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प्रीलिम्स फैक्ट्स : 7 मई, 2018

  • 07 May 2018
  • 8 min read

कोछलियर इंप्लांट जागरूकता कार्यक्रम
Cochlear Implant Awareness Programme

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय (Ministry of Social Justice and Empowerment) का दिव्यांगजन (Divyangjan) सशक्तीकरण भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (Indian Red Cross Society) एवं सर्वोदय हॉस्पिटल एवं अनुसंधान केंद्र (Sarvodaya Hospital & Research Centre) के सहयोग से 6 मई, 2018 को फरीदाबाद (हरियाणा) में ‘कोछलियर इंप्लांट जागरूकता कार्यक्रम’ (Cochlear Implant Awareness Programme) का आयोजन किया गया।
स्वर स्वागतम नाम का यह समारोह विभाग की एडीआईपी (Scheme of Assistance to Disabled Persons for Purchase/Fitting of Aids and Appliances - ADIP) योजना के तहत, कोछलियर इंप्लांट कार्यक्रम के बारे में आम लोगों को जागरूक बनाने के लिये बेहद महत्त्वपूर्ण है।

  • कोछलियर इंप्लांट ऐसे बच्चों की सहायता करने की एक आधुनिक प्रौद्योगिकी है जिन्हें दोनों कानों से सुनने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
  • कोछलियर इंप्लांट महँगे होते हैं और सब के लिये इसका खर्च उठाना मुश्किल होता है।
  • ‘सबका साथ सबका विकास’ को ध्यान में रखते हुए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के डीईपीडब्ल्यूडी (Department of Empowerment of Persons with Disabilities – DEPwD) आधुनिक प्रौद्योगिकी का लाभ गरीबों को भी उपलब्ध करा रहा है।
  • इस दिशा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने गरीब एवं ज़रूरतमंद बच्चों के लिये एड्स एवं ऐप्लायंसेज (एडीआईपी) की खरीद एवं फिटिंग के लिये सहायता की संशोधित योजना के तहत, कोछलियर इंप्लांट कार्यक्रम शुरू किया है।

एक्सोप्लैनेट के पास हीलियम गैस

खगोलविदों को पृथ्वी के सौर मंडल से काफी दूर स्थित एक तारे की कक्षा में मौजूद एक ग्रह के वातावरण में हीलियम गैस के होने की जानकारी प्राप्त हुई है। ऐसा पहली बार हुआ है कि खगोलविदों को किसी एक्सोप्लैनेट के समीप हीलियम गैस के होने की जानकारी मिली हो। 

  • ब्रिटेन स्थित एक्सेटर यूनिवर्सिटी की शोधकर्त्ता जेसिका स्पेक के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय दल द्वारा यह खोज की गई है। शोधकर्त्ताओं को पृथ्वी से 200 प्रकाश वर्ष दूर Virgo constellation में मौजूद सुपर नेपच्यून एक्सोप्लैनेट डब्ल्यूएएसपी 107बी पर इस निष्क्रिय गैस की मौजूदगी के साक्ष्य मिले हैं।
  • नेचर नामक जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन-पत्र के मुताबिक, इस एक्सोप्लैनेट पर हीलियम गैस की उपस्थिति की जानकारी सर्वप्रथम 2017 में प्राप्त हुई थी। हालाँकि, इसकी पुष्टि अब की गई है।
  • ब्रह्मांड में हीलियम दूसरा सामान्य तत्त्व है। यह एक निष्क्रिय गैस या नोबेल गैस (Noble gas) है।
  • यह रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन, विष-हीन (नॉन-टॉक्सिक) होती है। इसका परमाणु क्रमांक 2 है।
  • वैज्ञानिकों के कथनानुसार, हीलियम के सिग्नल बहुत मज़बूत होते हैं। इनकी मदद से अंतरिक्ष में हज़ारों किलोमीटर दूर स्थित किसी ग्रह के ऊपरी वातावरण का पता लगाया जा सकता है।

सीमा सड़क संगठन
Border Roads Organisation (BRO)

सीमा सड़क संगठन 7 मई, 2018 को अपना संस्थापना दिवस मना रहा है। देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में ढाँचागत विकास के क्षेत्र में अग्रणी संगठन बीआरओ राष्ट्र की 58 वर्षों की गौरवशाली सेवा का समारोह मना रहा है।

  • सीमा सड़क संगठन की स्थापना 7 मई, 1960 को हुई थी।
  • इसका उद्देश्य शांतिकाल में सीमावर्ती इलाकों में जनरल स्टॉफ की ऑपरेशनल सड़कों का विकास व रख-रखाव व सीमावर्ती राज्यों का आर्थिक व सामाजिक उत्थान करना है। जबकि युद्धकाल में वास्तविक इलाकों से तथा पुनर्तैनाती इलाकों से नियंत्रण रेखा के लिए सड़क का विकास व देखभाल करता है।
  • सीमा सड़क संगठन भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क मार्ग के निर्माण एवं व्यवस्थापन का कार्य करता है।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में पहाड़ी इलाके होने से भूमिस्खलन तथा चट्टानों के गिरते-टूटते रहने से सड़कें टूटती रहती हैं। इनको सुचारु बनाए रखने के लिये संगठन को पूरे वर्ष कार्यरत रहना पड़ता है।
  • इसके अलावा सरकार द्वारा युद्धकाल के दौरान विनिर्दिष्ट अन्य अतिरिक्त कार्यों का निष्पादन भी करता है।

NASA का 'इनसाइट' मिशन

5 मई को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा मंगल ग्रह का आंतरिक अध्ययन करने के लिये अपने पहले मिशन को लॉन्च किया गया है। इस मिशन को इनसाइट (Interior Exploration using Seismic Investigations, Geodesy and Heat Transport) नाम दिया गया है।

  • इसे कैलिफोर्निया के वेंडेनबर्ग वायु सेना बेस से एटलस वी रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया गया।
  • नासा के अनुसार, इनसाइट एक प्रकार का लैंडर है, जो मंगल की सतह पर उतरेगा। यह एक प्रकार से वैज्ञानिक टाइम मशीन है।
  • यह 4.5 अरब साल पहले हुई मंगल की उत्पत्ति की प्रारंभिक अवस्था के बारे में जानकारी प्रदत्त करेगा। इससे हमें धरती और चंद्रमा समेत सौर मंडलों के दूसरे ग्रहों की चट्टान संरचना के निर्माण के विषय में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकेगी।
  • इसकी सहायता से वैज्ञानिक यह जान सकेंगे कि किस तरह से मंगल की बाहरी परतों एवं इसके आतंरिक भाग की संरचना पृथ्वी की संरचना से भिन्न है?

इनसाइट की विशेषताएँ

  • इनसाइट या इंटीरियर एक्सप्लोरेशन में आँकड़ों के संग्रहण के लिये कई प्रकार के संवदेनशील उपकरणों को स्थापित किया गया है।
  • इसमें मंगल ग्रह पर भूकंप की जाँच हेतु अति संवेदनशील सिस्मोमीटर (seismometer) लगाया गया है। इस सिस्मोमीटर को फ्राँस के नेशनल स्पेस सेंटर द्वारा तैयार किया गया है।
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