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प्रश्न :
ऑप्टिकल फाइबर या प्रकाश तंतु की विशेषताओं की चर्चा करते हुए ‘भारत नेट प्रोजेक्ट’ पर प्रकाश डालें।
07 Dec, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकीउत्तर :
भूमिका में:
ऑप्टिकल फाइबर मुख्यत: सिलिका से बनी पतली बेलनाकार नलिकाएँ होती हैं जो प्रकाश के पूर्ण आंतरिक परावर्तन के सिद्धांत पर कार्य करती हैं। ऑप्टिकल फाइबर का नवीनतम उपयोग संचार के लिये दूरभाष तकनीकी में किया जा रहा है। इनके द्वारा मनुष्य की आवाज़, टेलीविज़न के चित्रों तथा कंप्यूटर के आँकड़ों का सरलतापूर्वक परिवहन होता है।विषय-वस्तु में:
विषय-वस्तु के पहले भाग में हम ऑप्टिकल फाइबर की विशेषताओं पर प्रकाश डालेंगे-- प्रकाश की आवृत्ति ध्वनि से अधिक होती है और जिस माध्यम की आवृत्ति जितनी अधिक होगी, उसकी सूचना-प्रेषण क्षमता उतनी ही अधिक होगी। यही कारण है कि प्रकाश की सूचना भेजने की क्षमता ध्वनि से बेहतर होती है इसी कारण ऑप्टिकल फाइबर का प्रयोग दूरसंचार क्षेत्र में किया जा रहा है।
- इसमें एक तांबे की तार की तुलना में सूचना-परिवहन शक्ति अधिक होती है जिससे संचार बहुत तीव्र गति से होता है।
- उच्च बैण्ड विड्थ, अवरोधक प्रतिरोधकता, निम्न लागत और हल्के वज़न के कारण यह सर्वोत्तम दूरसंचार माध्यम माना जाता है।
- इसके संचालन में ऊर्जा की आवश्यकता कम पड़ती है क्योंकि विद्युत ऊर्जा के विपरीत इन प्रकाश तंतुओं में ऊर्जा का क्षय नहीं होता।
- ऑप्टिकल फाइबर में प्रयुक्त होने वाला कच्चा माल मुख्यत: सिलिका या सिलका ऑक्साइड है, जो बालू से प्राप्त होने के कारण सस्ता और पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो जाता है।
इसमें संचार लगभग त्रुटिरहित होता है।
इस प्रौद्योगिकी में किसी भी सूचना या संदेश को ध्वनि ऊर्जा से प्रकाश किरणों में परिवर्तित करके सिलिका की अत्यंत महीन नलिकाओं के माध्यम से गंतव्य स्थान तक भेजा जाता है। ऑप्टिकल फाइबर में ध्वनि ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा के रूप में भेजा जाता है, जबकि धात्विक तंतुओं में प्रकाश ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा के रूप में परिवर्तित कर प्रवाहित किया जाता है।
विषय-वस्तु के दूसरे भाग में भारतीय परिदृश्य में ऑप्टिकल फाइबर की वर्तमान स्थिति के बारे में बताते हुए भारत नेट प्रोजेक्ट पर संक्षिप्त चर्चा करेंगे-
दूरसंचार के क्षेत्र में हुए नवीन क्रांतिकारी परिवर्तनों का एक प्रमुख आधार ऑप्टिकल फाइबर है। विकासशील देशों में ऑप्टिक फाइबर के क्षेत्र में इस आधुनिक तकनीक का प्रयोग करने वाला भारत प्रथम देश है। ऑप्टिकल फाइबर की असीम क्षमताओं को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा 2012 में राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क (NOFN) लाया गया। इसका उद्देश्य बिना किसी भेदभाव के देश की सभी 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को 100 Mbps तक की गति वाले ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य गाँवों एवं दूर-दराज़ के इलाकों में राज्यों तथा निजी क्षेत्र के साथ सहयोग से नागरिकों एवं संस्थाओं को वहनीय ब्रॉडबैंड सेवाएँ प्रदान करना है। नई एवं उन्नत रणनीति के साथ 2015 में इसका नाम बदलकर ‘भारत नेट प्रोजेक्ट’ कर दिया गया। सबसे मुख्य बदलाव था इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में निजी क्षेत्र के साथ राज्यों की भागीदारी।
भारत नेट प्रोजेक्ट विश्व का सबसे बड़ा ग्रामीण ब्रॉडबैंड प्रोजेक्ट है जो आने वाले दिनों में बड़ी मात्रा में रोज़गार के अवसरों को सृजित करेगा। भारत नेट प्रोजेक्ट 2014 में लाई गई केंद्र सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना डिजिटल इंडिया का मुख्य आधार है। देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के उद्देश्य से डिजिटल इंडिया को लाया गया। इसके द्वारा नागरिकों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में सरकारी सेवाएँ सुनिश्चित कराई जाएंगी जिससे सार्वजनिक जवाबदेही में बढ़ोतरी होगी और डिजिटल अंतराल को भरने में सहायता मिलेगी।
निष्कर्ष
अंत में संक्षिप्त, सारगर्भित एवं संतुलित निष्कर्ष लिखें।भारत नेट परियोजना गरीब ग्रामीणों के स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका, कौशल, ई-कृषि एवं ई-कॉमर्स के लिये डिजिटल सेवाओं की आपूर्ति में वृद्धि करेगी। तीव्र, पारदर्शी एवं किफायती शासन के अभिवृद्धि के अलावा ब्रॉडबैंक एवं इंटरनेट तथा ई-सेवाओं का सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।
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