प्रिलिम्स फैक्ट्स (27 Feb, 2024)



परहयाले ओडियन

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

ओडिशा के बरहमपुर विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं ने चिल्का झील में समुद्री एम्फिपोड की एक नई प्रजाति की खोज की। ओडिशा की मूल भाषा, जो कि उड़िया है, के नाम पर इसका नाम परहयाले ओडियन (Parhyale Odian) रखा गया है।

एम्फिपोड क्या हैं?

  • एम्फिपोड्स क्रस्टेशिआई मैलाकोस्ट्रैकन (Malacostracan Crustaceans) का एक विविध समूह है जिसका अर्थ है कि उनमें केकड़ों (क्रैब), लॉबस्टर और श्रिम्प (Shrimp) के समान कुछ विशेषताएँ होती हैं।
  • उनका शरीर पार्श्व रूप से संकुचित होता है जिसका अर्थ है कि वे शरीर के दोनों ओर से चपटे होते हैं तथा शरीर का आकार घुमावदार होता है।
    • व्हेल और डॉल्फिन के शरीर पर पाए जाने वाले व्हेल लाइस (जूँ) वास्तव में एक प्रकार के एम्फिपोड हैं।
  • एम्फिपोड, जिनमें परहयाले वंश (Genus) भी शामिल है, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
    • वे समुद्री खाद्य शृंखला में योगदान करते हैं और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव तथा तटीय पारिस्थितिक तंत्र के स्वास्थ्य का अध्ययन करने के लिये संकेतक के रूप में कार्य करते हैं।
  • वर्ष 2023 में शोधकर्त्ताओं ने तीन नए समुद्री एम्फिपोड की खोज की जिनमें पश्चिम बंगाल तट पर खोजा गया तालोरचेस्टिया ब्यून्सिस (Talorchestia buensis) और चिल्का झील में खोजे गए क्वाड्रिविसियो चिलिकेंसिस (Quadrivisio chilikensis) तथा डेमोरचेस्टिया एलानेंसिस (Demaorchestia alanensis) शामिल हैं।

जीनस परहयाले और परहयाले ओडियन की विशेषताएँ क्या हैं?  

  • जीनस परहयाले:
    • विश्व भर में जीनस परहयाले जीनस की 15 प्रजातियाँ हैं। इसकी खोज सबसे पहले वर्ष 1899 में वर्जिन आइलैंड्स (US) में हुई थी।
      • वर्तमान योगदान (खोज) से जीनस परहयाले समूह में एक और प्रजाति जुड़ गई है, जिससे समूह में वैश्विक प्रजातियों की संख्या 16 हो गई है।
    • ये उभयचर समुद्री और लवणीय जल दोनों वातावरणों में रहते हैं।
    • ये विश्वव्यापी हैं, उष्णकटिबंधीय और उष्ण-समशीतोष्ण क्षेत्रों में अंतर-ज्वारीय तथा तटीय वातावरण में पाए जाते हैं।
      • ये आमतौर पर पत्थरों के नीचे संलग्न वनस्पति के साथ या आइसोपॉड के बिल में पाए जाते हैं।
  • परहयाले ओडियन:
    • यह जीनस परहयाले का झींगा-जैसा क्रस्टेशियन है।
    • इसका रंग भूरा है, इसकी लंबाई लगभग 8 मिलीमीटर है और इसके 13 जोड़े पाद हैं।
    • ये अग्रपादों की पहली जोड़ी का प्रयोग शिकार को पकड़ने और खाने के लिये करते हैं।
    • जीनस के अन्य 15 ज्ञात प्रजातियों के विपरीत, परहयाले ओडियन सख्त दृढ सेटा (Stout Robust Seta)– Male Gnathopod या मेल नैथोपोड (पैरों की पहली जोड़ी) की सतह पर एक मेरुदंड जैसी संरचना के कारण विशिष्ट दिखता है।

नोट: चिल्का झील एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की लैगून है साथ ही  विश्व की दूसरी सबसे बड़ी तटीय लैगून है।

  • यह भारत के पूर्वी तट पर दया नदी के मुहाने पर स्थित है, जो बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
  • अपनी समृद्ध जैवविविधता के कारण, चिल्का झील वर्ष 1981 में रामसर अभिसमय के तहत नामित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की प्रथम भारतीय आर्द्रभूमि थी।
  • असामान्य जल-वैज्ञानिक विविधता चिल्का झील को एक झील, मुहाना एवं लैगून की विशेषताएँ प्रदान करती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक आहार शृंखला का सही क्रम है? (2014)

(a) डायटम-क्रस्टेशियाई-हेरिंग
(b) क्रस्टेशियाई-डायटम-हेरिंग
(c) डायटम-हेरिंग-क्रस्टेशियाई
(d) क्रस्टेशियाई-हेरिंग-डायटम

उत्तर: (a)


खगोलविदों द्वारा गर्म हीलियम तारे की खोज

स्रोत: द हिंदू 

खगोलविदों ने हाल ही में बाइनरी प्रणाली में पाए जाने वाले गर्म, हीलियम से आबद्ध तारों के एक समूह की पहचान की है, जो संभावित रूप से तारों की गति और विकास के बारे में हमारी समझ को गहरा कर रहा है।

खोज़ के प्रमुख परिणाम क्या हैं?

  • पराबैंगनी प्रकाश का पता लगाने में सक्षम दूरबीन का उपयोग करते हुए, खगोलविदों ने वृहत और लघु मैगेलैनिक बादलों में लगभग 5 लाख तारों का अवलोकन किया।
    • वृहत मैगेलैनिक बादल और लघु मैगेलैनिक बादल दो वामन आकाशगंगाएँ हैं जो आकाशगंगा (Milky Way) की सहचरी हैं।
  • कुछ तारों ने असामान्य गति प्रदर्शित की, जो उनकी गति को प्रभावित करने वाले सहचरियों (द्विआधारी प्रकृति) की उपस्थिति का संकेत देती है।
    • 25 तारों के ऑप्टिकल स्पेक्ट्रा के बाद के विश्लेषण से उनकी मौलिक संरचना का पता चला, जिससे विभिन्न  तारकीय समूहों की पहचान हुई।
  • तारों को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया:
    • कक्षा 1 (हीलियम-समृद्ध, हाइड्रोजन-रहित)
    • कक्षा 2 और कक्षा 3 (हीलियम युक्त, हाइड्रोजन सहित)

तारों की बाइनरी प्रणाली क्या है?

  • परिचय: यह उन तारों के युग्म को संदर्भित करता है जो गुरुत्वाकर्षण से एक दूसरे से बंधे होते हैं और साथ ही द्रव्यमान के एक सामान्य केंद्र के चारों ओर परिक्रमा करते हैं।
    • एक अनुमान के अनुसार 85% या अधिक तारे वास्तव में बाइनरी अथवा बहु-तारा प्रणाली का हिस्सा हैं।
  • वर्गीकरण
    • विज़ुअल बाइनरीज़: इनमें दो तारे शामिल हैं जिन्हें टेलीस्कोप का उपयोग करके अलग किया जा सकता है, जिससे उन्हें पहचानना सबसे आसान हो जाता है।
    • स्पेक्ट्रोस्कोपिक बाइनरीज़: ये तारे इतने समीप होते हैं कि इन्हें शक्तिशाली टेलीस्कोप से भी आसानी से नहीं देखा जा सकता है।
      • हालाँकि उनकी वर्णक्रमीय रेखाओं में आवधिक बदलावों को देखकर उनकी उपस्थिति का पता लगाया जा सकता है।
    • ग्रहणशील बाइनरीज़: ये बाइनरी सिस्टम इस तरह से संरेखित हैं कि एक तारा समय-समय पर दूसरे के सामने से गुज़रता है।
      • यह घटना संयुक्त प्रणाली की चमक में एक अस्थायी गिरावट उत्पन्न करती है, जिससे खगोलविदों को अदृश्य तारे की उपस्थिति की पुष्टि करने के साथ उसके गुणों का अध्ययन करने की अनुमति प्राप्त होती है।
    • एस्ट्रोमेट्रिक बाइनरीज़: इन बाइनरी प्रणाली का पता अप्रत्यक्ष रूप से किसी एकल तारे की डगमगाती गति को मापकर लगाया जाता है।
      • यह डगमगाहट अदृश्य साथी तारे के गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के कारण होती है।
  • बाइनरी प्रणाली की पुष्टि: जब किसी तारे में निहित ऊर्जा /ईंधन समाप्त हो जाता है, तो उसका गुरुत्वाकर्षण उस पर हावी हो जाता है, जिससे एक सुपरनोवा विस्फोट होता है और उसकी बाह्य परतें हट जाती हैं। 
    • कुछ सुपरनोवा में हाइड्रोजन की कमी होती है, जो विस्फोट-पूर्व बाह्य परत के पृथक् होने का संकेत देती है।
      • यह बाइनरी प्रणाली में ही हो सकता है, जहाँ सहचर तारे की बाह्य हाइड्रोजन परत मूल तारे के गुरुत्वाकर्षण बल से हट जाती है, जिससे हीलियम-समृद्ध तारे का पता चलता है।
    •  खगोलविदों को अब तक केवल एक ही ऐसी बाइनरी प्रणाली मिली है।

तारों का अस्तित्व अरबों वर्षों तक किस प्रकार बना रहता है?

  • तारों का अस्तित्व दो प्रतिरोधी बलों: नाभिकीय संलयन और गुरुत्वाकर्षण के बीच एक सूक्ष्म संतुलन के माध्यम से अरबों वर्षों तक बना रहता है। 
  • उदाहरण के लिये: इस तथ्य के बावजूद कि सूर्य के क्रोड में परमाणु संलयन एक महत्त्वपूर्ण स्थिरीकरण बल के रूप में कार्य करता है, न्यूटन का सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण का नियम बताता है कि गुरुत्वाकर्षण के कारण सूर्य का क्षय होता है।
    • परमाणु संलयन में हाइड्रोजन और हीलियम जैसे हल्के तत्त्वों के नाभिकों का विलय होता है, जिससे पर्याप्त ऊष्मा ऊर्जा उत्सर्जित होती है।
    • यह ऊर्जा आंतरिक दाब उत्पन्न करती है और गुरुत्वाकर्षण बल का प्रतिकार करती है जिससे संतुलन बना रहता है। 
  • इसलिये सूर्य जैसे तारे बाह्य संलयन ऊर्जा और आंतरिक गुरुत्वीय खिंचाव के बीच इस संतुलन को बनाए रखते हैं जिससे अनेक वर्षों तक उनकी स्थायी उपस्थिति सुनिश्चित होती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में 'इवेंट होराइज़न', 'सिंग्युलैरिटी', 'स्ट्रिंग थ्योरी' और 'स्टैंडर्ड मॉडल' जैसे शब्द, किस संदर्भ में आते हैं? (2017) 

(a) ब्रह्मांड का प्रेक्षण और बोध
(b) सूर्य और चंद्र ग्रहणों का अध्ययन
(c) पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों का स्थापन
(d) पृथ्वी पर जीवित जीवों की उत्पत्ति और क्रमविकास

उत्तर: (a)


मेन्स: 

प्रश्न. ‘नासा’ का जूनो मिशन पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास को समझने में किस प्रकार सहायता करता है? (2017)


IOTA अभियान में साइक्लोन शेल्टर HAM एक्सेल

स्रोत: पी.आई.बी. 

लास्ट माइल कनेक्टिविटी का समर्थन करने वाले शौकिया रेडियो ऑपरेटरों (HAM) की एक समर्पित टीम ने आइलैंड ऑन द एयर (IOTA) अभियान में भाग लेने के लिये आंध्र प्रदेश के नचुगुंटा द्वीप में चक्रवात आश्रयों से एक महत्त्वपूर्ण यात्रा शुरू की जिसका उद्देश्य संचार विफलताओं में सहायता व बेहतर आपदा अनुक्रिया हेतु स्कूलों में HAM शिक्षा को एकीकृत करना है। 

  • अभियान की सफलता HAM ऑपरेटरों की तकनीकी कौशल को दर्शाती है, प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिये सामुदायिक भागीदारी और तैयारियों पर ज़ोर देती है तथा कमज़ोर क्षेत्रों में आपातकालीन संचार समुथानशीलता को बढ़ाते हुए भारत की शौकिया रेडियो क्षमताओं को प्रदर्शित करती है।
  • एमेच्योर रेडियो (HAM रेडियो) एक व्यापक रूप से लोकप्रिय शौकिया संचार सेवा है जिसमें गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिये रेडियो फ्रीक्वेंसी का प्रयोग किया जाता है। तकनीकी शिक्षा, सामुदायिक संचार और रेडियो तरंगों के माध्यम से वैश्विक कनेक्टिविटी को बढ़ावा देता है।
  • आइलैंड्स ऑन द एयर (IOTA), वैश्विक रेडियो शौकीनों को द्वीप स्टेशनों से जोड़ने वाला एक अग्रणी कार्यक्रम है। वर्ष 1964 में स्थापित, इसका प्रबंधन IOTA लिमिटेड द्वारा रेडियो सोसाइटी ऑफ ग्रेट ब्रिटेन (RSGB) के सहयोग से किया जाता है, जो संचार के लिये द्वीपों को समूहों में वर्गीकृत करता है।

और पढ़ें: एमेच्योर रेडियो (HAM रेडियो)


वीर सावरकर

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को उनकी पुण्य तिथि (26 फरवरी) पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

  • जन्म: 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र में नासिक के पास भागुर गाँव में जन्म हुआ
  • संबंधित संगठन एवं कार्य:
  • मुकदमे एवं सज़ा:
    • उन्हें वर्ष 1909 में मॉर्ले-मिंटो सुधार (भारतीय परिषद अधिनियम 1909) के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
    • वर्ष 1910 में क्रांतिकारी समूह इंडिया हाउस के साथ उनके संबंधों के कारण गिरफ्तार किया गया।
      • दो मुकदमों के बाद, सावरकर को दोषी ठहराया गया तथा 50 वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई, साथ ही वर्ष 1911 में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की सेलुलर जेल (जिसे काला पानी भी कहा जाता है) में भेज दिया गया।
  • मृत्यु: इच्छा मृत्यु के लिये अनशन करने के कारण 26 फरवरी 1966 को उनकी मृत्यु हो गई।

और पढ़ें… वीर सावरकर


फ्लू-क्यूर्ड वर्जीनिया (FCV) तंबाकू उत्पादकों हेतु पहल

स्रोत: पी.आई. बी

फ्लू क्यूर्ड वर्जीनिया (Flue-cured Virginia- FCV) तंबाकू का उत्पादन भारत में मुख्य रूप से 2 राज्यों, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में किया जाता है। वर्तमान में आंध्र प्रदेश में इस फसल का सीज़न है।

  • मिचौंग चक्रवात के कारण आंध्र प्रदेश में भारी बारिश हुई, जिससे कई ज़िलों में FCV तंबाकू की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई।
    • इस पृष्ठभूमि में भारत सरकार ने आंध्र प्रदेश में FCV तंबाकू उत्पादकों के लिये तंबाकू बोर्ड के उत्पादक कल्याण कोष से 10,000 रुपए के ब्याज मुक्त ऋण को मंज़ूरी दे दी है।
  • फ्लू क्यूर्ड वर्जीनिया (FCV) तंबाकू:
    • FCV तंबाकू एक महत्त्वपूर्ण व्यावसायिक फसल है जो खरीफ के दौरान मुख्य रूप से लाल रेतीली दोमट मिट्टी पर वर्षा आधारित फसल के रूप में उगाई जाती है।
    • कर्नाटक हल्की मिट्टी में उगाए जाने वाले FCV तंबाकू को 'मैसूर शैली तंबाकू' के रूप में जाना जाता है।
      • वांछित पत्ती (Desired Leaf) के गुणों को प्राप्त करने और नमी को हटाने के लिये प्रक्रिया को मानकीकृत करके उपचारित तंबाकू को बाज़ार के लिये तैयार किया जाता है।
  • भारत 15 राज्यों में दस अलग-अलग प्रकार के तंबाकू का उत्पादन करता है, जिसमें सिगरेट (FCV, बर्ली, ओरिएंटल) और गैर-सिगरेट प्रकार (बीड़ी, चर्वण, हुक्का और सिगार) शामिल हैं, जो इसे विश्व का दूसरा सबसे बड़ा तंबाकू उत्पादक तथा निर्यातक बनाता है।

और पढ़ें: तंबाकू की खेती और खाद्य असुरक्षा


अभ्यास धर्म गार्जियन 2024

स्रोत: पी.आई.बी 

भारतीय सेना और जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेंस फोर्स के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 'धर्म गार्जियन' का 5वाँ संस्करण राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में 25 फरवरी को शुरू हुआ। इस अभ्यास का आयोजन 25 फरवरी से 9 मार्च 2024 तक किया जा रहा है।

  • अभ्यास ‘धर्म गार्जियन’ एक वार्षिक सैन्य अभ्यास है और इसका वैकल्पिक रूप से आयोजन भारत तथा जापान में किया जाता है।
  • अभ्यास का उद्देश्य सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय VII के अंतर्गत अर्ध-शहरी परिस्थितियों में संयुक्त अभियानों को पूरा करने के लिये संयुक्त क्षमताओं में वृद्धि करना है। 
  • यह अभ्यास उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना, संयुक्त सामरिक अभ्यास और विशेष हथियार कौशल पर केंद्रित होगा जिसमें ऑपरेटिंग बेस की स्थापना, ISR ग्रिड बनाना, मोबाइल वाहन चेक पोस्ट स्थापित करना, एक विरोधी तथा दुश्मन के क्षेत्र में कॉर्डन एवं सर्च ऑपरेशन करने, हेलिबोर्न ऑपरेशन व हाउस इंटरवेंशन ड्रिल्स शामिल होंगे।
    •  इस अभ्यास से दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन क्षमता, सौहार्द्र और सहयोग बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
  • ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल और देश की बढ़ती रक्षा औद्योगिक क्षमता को दर्शाने वाले हथियारों तथा उपकरणों का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
  • भारत और जापान के रक्षा बल द्विपक्षीय अभ्यासों की एक निम्नलिखित शृंखला भी आयोजित करते हैं:

और पढ़ें…अभ्यास धर्म गार्जियन