प्रारंभिक परीक्षा
वाल्मिकी टाइगर रिज़र्व में बाघों की संख्या में वृद्धि
स्रोत: डाउन टू अर्थ
हाल ही में राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने आधिकारिक तौर पर वाल्मिकी टाइगर रिज़र्व (VTR) में बाघों की आबादी में वृद्धि की घोषणा की।
- इसमें बड़ी बिल्लियों की संख्या में 31 (वर्ष 2018) से 54 (वर्ष 2023) तक की वृद्धि देखी गई।
- बिहार सरकार कैमूर वन्यजीव अभयारण्य को VTR के बाद राज्य का दूसरा व्याघ्र अभयारण्य घोषित करने के लिये NTCA की मंज़ूरी मिलने का इंतज़ार कर रही है।
VTR में बाघों की संख्या क्यों बढ़ी है?
- VTR के अंदर रेत और पत्थर के खनन पर पूर्ण प्रतिबंध और इसके पर्यावरण-सुभेद्य क्षेत्र में खनन पर सख्त प्रतिबंधों से घास के मैदान को विकसित करने में मदद मिली।
- इस प्रकार घास के मैदान के आवरण में वृद्धि से शिकारी जंतुओं की आबादी को सहारा देने में मदद मिलती है, जिससे मांसाहारियों के जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है।
- यह रिज़र्व स्थानीय निवासियों के बीच जागरूकता बढ़ाकर और मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिये क्षेत्र में तथा उसके आसपास खनन गतिविधियों की निगरानी कर बाघों के प्रबंधन व रखरखाव के लिये समर्पित है।
- NTCA ने रिज़र्व को 'बहुत अच्छा (Very Good)' श्रेणी में रखा है।
वाल्मिकी टाइगर रिज़र्व (VTR) से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं?
- VTR बिहार का एकमात्र बाघ अभयारण्य/टाइगर रिज़र्व है, जो भारत में हिमालय के तराई वनों की सबसे पूर्वी सीमा का निर्माण करता है।
- VTR बिहार के पश्चिम चंपारण ज़िले में स्थित है जो उत्तर में नेपाल तथा पश्चिम में उत्तर प्रदेश के साथ सीमा साझा करता है।
- गंगा के मैदानी जैव-भौगोलिक क्षेत्र में स्थित इस टाइगर रिज़र्व की वनस्पति भाबर तथा तराई क्षेत्रों का संयोजन है।
- भारतीय वन सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021 के अनुसार, इसके कुल क्षेत्रफल का 85.71% भाग वनाच्छादित है।
- वाल्मिकी टाइगर रिज़र्व के वनों में पाए जाने वाले वन्य स्तनधारियों में बाघ, स्लॉथ भालू, तेंदुआ, जंगली कुत्ता, बाइसन, जंगली सूअर आदि शामिल हैं।
- गंडक, पंडई, मनोर, हरहा, मसान तथा भपसा नदियाँ इस अभ्यारण्य के विभिन्न हिस्सों से प्रवाहित होती हैं।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) क्या है?
- परिचय:
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की अनुशंसाओं के साथ की गई थी।
- बाघ संरक्षण के सशक्तीकरण के लिये वर्ष 2006 में संशोधित वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के सक्षम प्रावधानों के तहत इसे गठित किया गया था।
- उद्देश्य:
- प्रोजेक्ट टाइगर को वैधानिक अधिकार प्रदान करना ताकि इसके निर्देशों का कानूनी तौर पर अनुपालन हो।
- हमारे संघीय ढाँचे के भीतर राज्यों के साथ समझौता ज्ञापन के लिये आधार प्रदान करके, टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन में केंद्र-राज्य की जवाबदेही को बढ़ावा देना।
- संसद द्वारा निगरानी सुनिश्चित करना।
- टाइगर रिज़र्व के आसपास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की आजीविका संबंधी हितों को संबोधित करना।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित आरक्षित क्षेत्रों पर विचार कीजिये: (2012) 1- बांदीपुर उपर्युक्त में से कौन-से बाघ आरक्षित क्षेत्र घोषित हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न. पारिस्थितिक दृष्टिकोण से पूर्वी घाटों और पश्चिमी घाटों के बीच एक अच्छा संपर्क होने के रूप में निम्नलिखित में से किसका महत्त्व अधिक है? (2017) (a) सत्यमंगलम बाघ आरक्षित क्षेत्र (सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व) उत्तर: (a) |
प्रारंभिक परीक्षा
मैग्नेटर्स से संबंधित एस्ट्रोसैट की खोज
स्रोत: पी.आई.बी.
एस्ट्रोसैट, भारत की पहली मल्टी-वेवलेंथ अंतरिक्ष-आधारित वेधशाला ने एक अल्ट्राहाई चुंबकीय क्षेत्र (मैग्नेटर) के साथ एक नए और अद्वितीय न्यूट्रॉन तारे से चमकीला मिली सेकंड एक्स-रे विस्फोट का पता लगाया है।
- वैज्ञानिकों ने एस्ट्रोसैट पर लगे दो उपकरणों का उपयोग करके इस मैग्नेटर का समय और वर्णक्रमीय विश्लेषण किया:
- लार्ज एरिया एक्स-रे प्रपोर्सन काउंटर (LAXPC) और सॉफ्ट एक्स-रे दूरबीन (SXT)।
मैग्नेटर क्या हैं?
- मैग्नेटर न्यूट्रॉन तारे होते हैं जिनका चुंबकीय क्षेत्र अति उच्च होता है जो स्थलीय चुंबकीय क्षेत्र (पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से एक-चौथाई गुना अधिक प्रबल) से कहीं अधिक प्रबल होता है।
- मैग्नेटर्स द्वारा उत्सर्जित उच्च-ऊर्जा विद्युत चुंबकीय विकिरण उनके शक्तिशाली चुंबकीय क्षेत्रों के क्षय के परिणामस्वरूप होता है।
- ये प्रबल अस्थायी परिवर्तनशीलता प्रदर्शित करते हैं, जिसमें आमतौर पर धीमी गति से घूमना, तेज़ी से स्पिन-डाउन, उज्ज्वल लेकिन छोटे विस्फोट तथा महीनों तक चलने वाले विस्फोट शामिल हैं।
- ऐसा ही एक मैग्नेटर, जिसे SGR J1830-0645 कहा जाता है, अक्तूबर 2020 में NASA के स्विफ्ट अंतरिक्ष यान द्वारा खोजा गया था।
- यह अपेक्षाकृत युवा (लगभग 24,000 वर्ष) और एक पृथक न्यूट्रॉन तारा है।
नोट: न्यूट्रॉन तारा एक सघन तथा संहत तारकीय पिण्ड है जो सुपरनोवा विस्फोट के बाद एक विशाल तारे के क्रोड के अवशेषों से निर्मित होता है। ये तारे ब्रह्मांड में ज्ञात सबसे घने पिंडों में से हैं, जो एक विशाल द्रव्यमान को अपेक्षाकृत छोटे आकार में समेटते हैं।
- वर्ष 1967 में पल्सर की खोज ने न्यूट्रॉन तारों के अस्तित्व का पहला साक्ष्य प्रदान किया। पल्सर वे न्यूट्रॉन तारे हैं जो प्रत्येक घूर्णन में एक बार विकिरण के स्पंदन उत्सर्जित करते हैं।
एस्ट्रोसैट क्या है?
- परिचय: एस्ट्रोसैट (AstroSat) पहला समर्पित भारतीय खगोल विज्ञान मिशन है जिसका उद्देश्य एक्स-रे, ऑप्टिकल तथा UV स्पेक्ट्रल बैंड में आकाशीय स्रोतों का एक साथ अध्ययन करना है।
- इसे सितंबर 2015 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से PSLV-C30 द्वारा लॉन्च किया गया था।
- ISTRAC बंगलूरू में स्थित मिशन संचालन केंद्र एस्ट्रोसैट के संचालन के कार्य का प्रबंधन करता है।
पेलोड:
- एस्ट्रोसैट की प्रमुख वैज्ञानिक टिप्पणियाँ:
- गैस धाराओं में बनते हुए धब्बेदार तारे, आकाशगंगा समूहों के व्यवहार के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।
- इसे एंड्रोमेडा गैलेक्सी के उभार में 75,000 से अधिक युवा तारे मिले, जो कि पहली खोज थी।
- बाइनरी सिस्टम में ब्लैक होल को LAXPC और SXT पेलोड द्वारा अधिकतम संभव तेज़ी के साथ घूमते हुए देखा गया।
सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. हाल ही में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से अरबों प्रकाश-वर्ष दूर विशालकाय ‘ब्लैक होल्स के विलय का प्रेक्षण किया। इस प्रेक्षण का क्या महत्त्व है? (a) हिग्स बोसॉन कणों का अभिज्ञान हुआ। उत्तर: (b) |
प्रारंभिक परीक्षा
विवादित फारस की खाड़ी द्वीप समूह
ईरान और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच तनाव तब बढ़ गया जब मोरक्को में छठे अरब-रूसी सहयोग मंच में जारी एक संयुक्त बयान को लेकर फारस की खाड़ी में तीन विवादित द्वीपों पर ईरान के दावों को चुनौती दी गई।
- रूस और अरब देशों द्वारा हस्ताक्षरित एक संयुक्त बयान में विवादित द्वीपों पर ईरान-UAE संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया गया है। इसके प्रत्युत्तर में ईरान द्वारा संयुक्त बयान के खिलाफ अपना विरोध व्यक्त करने के लिये रूसी दूत को बुलाया गया।
फारस की खाड़ी के द्वीपों पर क्या विवाद है?
- इस विवाद में रणनीतिक होर्मुज़ जलडमरूमध्य में तीन द्वीप शामिल हैं, अर्थात् ग्रेटर टुनब, लेसर टुनब और अबू मूसा।
- ईरान का दावा है कि ये द्वीप प्राचीन काल से ही फारसी राज्यों का हिस्सा रहे हैं, जब तक कि 20वीं शताब्दी के प्रारंभ में उन पर ब्रिटिश का कब्ज़ा नहीं हो गया।
- वर्ष 1971 में ब्रिटिश सेना का नियंत्रण हटने के बाद ईरान ने तीन द्वीपों पर नियंत्रण कर लिया। वह उन्हें अपने क्षेत्र का "अविभाज्य" हिस्सा मानता है।
- इसके अनुसार इसका संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरातों में से एक शारजाह के साथ एक समझौता हुआ जो इसे अबू-मूसा को प्रशासित करने तथा वहाँ सैनिकों को तैनात करने का अधिकार देता है।
- UAE विवादित द्वीपों पर स्वामित्व का दावा करता है तथा रास अल-खैमाह (UAE स्थित शहर) ग्रेटर तथा लेसर ट्यून्स पर दावा करता है एवं शारजाह अबू मूसा पर दावा करता है।
- UAE का तर्क है कि ईरान ने 1971 में अमीरात फेडरेशन के गठन से ठीक पहले रास अल-खैमा से द्वीपों पर ज़बरन कब्ज़ा कर लिया था।
फारस की खाड़ी
- फारस की खाड़ी हिंद महासागर में एक उथला समुद्र है जो अरब प्रायद्वीप और दक्षिण-पश्चिमी ईरान की सीमा पर है। इसे अरब की खाड़ी के नाम से भी जाना जाता है।
- फारस की खाड़ी की सीमा ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब, बहरीन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान से लगती है।
- फारस की खाड़ी होर्मुज़ जलडमरूमध्य द्वारा ओमान की खाड़ी से जुड़ी हुई है।
- होर्मुज़ जलडमरूमध्य उत्तर में केशम द्वीप और ईरानी तट तथा दक्षिण में अरब प्रायद्वीप के मुसंदम प्रायद्वीप के बीच स्थित है।
- फारस की खाड़ी के देश कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के प्रमुख उत्पादक हैं।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 दिसंबर, 2023
मेडटेक मित्र: भारत के स्वास्थ्य सेवा नवाचारों में क्रांति लाना
हाल ही में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मेडटेक (MedTech) इनोवेटर्स को सशक्त बनाने और हेल्थकेयर समाधानों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक परिवर्तनकारी मंच 'मेडटेक मित्र' लॉन्च किया है।
- महत्त्वाकांक्षी MedTech देश की युवा प्रतिभाओं को उनके शोध को अंतिम रूप देने और नियामक अनुमोदन प्राप्त करने में मदद करेगा।
- इसका उद्देश्य नवाचार और सेवा को सुव्यवस्थित करना है, ताकि आयातित चिकित्सा उपकरणों पर देश की निर्भरता, जो वर्तमान में 80% है, कम हो सके।
- मेडटेक का तात्पर्य "मेडिकल टेक्नोलॉजी" से है, जिसमें स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में उपयोग किये जाने वाले तकनीकी नवाचारों, उपकरणों और समाधानों की एक विस्तृत शृंखला शामिल है।
- मेडटेक के उदाहरणों में MRI मशीन, पेसमेकर, इंसुलिन पंप और सर्जिकल उपकरण शामिल हैं।
और पढ़ें… फार्मा मेडटेक सेक्टर के लिये नीतिगत पहल
PT प्रशिक्षक शिक्षक की श्रेणी में आते हैं : सर्वोच्च न्यायालय
सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में माना कि शारीरिक प्रशिक्षण प्रशिक्षक (PTI) "शिक्षकों" की श्रेणी में आते हैं, हालाँकि आवश्यक नहीं कि वे किसी भवन की चारदीवारी के भीतर कक्षाएँ संचालित करें।
- क्रीड़ा गतिविधियों का आयोजन, क्रीड़ा सुविधाओं का प्रबंधन तथा टूर्नामेंटों की देख-रेख सहित एक भौतिक निदेशक की बहुमुखी ज़िम्मेदारियों पर प्रकाश डालते हुए न्यायालय ने PTI की भूमिका के अंतर्निहित शैक्षिक पहलुओं को रेखांकित किया।
- सर्वोच्च न्यायालय एक ऐसे मामले की सुनवाई कर रहा था जिसमें एक क्रीड़ा अधिकारी/PTI ने विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्ति आयु नीति का विरोध करते हुए अन्य शिक्षण संकाय सदस्यों के साथ समानता की मांग की थी।
कुदुम्बश्री ने चवित्तुनाटकम का प्रदर्शन किया
कुदुम्बश्री मिशन के कुल 504 सदस्यों ने विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने के लिये चवित्तुनाटकम प्रदर्शन में भाग लिया।
- चवित्तुनाटकम के प्रदर्शन में कुदुम्बश्री मिशन की कहानी बताई गई, जिसे वर्ष 1998 में पीपुल्स प्लान अभियान के तहत स्थापित किया गया था।
- मिशन को गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम के रूप में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य गरीबी के अंतर-पीढ़ीगत संचरण को समाप्त करना था और महिला सशक्तीकरण आंदोलन में इसके विकास को मंच पर महिलाओं द्वारा चवित्तुनाटकम प्रदर्शन के साथ सभी नाटकों के साथ सुनाया गया था।
- चवित्तुनाटकम एक नाट्य शैली है जिसका मध्य केरल के तटीय ज़िलों में प्रदर्शन किया जाता है।
- कुदुम्बश्री प्रदर्शन ने विश्व प्रतिभा रिकॉर्ड भी जीता।
- इसका आयोजन राष्ट्रीय सरस मेला- 2023 को लोकप्रिय बनाने के अभियान के हिस्से के रूप में किया गया था।
- महिलाओं को सशक्त बनाने एवं स्वयं सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बाज़ार में स्थापित करने के उद्देश्य से सरस मेला का आयोजन किया गया है।
- इसका आयोजन राष्ट्रीय सरस मेला- 2023 को लोकप्रिय बनाने के अभियान के हिस्से के रूप में किया गया था।
और पढ़ें… स्वयं सहायता समूह कुदुम्बश्री
सिमलीपाल टाइगर रिज़र्व में ब्लैक टाइगर
भारत सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया कि भारत में 10 ब्लैक टाइगर (मेलेनिस्टिक बाघ) हैं, जिनमें से सभी विशेष रूप से ओडिशा के सिमलीपाल बाघ अभयारण्य में पाए जाते हैं।
- ब्लैक टाइगर, बंगाल टाइगर की ही दुर्लभ रंग-रूप की प्रजाति है और यह कोई विशिष्ट प्रजाति या भौगोलिक उप-प्रजाति नहीं है। उसके शरीर पर कोट या धारियों का रंग एवं पैटर्न बिल्कुल जंगली बिल्लियों की तरह गहरा होता है जो ट्रांसमेम्ब्रेन एमिनोपेप्टिडेज़ क्यू (ताकपेप) (Transmembrane Aminopeptidase Q (Taqpep) जीन में एक उत्परिवर्तन के कारण दिखाई देता है। ऐसे बाघों में असामान्य रूप से गहरे या काले रंग के कोट को छद्म मेलेनिस्टिक या कृत्रिम रंग भी कहा जाता है।
- आधिकारिक रूप से टाइगर रिज़र्व के लिये सिमिलिपाल टाइगर रिज़र्व का चयन वर्ष 1956 में किया गया था, जिसको वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर (Project Tiger) के अंतर्गत लाया गया। भारत सरकार ने जून 1994 में इसे एक बायोस्फीयर रिज़र्व क्षेत्र घोषित किया था।
- यह बायोस्फीयर रिज़र्व यूनेस्को के विश्व नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है। यह सिमलीपाल-कुलडीहा-हदगढ़ हाथी रिज़र्व का हिस्सा है, जिसे मयूरभंज एलीफेंट रिज़र्व के नाम से जाना जाता है।
- सिमलीपाल वन्यजीवों से समृद्ध है, यहाँ बाघ, हाथी, विभिन्न पक्षी और उभयचर प्रजातियाँ हैं।
- दो जनजातियाँ, एरेंगा खरियास और मैनकिर्डियास, सिमलीपाल में निवास करती हैं और पारंपरिक कृषि गतिविधियों में संलग्न हैं।
और पढ़ें…ब्लैक टाइगर