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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 31 Dec, 2021
  • 22 min read
प्रारंभिक परीक्षा

ARIIA 2021 रैंकिंग

हाल ही में शिक्षा मंत्रालय के नवचार प्रकोष्ठ ने संस्थानों की ‘नवोन्मेष उपलब्धियों पर संस्थानों की अटल रैंकिंग’ (ARIIA) 2021 की।

  • ARIIA का पहला संस्करण वर्ष 2019 में जारी हुआ था।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • यह छात्रों तथा संकायों के बीच "नवाचार और उद्यमिता विकास" से संबंधित संकेतकों पर भारत के सभी प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों को व्यवस्थित रूप से रैंक प्रदान करने के लिये शिक्षा मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की एक संयुक्त पहल है।
    • ARIIA नवाचारों की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करता है और राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इन नवाचारों द्वारा उत्पन्न वास्तविक प्रभाव को मापने का प्रयास करता है।
  • मूल्यांकन के मापदंड: ARIIA संस्थानों का मूल्यांकन निम्नलिखित मानकों पर करता है जैसे:
    • बजट और अनुदान सहायता
    • बुनियादी ढाँचा और सुविधाएँ
    • आइडिया जनरेशन और इनोवेशन के लिये जागरूकता, प्रचार और समर्थन
    • उद्यमिता विकास के लिये प्रोत्साहन और समर्थन
    • सीखने के अभिनव तरीके और पाठ्यक्रम
    • बौद्धिक संपदा सृजन, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और व्यावसायीकरण
    • संस्थान के शासन में नवाचार
  • रैंक वर्गीकरण:
    • रैंकिंग तकनीकी और गैर-तकनीकी दो श्रेणियों के तहत बनाई गई है।
      • तकनीकी श्रेणी में 5 उप-श्रेणियाँ शामिल हैं -
        • केंद्रीय वित्त पोषित तकनीकी संस्थान(CFTIs), केंद्रीय विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान
        • राज्य विश्वविद्यालय और डीम्ड विश्वविद्यालय (सरकारी और सरकारी द्वारा सहायता प्राप्त)
        • सरकारी कॉलेज/संस्थान (सरकारी और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त)
        • विश्वविद्यालय और डीम्ड विश्वविद्यालय (स्व-वित्त / निजी)
        • निजी कॉलेज/संस्थान (स्व-वित्त/निजी)
      • गैर-तकनीकी श्रेणी में दो उप-श्रेणियाँ शामिल हैं-
        • केंद्रीय वित्त पोषित संस्थान (CFIs)/ केंद्रीय विश्वविद्यालय/ राष्ट्रीय महत्त्व के गैर-तकनीकी संस्थान।
        • सामान्य (गैर-तकनीकी)।
  • वर्ष 2021 में उच्च रेंकिंग वाले संस्थान:
    • राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालय और सीएफटीआई (CFTIs):
      • IIT मद्रास के बाद IIT बॉम्बे और IIT दिल्ली का स्थान है।
    • सरकारी और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों में: पंजाब विश्वविद्यालय
    • सरकार और सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कॉलेज/संस्थान: इंजीनियरिंग कॉलेज पुणे
    • निजी या स्व-वित्तपोषित विश्वविद्यालय: कलिंग औद्योगिक प्रौद्योगिकी संस्थान, खोरधा
    • निजी या स्व-वित्तपोषित कॉलेज / संस्थान: जी एच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नागपुर
    • राष्ट्रीय महत्त्व के संस्थान, केंद्रीय विश्वविद्यालय और सीएफटीआई (गैर-तकनीकी): इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
    • सामान्य (गैर-तकनीकी): भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान
  • रैंकिंग का महत्त्व:
    • रैंकिंग निश्चित रूप से भारतीय संस्थानों को अपने परिसरों में उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिये अपनी मानसिकता को पुन: उन्मुख करने तथा पारितंत्र का निर्माण करने हेतु प्रेरित करेगी।
    • इसके अलावा, हाल ही में घोषित नई शैक्षिक नीति 2020 भी इन प्रयासों को अधिक प्रभावी और कुशल और लंबे समय में प्रभावशाली बनाएगी।
    • भारत ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स (GII) रैंकिंग में लगातार सुधार कर रहा है और अब यह वर्ष 2015 में 81वें स्थान से बढ़कर वर्ष 2021 में 46वें स्थान पर पहुंँच गया है। यह विश्व के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप हब के रूप में भी उभरा है।

उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों के लिये अन्य रैंकिंग.


प्रारंभिक परीक्षा

भारतीय पैंगोलिन

हाल ही में सॉफ्ट रिलीज़ प्रोटोकॉल का पालन और रिलीज के बाद की निगरानी के लिये प्रावधान के बाद नंदनकानन ज़ूलॉजिकल पार्क (ओडिशा) में एक रेडियो टैग भारतीय पैंगोलिन को छोड़ा गया।

  • रेडियो-टैगिंग में एक ट्रांसमीटर द्वारा किसी वन्यजीव की गतिविधियों पर नज़र रखी जाती है। इससे पहले कई वन्यजीवों जैसे- बाघ, तेंदुआ और प्रवासी पक्षियों को भी टैग किया जा चुका है।

Indian-Pangolin

प्रमुख बिंदु:

  • परिचय:

    • पैंगोलिन टेढ़े-मेढ़े एंटीटर स्तनधारी होते हैं और इनकी त्वचा को ढकने के लिये बड़े सुरक्षात्मक केराटिन स्केल्स होते हैं। ये इस विशेषता वाले एकमात्र ज्ञात स्तनधारी हैं।
    • यह इन केराटिन स्केल्स को कवच के रूप में इस्तेमाल करता है ताकि शिकारियों के खिलाफ खुद को एक गेंद की तरह लुढ़क कर खतरों से बचा जा सके है।
  • आहार:

    • कीटभक्षी-पैंगोलिन रात्रिचर होते हैं और इनका आहार मुख्य रूप से चीटियाँ तथा दीमक होते हैं, जिन्हें वे अपनी लंबी जीभ का उपयोग कर पकड़ लेते हैं।
  • प्रकार:

    • पैंगोलिन की आठ प्रजातियों में से भारतीय पैंगोलिन (Manis crassicaudata) और चीनी पैंगोलिन (Manis pentadactyla) भारत में पाए जाते हैं।
    • अंतर:
      • भारतीय पैंगोलिन एक विशाल एंटीटर है जो पीठ पर 11-13 पंक्तियों की धारियो वाले आवरण से ढका होता है।
      • भारतीय पैंगोलिन की पूँछ के निचले हिस्से पर एक टर्मिनल स्केल भी मौज़ूद होता है, जो चीनी पैंगोलिन में अनुपस्थित होता है।
  • प्राकृतिक वास:

    • भारतीय पैंगोलिन:
      • भारतीय पैंगोलिन व्यापक रूप से शुष्क क्षेत्रों, उच्च हिमालय एवं पूर्वोत्तर को छोड़कर शेष भारत में पाया जाता है। यह प्रजाति बांग्लादेश, पाकिस्तान, नेपाल और श्रीलंका में भी पाई जाती है।
    • चीनी पैंगोलिन
      • चीनी पैंगोलिन पूर्वी नेपाल में हिमालय की तलहटी क्षेत्र में, भूटान, उत्तरी भारत, उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश और दक्षिणी चीन में पाया जाता है।
  • भारत में पैंगोलिन को खतरा

    • पूर्व तथा दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, खासकर चीन एवं वियतनाम में इसके मांस का व्यापार तथा स्थानीय उपभोग (जैसे कि प्रोटीन स्रोत और पारंपरिक दवा के रूप में) हेतु अवैध शिकार इसके विलुप्त होने के प्रमुख कारण हैं।
    • ऐसा माना जाता है कि ये विश्व के ऐसे स्तनपायी हैं जिनका बड़ी मात्रा में अवैध व्यापार किया जाता है।
  • संरक्षण की स्थिति

    • अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) की रेड लिस्ट में इंडियन पैंगोलिन को संकटग्रस्त (Endangered), जबकि चीनी पैंगोलिन को गंभीर संकटग्रस्त (Critically Endangered) की श्रेणी में रखा गया है।
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 अनुसूची-I के तहत सूचीबद्ध।
    • CITES: सभी पैंगोलिन प्रजातियों को ‘लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन’ (CITES) के परिशिष्ट-I में सूचीबद्ध किया गया है।

नंदनकानन ज़ूलॉजिकल पार्क

  • यह ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से 15 किलोमीटर दूर स्थित है। इसका उद्घाटन वर्ष 1960 में किया गया था।
  • यह ‘वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ ज़ू एंड एक्वेरियम’ (WAZA) का सदस्य बनने वाला देश का पहला चिड़ियाघर है।
    • ‘वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ ज़ू एंड एक्वेरियम’ क्षेत्रीय संघों, राष्ट्रीय संघों, चिड़ियाघरों और एक्वेरियम का वैश्विक गठबंधन है, जो दुनिया भर में जानवरों और उनके आवासों की देखभाल और संरक्षण हेतु समर्पित है।
  • इसे भारतीय पैंगोलिन और सफेद बाघ के प्रजनन हेतु एक प्रमुख चिड़ियाघर के रूप में मान्यता प्राप्त है।
    • तेंदुए, माउस डियर, शेर, चूहे और गिद्ध भी यहाँ पाए जाते हैं।
  • यह दुनिया का पहला कैप्टिव मगरमच्छ प्रजनन केंद्र भी था, जहाँ वर्ष 1980 में घड़ियालों को रखा गया था।
  • नंदनकानन का राज्य वनस्पति उद्यान ओडिशा के अग्रणी पौधों के संरक्षण और प्रकृति शिक्षा केंद्रों में से एक है।

Wildlife_Sanctuaries_in_Odisha_drishtiias_hindi


प्रारंभिक परीक्षा

साहित्य अकादमी पुरस्कार

हाल ही में साहित्य अकादमी ने 20 भाषाओं में साहित्य अकादमी पुरस्कार 2021 की घोषणा की। साहित्य अकादमी ने वर्ष 2021 के लिये युवा पुरस्कार और बाल साहित्य पुरस्कार की भी घोषणा की है।

Sahitya_Akademi_Award

प्रमुख बिंदु:

  • परिचय:

    • साहित्य अकादमी पुरस्कार वर्ष 1954 में स्थापित, एक साहित्यिक सम्मान है। यह पुरस्कार साहित्य अकादमी (नेशनल एकेडमी ऑफ लेटर्स) द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
    • अकादमी द्वारा प्रत्येक वर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त 24 भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के साथ ही इन्हीं भाषाओं में परस्पर साहित्यिक अनुवाद के लिये भी पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
      • भारत के संविधान में शामिल 22 भाषाओं के अलावा साहित्य अकादमी ने अंग्रेज़ी तथा राजस्थानी को भी उन भाषाओं के रूप में मान्यता दी है जिसमें अकादमी के कार्यक्रम को लागू किया जा सकता है।.
    • साहित्य अकादमी पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान है।
  • पुरस्कार विजेता के चयन हेतु मानदंड:

    • लेखक के पास अनिवार्य रूप से भारतीय राष्ट्रीयता होनी चाहिये।
    • पुरस्कार के लिये पात्र पुस्तक/रचना का संबंधित भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान होना चाहिये।
    • जब दो या दो से अधिक पुस्तकों के लिये समान योग्यता पाई जाती है, तो पुरस्कार की घोषणा हेतु कुछ निश्चित मानदंडों जैसे- साहित्य के क्षेत्र में कुल योगदान तथा लेखकों की स्थिति/प्रतिष्ठा आदि को ध्यान में रखा जाता है।
  • अन्य साहित्य अकादमी पुरस्कार:

    • साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार लेखकों द्वारा बाल साहित्य में उनके योगदान के आधार पर दिया जाता है और पुरस्कार वर्ष से तुरंत पहले के पाँच वर्षों के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों से संबंधित है।
    • साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार 35 वर्ष और उससे कम आयु के लेखक द्वारा प्रकाशित पुस्तकों से संबंधित है।

ज्ञानपीठ पुरस्कार:

  • ज्ञानपीठ पुरस्कार भारत में सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार है और इसे केवल एक भारतीय नागरिक को प्रतिवर्ष प्रदान किया जा सकता है।
  • भारतीय संविधान (8 वीं अनुसूची) में उल्लिखित अन्य भाषाओं के साथ अंग्रेज़ी में भी यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
  • इस पुरस्कार के अंतर्गत 11 लाख रुपए की नकद राशि, एक प्रशस्ति पत्र और ज्ञान की देवी वाग्देवी (सरस्वती) की एक कांस्य प्रतिकृति प्रदान की जाती है।
  • यह सांस्कृतिक संगठन भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रायोजित है।
  • वर्ष 2018 में लेखक अमिताव घोष ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता बनने वाले पहले अंग्रेजी भाषा के लेखक बने।
  • मलयालम भाषा के अक्कीतम अच्युतन नंबूदिरी को वर्ष 2019 में ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था।

स्रोत: द हिंदू


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 31दिसंबर, 2021

‘क्वांटम कंप्यूटिंग प्रयोगशाला और ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र’

हाल ही में भारतीय सेना ने मध्य प्रदेश के महू में स्थित एक सैन्य इंजीनियरिंग संस्थान में एक ‘क्वांटम कंप्यूटिंग’ प्रयोगशाला और ‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता केंद्र’ स्थापित किया है। ये दोनों केंद्र सशस्त्र बलों द्वारा उपयोग हेतु परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकियों के विकास में व्यापक शोध करेंगे। इस केंद्र का गठन ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद’ (NSC) के सहयोग से किया गया है। क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सेना द्वारा किये गए शोध से संचार के क्षेत्र में प्रगति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी और यह क्रिप्टोग्राफी की वर्तमान प्रणाली को पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी में बदलने में भी मददगार साबित होगा। ये केंद्र मुख्य तौर पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन, क्वांटम संचार और क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में कार्य करेंगे। गौरतलब है कि भारतीय सेना उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में लगातार महत्त्वपूर्ण प्रगति कर रही है। अत्याधुनिक साइबर रेंज और साइबर सुरक्षा प्रयोगशालाओं के माध्यम से सैन्यकर्मियों को साइबर युद्ध के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ध्यातव्य है कि 'राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद' (NSC) एक त्रिस्तरीय संगठन है, जो सामरिक चिंता के राजनीतिक, आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे मुद्दों का प्रबंधन करता है। 'राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार' (NSA) 'राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद' की अध्यक्षता करता है और वे प्रधानमंत्री का प्राथमिक सलाहकार भी होता है। वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं।

नगालैंड में छह माह के लिये ‘AFSPA’ का विस्तार

हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने समग्र नगालैंड में ‘सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम’ (AFSPA) को छह माह अतिरिक्त समयावधि के लिये विस्तारित कर दिया है। पिछली बार ऐसा विस्तार इसी वर्ष जून माह में किया गया था। यह अधिनियम वर्ष 1958 से पूर्वोत्तर क्षेत्रों में लागू है जो सशस्त्र बलों और ‘अशांत क्षेत्रों’ में तैनात ‘केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों’ को कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने, गिरफ्तारी करने और वारंट के बिना किसी भी परिसर की तलाशी लेने का अधिकार देता है। साथ ही यह सुरक्षा बलों को अभियोजन और कानूनी मुकदमों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। AFSPA के तहत केंद्र सरकार राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर किसी राज्य या क्षेत्र को अशांत घोषित कर वहाँ केंद्रीय सुरक्षा बलों को तैनात करती है। केंद्र सरकार किसी क्षेत्र को विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, भाषायी, क्षेत्रीय समूहों, जातियों, समुदायों के बीच मतभेद या विवादों के चलते अशांत घोषित करती है।

झांसी स्टेशन का नाम परिवर्तन

उत्तर प्रदेश सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘वीरांगना लक्ष्मीबाई’ रेलवे स्टेशन कर दिया है। केंद्र सरकार की मंज़ूरी के बाद राज्य सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। इससे पूर्व ‘मुगलसराय’ रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर ‘पंडित दीन दयाल उपाध्याय’ रेलवे स्टेशन कर दिया गया था। ध्यातव्य है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बीते कुछ समय में कई स्थानों और रेलवे स्टेशनों के नाम परिवर्तित किये गए हैं, जिसमें इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किया जाना भी शामिल है। गौरतलब है कि रानी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर, 1828 को वाराणसी के एक मराठी परिवार में हुआ था तथा इनके बचपन का नाम ‘मणिकर्णिका’ था। वर्ष 1842 में 14 वर्ष की उम्र में इनका विवाह झाँसी के महाराजा गंगाधर राव के साथ कर दिया गया उसके बाद से इन्हें लक्ष्मीबाई के नाम से जाना गया। रानी लक्ष्मीबाई ने वर्ष 1857 की क्रांति में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

तमिलनाडु की महिला संबंधी राज्य नीति

तमिलनाडु सरकार के तहत ‘समाज कल्याण और महिला अधिकारिता विभाग’ ने महिलाओं के लिये नीति का नया मसौदा जारी किया है। इस नीति के तहत तमिलनाडु सरकार राज्य में 3.2 करोड़ महिला आबादी को सशक्त बनाने हेतु एक सुरक्षित, स्वस्थ एवं आकांक्षात्मक वातावरण प्रदान करेगी। विभागों के बीच परिचालन समन्वय के माध्यम से इस लक्ष्य की दिशा में काम करने हेतु दोनों लिंगों को नीति निर्धारण प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। भारत में अपनी तरह की यह पहली नीति तमिलनाडु में महिलाओं की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु आगामी महिला योजनाओं के लिये एजेंडा निर्धारित करेगी। इस नीति को पाँच वर्ष की अवधि में क्रियान्वित किया जाएगा।


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