प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स: 21 अक्तूबर, 2021
बैलिस्टिक मिसाइल: उत्तर कोरिया
(Ballistic Missile: North Korea)
हाल ही में उत्तर कोरिया ने अपने पूर्वी तट से एक ‘सबमरीन लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल’ (SLBM) का परीक्षण किया है।
- ज्ञात हो कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइलों और परमाणु हथियारों का परीक्षण न करने संबंधी प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रमुख बिंदु
- बैलिस्टिक मिसाइल:
- यह एक रॉकेट चालित, स्व-निर्देशित रणनीतिक हथियार प्रणाली है, जो अपने प्रक्षेपण स्थल से पूर्व निर्धारित लक्ष्य तक पेलोड पहुँचाने हेतु एक ‘बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र’ का अनुसरण करती है।
- ‘बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र’ का आशय किसी मिसाइल के प्रक्षेपवक्र से है, जो केवल गुरुत्वाकर्षण और संभवतः वायुमंडलीय घर्षण से प्रभावित होता है।
- यह पारंपरिक उच्च विस्फोटकों के साथ-साथ रासायनिक, जैविक या परमाणु हथियारों को ले जा सकता है।
- ‘बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय आचार संहिता’ (ICOC), जिसे अब ‘बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार के खिलाफ हेग आचार संहिता’ के रूप में जाना जाता है, एक राजनीतिक पहल है, इसका उद्देश्य विश्व स्तर पर बैलिस्टिक मिसाइल प्रसार को रोकना है।
- भारत इस कन्वेंशन का हस्ताक्षरकर्त्ता है।
- अप्रैल 1987 में स्थापित ‘स्वैच्छिक मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था’ (MTCR) का उद्देश्य बैलिस्टिक मिसाइलों और अन्य मानव रहित वितरण प्रणालियों के प्रसार को सीमित करना है जिनका उपयोग रासायनिक, जैविक तथा परमाणु हमलों के लिये किया जा सकता है।
- भारत भी MTCR का हिस्सा है।
- यह एक रॉकेट चालित, स्व-निर्देशित रणनीतिक हथियार प्रणाली है, जो अपने प्रक्षेपण स्थल से पूर्व निर्धारित लक्ष्य तक पेलोड पहुँचाने हेतु एक ‘बैलिस्टिक प्रक्षेपवक्र’ का अनुसरण करती है।
- भारत की कुछ बैलिस्टिक मिसाइलें हैं:
जिओरिसा मॉस्मईन्सिस: एक सूक्ष्म घोंघा प्रजाति
Georissa Mawsmaiensis: A Micro Snail Species
हाल ही में मेघालय की मॉस्मई गुफा (Mawsmai Cave) में जिओरिसा मॉस्मईन्सिस (Georissa mawsmaiensis) नामक एक सूक्ष्म घोंघे की प्रजाति की खोज की गई है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- नई प्रजाति अपने शेल (Shell) आकारिकी में जिओरिसा सरिता (उसी जीनस का एक सदस्य जिसे 1851 में खोजा गया था) से अद्वितीय है, जो शेल के आकार की भिन्नता सहित चार प्रमुख सर्पिल स्ट्राइप्स के साथ इनके शरीर पर मौजूद होती हैं।
- ये सर्पिल स्ट्राइप्स जियोरिसा सरिता (Georissa Sarrita) में सात पाई जाती हैं।
- निवास:
- जिओरिसा तराई के उष्णकटिबंधीय जंगल के साथ-साथ उच्च ऊँचाई वाले सदाबहार जंगलों या कैल्शियम से भरपूर चट्टानी सतहों पर मिट्टी या भूमिगत आवासों में पाया जाता है।
- विघटन:
- जिओरिसा जीनस (Georissa Genus) के सदस्यों का वितरण व्यापक रूप से अफ्रीका, एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में है। हालाँकि वे चूना पत्थर की गुफाओं या चूना पत्थर के विघटन से बनने वाले कार्स्ट परिदृश्यों से युक्त सूक्ष्म आवासों तक ही सीमित हैं।
- खतरा:
- उच्च पर्यटक प्रवाह अन्य गुफा जीव इस सूक्ष्म घोंघे की प्रजाति के लिये खतरा पैदा कर सकते हैं।
मॉस्मई गुफा
- यह मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स ज़िले में चेरापूंजी (सोहरा) से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर मॉस्मई के छोटे से गाँव में स्थित है।
- खासी भाषा में 'मॉस्मई' शब्द का अर्थ 'ओथ स्टोन' होता है। खासी लोग गुफा के लिये स्थानीय शब्द 'क्रेम' का इस्तेमाल करते हैं।
- मॉस्मई गुफा समुद्र तल से 1,195 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और परोक्ष रूप से पूर्वी खासी पहाड़ियों से निकलने वाली किंशी नदी की धाराओं से प्रभावित है।
- यह गुफा अपने कुछ जीवाश्मों के लिये प्रसिद्ध है जिन्हें यहाँ देखा जा सकता है।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 21 अक्तूबर, 2021
सैन्य इंजीनियर सेवा’ हेतु ऑनलाइन परियोजना निगरानी पोर्टल
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘सैन्य इंजीनियर सेवा’ (MES) के लिये एक वेब आधारित परियोजना निगरानी पोर्टल लॉन्च किया है। यह पोर्टल परियोजनाओं की स्थापना से लेकर उनके पूरा होने तक की वास्तविक समय निगरानी को सक्षम बनाएगा। न केवल ‘सैन्य इंजीनियर सेवा’ बल, बल्कि सशस्त्र बल भी इस पोर्टल का उपयोग करके परियोजना की जानकारी प्राप्त करने में सक्षम होंगे। यह नया एकीकृत पोर्टल ‘सैन्य इंजीनियर सेवा’ द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली पहली परियोजना प्रबंधन ई-गवर्नेंस पहल है। गौरतलब है कि ‘मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस/सैन्य इंजीनियर सेवा’ (MES) भारत की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी सरकारी रक्षा अवसंरचना विकास एजेंसियों में से एक है। यह भारत में सबसे बड़ी निर्माण और रखरखाव एजेंसियों में से एक है, जिसका कुल वार्षिक बजट लगभग 13,000 करोड़ रुपए है। ‘सैन्य इंजीनियर सेवा’ मुख्य रूप से भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना, भारतीय आयुध कारखानों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय तटरक्षक बल समेत भारतीय सशस्त्र बलों के लिये इंजीनियरिंग और निर्माण कार्य संबंधी सेवाएँ प्रदान करता है।
गीता गोपीनाथ
एक हालिया घोषणा के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ अपने तीन वर्षीय कार्यकाल के बाद जनवरी 2022 में सेवामुक्त हो रही हैं। भारतीय मूल की अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ, हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर के रूप में अपना कार्य पुनः शुरू करेंगी। विदित हो कि गीता गोपीनाथ ‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ की पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री और रघुराम राजन के बाद यह प्रतिष्ठित पद संभालने वाली दूसरी भारतीय थीं। वह अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की 11वीं मुख्य अर्थशास्त्री बनी थीं। ‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् युद्ध प्रभावित देशों के पुनर्निर्माण में सहायता के लिये विश्व बैंक (World Bank) के साथ की गई थी। इन दोनों संगठनों की स्थापना के लिये अमेरिका के ब्रेटन वुड्स में आयोजित एक सम्मेलन में सहमति बनी। इसलिये इन्हें ‘ब्रेटन वुड्स ट्विन्स’ (Bretton Woods Twins) के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 1945 में स्थापित IMF विश्व के 190 देशों द्वारा शासित है तथा यह अपने निर्णयों के लिये इन देशों के प्रति उत्तरदायी है। भारत 27 दिसंबर, 1945 को IMF में शामिल हुआ था। ‘अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष’ का प्राथमिक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करना है।
‘मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार’ योजना
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश मंत्रिपरिषद ने गरीब आदिवासी परिवारों के लिये 'मुख्यमंत्री राशन आपके द्वार' योजना लागू करने का निर्णय लिया है। यह योजना निर्वाचन आचार संहिता वाले ज़िलों को छोड़कर शेष ज़िलों के आदिवासी विकास खंडों में नवंबर 2021 से लागू की जाएगी। योजना के तहत 16 ज़िलों के 74 विकास खंडों के 7,511 गाँवों के आदिवासी परिवारों को लाभ मिलेगा। गाँवों में वाहन के माध्यम से राशन सामग्री का वितरण किया जाएगा। गाँवों में वितरण हेतु प्रत्येक माह में एक विशिष्ट दिवस का निर्धारण ‘ज़िला कलेक्टर’ द्वारा किया जाएगा। गौरतलब है कि यह योजना राज्य के दिव्यांग, वृद्ध एवं शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिये भी महत्त्वपूर्ण होगी, जिन्हें प्रायः दुकान से राशन सामग्री प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही दुकानों पर लंबी लाइनों के कारण गरीबों को प्रायः अपनी आजीविका का भी सामना करना पड़ता है।
भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम
वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल की सिफारिश के आधार पर भारतीय रेलवे ने ‘भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम’ (IRSDC) को भंग करने का आदेश दिया है। इस कदम के साथ ‘भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम’, भारतीय रेलवे वैकल्पिक ईंधन संगठन (IROAF) के बाद भंग होने वाला रेल मंत्रालय के तहत दूसरा संगठन है। ‘भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम’, इरकॉन इंटरनेशनल और ‘रेल भूमि विकास प्राधिकरण’ का एक संयुक्त उद्यम है। रेल भूमि विकास प्राधिकरण रेल मंत्रालय के अधीन एक सांविधिक प्राधिकरण है। इसे 12 अप्रैल, 2012 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत भारतीय रेलवे में शामिल किया गया था। इसमें इरकॉन और रेल भूमि विकास प्राधिकरण की इक्विटी हिस्सेदारी 50:50 के अनुपात में है। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशनों के निर्माण की परिकल्पना प्रस्तुत करना है, ताकि उपयोगकर्त्ताओं की सुविधा के अनुसार टिकाऊ प्रौद्योगिकियों को लागू किया जा सके।