प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स: 26 अक्तूबर, 2021
‘ताहो झील’: अमेरिका
Lake Tahoe: US
जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न सूखे की स्थिति ने अमेरिका की ‘ताहो झील’ के जलस्तर को उसके प्राकृतिक स्तर से कम कर दिया है जिससे ‘ट्रॉकी नदी’ में प्रवाह रुक गया है।
- ज्ञात हो कि यह ऐतिहासिक रूप से एक चक्रीय घटना है, जो पूर्व की तुलना में अब जल्दी और अधिक बार घटित हो रही है।
प्रमुख बिंदु
- ‘ताहो झील’
- ‘ताहो झील’ उत्तरी अमेरिका की सबसे बड़ी अल्पाइन झील है और अमेरिका की दूसरी सबसे गहरी झील है।
- अल्पाइन झीलें अत्यधिक ऊँचाई पर स्थित झीलें या जलाशय हैं, जो आमतौर पर समुद्र तल या ‘ट्री लाइन’ से ऊपर होती हैं।
- ‘ताहो झील’ उत्तरी अमेरिका की सबसे बड़ी अल्पाइन झील है और अमेरिका की दूसरी सबसे गहरी झील है।
नोट: ‘ग्रेट लेक्स’ पूर्व-मध्य उत्तरी अमेरिका में गहरे मीठे पानी की झीलों की एक शृंखला है, जिसमें सुपीरियर झीलें, मिशिगन, ह्यूरॉन, एरी और ओंटारियो शामिल हैं। मिशिगन झील को छोड़कर अन्य झीलें कनाडा एवं संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच एक प्राकृतिक सीमा प्रदान करती हैं।
- झीलों पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव:
- कम बर्फ का आवरण: झीलों में कम बर्फ के आवरण की स्थिति देखी जा रही हैं, यदि हवा का तापमान 4 ° C बढ़ जाता है तो 1,00,000 से अधिक झीलों में बर्फ मुक्त सर्दियाँ का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
- LSWT में वृद्धि: वैश्विक रूप से झील के सतही जल के तापमान में वृद्धि हुई है, जो हवा के तापमान के रुझान के समान या उससे अधिक होती है।
- वाष्पीकरण दर में वृद्धि: बर्फ के आवरण, स्तरीकरण, हवा की गति और सौर विकिरण जैसे कारकों पर निर्भर क्षेत्रीय विविधताओं के साथ वैश्विक वार्षिक औसत झील वाष्पीकरण दर 2100 तक 16% बढ़ने का अनुमान है।
- झील में गर्म मौसम के दौरान अलग और विशिष्ट थर्मल परतों का निर्माण करना ही झील स्तरीकरण है।
- झील जल संग्रहण को प्रभावित करना: वैश्विक झील जल भंडारण जलवायु परिवर्तन के प्रति संवेदनशील है, लेकिन पर्याप्त क्षेत्रीय परिवर्तनशीलता और झील के जल भंडारण में भविष्य में होने वाले परिवर्तनों की अनिश्चित भयावहता की स्थिति बनी हुई है।
सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट सिस्टम अवार्ड: केरल
Sustainable Transport System Award: Kerala
हाल ही में केरल ने 'सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट सिस्टम अवार्ड' जीता है।
प्रमुख बिंदु
- यह पुरस्कार आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा दिया जाएगा|
- यह पुरस्कार भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में परिवहन सुविधाओं को मान्यता देने के लिये प्रदान किया जाता है।
- यह पुरस्कार कोच्चि शहर को कोच्चि मेट्रो, वाटर मेट्रो (मेट्रो के जैसे ही समान अनुभव के साथ जल कनेक्टिविटी) और ई-मोबिलिटी जैसे कार्यान्वित परियोजनाओं की परिवहन सुविधाओं को बढ़ाने के लिये दिया गया है।
- यह पुरस्कार जीतने में कोच्चि ओपन मोबिलिटी नेटवर्क के गठन ने भी मदद की है ,जिसने विभिन्न परिवहन सुविधाओं को डिजीटल और एकीकृत किया है।
सतत् परिवहन:
ई- मोबिलिटी
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अभ्यास: हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट
ABHYAS: High-speed Expendable Aerial Target
हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से अभ्यास हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- DRDO भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय का अनुसंधान और विकास विंग है, जिसका उद्देश्य भारत को अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों के साथ सशक्त बनाना है।
प्रमुख बिंदु
- डिज़ाइन और विकास:
- DRDO का वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADI)।
- ADI, DRDO के तहत एक प्रमुख वैमानिकी प्रणाली डिज़ाइन प्रयोगशाला है।
- यह भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अत्याधुनिक मानवरहित हवाई वाहनों (यूएवी) और वैमानिकी प्रणालियों तथा प्रौद्योगिकियों के डिज़ाइन व विकास में शामिल है।
- DRDO का वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADI)।
- विशेषताएँ:
- यह गैस टर्बाइन इंजन द्वारा संचालित है जो सबसोनिक गति से लंबी उड़ान भर सकता है।
- यह मार्गदर्शन और नियंत्रण के लिये उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (FCC) के साथ नेविगेशन के लिये MEMS (माइक्रो-इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम) आधारित जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम (INS) से लैस है।
- इसको पूरी तरह से स्वायत्त उड़ान के लिये प्रोग्राम किया गया है और उनका चेक-आउट लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (जीसीएस) का उपयोग करके किया जाता है।
- उपयोगिता:
- इसका उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन के लिये एक लक्ष्य के रूप में किया जाएगा।
- यह हथियार प्रणालियों के अभ्यास के लिये एक वास्तविक खतरा परिदृश्य प्रस्तुत करता है।
- अन्य हालिया घटनाक्रम:
- सितंबर 2021 में DRDO ने एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR), चांदीपुर, ओडिशा से आकाश मिसाइल - 'आकाश प्राइम' के एक नए संस्करण का परीक्षण किया।
- जुलाई 2021 में DRDO ने आकाश-एनजी (नई पीढ़ी) और मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) लॉन्च किया।
- जून 2021 में DRDO द्वारा नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-पी (प्राइम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
- फरवरी 2021 में भारत ने स्वदेशी रूप से विकसित एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम 'हेलिना' और 'ध्रुवस्त्र' का भी सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- अक्तूबर 2020 में DRDO ने ओडिशा के तट पर व्हीलर द्वीप से सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ ऑफ टॉरपीडो (SMART) का सफल उड़ान परीक्षण किया।
ट्रिगोनोप्टेरस कोरोना
Trigonopterus Corona
हाल ही में वैज्ञानिकों ने इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर ट्रिगोनोप्टेरस कोरोना (Trigonopterus Corona) नामक भृंग की एक नई प्रजाति की खोज की है।
- यह एकमात्र कीट प्रजाति नहीं है जिसका नाम कोरोना महामारी के नाम पर रखा गया है। अप्रैल 2021 में कोसोवो में कैडिसफ्लाई (कीट) की एक नई प्रजाति खोजी गई थी और इसका नाम पोटामोफिलैक्स कोरोनावायरस रखा गया।
प्रमुख बिंदु
- इसका नाम महामारी पर रखा गया है जो इस परियोजना पर कोविड-19 महामारी के बड़े प्रभाव को दर्शाता है।
- शोधकर्त्ता पिछले 15 वर्षों से इस जीनस (ट्राइगोनोप्टेरस) का अध्ययन कर रहे थे और कोविड-19 महामारी के कारण इस अध्ययन में देरी हुई।
- ट्रिगोनोप्टेरस भारत-ऑस्ट्रेलियाई-मेलनेशियाई द्वीप समूह में थूथन वेविल्स (क्रिप्टोरहिन्चिने) का एक हाइपरडाइवर्स जीनस (Hyperdiverse Genus) है जो उड़ने में सक्षम नहीं है।
- वेविल्स को अक्सर फ्लर बग (flour bug) कहा जाता है। वे एक प्रकार के भृंग होते हैं जिनकी लंबी थूथन होती है।
- जीनस ट्रिगोनोप्टेरस उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में सबसे पहले देखा गया और सुलावेसी में खोजे जाने के पूर्व यह न्यू गिनी में देखा गया था तथा पश्चिम में सुंडालैंड (दक्षिण-पूर्वी एशिया का एक जैव-भौगोलिक क्षेत्र) तक फैल गया।
सुलावेसी द्वीप
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विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 अक्तूबर, 2021
अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस
हिम तेंदुओं के प्रवास क्षेत्र के संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु प्रतिवर्ष 23 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस’ का आयोजन किया जाता है। वर्ष 2013 की ‘बिश्केक घोषणा’ (Bishkek Declaration) के तहत 23 अक्तूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस’ के रूप में अधिसूचित किया गया था। गौरतलब है कि वर्ष 2013 में 12 ‘स्नो लेपर्ड’ रेंज देशों (अफगानिस्तान, भूटान, चीन, भारत, कज़ाखस्तान, किर्गिज गणराज्य, मंगोलिया, नेपाल, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान) द्वारा बिश्केक घोषणा पर हस्ताक्षर किये गए थे। साथ ही इस अवसर पर ‘वैश्विक हिम तेंदुआ और पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण’ (GSLEP) कार्यक्रम की शुरुआत भी की गई थी। हिम तेंदुए का वैज्ञानिक नाम ‘पैंथेरा अनकिया’ (Panthera Uncia) है। हिम तेंदुआ या ‘स्नो लेपर्ड’ को ‘पहाड़ों का भूत’ (Ghost of the Mountains) भी कहा जाता है, क्योंकि इनके संकोची स्वभाव और खाल के रंग के कारण इन्हें बर्फीले वातावरण में देखना बहुत ही मुश्किल होता है। हिम तेंदुए उत्तरी और मध्य एशिया के ऊँचे पहाड़ों (हिमालय क्षेत्र सहित) के विशाल क्षेत्र में रहते हैं। हिम तेंदुए को IUCN रेड लिस्ट में सुभेद्य (Vulnerable) की सूची में रखा गया है। वहीं भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I के तहत हिम तेंदुए का शिकार करने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
‘अभ्यास’- हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट
‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ ने बंगाल की खाड़ी के तट पर चांदीपुर (ओडिशा) स्थित ‘एकीकृत परीक्षण रेंज’ (ITR) से विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु उपयोग किये जाने वाले ‘अभ्यास’ (ABHYAS) नामक ‘हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट’ का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इस वाहन का उपयोग विभिन्न मिसाइल प्रणालियों के मूल्यांकन हेतु हवाई लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है। इस संबंध में रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, ‘अभ्यास’ को ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ के बंगलूरू स्थित वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE) द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है। एक बार पूर्णतः विकसित होने के पश्चात् यह स्वदेशी विमान भारतीय सशस्त्र बलों की ‘हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट’ (HEAT) की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। इस एयर व्हीकल को ट्विन अंडर-स्लंग बूस्टर का उपयोग करके लॉन्च किया जाता है जो वाहन को प्रारंभिक त्वरण प्रदान करते हैं। यह गैस टर्बाइन इंजन द्वारा संचालित है जो सबसोनिक गति से लंबी एन्ड्योरेंस उड़ान को बनाए रखता है।
‘सखारोव प्राइज़ फॉर फ्रीडम ऑफ थॉट्स’
रूस के विपक्षी नेता और राजनीतिक कैदी ‘अलेक्सी नवालनी’ को हाल ही में यूरोपीय संसद के शीर्ष सम्मान ‘सखारोव प्राइज़ फॉर फ्रीडम ऑफ थॉट्स’ से सम्मानित किया गया है। ‘सखारोव पुरस्कार’ यूरोपीय संघ द्वारा प्रदान किया जाने वाला मानवाधिकार कार्यों से संबंधित सर्वोच्च सम्मान है। पहला ‘सखारोव पुरस्कार’ दक्षिण अफ्रीका के रंगभेद विरोधी क्रांतिकारी नेल्सन मंडेला और सोवियत संघ के विद्रोही लेखक ‘अनातोली मार्चेंको’ को वर्ष 1988 में प्रदान किया गया था। यूरोपीय संघ द्वारा यह पुरस्कार प्रायः राजनीतिक विद्रोहियों, राजनीतिक लेखकों, पत्रकारों, वकीलों, लेखकों, अल्पसंख्यक नेताओं और आतंकवाद विरोधी समूहों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के अन्य विजेताओं में मलाला यूसुफज़ई (2013), वेनेज़ुएला का मज़बूत लोकतांत्रिक विपक्ष (2017) और अर्थशास्त्र की प्रोफेसर व चीन के उइगर मुस्लिमों की वकालत करने वाले ‘इल्हाम तोहती’ (2019) शामिल हैं।
हरियाणा में ‘मुफ्त शिक्षा’ पहल
हाल ही में हरियाणा सरकार ने सरकारी स्कूलों में कक्षा 12 तक के सभी छात्रों के लिये ‘मुफ्त शिक्षा’ की घोषणा की है। राज्य सरकार की घोषणा के मुताबिक, कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों से स्कूलों में किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा, साथ ही उन्हें मुफ्त किताबें भी प्रदान की जाएंगी। गौरतलब है कि देश भर में ‘मुफ्त शिक्षा’ की अवधारणा पहले से ही ‘मिडिल स्कूल’ यानी कक्षा 8 तक लागू है, जबकि अब राज्य सरकार की योजना इस अवधारणा को सरकारी स्कूलों में कक्षा-12 तक विस्तृत करना है। राज्य सरकार के मुताबिक, यह पहल नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ (NEP-2020) के अनुरूप है।