भूगोल
गोदावरी नदी
- 06 Apr 2021
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चर्चा में क्यों?
गोदावरी नदी के जल को पोलावरम सिंचाई परियोजना (Polavaram Irrigation Project) स्थल से पूर्व और पश्चिमी गोदावरी ज़िलों की सिंचाई नहरों में छोड़ने की 31 मार्च, 2021 तक की पिछली समयसीमा को 15 अप्रैल, 2021 बढ़ा दिया गया है।
- अप्रैल माह में ही कॉफरडैम (Cofferdam) पर काम शुरू होने की संभावना है।
प्रमुख बिंदु:
गोदावरी नदी:
- गोदावरी नदी तंत्र प्रायद्वीपीय भारत का सबसे बड़ा नदी तंत्र है। इसे दक्षिण की गंगा भी कहा जाता है।
- उद्भव: गोदावरी नदी महाराष्ट्र में नासिक के पास त्र्यंबकेश्वर से निकलती है और बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले लगभग 1465 किलोमीटर की दूरी तय करती है।
- अपवाह तंत्र: गोदावरी बेसिन महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों के अलावा मध्य प्रदेश, कर्नाटक तथा पुद्दुचेरी के मध्य क्षेत्र के छोटे हिस्सों में फैला हुआ है।
- सहायक नदियाँ: प्रवरा, पूर्णा, मंजरा, पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, प्राणहिता (वेनगंगा, पेनगंगा, वर्धा का संयुक्त प्रवाह), इंद्रावती, मनेर और सबरी।
- सांस्कृतिक महत्त्व: नासिक में गोदावरी नदी के तट पर कुंभ मेला (Kumbh Mela) लगता है।
- कुंभ का आयोजन उज्जैन में क्षिप्रा नदी, हरिद्वार में गंगा और प्रयाग में गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर भी होता है।
- गोदावरी नदी जल विवाद: गोदावरी नदी के जल का बंँटवारा आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और कर्नाटक के बीच विवाद का प्रमुख कारण है।
- गोदावरी नदी पर महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ:
- पोलावरम सिंचाई परियोजना।
- कालेश्वरम।
- गोदावरी नदी पर स्थित सदरमट एनीकट नामक दो सिंचाई परियोजनाओं को सिंचाई एवं जल निकासी पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग’ (WHIS) द्वारा धरोहर सिंचाई संरचना (Heritage Irrigation Structures) स्थल के रूप में मान्यता दी गई है।
- इंचमपल्ली: इंचमपल्ली परियोजना गोदावरी नदी पर प्रस्तावित है, यह परियोजना आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी तथा इंद्रावती के संगम के पास 12 किमी. अनुप्रवाह पर स्थित है।
- यह महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश राज्यों की एक संयुक्त परियोजना है।
- श्रीराम सागर परियोजना: श्रीराम सागर परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना है, जो तेलंगाना के निज़ामाबाद ज़िले में पोचमपाद के पास गोदावरी नदी पर स्थित है।
पोलावरम सिंचाई परियोजना:
- पोलावरम परियोजना आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी पर पोलावरम गाँव के पास स्थित है।
- यह एक बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना है क्योंकि एक बार पूर्ण होने के बाद यह परियोजना सिंचाई संबंधी लाभ प्रदान करेगी तथा जल विद्युत उत्पन्न करेगी।
- इसके अलावा यह परियोजना पेयजल की आपूर्ति भी करेगी।
- इस परियोजना के दाईं ओर स्थित नहर से कृष्णा नदी बेसिन हेतु अंतर-बेसिन हस्तांतरण (Inter-Basin Transfer) की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
- इस परियोजना के परोक्ष लाभ भी होंगे जैसे- मत्स्य पालन (मछली का प्रजनन और पालन), पर्यटन और शहरीकरण।
- वर्ष 2014 में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 की धारा-90 के तहत केंद्र सरकार द्वारा परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया गया है।
कॉफरडैम (Cofferdam):
- कॉफरडैम को जलस्रोत या उसके आसपास अस्थायी अवरोधक के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसके द्वारा किसी सीमित/बंद क्षेत्र में जल के निष्कासन, डायवर्ज़न या जल क्षति की प्रक्रिया संपन्न की जाती है।
- किसी भी कॉफरडैम प्रकार का प्रमुख उद्देश्य अत्यधिक या असुविधाजनक जल को पीछे हटाकर निर्माण कार्य करने हेतु एक शुष्क (जल मुक्त) परिस्थिति उपलब्ध कराना है।
- यह किसी भी परियोजना के लिये न्यूनतम प्रतिरोध और यथासंभव अधिक सुरक्षा के साथ आगे बढ़ने में सहायक होता है।