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शासन व्यवस्था

EQUIP प्रोजेक्ट

  • 27 May 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

EQUIP का तात्पर्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के उन्नयन और समावेशी कार्यक्रम (Education Quality Upgradation and Inclusion Programme) से है, यह प्रोजेक्ट सरकार के साथ नीति आयोग के सीईओ, प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार और पूर्व राजस्व सचिव सहित कुछ कॉर्पोरेट प्रमुखों जैसे विशेषज्ञों के नेतृत्व वाली दस समितियों द्वारा तैयार किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • भारत में बहुस्तरीय उच्च शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिये एक कार्ययोजना बनाने का प्रस्ताव किया गया है। इसे वर्ष 2019-2024 के बीच लागू किया जाना है।
  • इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) की कार्यान्वयन योजना के रूप में वर्णित किया गया है। इसे नीति और कार्यान्वयन के बीच की खाई को पाटने के लिये लाया गया है।

उद्देश्य

  • उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (Gross Enrolment Ratio) को दोगुना करना;
  • शिक्षण और सीखने की प्रक्रियाओं में सुधार;
  • उच्च शिक्षण संस्थानों में भौगोलिक रूप से विद्यमान विषम पहुँच (Geographically Skewed Access) में सुधार करना;
  • देश भर में वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य गुणवत्ता मानकों (Quality Standards) को लागू करना;
  • शीर्ष वैश्विक संस्थानों में कम-से-कम 20 भारतीय संस्थानों की स्थिति दर्ज कराना;
  • अनुसंधान/नवाचार के परिवेश को बढ़ावा देना;
  • छात्रों के लिये रोज़गार के अवसरों की उपलब्धता में आवश्यक सुधार करना;
  • उच्च शिक्षा संस्थानों के अंतर्राष्ट्रीयकरण (Internationalisation) के लिये रूपरेखा तैयार करना;
  • बेहतर मान्यता प्रणाली (Accreditation Systems), शिक्षा प्रौद्योगिकी के उपयोग, शासन सुधार और निवेशों में मात्रात्मक वृद्धि करना।

वित्तपोषण

  • यह परियोजना/प्रोजेक्ट उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (Higher Education Financing Agency-HEFA) के अलावा बाज़ार से अतिरिक्त बजटीय संसाधनों की उपलब्धता पर निर्भर होगी।

उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी

  • उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (Higher Education Financing Agency- HEFA) को वर्ष 2017 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय और केनरा बैंक के संयुक्त उद्यम (क्रमशः 91% और 9% के अनुपात में निवेश की भागीदारी) के रूप में शुरू किया किया गया था।
  • इसका उद्देश्य भारत में प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसकी स्‍थापना बाज़ार आधारित उपकरणों का इस्‍तेमाल करते हुए बाज़ार से धन का लाभ उठाने के लिये की गई है।
  • यह कंपनी अधिनियम (Companies Act) 2013 की धारा 8 अर्थात् गैर-लाभकारी (Not-for-profit) के तहत सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी और गैर-जमा (Non–deposit) के रूप में RBI के साथ NBFC-ND के रूप में पंजीकृत है।

स्रोत- द हिंदू

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