मनी स्पाइडर, एंट-मिमिकिंग स्पाइडर की खोज
आमतौर पर यूरोपीय घास के मैदानों में पाए जाने वाले मनी स्पाइडर को देश में पहली बार वायनाड वन्यजीव अभयारण्य के मुथंगा रेंज देखा गया है।
- क्राइस्ट कॉलेज (केरल) के शोधाकर्त्ताओं ने मुथंगा रेंज से जंपिंग स्पाइडर के समूह से संबंधित एंट-मिमिकिंग मकड़ियों की भी खोज की है।
प्रमुख बिंदु
मनी स्पाइडर के बारे में:
- मनी स्पाइडर जीनस प्रोसोपोनोइड्स (Prosoponoides) के अंतर्गत बौने मकड़ियों (Linyphiidae) के परिवार से संबंधित है।
- अब तक दुनिया भर में इस जीनस से संबंधित मकड़ियों की केवल छह प्रजातियों की पहचान की गई है।
- इसे Prosoponoides biflectogynus नाम दिया गया है।
- नर और मादा मनी मकड़ियांँ आमतौर पर क्रमशः 3 मिमी से 4 मिमी लंबी होते हैं।
- नर और मादा दोनों गहरे भूरे रंग के होते हैं और अंडाकार पेट पर अनियमित सिल्वर और काले रंग के धब्बे होते हैं।
- उनके ओलिव-ग्रीन पैरों पर कई बारीक काले काँटें होते हैं।
- आठ काले रंग की आँखें दो पंक्तियों में व्यवस्थित होती हैं।
- मादाएंँ सूखे पेड़ की टहनियों के बीच त्रिकोणीय जाले बनाती हैं और छोटे कीड़ों को खाती हैं, जबकि नर सूखी पत्तियों के नीचे छिपना पसंद करते हैं।
- दो या दो से अधिक नरों को एक मादा मकड़ी के जाल में पाया जा सकता है।
एंट-मिमिकिंग स्पाइडर:
- एंट- मिमिकिंग स्पाइडर को टोक्सियस अल्बोक्लेवस नाम दिया गया है।
- ये साल्टिसिडे (Salticidae ) परिवार से संबंधित हैं।
- इस प्रजाति के नर और मादा मकड़ियाँ क्रमशः 4 मिमी और 6 मिमी तक लंबी होती हैं।.
- मादाओं के गहरे भूरे रंग के पेट पर सफेद धारियों की एक जोड़ी उन्हें इस समूह के अन्य मकड़ियों (कूदने वाली मकड़ियों) से अलग बनाती है।
- प्रजाति के नर की विशेषता भूरे रंग के मस्तक क्षेत्र और सफेद बालों के साथ काले वक्ष होते हैं।
- इन मकड़ियों में आगे की ओर निकले नुकीले दांत (fangs) में एंटलर के आकार की विशेषताएँ होती हैं।
- इनके प्रत्येक पैर के आधार पर लंबी रीढ़ मौजूद होती है।
वायनाड वन्यजीव अभयारण्य:
- केरल में स्थित वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (WWS) नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व का एक अभिन्न अंग है। इसकी स्थापना वर्ष 1973 में हुई थी।
- नीलगिरि बायोस्फीयर रिज़र्व यूनेस्को द्वारा नामित वर्ल्ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व में शामिल होने वाला भारत का पहला बायोस्फीयर रिज़र्व था (2012 में नामित)।
- इस रिज़र्व के अंतर्गत आने वाले अन्य वन्यजीव उद्यानों में मुदुमलाई वन्यजीव अभयारण्य, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान, मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान और साइलेंट वैली शामिल हैं।
- 344.44 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला हुआ वायनाड वन्यजीव अभयारण्य कर्नाटक के नागरहोल और बांदीपुर तथा तमिलनाडु के मुदुमलाई के बाघ अभयारण्यों से जुड़ा हुआ है।
- काबिनी नदी (कावेरी नदी की एक सहायक नदी) इस अभयारण्य से होकर बहती है।
- यहाँ पाए जाने वाले वन प्रकारों में दक्षिण भारतीय नम पर्णपाती वन, पश्चिमी तटीय अर्द्ध-सदाबहार वन और सागौन, नीलगिरि/यूकेलिप्टस तथा ग्रेवेलिया के जंगल शामिल हैं।
- यहाँ हाथी, गौर, बाघ, चीता, सांभर, चित्तीदार हिरण, जंगली सूअर, स्लॉथ बियर, नीलगिरि लंगूर, बोनट मकाक, सामान्य लंगूर, मालाबार विशाल गिलहरी आदि प्रमुख स्तनधारी पाए जाते हैं।
स्रोत: द हिंदू
'टॉम्ब ऑफ सैंड' ने जीता अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
'टॉम्ब ऑफ सैंड' किसी भारतीय भाषा में लिखी गई पहली पुस्तक बन गई है जिसे अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- मूल रूप से हिंदी में रेत समाधि के रूप में प्रकाशित पुस्तक लेखक गीतांजलि श्री द्वारा लिखी गई है और डेज़ी रॉकवेल द्वारा अंग्रेज़ी में अनुवादित है।
- यह किताब एक 80 वर्षीय महिला की कहानी बताती है जो अपने पति की मृत्यु के बाद एक गहरे अवसाद का अनुभव करती है। आखिरकार, वह अपने अवसाद को दूर करती है और अंततः अतीत का सामना करने के लिये पाकिस्तान का दौरा करने का फैसला करती है जिसे उसने विभाजन के दौरान पीछे छोड़ दिया था।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार:
- अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार वार्षिक रूप से किसी एक पुस्तक को प्रदान किया जाता है जिसका अंग्रेज़ी में अनुवाद किया गया हो और यूके या आयरलैंड में प्रकाशित किया गया हो।
- अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2005 में मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के रूप में हुई।
- इस पुरस्कार का उद्देश्य विश्व भर के उच्च-गुणवत्ता वाले उपन्यासों को अधिक से अधिक पढ़ने को प्रोत्साहित करना है।
- हालाँकि इसका यूके में पहले से ही काफी प्रभाव पड़ा है।
- अनुवादकों के महत्त्वपूर्ण काम का जश्न मनाया जाता है जिसमें 50,000 पाउंड की पुरस्कार राशि लेखक और अनुवादक के बीच समान रूप से विभाजित होती है।
- प्रत्येक शॉर्टलिस्ट किये गए लेखक और अनुवादक को भी 2,500 पाउंड प्राप्त होते हैं।
- उपन्यास और लघु कथाओं के संग्रह दोनों ही इसके लिये पात्र हैं।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 मई, 2022
भारत ड्रोन महोत्सव 2022
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्न मोदी आज (27 मई, 2022) नई दिल्ली के प्रगति मैदान में भारत के सबसे बड़े ड्रोन उत्सव– भारत ड्रोन महोत्सव 2022 का उद्घाटन करेंगे। भारत ड्रोन महोत्सव 2022 दो दिवसीय कार्यक्रम है, जो 27 और 28 मई को आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में सरकारी अधिकारियों, विदेशी राजनयिकों, सशस्त्र बलों, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, निजी कंपनियों और ड्रोन स्टार्टअप आदि सहित 1600 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। प्रदर्शनी में 70 से अधिक प्रदर्शक ड्रोन के विभिन्न उपयोगों का प्रदर्शन करेंगे। महोत्सव में अन्य कार्यक्रमों के अलावा ड्रोन पायलट प्रमाणपत्र का वर्चुअल वितरण, उत्पादों की लॉचिंग, पेनल चर्चा, उड़ान प्रदर्शन, मेड इन इंडिया ड्रोन टैक्सी प्रोटोटाइप की प्रदर्शनी आदि को भी शामिल किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास 'टॉम्ब ऑफ सैंड' को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला है। 'टॉम्ब ऑफ सैंड' प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाला किसी भी भारतीय भाषा से अनुवादित पहला उपन्यास है। हिंदी भाषा के इस उपन्यास का अनुवाद किया गया है। गीतांजलि श्री न केवल हिंदी की पहली पुरस्कार विजेता हैं, बल्कि यह पहली बार है कि किसी भारतीय भाषा में लिखी गई पुस्तक ने बुकर पुरस्कार जीता है। इस उपन्यास का अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया था। 'टॉम्ब ऑफ सैंड' ने 135 किताबों के बीच प्रतिस्पर्द्धा के बाद यह पुरस्कार जीता है। गीतांजलि श्री तीन उपन्यासों और कई लघु कहानी संग्रहों की लेखिका हैं। 'टॉम्ब ऑफ सैंड' ब्रिटेन में प्रकाशित उनकी पहली पुस्तक है। डेजी रॉकवेल अमेरिका के वर्मोंट में रहने वाली चित्रकार, लेखिका और अनुवादक हैं। उन्होंने हिंदी तथा उर्दू साहित्य की कई रचनाओं का अनुवाद किया है। ज्ञात हो कि ‘अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार’ अंग्रेज़ी भाषा के प्रतिष्ठित ‘बुकर पुरस्कार’ के समकक्ष हैं। ‘अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार’ अंग्रेज़ी भाषा से इतर अन्य भाषाओं में कार्य करने वाले लेखकों पर केंद्रित है और इसके तहत प्राप्त 50 हज़ार पाउंड यानी 44 लाख रुपए की धनराशि को अनुवादक एवं लेखक के मध्य विभाजित किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (पूर्ववर्ती मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार) मूल बुकर पुरस्कार के हिस्से के रूप में वर्ष 2005 में शुरू किया गया था।
पंडित जवाहरलाल नेहरू
27 मई, 2022 को भारतीय प्रधानमंत्री ने पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 27 मई, 2022 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 58वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। भारत से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे इंग्लैंड चले गए और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1912 में वे भारत लौटे तथा राजनीति से जुड़ गए। वर्ष 1912 में उन्होंने एक प्रतिनिधि के रूप में बांकीपुर सम्मेलन में भाग लिया एवं वर्ष 1919 में इलाहाबाद के होमरूल लीग के सचिव बने। पंडित नेहरू सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी के महासचिव बने। वर्ष 1929 में वे भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के लाहौर सत्र के अध्यक्ष चुने गए जिसका मुख्य लक्ष्य देश के लिये पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था। उन्हें वर्ष 1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह एवं कई अन्य आंदोलनों के कारण कई बार जेल जाना पड़ा। नेहरू जी सर्वप्रथम वर्ष 1916 के लखनऊ अधिवेशन में महात्मा गांधी के संपर्क में आए और गांधी जी से काफी अधिक प्रभावित हुए। नेहरू जी बच्चों से काफी अधिक प्रेम करते थे, जिसके कारण देश भर में प्रत्येक वर्ष नेहरू जी के जन्म दिवस (14 नवंबर) को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित नेहरू को कॉन्ग्रेस द्वारा स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। चीन से युद्ध के बाद नेहरू जी के स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी और 27 मई, 1964 को उनकी मृत्यु हो गई।
विनय सक्सेना
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का उप-राज्यपाल नियुक्त किया है। यह जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना में दी गई। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सक्सेना वर्तमान में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन ‘खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग’ के अध्यक्ष हैं। विनय सक्सेना गुजरात में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक रूप से राहत कार्य करने वाले संगठन ‘नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज़’ के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं। सक्सेना को अक्तूबर 2015 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 18 मार्च, 2019 को भारत के राष्ट्रपति ने सक्सेना को तीन वर्ष के लिये जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के “विश्वविद्यालय न्यायालय के सदस्य” के रूप में नियुक्त किया। 9 सितंबर, 2020 को उन्हें वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी के “रिसर्च काउंसिल” में नियुक्त किया गया। भारत सरकार ने उन्हें नवंबर 2020 में वर्ष 2021 के लिये पद्म पुरस्कार चयन समिति के सदस्य के रूप में नामित किया। 5 मार्च, 2021 को उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ मनाने के लिये राष्ट्रीय समिति में नामित किया गया था।