प्रिलिम्स फैक्ट्स: 19 अक्तूबर, 2020
‘कपिला’ कलाम कार्यक्रम
‘KAPILA’ Kalam Program
15 अक्तूबर, 2020 को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Union Education Minister) ने पूर्व राष्ट्रपति एवं वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 89वीं जयंती पर आविष्कारों के पेटेंट के प्रति जागरूकता हेतु बौद्धिक संपदा साक्षरता एवं जागरूकता शिक्षा अभियान (IP Literacy and Awareness Education Campaign) के लिये ‘कपिला’ कलाम कार्यक्रम (‘KAPILA’ Kalam Program) शुरू किया है।
प्रमुख बिंदु:
- कपिला (KAPILA), आईपी (बौद्धिक संपदा) साक्षरता एवं जागरूकता के लिये कलाम कार्यक्रम [Kalam Program for IP (Intellectual Property) Literacy and Awareness] का संक्षिप्त नाम है।
- इस अभियान के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों को उनके आविष्कार को पेटेंट कराने के लिये आवेदन प्रक्रिया की सही प्रणाली के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी और वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे।
- यह कार्यक्रम कॉलेजों एवं संस्थानों को अधिक-से-अधिक छात्रों को पेटेंट फाइल करने के लिये प्रोत्साहित करने की सुविधा प्रदान करेगा।
- इसके साथ ही 15 से 23 अक्तूबर तक 'बौद्धिक संपदा साक्षरता सप्ताह' (Intellectual Property Literacy Week) मनाने का भी निर्णय लिया गया।
नवाचार संस्थान परिषद
(Institution Innovation Council-IIC):
- नवाचार संस्थान परिषद (IIC) की स्थापना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 में की गई थी।
- अब तक लगभग 1700 उच्च शिक्षण संस्थानों में इसकी शाखाएँ खोली जा चुकी हैं।
- ‘कपिला’ कलाम कार्यक्रम के अवसर पर नवाचार संस्थान परिषद 2.0 (IIC 2.0) की वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और IIC 3.0 की शुरुआत करने की घोषणा की गई।
- IIC 3.0 के तहत 5000 उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार संस्थान परिषद बनाई जाएगी।
ब्रह्मोस का नौसैनिक संस्करण
Naval Version of BrahMos
18 अक्तूबर, 2020 को अरब सागर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के एक नौसैनिक संस्करण का नौसेना के स्वदेशी रूप से निर्मित स्टील्थ विध्वंसक आईएनएस चेन्नई (INS Chennai) से सफल परीक्षण किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- आईएनएस चेन्नई (INS Chennai):
- स्वदेशी रूप से डिज़ाइन की गई कोलकाता-श्रेणी के स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘INS चेन्नई’ को ‘सतह-से-सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली’ ले जाने के लिये डिज़ाइन किया गया है जिससे जहाज़ को तट-आधारित और नौसेना की सतह के लक्ष्यों पर प्रहार करने की क्षमता प्राप्त होती है।
- गौरतलब है कि पिछले कुछ हफ्तों में भारत ने सतह-से-सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल ब्रह्मोस का नया संस्करण और एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम सहित कई मिसाइलों का परीक्षण किया है।
- ब्रह्मोस:
- ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम ने तैयार किया है। भारत-रूस का संयुक्त उद्यम ब्रह्मोस एयरोस्पेस (BrahMos Aerospace) सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का उत्पादन करता है।
- इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है।
- यह एक क्रूज़ मिसाइल है किंतु जब इसकी गति 2.8 मैक होती है अर्थात् इसकी मारक क्षमता ध्वनि की गति से भी तीन गुना अधिक होती है, तो यह एक सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल कहलाती है।
- इसकी लक्ष्य भेदन क्षमता अचूक है, इसलिये इसे ‘दागो और भूल जाओ’ (Fire and Forget) मिसाइल भी कहा जाता है। यह परमाणु हथियार ले जाने में भी सक्षम है।
- इसे पनडुब्बी, एयरक्राफ्ट, हवा और ज़मीन से दागा जा सकता है।
- ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के पहले संस्करण को वर्ष 2005 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
‘घर तक फाइबर’ योजना
‘Ghar Tak Fibre’ Scheme
चुनाव में संलग्न बिहार में भारत सरकार की महत्त्वाकांक्षी ‘घर तक फाइबर’ योजना (‘Ghar Tak Fibre’ Scheme) की शुरुआत अत्यंत धीमी है।
उद्देश्य:
- इस योजना का उद्देश्य भारत के सभी गाँवों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ना है।
प्रमुख बिंदु:
- गौरतलब है कि बिहार पहला राज्य है जिसने 31 मार्च, 2021 तक अपने सभी 45,945 गाँवों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
- 31 मार्च तक सभी गाँवों को हाई-स्पीड इंटरनेट से जोड़ने के लिये राज्य को प्रतिदिन औसतन 257 गाँवों को कनेक्टिविटी प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
- हालाँकि इस योजना की शुरुआत के लगभग एक महीने बाद 14 अक्तूबर, 2020 तक ऑप्टिकल फाइबर केबल सिर्फ 4,347 गाँवों में बिछाया गया है अर्थात् प्रतिदिन 181 गाँवों की दर से ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया गया है।
‘घर तक फाइबर’ योजना:
- 21 सितंबर, 2020 को ‘घर तक फाइबर’ योजना की शुरुआत करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा था कि बिहार के सभी 45,945 गाँवों को उच्च गति वाले ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से जोड़ा जाएगा।
- यह योजना केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) के तहत क्रियान्वित की जा रही है।
- एक गाँव या ग्राम पंचायत (GP) को भारतनेट (BharatNet) के तहत 'लिट अप' (lit Up) माना जाता है जब उसको लगातार इंटरनेट कनेक्शन की सुविधा प्राप्त होती है।
भारतनेट परियोजना (BharatNet Project):
- भारतनेट परियोजना जो कि अक्तूबर 2011 में ‘राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क’ (National Optical Fibre Network) के रूप में शुरू हुई थी, अब 92 महीनों से अधिक समय की देरी से क्रियान्वित हो रही है।
- अब इस परियोजना के लिये नई समय-सीमा अगस्त 2021 निर्धारित की गई है।
- हालाँकि इस वर्ष 15 अगस्त को भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सभी गाँव अगले 1000 दिनों में इंटरनेट से जुड़ जाएंगे अर्थात् अब इस परियोजना के वर्ष 2024 में पूर्ण होने की संभावना है।
स्लीनेक्स-20
SLINEX-20
19 से 21 अक्तूबर, 2020 तक भारतीय नौसेना और श्रीलंकाई नौसेना के बीच संयुक्त वार्षिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास 'स्लीनेक्स-20' (SLINEX-20) का आठवाँ संस्करण त्रिंकोमाली (Trincomalee), श्रीलंका में आयोजित किया जाएगा।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य परस्पर अंतर-संचालनशीलता को बढ़ाना, आपसी समझ को और ज़्यादा परिपक्व करना तथा दोनों नौसेनाओं के बीच बहुआयामी समुद्री संचालन के लिये सर्वोत्तम प्रथाओं तथा प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करना है।
प्रमुख बिंदु:
- इस अभ्यास में श्रीलंका की तरफ से नौसैनिक जहाज़ सायुरा (Sayura) और गजबाहू (Gajabahu), जबकि भारतीय नौसेना की तरफ से स्वदेश निर्मित पनडुब्बी-रोधी युद्धपोत कमोर्टा (Kamorta) एवं किल्टन (Kiltan) हिस्सा लेंगे।
- यह साझा नौसैनिक अभ्यास भारत में स्वदेशी रूप से निर्मित नौसैनिक जहाज़ों और विमानों की क्षमताओं को भी प्रदर्शित करेगा।
- स्लीनेक्स (SLINEX) का पिछला संस्करण सितंबर 2019 में विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था।
सामरिक महत्त्व:
- 'स्लीनेक्स' अभ्यास की यह शृंखला भारत और श्रीलंका के बीच गहरे जुड़ाव को व्यक्त करती है जिसने समुद्री क्षेत्र में आपसी सहयोग को मज़बूत किया है।
- यह भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ की नीति और दोनों देशों के बीच तालमेल को दर्शाता है जो भारतीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण 'सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा और विकास- Security and Growth for all in the Region) के अनुरूप है।
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 अक्तूबर , 2020
आयुष्मान सहकार योजना
हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आयुष्मान सहकार (Ayushman Sahakar) योजना की शुरूआत की है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को स्थापित करने के लिये सहकारी समितियों को कुल 10,000 करोड़ रुपए का ऋण दिया जाएगा। ध्यातव्य है कि ‘आयुष्मान सहकार योजना’ की अवधारणा मुख्य तौर पर केरल मॉडल पर आधारित है, जहाँ सहकारी समितियों ने केरल के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। आयुष्मान सहकार योजना के तहत ऋण प्राप्त करने की एक शर्त यह होगी कि सहकारी समितियों के सदस्यों को रियायती दरों पर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जानी चाहिये। चूँकि ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी समितियों की उपस्थिति काफी मज़बूत है, इसलिये इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यापक स्तर पर पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी। इस तरह स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गए राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) के अनुरूप आयुष्मान सहकार योजना देश के ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य अवसंरचना को मज़बूत करने में मदद करेगी। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की स्थापना वर्ष 1963 में संसद के एक अधिनियम द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक संविधिक निगम के रुप में की गई थी। यह, सहकारी क्षेत्र हेतु शीर्ष वित्तीय एवं विकासात्मक संस्थान के रूप में कार्यरत एकमात्र सांविधिक संगठन है।
मिशन शक्ति
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के मद्देनज़र राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा एवं गरिमा सुनिश्चित करने के लिये ‘मिशन शक्ति’ की शुरुआत की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राज्य सरकार, महिलाओं और बालिकाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों के प्रति ‘शून्य सहिष्णुता’ (Zero Tolerance) की नीति का अनुसरण करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार इस मिशन को चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित करेगी, जिसके तहत पहला चरण महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा तथा गरिमा सुनिश्चित करने के प्रति जागरूकता फैलाने पर केंद्रित होगा। दूसरे चरण में 'ऑपरेशन शक्ति' का संचालन होगा, जिसमें महिलाओं और बालिकाओं के साथ छेड़खानी करने वाले लोगों को लक्षित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘यदि पहले और दूसरे चरण के बाद भी सुधार नहीं होता है तो ऐसे लोगों को सार्वजानिक बहिष्कार का सामना करना पड़ेगा और उनकी तस्वीरों को सार्वजानिक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।’ उल्लेखनीय है कि ‘मिशन शक्ति’ में उत्तर प्रदेश सरकार के कुल 24 विभाग शामिल हैं।
अजय भल्ला
हाल ही में केंद्र सरकार ने गृह सचिव (Home Secretary) अजय भल्ला के कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। ध्यातव्य है कि 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके अजय भल्ला आयु संबंधी सेवा शर्तों के कारण 30 नवंबर, 2020 को सेवानिवृत्त होने वाले थे, किंतु अब नए आदेश के अनुसार, वे 22 अगस्त, 2021 तक केंद्र सरकार को अपनी सेवाएँ देंगे यानी वे 60 वर्ष की आयु के बाद भी अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। 26 नवंबर, 1960 को जन्मे अजय भल्ला वर्ष 1984 बैच के असम-मेघालय कैडर के IAS अधिकारी हैं, जिन्होंने 22 अगस्त, 2019 को गृह सचिव के तौर पर राजीव गौबा का स्थान लिया था, जो कि वर्तमान में कैबिनेट सचिव के तौर पर कार्य कर रहे हैं। गृह सचिव के रूप में नियुक्त होने से पहले, अजय भल्ला गृह मंत्रालय में कार्य कर चुके हैं, साथ ही इससे पहले उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा सचिव के तौर पर भी कार्य किया था।
एयर कंडीशनर के आयात पर प्रतिबंध
हाल ही में केंद्र सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एयर कंडीशनर के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस संबंध में विदेश व्यापार महानिदेशक द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब रेफ्रिजरेंट वाले एयर कंडीशनर (ACs) को ‘निशुल्क’ (Free) से ‘निषिद्ध’ (Prohibited) श्रेणी में शामिल कर दिया गया है। ध्यातव्य है कि भारत में घरेलू एयर कंडीशनर का बाज़ार तकरीबन 5-6 बिलियन डॉलर का है। केंद्र सरकार अपने इस निर्णय के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत भारत को एयर कंडीशनर के मामले में आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। इस कदम का उद्देश्य चीन से आने वाले आयात को कम करना भी है, ध्यातव्य है कि इस संबंध में सरकार द्वारा प्रस्तुत आँकड़े बताते हैं कि इस वर्ष अप्रैल-अगस्त माह की अवधि में, चीन से भारतीय आयात में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 27 प्रतिशत की गिरावट आई है, और अब यह तकरीबन 21.58 बिलियन डॉलर रह गया है।