लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 24 फरवरी, 2018

  • 24 Feb 2018
  • 7 min read

पृथ्वी 2 बैलिस्टिक मिसाइल

भारतीय सेना द्वारा परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम स्वदेशी पृथ्वी 2 बैलिस्टिक मिसाइल का ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र (आईटीआर) से सफल परीक्षण किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित।
  • इसे डीआरडीओ द्वारा 'इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलेपमेंट प्रोग्राम' के तहत तैयार किया गया था।

प्रमुख विशेषताएँ

  • सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम।
  • 350 किलोमीटर तक निशाना साधने में सक्षम।
  • 500 से 1000 किलोग्राम तक भार ले जाने में सक्षम।
  • तरल और ठोस दोनों तरह के ईंधन से संचालित।
  • परंपरागत और परमाणु दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम।
  • लंबाई 8.56 मीटर, चौड़ाई 1.1 मीटर, वज़न 4,600 किलोग्राम।

तापी गैस पाइपलाइन परियोजना

तापी (Turkmenistan-Afghanistan-Pakistan-India) गैस परियोजना तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान तथा भारत के मध्य प्रस्तावित एक परियोजना है। इसे ट्रांस–अफगानिस्तान पाइपलाइन (Trans-Afghanistan Pipeline) के नाम से भी जाना जाता है। 

प्रमुख बिंदु

  • एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank - ADB) के द्वारा प्रदान की गई आर्थिक सहायता के माध्यम से इसका निर्माण किया जा रहा है।
  • इस परियोजना को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि प्रतिवर्ष इसके माध्यम से चारों देशों में 3.2 अरब घन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जा सके।
  • इसका विस्तार तुर्कमेनिस्तान के गलकीनाइश गैस क्षेत्र (Galkynysh Gas Field) से प्रारंभ होकर अफगानिस्तान के हेरात व कंधार तथा पाकिस्तान के क्वेटा व मुल्तान से होकर भारत के फाज़िल्का (Fazilka), पंजाब तक किया जा रहा है।

महत्त्व

  • भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान जैसे देशों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में इस पाइपलाइन की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी।
  • इस पाइपलाइन द्वारा भारत के बिजली संयंत्रों को गैस की आपूर्ति की जाएगी।
  • तापी परियोजना मध्य एशिया में चीन के प्रभाव को भी संतुलित करेगी और इससे भविष्य में रेल तथा सड़क कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा मिलने की संभावना है।
  • परियोजना में शामिल देशों के मध्य आर्थिक, सामरिक एवं अन्य मुद्दों पर भी सहयोग की संभावनाएँ बढेंगी।

परियोजना में किस देश की लागत-हिस्सेदारी कितनी है?

  • तुर्कमेनिस्तान - 85%
  • अफगानिस्तान - 5%
  • पाकिस्तान - 5%
  • भारत - 5%

एशियाई विकास बैंक

एशियाई विकास बैंक एक बहुपक्षीय वित्तीय संस्था है। इस बैंक की स्थापना एशिया और प्रशान्त क्षेत्रों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से वर्ष 1966 में की गई थी, जिसका मुख्यालय फिलिपींस के मनीला में है। 

प्रमुख बिंदु

  • यह बैंक क्षेत्रीय, उप-क्षेत्रीय एवं राष्ट्रीय परियोजनाओं को प्राथमिकता देता है।
  • सामाजिक और पर्यावरण संबंधी परियोजनाओं को सहायता प्रदान करने पर बैंक का विशेष ध्यान रहता है। 
  • एशियाई विकास बैंक में मतदान व्यवस्था विश्व बैंक के अनुरूप है, जहाँ मत विभाजन सदस्य राष्ट्रों की पूंजी के अनुपात में होता है।
  • एशियाई विकास बैंक संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक पर्यवेक्षक भी है।
  • भारत इसका संस्थापक सदस्य है और वर्तमान में चौथा बड़ा शेयरधारक है।

एडीबी की प्रमुख गतिविधियाँ हैं

  • विकास परियोजनाओं और कार्यक्रमों के लिये वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराना।
  • आर्थिक विकास के लिये लोक एवं निजी पूंजी निवेश को प्रोत्साहन देना।
  • विकासशील सदस्य-राष्ट्रों की विकास योजनाओं और नीतियों के समन्वय में सहायता प्रदान करना।

धनुष 2 बैलिस्टिक मिसाइल

भारतीय सेना द्वारा ओडिशा तट के पास परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल धनुष का सफल परीक्षण किया गया। इसे नौसेना के पोत से भी छोड़ा जा सकता है। यह मिसाइल स्वदेशी तकनीक से विकसित पृथ्वी मिसाइल का रूपांतर है।

प्रमुख बिंदु

  • यह एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के तहत रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित मिसाइलों में से एक है।
  • इससे पारंपरिक और परमाणु दोनों तरह के हथियारों का प्रक्षेपण किया जा सकता है। 
  • एक चरण वाले द्रव्य से प्रणोदित धनुष मिसाइल को रक्षा सेवाओं में पहले ही शामिल किया जा चुका है।

विशेषताएँ

  • सतह-से-सतह पर वार करने में सक्षम।
  • 500 से 750 किलो वारहेड ले जाने में सक्षम।
  • जमीन-समुद्र दोनों जगहों पर अपने लक्ष्यों को भेद सकती है।
  • मारक क्षमता 350 से 500 किलोमीटर।
  • 8 मीटर 56 सेंटीमीटर लंबी।  

बैलिस्टिक मिसाइल क्या है?

  • बैलिस्टिक मिसाइल हवा में एक अर्द्धचंद्राकार पथ (Ballistic Trajectory) का अनुसरण करती है और रॉकेट के साथ इसका संपर्क खत्म होने पर इसमें लगा हुआ बम गुरुत्व के प्रभाव से ज़मीन पर गिरता है। इसलिये एक बार प्रक्षेपित करने के बाद इसका लक्ष्य पर कोई नियंत्रण नहीं रहता है।
  • बैलिस्टिक मिसाइल का उपयोग परमाणु, रासायनिक, जैविक या पारंपरिक हथियारों की बैलिस्टिक पथ पर डिलीवरी के लिये किया जाता है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2