच्च शिक्षा में पहुँच, समावेशन, गुणवत्ता, उत्कृष्टता और रोज़गार क्षमता बढ़ाने के सिद्धांतों पर आगे बढ़ने के लिये तैयार है।
  • राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA):
    • यह अक्तूबर 2013 में शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसका उद्देश्य पूरे देश में उच्च शिक्षा संस्थानों को रणनीतिक वित्तपोषण प्रदान करना है।

स्रोत: द हिंदू

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