प्रीलिम्स फैक्ट्स: 21 अप्रैल, 2020
एकीकृत कमांडर्स सम्मेलन
Unified Commanders Conference
COVID-19 के कारण 22 एवं 23 अप्रैल को होने वाला भारतीय सेना का एकीकृत कमांडर्स सम्मेलन (Unified Commanders Conference- UCC) स्थगित कर दिया गया है।
मुख्य बिंदु:
- एकीकृत कमांडर्स सम्मेलन रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में होने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है। इसमें तीन सेना प्रमुख, सेना के वरिष्ठ अधिकारी, रक्षा राज्य मंत्री, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शामिल होते हैं।
- यह वार्षिक सम्मेलन 'संयुक्त मुद्दों' पर तीनों सेनाओं और रक्षा मंत्रालय के बीच शीर्ष स्तर पर चर्चा के लिये एक मंच प्रदान करता है।
- इस सम्मेलन में भारत की रक्षा नीति, रक्षा सिद्धांत और परिचालन चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की जाती है।
सिविल सेवा दिवस- 2020
Civil Service Day- 2020
21 अप्रैल को सिविल सेवा दिवस (Civil Service Day) के अवसर पर भारतीय प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने भारत के प्रशासनिक ढाँचे की कल्पना की और प्रगति-उन्मुख एवं करुणामय प्रणाली के निर्माण पर ज़ोर दिया।
उद्देश्य:
- इस दिवस का उद्देश्य भारतीय प्रशासनिक सेवा, राज्य प्रशासनिक सेवा के सदस्यों द्वारा स्वयं को नागरिकों के लिये समर्पित एवं वचनबद्ध करना है। यह दिन सिविल सेवकों को बदलते समय की चुनौतियों के साथ भविष्य के बारे में आत्मनिरीक्षण एवं सोचने का अवसर प्रदान करता है।
पृष्ठभूमि
- सिविल सेवा दिवस के रूप में 21 अप्रैल की तारीख इसलिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि 21 अप्रैल, 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने दिल्ली के मेटकाॅफ हाउस में प्रशासनिक सेवा के प्रोबेशनरी अधिकारियों को संबोधित करते हुए सिविल सेवकों को 'भारत का स्टील फ्रेम '(Steel Frame of India) कहा था।
- सिविल सेवा दिवस को पहली बार दिल्ली के विज्ञान भवन में 21 अप्रैल, 2006 को मनाया गया था।
- ब्रिटिश काल में ‘सिविल सेवा’ (Civil Service) शब्द का प्रयोग ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की प्रशासनिक नौकरियों में शामिल नागरिक कर्मचारियों के लिये किया जाता था।
- भारत में सिविल सेवा की नींव वॉरेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) द्वारा रखी गई थी किंतु बाद में चार्ल्स कॉर्नवॉलिस (Charles Cornwallis) द्वारा इसमें अधिक सुधार किये गए इसलिये उन्हें ‘भारत में नागरिक सेवाओं के पिता’ (Father of Civil Services in India) के रूप में जाना जाता है।
‘लोक प्रशासन में विशिष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार’
- सिविल सेवा दिवस के इस अवसर पर ‘लोक प्रशासन में विशिष्टता के लिये प्रधानमंत्री पुरस्कार’ (Prime Minister's Awards for Excellence in Public Administration) प्रदान किये जाते हैं।
- ये पुरस्कार नागरिकों के कल्याण को सुनिश्चित करते हुए, भारत सरकार के लिये बेहतर काम करने हेतु सिविल सेवकों के लिये एक प्रेरणा के रूप में काम करते हैं।
- ये पुरस्कार ज़िला इकाइयों में सरकारी योजनाओं और नवाचार को बढ़ावा देने के लिये प्रदान किये जाते हैं। इसके अंतर्गत राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है-
- पहले समूह में पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्य तथा तीन पहाड़ी राज्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर) शामिल किये गए है।
- दूसरे समूह में शेष 18 राज्य शामिल किये गए हैं।
- तीसरे समूह में 7 संघ शासित प्रदेश शामिल किये गए हैं।
(राज्यों का यह वर्गीकरण जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन से पूर्व का है)
सुबनसिरी नदी पर बेली/बैली पुल
Bailey Bridge Over Subansiri River
हाल ही में सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation- BRO) ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले में सुबनसिरी नदी के ऊपर दापोरीजो (Daporijo) में 430 फीट लंबे बेली/बैली पुल का उन्नयन किया।
मुख्य बिंदु:
- अभी तक इस पुल का वज़न 24 टन था जिसे अपग्रेड करके 40 टन किया गया है, जिससे भारी वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी।
- सीमा सड़क संगठन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में निर्मित इस रणनीतिक पुल के माध्यम से भारत- चीन के मध्य वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तैनात लगभग 3,000 सैनिकों को पर्याप्त मात्रा में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति हो सकेगी और विवादित क्षेत्रों में आकस्मिकता के दौरान त्वरित सैन्य मदद सुनिश्चित कराई जा सकेगी।
- यह पुल आसपास के लगभग 451 गाँवों में वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति की उपलब्धता को भी सुनिश्चित करने में मदद करेगा और ऊपरी सुबनसिरी ज़िले में बुनियादी ढाँचे के विकास में सहायक होगा।
- यह पुल भारी तोपों का भार सहन करने में सक्षम है जिन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control- LAC) तक आसानी से पहुँचाया जा सकता है।
- इस पुल का निर्माण सीमा सड़क संगठन, रक्षा मंत्रालय और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच समन्वय एवं सहयोग से पूरा किया गया है।
रणनीतिक महत्त्व:
- यह पुल सुबनसिरी नदी पर बने दो पुलों में से एक है जो अरुणाचल प्रदेश के दापोरीजो (Daporijo) क्षेत्र को शेष राज्य से जोड़ता है।
- यह पुल और अरुणाचल प्रदेश के तामिन (Tamin) के पास निर्मित अन्य पुल इस क्षेत्र के 600 से अधिक गाँवों तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के आसपास के 3000 सैन्य कर्मियों को मदद पहुँचाने में सक्षम है जिसमें असफिला (Asaphila) और माज़ा (Maza) विवादित क्षेत्र भी शामिल हैं। गौरतलब है कि भारत-चीन के मध्य वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद ने इस क्षेत्र में भी संवेदनशीलता बढ़ा दी थी।
- भारत और चीन के मध्य वास्तविक नियंत्रण रेखा की लंबाई 3488 किलोमीटर है जिसमें 1126 किलोमीटर अकेले अरुणाचल प्रदेश के साथ संबद्ध है।
सुबनसिरी नदी (Subansiri River):
- सुबनसिरी नदी का उद्गम तिब्बत के हिमालयी क्षेत्र से होता है। यह भारत में अरुणाचल प्रदेश से होती हुई दक्षिण में असम घाटी तक बहती है जहाँ यह लखीमपुर ज़िले में ब्रह्मपुत्र नदी में मिलती है।
- इसे ‘स्वर्ण नदी’ भी कहा जाता है और यह अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मपुत्र की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
- सुबनसिरी नदी को ‘व्हाइट वॉटर राफ्टिंग’ (White Water Rafting) के लिये भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदियों में से एक माना जाता है।
- इसकी सहायक नदियाँ सिए (Sie) और कमला (Kamla) हैं।
न्यू डेवलपमेंट बैंक
New Development Bank
20 अप्रैल, 2020 को केंद्रीय वित्त मंत्री ने नई दिल्ली में वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से न्यू डेवलपमेंट बैंक (New Development Bank- NBD) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 5वीं वार्षिक बैठक में भाग लिया।
मुख्य बिंदु:
- इस बैठक में भारतीय वित्त मंत्री ने एक विश्वसनीय वैश्विक वित्तीय संस्थान के रूप में न्यू डेवलपमेंट बैंक द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की जो अधिक सतत् एवं समावेशी दृष्टिकोण को अपनाकर अपने निर्दिष्ट प्रयोजन को सफलतापूर्वक पूरा कर रहा है।
- वैश्विक महामारी COVID-19 पर चर्चा करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने ब्रिक्स देशों को लगभग 5 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिये ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ द्वारा किये गए प्रयासों की सराहना की, जिसमें COVID-19 महामारी से निपटने के लिये भारत को 1 अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता देना भी शामिल है।
न्यू डेवलपमेंट बैंक (NBD):
- न्यू डेवलपमेंट बैंक (NBD) को ब्रिक्स (BRICS) के सदस्य देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) द्वारा वर्ष 2014 में स्थापित किया गया था।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य ब्रिक्स एवं अन्य उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं तथा विकासशील देशों में बुनियादी ढाँचे एवं सतत् विकास परियोजनाओं के लिये व्यापक संसाधन जुटाना है जिससे वैश्विक प्रगति व विकास के लिये बहुपक्षीय एवं क्षेत्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा वर्तमान में किये जा रहे प्रयासों में तेज़ी लाई जा सके।
न्यू डेवलपमेंट बैंक (NBD) द्वारा भारत को दी गई वित्तीय मदद:
- न्यू डेवलपमेंट बैंक (NBD) ने अब तक भारत की 14 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है जिनमें 4,183 मिलियन डॉलर की राशि निहित है।
- उल्लेखनीय है कि न्यू डेवलपमेंट बैंक के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की पहली वार्षिक बैठक वर्ष 2016 में चीन के शंघाई शहर में आयोजित की गई थी। जबकि इसकी दूसरी वार्षिक बैठक वर्ष 2017 में नई दिल्ली (भारत) में आयोजित की गई थी।