प्रिलिम्स फैक्ट्स (21 Jun, 2024)



संसद में सुरक्षा

स्रोत इंडियन एक्सप्रेस 

13 दिसंबर, 2023 को संसद भवन में एक असाधारण सुरक्षा उल्लंघन के बाद अप्रैल 2024 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (Central Industrial Security Force- CISF) को संसद की सुरक्षा सौंप दी गई।

  • संसद की सुरक्षा लोकसभा सचिवालय का एक हिस्सा है। इससे पहले सुरक्षा की ज़िम्मेदारी संसद सुरक्षा सेवा (Parliament Security Service- PSS) और वॉच एंड वार्ड कमेटी के पास थी।
  • वॉच एंड वार्ड समिति की स्थापना केंद्रीय विधानसभा के अध्यक्ष विट्ठलभाई पटेल की पहल पर की गई थी।
    • यह समिति 8 अप्रैल, 1929 की घटना के बाद स्थापित की गई थी, जब क्रांतिकारी भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने विधानसभा में बम फेंका था।
  • इस समिति का नाम वर्ष 2009 में बदलकर PSS कर दिया गया, जो अध्यक्ष के नियंत्रण में है।

और पढ़ें: संसद में सुरक्षा उल्लंघन


स्वच्छ जल के नवीन डायटम प्रजाति की खोज

स्रोत: पी.आई.बी 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में वैज्ञानिकों ने पूर्वी और पश्चिमी घाट की स्वच्छ नदियों में मीठे जल के डायटम की एक नई प्रजाति- इंडिकोनेमा, जो जीवन के लिये महत्त्वपूर्ण एक सूक्ष्म शैवाल है, की खोज की है।

इंडिकोनेमा की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

  • देश में इसके सीमित वितरण को महत्त्व देने के लिये इसे इंडिकोनेमा नाम दिया गया है।
  • इस प्रजाति में विशिष्ट वाल्व समरूपता और एक विशिष्ट वाल्व संरचना है, जो गोम्फोनमॉइड वर्ग के अन्य प्रजाति से काफी भिन्न है।
  • इस इंडिकोनेमा में केवल पैर के ध्रुव पर छिद्र क्षेत्र होने के बजाय सिर और पैर के दोनों ध्रुव पर एक छिद्र क्षेत्र है।
  • इंडिकोनेमा पूर्वी और पश्चिमी घाट दोनों में पाया गया, जो इन पर्वत प्रणालियों के बीच साझा स्थानिक तत्त्वों  को दर्शाता है जो सरीसृप जैसे अन्य स्थानिक-समृद्ध वर्गों में देखे जाते हैं।
  • रूपात्मक विशेषताओं से ज्ञात होता है कि इंडिकोनेमा पूर्वी अफ्रीका में स्थानिक प्रजाति एफ्रोसिमबेला से निकटता से संबंधित है, जो भारतीय और पूर्वी अफ्रीकी डायटम प्रजातियों के बीच जैव-भौगोलिक संबंधों को उजागर करता है।

Indiconema

डायटम क्या हैं?

  • डायटम सूक्ष्म शैवाल हैं जो वैश्विक ऑक्सीजन आपूर्ति का लगभग 25% उत्पादन करते हैं, जो जलीय खाद्य शृंखला का एक महत्त्वपूर्ण आधार बनाते हैं।
    • जल रसायन विज्ञान में परिवर्तनों के प्रति उनकी प्रतिक्रियाशीलता के कारण वे जलीय स्वास्थ्य के संवेदनशील संकेतक हैं।
  • डायटम भारत में पहले दर्ज किये गए सूक्ष्मजीव हैं, एहरनबर्ग (एक जर्मन प्रकृतिवादी और प्राणी विज्ञानी) की पहली रिपोर्ट वर्ष 1845 में उनके प्रकाशन माइक्रोजियोलॉजी में वापस आती है।
    • भारत में लगभग 6,500 डायटम वर्गिकी हैं, जिनमें से लगभग 30% स्थानिक हैं, जो देश में  जैवविविधता को प्रदर्शित करता है।
  • भारत के विविध जैवभौगोलिक क्षेत्रों में विभिन्न डायटम प्रजातियाँ अलग-अलग आवासों में पाई जाती हैं, जिनमें स्वच्छ जलीय क्षेत्र, तटीय वातावरण और उच्च अल्पाइन क्षेत्र शामिल हैं।
  • भारतीय प्रायद्वीप में मानसून के विकास और इसके परिणामस्वरूप वर्षावन बायोम ने डायटम वनस्पतियों को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है।
    • पूर्वी और पश्चिमी घाटों के विशिष्ट भौतिक तथा जलवायु प्रवणता वाली अलग-अलग डायटम प्रजातियों के लिये आवासों की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करते हैं।

Microalgae_vs_Macroalgae Difference_between_Prokaryotes_and_Eukaryotes

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. जीवों के निम्नलिखित प्रकारों पर विचार कीजिये: (2021)

  1. कॉपपिपोड्
  2.  साइनोबैक्टीरिया
  3.  डायटम
  4.  फोरैमिनिफेरा

उपर्युक्त में से कौन-से जीव महासागरों की आहार शृंखलाओं में प्राथमिक उत्पादक हैं?

(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 3 और 4
(d) 1 और 4

उत्तर: (b)


प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा एक आहार शृंखला का सही क्रम है? (2014)

(a) डायटम-क्रस्टेशियाई-हेरिंग
(b) क्रस्टेशियाई-डायटम-हेरिंग
(c) डायटम-हेरिंग-क्रस्टेशियाई
(d) क्रस्टेशियाई-हेरिंग-डायटम

उत्तर: (a)


ग्रीष्म अयनांत 2024

स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में 21 जून को विश्व के उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्म अयनांत के दिन के रूप में चिह्नित किया गया। 

  • ग्रीष्म अयनांत को गर्मियों की शुरुआत या मध्य गर्मियों के रूप में माना जाता है जब पृथ्वी का एक ध्रुव सूर्य की ओर अधिकतम झुकाव पर होता है।

ग्रीष्म अयनांत:

  • उत्पत्ति:
    • ग्रीष्म अयनांत के बारे में संभवतः लगभग 200 ईसा पूर्व पता लगा था, जब प्राचीन यूनानी विद्वान एराटोस्थनीज़ ने पृथ्वी की परिधि को मापने के लिये एक प्रयोग किया था।
    • उन्होंने देखा कि ग्रीष्म अयनांत पर, सूर्य का प्रकाश मिस्र के असवान में एक कुएँ में सीधे नीचे की ओर चमकता था, जो दर्शाता है कि सूर्य सीधे सिर के ऊपर था।
    • एवान और अलेक्जेंड्रिया शहरों के बीच छाया अंतराल तथा उनके बीच की दूरी में अंतर की गणना करके, एराटोस्थनीज़ पृथ्वी की परिधि का एक प्रारंभिक एवं सटीक अनुमान प्रदान करने में सक्षम था।
  • परिचय:
    • ग्रीष्म अयनांत वर्ष के सबसे लंबे दिवस को प्रदर्शित करता है, जब सूर्य आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर स्थित होता है
    • अयनांत के दौरान, पृथ्वी की धुरी (जिसके चारों ओर ग्रह घूर्णन करता है, प्रत्येक दिन एक घूर्णन पूर्ण करता है) का झुकाव इस प्रकार होता है कि उत्तरी ध्रुव सूर्य की ओर झुका होता है और दक्षिणी ध्रुव उससे दूरी पर होता है
    • सामान्यतः यह काल्पनिक धुरी ऊपर से नीचे तक पृथ्वी के ठीक मध्य से होकर गुज़रती है और सूर्य के संबंध में इसका झुकाव हमेशा 23.5 डिग्री पर होता है
    • आर्कटिक वृत्त (66°33′ उत्तरी अक्षांश) पर, अयनांत के दौरान सूर्य का प्रभाव सदैव बना रहता है।
    • ग्रीष्म अयनांत के दौरान उत्तरी गोलार्द्ध में एक विशिष्ट क्षेत्र द्वारा प्राप्त सूर्य प्रकाश की मात्रा उस स्थान के अक्षांशीय स्थान पर निर्भर करती है।
  • प्रभाव:
    • इस अवधि के दौरान सूर्य कर्क रेखा (23.5° उत्तर) पर चमकता है तथा उत्तरी गोलार्द्ध के देश सूर्य के सर्वाधिक निकट होते हैं।
    • पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है, जिसके कारण उत्तरी गोलार्द्ध को मार्च तथा सितंबर के बीच सर्वाधिक प्रत्यक्ष सूर्यप्रकाश प्राप्त होता है।
      • इस दिन पृथ्वी को सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा की मात्रा भूमध्य रेखा की तुलना में उत्तरी ध्रुव पर 30% अधिक होती है।

  • सांस्कृतिक महत्त्व:
    • कई संस्कृतियों में, ग्रीष्मकालीन अयनांत वर्ष का एक महत्त्वपूर्ण समय होता है, जो दुनिया भर में त्योहारों एवं अनुष्ठानों का प्रतीक है।

नोट: 

  • दक्षिणी गोलार्ध में ग्रीष्म अयनांत, प्रतिवर्ष 22 दिसंबर को होता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्षों के प्रश्न   

प्रश्न: 21 जून को सूर्य की स्थिति होती है: (2019) 

(a) आर्कटिक वृत में  क्षितिज के नीचे नहीं होता है। 
(b) अंटार्कटिक वृत में  क्षितिज के नीचे नहीं होता है। 
(c) भूमध्य रेखा पर दोपहर में लंबवत रूप से ऊपर की ओर चमकता है। 
(d) मकर रेखा पर लंबवत रूप से ऊपर की ओर चमकता है। 

उत्तर: (a) 


DDT स्तर में गिरावट, POP स्तर में वृद्धि

स्रोत: डाउन टू अर्थ

एक हालिया अध्ययन के अनुसार, कठोर अंतर्राष्ट्रीय नियमों के परिणामस्वरूप वर्ष 2004 से वर्तमान तक मानवीय आबादी एवं पर्यावरण में 11 अतिरिक्त स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों (POP) के साथ डाइक्लोरो-डाइफेनिल-ट्राइक्लोरोइथेन (DDT) कीटनाशक में उल्लेखनीय कमी हुई है।

  • अन्य POP एवं समान गुणों वाले प्रतिबंधित घातक POP के प्रतिस्थापन की संख्या उच्च स्तर तक बढ़ गई है।
    • कार्बनिक यौगिक (अर्थात् कार्बन-आधारित) रासायनिक विघटन, जैविक प्रक्रियाओं एवं सूर्य के प्रकाश जैसी पर्यावरणीय प्रक्रियाओं द्वारा क्षरण का प्रतिरोध करते हैं। वे पर्यावरण में दशकों एवं सदियों तक लंबे समय तक बने रह सकते हैं।
    • वे कैंसर, यकृत क्षति, प्रजनन क्षमता में कमी, तथा अस्थमा और थायरॉयड के उच्च जोखिम का कारण बन सकते हैं क्योंकि वे अंतःस्रावी तंत्र को बाधित कर सकते हैं।
  • POP के लिये वैश्विक निगरानी योजना को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा क्रियान्वित किया गया है तथा वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) द्वारा वित्तपोषित किया गया है।
  • यह अध्ययन अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका एवं कैरिबियन तथा प्रशांत द्वीप समूह के 42 देशों में स्टॉकहोम अभिसमय के अंर्तगत वर्ष 2021 तक सूचीबद्ध 30 POP की निगरानी एवं सीमित डेटा के लिये किया गया था।
    • स्टॉकहोम अभिसमय (2001) एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संधि है जो वर्ष 2004 से प्रभावी है जिसका उद्देश्य POP के उत्पादन एवं उपयोग को समाप्त करना अथवा प्रतिबंधित करना है।
  • DDT, 1940 के दशक में विकसित पहला आधुनिक सिंथेटिक कीटनाशक है जो रंगहीन, स्वादहीन एवं गंधहीन यौगिक है।
    • कुछ देशों (जैसे दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना, ज़िम्बाब्वे) में अभी भी इसका उपयोग कठोर नियमों के अंर्तगत मलेरिया नियंत्रण के लिये किया जाता है।

और पढ़ें… मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के लिये दक्षिण अफ्रीका को DDT की आपूर्ति


ब्लू प्लैनेट पुरस्कार विजेता-IPBES

स्रोत:डाउन टू अर्थ

हाल ही में जैवविविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं पर अंतर-सरकारी मंच (Intergovernmental Platform on Biodiversity and Ecosystem Services-IPBES) द्वारा वर्ष 2024 का ब्लू प्लैनेट पुरस्कार जीता गया।

  • इस पुरस्कार के अन्य विजेता यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल प्रॉस्पेरिटी के रॉबर्ट कोस्टान्ज़ा हैं, जिन्हें पारिस्थितिकी अर्थशास्त्र के क्षेत्र में योगदान हेतु सम्मानित किया गया है।
    • IPBES को "जैवविविधता, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं एवं लोगों के संदर्भ में प्रकृति के योगदान से संबंधित ज्ञान तथा विज्ञान की स्थिति पर अग्रणी वैश्विक प्राधिकरण" के रूप में सम्मानित किया गया।

ब्लू प्लैनेट पुरस्कार:

  • इसकी शुरुआत वर्ष 1992 में रियो अर्थ समिट के दौरान की गई थी।
  • यह पुरस्कार जापान के असाही ग्लास फाउंडेशन द्वारा ऐसे वैज्ञानिक अनुसंधान एवं इसके अनुप्रयोग में उत्कृष्ट उपलब्धियों हेतु प्रतिवर्ष दिया जाता है, जिससे वैश्विक पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने में सहायता मिली हो।
  • इसके लिये प्रतिवर्ष दो विजेताओं को चुना जाता है और पुरस्कार के रूप में 500,000 अमेरिकी डॉलर दिये जाते हैं।

IPBES:

परिचय

  • यह जैवविविधता एवं पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं हेतु विज्ञान-नीति इंटरफेस को मज़बूत करने पर केंद्रित एक स्वतंत्र अंतर-सरकारी निकाय है।

स्थापना

  • वर्ष 2012 में पनामा सिटी में 94 देशों (भारत सहित) द्वारा इसकी स्थापना की गई।
  • वर्तमान में इसके 145 से अधिक सदस्य देश हैं।
  • सचिवालय - बॉन, जर्मनी।

उद्देश्य

  • नीति-प्रासंगिक ज्ञान प्रदान करने के क्रम में सभी वैज्ञानिक विषयों तथा संबंधित समुदायों की सर्वोत्तम विशेषज्ञता का उपयोग करने के साथ सरकार, निजी क्षेत्र एवं नागरिक समाज के सभी स्तरों पर ज्ञान-आधारित नीतियों के कार्यान्वयन को प्रोत्साहन देना।

UN से संबंध

और पढ़ें: अंतर-सरकारी वार्ता समिति: UNEP, पर्यावरणीय सम्मेलन (जलवायु परिवर्तन)


भारत-ऑस्ट्रेलिया CECA वार्ता

स्रोत: हिंदू

ऑस्ट्रेलिया वर्ष 2025 के मध्य में होने वाले अपने संघीय चुनावों से पहले, अगले 6-7 महीनों में भारत के साथ व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (Comprehensive Economic Cooperation Agreement- CECA) को अंतिम रूप देने पर बल दे रहा है।

  • CECA, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक व्यापक व्यापार समझौता है।
    • यह पहले के भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (India-Australia Economic Cooperation and Trade Agreement- ECTA) से अधिक व्यापक है।
  • ECTA एक सीमित व्यापार समझौता है जो दिसंबर 2022 में लागू हुआ।
  • CECA वार्ता मई 2011 में शुरू की गई थी, जिसे वर्ष 2016 में निलंबित कर दिया गया था और वर्ष 2021 में पुनः शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य वस्तुओं तथा सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार को उदार एवं गहन बनाने के लिये CECA को शीघ्रता से संपन्न करना व फिर इसका उपयोग अधिक महत्त्वाकांक्षी CECA पर पुनः वार्ता शुरू करना था।
  • CECA का उद्देश्य 5 मुख्य ट्रैकों को कवर करना है, अर्थात् वस्तु, सेवाएँ, डिजिटल व्यापार, सरकारी खरीद और उत्पत्ति के नियम/उत्पाद विशिष्ट नियम अनुसूची।
    • रुचि के नए क्षेत्रों में प्रतिस्पर्द्धा नीति, MSME, नवाचार, कृषि-तकनीक, महत्त्वपूर्ण खनिज और खेल शामिल हैं।
  • वर्ष 2023-24 में ऑस्ट्रेलिया से भारत का आयात 15% घटकर 16.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया, जबकि भारत का निर्यात 14.23% बढ़कर 7.94 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। ऑस्ट्रेलिया भारत का 13वाँ सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य और भारत के लिये 14वाँ सबसे बड़ा आयात स्रोत है।

अधिक पढ़ें: भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024

स्रोत: इकोनाॅमिक टाइम्स 

10वाँ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) 21 जून 2024 को “स्वयं और समाज के लिये योग (Yoga for Self and Society)” थीम के साथ मनाया जा रहा है।

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2014 में संकल्प संख्या 69/131 द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया था।
    • इस दिन को घोषित करने का प्रस्ताव भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र के 69वें सत्र में प्रस्तावित किया गया था और 175 सदस्य देशों द्वारा इसका समर्थन किया गया था।
  • पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) वर्ष 2015 में “सद्भाव और शांति के लिये योग” थीम के साथ मनाया गया था।
    • नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम से दो गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड बने: पहला 35,985 प्रतिभागियों के साथ सबसे बड़े योग सत्र का आयोजन और दूसरा एक ही सत्र में सबसे अधिक राष्ट्रों (84) की भागीदारी।
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) योग को एक स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने, शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों में सुधार करने तथा गैर-संचारी रोगों (NCDs) को नियंत्रित करने हेतु एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में मान्यता देता है।
    • योग सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जिसमें वर्ष 2030 तक शारीरिक निष्क्रियता में 15% सापेक्ष कमी लाना भी शामिल है। 
  • युवा मामले और खेल मंत्रालय ने योग को एक खेल अनुशासन के रूप में मान्यता दी है और वर्ष 2015 में इसे 'प्राथमिकता' की श्रेणी में रखा।

और पढ़ें…अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस