रूस के युद्ध खेलों में भारत और चीन
भारतीय और चीनी सैनिक अगस्त 2022 के अंत में रूस में सैन्य अभ्यास में भाग लेंगे, फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस द्वारा आयोजित किया जाने वाला इस तरह का पहला बड़ा युद्ध खेल (सैन्य अभ्यास) है।
- भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई जबकि चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अभ्यास क्षेत्रीय परिस्थितियों से 'असंबंधित' है।
सैन्य अभ्यास:
- मेजबान रूस के नेतृत्व में इस अभ्यास में चीन के अलावा भारत, बेलारूस, मंगोलिया, ताजिकिस्तान और अन्य देशों के सैनिक शामिल होंगे।
- यह अभ्यास 30 अगस्त 2022 से 5 सितंबर 2022 के बीच रूस में विभिन्न सैन्य प्रतिष्ठानों में आयोजित किया जाएगा।
- यूक्रेन पर चल रहे रूसी आक्रमण को देखते हुए इसे विश्व स्तर पर बारीकी से अवलोकन किये जाने की संभावना है।
- अभ्यास हवाई बलों, लंबी दूरी की और सैन्य परिवहन विमानों एवं अन्य देशों के सैन्य दलों को भी एक साथ लाएगा।
चीन और रूस के साथ भारत का अभ्यास:
- चीन:
- हैंड इन हैंड अभ्यास:
- अभ्यास का उद्देश्य अर्ध शहरी इलाकों में संयुक्त योजना और आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन करना है।
- हैंड इन हैंड अभ्यास:
- रूस:
- अभ्यास इंद्र-21:
- यह अभ्यास अंतर्राष्ट्रीय आतंकी समूहों के खिलाफ संयुक्त बल द्वारा संयुक्त राष्ट्र के जनादेश के तहत आतंकवाद विरोधी अभियानों का संचालन करेगा।
- इंद्र/INDRA अभ्यास की शृंखला वर्ष 2003 में शुरू हुई और दोनों देशों के बीच बारी-बारी से द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास के रूप में आयोजित की गई।
- हालाँकि पहला संयुक्त त्रि-सेवा अभ्यास वर्ष 2017 में आयोजित किया गया था।
- युद्धाभ्यास TSENTR :
- TSENTR 2019 बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास की वार्षिक शृंखला का हिस्सा है जो रूसी सशस्त्र बलों के वार्षिक प्रशिक्षण चक्र का हिस्सा है।
- यह शृंखला चार मुख्य रूसी परिचालन रणनीतिक कमानों यानी वोस्तोक (पूर्व), ज़ापद (पश्चिम) TSENTR (मध्य) और कावकास (दक्षिण) के मध्य चक्रीय रूप से परिचालित होती है।
- अभ्यास इंद्र-21:
स्रोत: द हिंदू
नीति आयोग के संचालन परिषद की बैठक
हाल ही में प्रधानमंत्री ने नीति आयोग के संचालन परिषद (GC) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता की।
नीति आयोग:
- योजना आयोग को 1 जनवरी, 2015 को एक नए संस्थान नीति आयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, जिसमें 'सहकारी संघवाद' की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए ‘अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार’ की परिकल्पना के लिये 'बॉटम-अप' दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया गया था।
- इसमें दो हब हैं:
- टीम इंडिया हब- राज्यों और केंद्र के बीच इंटरफेस का काम करता है।
- ज्ञान और नवोन्मेष हब- नीति आयोग के थिंक-टैंक के रूप में कार्य करता है।
प्रमुख बिंदु:
- मुख्य एजेंडा:
- फसल विविधीकरण और दलहन, तिलहन एवं अन्य कृषि-वस्तुओं में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना;
- स्कूली शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का कार्यान्वयन;
- उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का कार्यान्वयन; तथा
- शहरी स्थानीय शासन।
- प्रधानमंत्री का संबोधन:
- प्रत्येक राज्य ने अपनी क्षमता के अनुसार एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई और कोविड -19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में योगदान दिया, जिससे भारत विकासशील देशों के लिये एक वैश्विक नेता के रूप में उभरा।
- प्रत्येक राज्य को दुनिया भर में प्रत्येक भारतीय मिशन के माध्यम से अपने 3T- व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये।
नीति आयोग की शासी परिषद:
- यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सक्रिय भागीदारी के साथ राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और रणनीतियों की एक साझा दृष्टि विकसित करने के लिये विश्वसनीय निकाय है।
- यह अंतर-क्षेत्रीय, अंतर-विभागीय और संघीय मुद्दों पर चर्चा करने का एक मंच है।
- इसमें सम्मिलित है:
- भारत के प्रधानमंत्री।
- विधायिका के साथ सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री।
- अन्य केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल।
- पदेन सदस्य; नीति आयोग के उपाध्यक्ष; नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य, ।
- विशेष आमंत्रित सदस्य।
नीति आयोग के पहल:
- SDG इंडिया इंडेक्स
- समग्र जल प्रबंधन सूचकांक
- अटल नवाचार मिशन
- SATH प्रोजेक्ट
- आकांक्षी जिला कार्यक्रम
- स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सूचकांक
- जिला अस्पताल सूचकांक
- स्वास्थ्य सूचकांक
- कृषि विपणन और किसान हितैषी सुधार सूचकांक
- भारत नवाचार सूचकांक
- वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवार्ड्स
- सुशासन सूचकांक
UPSC सिविल सेवा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):प्रश्न. अटल नवाचार मिशन किस के अंतर्गत स्थापित किया गया है? (2019) (a) विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग उत्तर: C
अतः विकल्प (C) सही है। प्रश्न. भारत सरकार ने किसकी जगह नीति आयोग की स्थापना की है? (2015) (a) मानवाधिकार आयोग उत्तर: (d) प्रश्न. नीति आयोग द्वारा अपनाए गए सिद्धांत भारत में तत्कालीन योजना आयोग द्वारा अपनाए गए सिद्धांतों से कैसे भिन्न हैं? (मुख्य परीक्षा, 2018) |
स्रोत : पी.आई.बी.
गोदावरी नदी
हाल ही में अधिकारियों ने तेलंगाना के भद्राचलम् में गोदावरी नदी में बाढ़ का स्तर 50 फीट पार करने और नदी में 13 लाख क्यूसेक के निशान को पार करने के साथ दूसरी चेतावनी जारी की।
रिवर ओवरफ्लो:
- ऊपरी गोदावरी बेसिन के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण।
- मेदिगड्डा बैराज़ से जल का निर्वहन, सभी जलाशयों में आने वाले प्रवाह के साथ घट रहा है।
- कर्नाटक में कृष्णा बेसिन, अलमट्टी, नारायणपुर और तुंगभद्रा में परियोजनाओं से जल का निर्वहन/डिस्चार्ज से तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में परियोजनाओं में अधिकांश जल की प्राप्ति होती है।
- इसके अलावा श्रीशैलम् जलाशय (हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट) में 3.60 लाख क्यूसेक से अधिक जल की प्राप्ति रही थी और डिस्चार्ज/निर्वहन 3.17 लाख क्यूसेक से अधिक था।
गोदावरी नदी से संबंधित प्रमुख तथ्य:
- परिचय:
- गोदावरी सबसे बड़ी प्रायद्वीपीय नदी प्रणाली है। इसे दक्षिण गंगा भी कहते हैं।
- इसका बेसिन उत्तर में सतमाला पहाड़ियों, दक्षिण में अजंता श्रेणी और महादेव पहाड़ियों, पूर्व में पूर्वी घाट और पश्चिम में पश्चिमी घाट से घिरा हुआ है।
- उद्गम:
- गोदावरी नदी महाराष्ट्र में नासिक के पास त्र्यंबकेश्वर से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले लगभग 1465 किमी. की दूरी तय करती है।
- अपवाह तंत्र:
- गोदावरी बेसिन महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक तथा पुद्दुचेरी के मध्य क्षेत्र के छोटे हिस्सों में फैला हुआ है।
- सहायक नदियाँ:
- प्रवरा, पूर्णा, मंजरा, पेनगंगा, वर्धा, वैनगंगा, प्राणहिता (वेनगंगा, पेनगंगा, वर्धा का संयुक्त प्रवाह), इंद्रावती, मनेर और सबरी।
- प्रवर, मंजरा और मनेर दाहिने तट की सहायक नदियाँ हैं।
- पूर्णा, प्राणहिता, इंद्रावती और सबरी महत्वपूर्ण बाएँ किनारे की सहायक नदियाँ हैंं।
- प्रवरा, पूर्णा, मंजरा, पेनगंगा, वर्धा, वैनगंगा, प्राणहिता (वेनगंगा, पेनगंगा, वर्धा का संयुक्त प्रवाह), इंद्रावती, मनेर और सबरी।
- सांस्कृतिक महत्त्व:
- नासिक में गोदावरी नदी के तट पर भी कुंभ मेला लगता है।
- कुंभ उज्जैन में शिप्रा नदी, हरिद्वार में गंगा और प्रयाग में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी का संगम पर लगता है।
- नासिक में गोदावरी नदी के तट पर भी कुंभ मेला लगता है।
- शहरी केंद्र:
- नागपुर, औरंगाबाद, नासिक, राजमुन्द्री।
- उद्योग:
- नासिक और औरंगाबाद में बड़ी संख्या में खासकर, ऑटोमोबाइल उद्योग हैं।
- बेसिन में उद्योग ज़्यादातर राईस मिल, कपास कताई और बुनाई, चीनी और तेल निष्कर्षण जैसे कृषि उत्पादों पर आधारित होते हैं।
- बेसिन में सीमेंट और कुछ छोटे इंजीनियरिंग उद्योग भी मौजूद हैं।
- गोदावरी पर महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ:
- पोलावरम् सिंचाई परियोजना।
- कालेश्वरम।
- सदरमत अनिकुट
- इंचमपल्ली परियोजना
- श्रीराम सागर परियोजना (SRSP):
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 अगस्त, 2022
देश का पहला हर घर जल राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेश
गोवा वर्ष 2020 में हर घर जल प्रमाणित देश का पहला राज्य बन गया था, जबकि हाल ही में दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव को हर घर जल प्रमाणित देश का पहला केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया है। इस राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में सभी गाँवों ने ग्रामसभा की ओर से पारित एक प्रस्ताव के जरिये स्वयं को हर घर जल ग्राम घोषित किया है। गोवा के सभी दो लाख 63 हज़ार ग्रामीण परिवारों और दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन और दीव के 85 हज़ार से ज़्यादा परिवारों को अब नल के जरिये स्वच्छ एवं सुरक्षित पेय जल प्राप्त हो रहा है। जलशक्ति मंत्रालय ने एक वक्तव्य में बताया कि कोविड 19 महामारी की अनेक चुनौतियों तथा बाधाओं के बावज़ूद पंचायत प्रतिनिधियों, पानी समितियों, ज़िला तथा राज्य और केद्रशासित प्रदेश के अधिकारियों के अथक प्रयासों से हर घर जल का अभियान सफल हुआ है, यह अभियान जल जीवन मिशन का हिस्सा है। सभी स्कूलों, आँगनबाड़ी केंद्रों , ग्राम-पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक केंद्रों तथा अन्य सरकारी कार्यालयों में नल के जरिये पेयजल प्राप्त हो रहा है। जल जीवन मिशन वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया यह मिशन वर्ष 2024 तक ‘कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन’ (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर जल की आपूर्ति की परिकल्पना करता है। जल जीवन मिशन का उद्देश्य जल को आंदोलन के रूप में विकसित करना है, ताकि इसे लोगों की प्राथमिकता बनाया जा सके। यह मिशन भारत सरकार के ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत क्रियान्वित हो रहा है।
‘स्वच्छता पखवाड़ा ’
कैबिनेट सचिवालय और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के निर्देशानुसार कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) 16 से 31 अगस्त, 2022 तक ‘स्वच्छता पखवाड़ा’ का आयोजन कर रहा है। कार्यक्रम के तहत MCA में स्वच्छता शपथ का आयोजन किया तथा कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के सचिव द्वारा शपथ दिलायी गई। इसके अलावा, स्वच्छता पखवाड़ा के हिस्से के रूप में मंत्रालय में इस अवधि के दौरान विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जायेंगी जैसे; फर्नीचर सहित बेकार और अनुपयोगी वस्तुओं का निपटान, पुरानी फाइलों और अभिलेखों की समीक्षा और निपटान, स्वच्छता पर वेबिनार, स्वच्छता पर निबंध प्रतियोगिता आदि। इस अवधि में कॉरपोरेट कार्य महानिदेशक के तहत क्षेत्रीय कार्यालयों समेत मंत्रालय के विभिन्न वैधानिक प्राधिकरण तथा संबद्ध कार्यालय भी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करेंगे। स्वच्छता पखवाड़ा अप्रैल, 2016 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य सभी सरकारी मंत्रालयों और विभागों को उनके अधिकार क्षेत्र में शामिल करके स्वच्छता के मुद्दों और प्रथाओं पर एक पखवाड़े का गहन ध्यान केंद्रित करना था। स्वच्छता पखवाड़ा से संबद्ध गतिविधियों की योजना बनाने हेतु मंत्रालयों के बीच एक वार्षिक कैलेंडर भी परिचालित किया जाता है।
आत्मनिरीक्षण: सशस्त्र बल न्यायाधिकरण '
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह 20 अगस्त, 2022 को नई दिल्ली में सशस्त्र बल न्यायाधिकरण (प्रिंसिपल बेंच) बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित 'आत्मनिरीक्षण: सशस्त्र बल न्यायाधिकरण' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन करेंगे। संगोष्ठी का आयोजन सशस्त्र बलों के सेवारत कर्मियों के अलावा भूतपूर्व सैनिकों, उनके परिवारों और युद्ध-विधवाओं को त्वरित और सस्ता न्याय सुनिश्चित करने के लिये स्थापित सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के कामकाज की जाँच हेतु किया जा रहा है। संगोष्ठी का उद्देश्य इसकी कार्यप्रणाली का विश्लेषण करना, किसी भी कमी के लिये उपाय सुझाना और त्वरित न्याय प्राप्त करने के दौरान वादियों की समस्याओं एवं कठिनाइयों का समाधान करना है। संगोष्ठी में रक्षा मंत्रालय, कानून और न्याय मंत्रालय और न्यायपालिका के वरिष्ठ अधिकारियों के भाग लेंगे। यह सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के स्थापना दिवस समारोह के एक भाग के रूप में आयोजित किया जा रहा है।