प्रारंभिक परीक्षा
भारत-जापान समुद्री अभ्यास
हाल ही में अंडमान सागर में जापानी समुद्री आत्मरक्षा बल और भारतीय नौसेना के बीच एक समुद्री साझेदारी अभ्यास (MPX) आयोजित किया गया।
- भारत और जापान के बीच अन्य समुद्री अभ्यास:
- जापान-भारत समुद्री अभ्यास (JIMEX)
- मालाबार अभ्यास (भारत-अमेरिका-जापान-ऑस्ट्रेलिया)
भारत-जापान समुद्री अभ्यास:
- परिचय:
- इस अभ्यास का उद्देश्य इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ाना, जहाज़रानी और संचार प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना है।
- यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में सुरक्षित अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग और व्यापार सुनिश्चित करने की दिशा में दोनों नौसेनाओं के बीच चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।
- दोनों देश समुद्री संबंधों को मज़बूत करने की दिशा में हिंद महासागर क्षेत्र में नियमित अभ्यास करते आ रहे हैं।
- प्रतिभागी:
- आईएनएस सुकन्या: भारतीय नौसेना का एक अपतटीय गश्ती जहाज़
- सुकन्या श्रेणी के गश्ती जहाज़ बड़े, अपतटीय गश्ती जहाज़ हैं।
- कोरिया टैकोमा द्वारा तीन प्रमुख जहाज़ों का निर्माण किया गया था, जो अब हंजिन समूह का हिस्सा है।
- सुकन्या वर्ग के जहाज़ों का नाम भारतीय महाकाव्यों की उल्लेखनीय महिलाओं के नाम पर रखा गया है।
- सुकन्या वर्ग के पास बड़े पतवार हैं, हालाँकि वे हल्के हथियारों से लैस हैं क्योंकि उनका उपयोग मुख्य रूप से भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र के अपतटीय गश्त के लिये किया जाता है।
- जे. एस. समीदारे जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के मुरासेम वर्ग के विध्वंसक है।
- जे.एस. समीदारे (DD-106) जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (JMSDF) के मुरासामे-श्रेणी के विध्वंसक का छठा जहाज़ है।
- आईएनएस सुकन्या: भारतीय नौसेना का एक अपतटीय गश्ती जहाज़
- गतिविधियाँ:
- ऑपरेशनल इंटरैक्शन के हिस्से के रूप में इसमें सीमैनशिप गतिविधियाँ, विमान संचालन और सामरिक युद्धाभ्यास शामिल हैं।
भारत के अन्य समुद्री अभ्यास:
- थाईलैंड:
- भारत-थाईलैंड समन्वित गश्ती (भारत-थाई CORPAT)
- युनाइटेड किंगडम:
- इंडोनेशिया:
- सिंगापुर:
- कतर:
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) व्याख्या:
मेन्स:Q. भारत और जापान के लिये एक मज़बूत समकालीन संबंध बनाने का समय आ गया है, जिसमें वैश्विक एवं रणनीतिक साझेदारी शामिल है जो पूरे एशिया तथा दुनिया के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण होगी। चर्चा कीजिये। (2019) |
स्रोत: पी.आई.बी.
प्रारंभिक परीक्षा
काराकोरम विसंगति
हाल ही में एक अध्ययन में इस बात की जाँच की गई कि दक्षिण-मध्य एशिया के काराकोरम रेंज के हिमनद अन्य स्थानों के हिमनदों की तरह जलवायु परिवर्तन से प्रभावित क्यों नहीं हुए हैं।
- अध्ययनकर्त्ताओं ने काराकोरम विसंगति नामक इस घटना को पश्चिमी विक्षोभ (WDs) की हालिया पुनरुत्पति के लिये उत्तरदायी माना है।
काराकोरम विसंगति:
- 'काराकोरम विसंगति' को हिमालय की अन्य निकटवर्ती पर्वत शृंखलाओं और दुनिया की अन्य पहाड़ी शृंखलाओं में हिमनद के पीछे हटने के विपरीत केंद्रीय काराकोरम में ग्लेशियरों की स्थिरता या असंगत वृद्धि के रूप में जाना जाता है।
अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष:
- यह पहली बार हुआ है कि जब कोई अध्ययन उस महत्त्व को सामने लाया है जो संचय अवधि के दौरान उस पश्चिमी विक्षोभ- वर्षा की मात्रा को बढ़ाता है जो क्षेत्रीय जलवायु विसंगति को संशोधित करने में भूमिका निभाता है।
- पिछले अध्ययनों ने वर्षों से विसंगति को स्थापित करने और बनाए रखने में तापमान की भूमिका पर प्रकाश डाला है।
- पश्चिमी विक्षोभ (WDs) सर्दियों के दौरान इस क्षेत्र के लिये बर्फबारी का प्राथमिक कारक है।
- अध्ययन से पता चलता है कि ये कुल मौसमी हिमपात के लगभग 65% और कुल मौसमी वर्षा के लगभग 53% के लिये उत्तरदायी हैं, अतः ये नमी के सबसे महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं।
- इसके अलावा, पिछले दो दशकों में काराकोरम को प्रभावित करने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण वर्षा की तीव्रता में लगभग 10% की वृद्धि हुई है, जो क्षेत्रीय विसंगति को बनाए रखने में उसकी भूमिका को और अधिक महत्त्वपूर्ण बनाता है।
काराकोरम श्रेणी:
- काराकोरम एशिया के केंद्र में पर्वत शृंखलाओं के एक परिसर का हिस्सा हैं, जिसमें पश्चिम में हिंदूकुश, उत्तर-पश्चिम में पामीर, उत्तर-पूर्व में कुनलुन पर्वत और दक्षिण-पूर्व में हिमालय शामिल हैं।
- काराकोरम अफगानिस्तान, चीन, भारत, पाकिस्तान और ताजिकिस्तान के कुछ हिस्सों को कवर करता है।
हिमालय के ग्लेशियरों का महत्त्व:
- हिमालय के ग्लेशियरों का भारतीय संदर्भ में विशेष रूप से उन लाखों निवासियों के लिये जो अपनी दैनिक जल आवश्यकताओं के लिये इन बारहमासी नदियों पर निर्भर करते हैं, बहुत महत्त्व है।
- ये ग्लेशियर ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के कारण तेज़ी से कम हो रहे हैं। आने वाले दशकों में जल संसाधनों पर दबाव कम करना बहुत ज़रूरी है।
विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न: सियाचिन ग्लेशियर स्थित है: (2020) (a) अक्साई चिन के पूर्व में उत्तर: (D) व्याख्या:
|
स्रोत : पी.आई.बी.
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 जुलाई, 2022
नीरज चोपड़ा
अमेरिका के यूजीन में भारत के स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में पुरुषों की भाला फेंक स्पर्द्धा का रजत पदक जीतकर इतिहास रच दिया। नीरज ने 24 जुलाई, 2022 को अमेरिका में अयोजित प्रतियोगिता के फाइनल में 88.13 मीटर दूरी के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया। ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 90.54 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता, जबकि चेक गणराज्य के याकूब वालडेश को कांस्य पदक मिला। नीरज चोपड़ा विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत ने 19 वर्ष बाद दूसरी बार पदक जीता है। इससे पहले महिलाओं की लंबी कूद में अंजू बॉबी जॉर्ज ने वर्ष 2003 में कांस्य पदक जीता था।
163वांँ आयकर दिवस
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड तथा देश भर में इसके सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में 24 जुलाई, 2022 को 163वांँ आयकर दिवस मनाया गया। 24 जुलाई, 1860 को ब्रिटिश शासन द्वारा प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौरान ब्रिटिश शासन को हुए नुकसान की भरपाई के लिये सर जेम्स विल्सन द्वारा भारत में पहली बार आयकर पेश किया गया था। वर्ष 1963 में ‘केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963’ (Central Board of Revenue Act, 1963) के माध्यम से केंद्रीय वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन दो संस्थाओं- केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxation) तथा केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Excise and Customs) का गठन किया गया था, ये दोनों ही संस्थाएँ ‘सांविधिक निकाय’ (Statutory Body) हैं। CBDT. प्रत्यक्ष करों से संबंधित नीतियों एवं योजनाओं के संबंध में महत्त्वपूर्ण इनपुट प्रदान करने के साथ-साथ आयकर विभाग की सहायता से प्रत्यक्ष करों से संबंधित कानूनों का प्रशासन करता है। वहीं CBEC भारत में सीमा शुल्क (custom duty), केंद्रीय उत्पाद शुल्क (Central Excise Duty), सेवा कर (Service Tax) तथा नारकोटिक्स (Narcotics) के प्रशासन के लिये उत्तरदायी नोडल एजेंसी है।
हरमोहन सिंह यादव
25 जुलाई, 2022 को समाजसेवी हरमोहन सिंह यादव की 10वीं पुण्यतिथि है। हरमोहन सिंह यादव ने किसानों, पिछडे वर्गों और समाज के अन्य वंचित वर्गो के हित के लिये जीवन भर प्रयास किया। वे लंबे समय तक राजनीति में भी सक्रिय रहे। उन्होंने विधान परिषद सदस्य, विधायक, राज्यसभा सदस्य और अखिल भारतीय यादव महासभा के अध्यक्ष के रूप में काम किया। अपने पुत्र सुखराम सिंह के सहयोग से उन्होंने कानपुर और उसके आसपास अनेक शिक्षण संस्थाओं की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। हरमोहन सिंह यादव को वर्ष 1984 के दंगों के दौरान सिख समुदाय के अनेक सदस्यों की जान बचाने के लिये वर्ष 1991 में शौर्यचक्र से भी सम्मानित किया गया था।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 2022
हाल ही में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की जूरी ने 22 जुलाई, 2022 को वर्ष 2020 के विजेताओं की घोषणा की जिसमें सोरारई पोटरू (Soorarai Pottru) ने सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार जीता। सोरारई पोटरू ने चार सबसे बड़े पुरस्कारों में से तीन जीते हैं, सोरारई पोटरू के अभिनेता सूर्या और अजय देवगन को फिल्म तान्हाजी द अनसंग वॉरियर के लिये संयुक्त रूप से सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का अवॉर्ड मिला है। वहीं अपर्णा बालमुरली को सोरारई पोटरू के लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वर्ष 1954 में स्थापित किया गया था। यह देश में सबसे प्रमुख फिल्म पुरस्कार समारोह है। फिल्म समारोह निदेशालय भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव और भारतीय पैनोरमा के साथ यह पुरस्कार प्रदान करता है। पुरस्कार नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रदान किये जाते हैं। इसका आयोजन सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा किया जाता है।