स्किल इंडिया डिजिटल
स्रोत: पी.आई.बी
हाल ही में केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री ने स्किल इंडिया डिजिटल (SID) का शुभारंभ किया।
- यह व्यापक डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रत्येक भारतीय को गुणवत्तापूर्ण कौशल विकास, प्रासंगिक अवसर और उद्यमशीलता सहायता प्रदान करना चाहता है।
स्किल इंडिया डिजिटल:
- परिचय:
- स्किल इंडिया डिजिटल (SID) की कल्पना भारत में कौशल, शिक्षा, रोज़गार और उद्यमशीलता के लिये डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (Digital Public Infrastructure- DPI) के रूप में की गई है।
- इसका उद्देश्य विभिन्न कौशल पहलों को एक साथ लाना और DPI के निर्माण के लिये G20 ढाँचे के सिद्धांतों के अनुरूप कौशल विकास हेतु एक निर्बाध पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।
नोट: डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना से तात्पर्य डिजिटल पहचान, भुगतान, बुनियादी ढाँचे और डेटा विनिमय समाधान जैसे ब्लॉक या प्लेटफॉर्मों से है जो देशों को अपने व्यक्तियों को आवश्यक सेवाएँ प्रदान करने, नागरिकों को सशक्त बनाने तथा डिजिटल समावेशन को सक्षम करके उनके जीवन में सुधार लाने में सहायता करते हैं।
- SID की मुख्य विशेषताएँ:
- व्यापक कौशल विकास: SID व्यापक कौशल विकास सुनिश्चित करते हुए उद्योग-प्रासंगिक कौशल पाठ्यक्रम, रोज़गार के अवसर और उद्यमशीलता सहायता प्रदान करता है।
- डिजिटल परिवर्तन: डिजिटल प्रौद्योगिकी और उद्योग 4.0 कौशल पर ध्यान देने के साथ SID कौशल विकास को अधिक नवीन, सुलभ एवं व्यक्तिगत बनाना चाहता है।
- सूचना गेटवे: SID सभी सरकारी कौशल और उद्यमिता पहलों के लिये एक केंद्रीय सूचना केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो करियर में उन्नति तथा आजीवन सीखने के इच्छुक नागरिकों के लिये आसान पहुँच की सुविधा प्रदान करता है।
- कौशल भारत और डिजिटल भारत का अंतर्संबंध: SID का सरकार के कौशल भारत एवं डिजिटल भारत के दृष्टिकोण के साथ अंतर्संबंध है, जिससे युवाओं के लिये अवसर उत्पन्न होते हैं।
- SID को बढ़ावा देने वाले प्रमुख तत्त्व:
- आधार/AI-आधारित चेहरे का प्रमाणीकरण: सुरक्षित पहुँच और सत्यापन सुनिश्चित करना।
- डिजिटल सत्यापन योग्य क्रेडेंशियल (DVC): योग्यता का छेड़छाड़-रोधी (Tamper-proof), सत्यापन योग्य रिकॉर्ड प्रदान करना।
- AI और ML अनुशंसाएँ: वैयक्तिकृत शिक्षण और करियर मार्गदर्शन की प्रस्तुति।
- नागरिक-केंद्रित दृष्टिकोण: कई भारतीय भाषाओं का समर्थन करके समावेशिता सुनिश्चित करना।
- अंतर-संचालनीयता: सरकारी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के एकीकरण को बढ़ावा देना।
नोट:
- SID ने डिजिटल रूप से सत्यापित क्रेडेंशियल प्रस्तुत किये हैं, जिससे योग्यताओं को प्रदर्शित करने और मान्यता देने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव आया है।
- ये छेड़छाड़-रोधी क्रेडेंशियल उपयोगकर्ताओं को अपनी योग्यताओं को डिजिटल प्रारूप में आत्मविश्वास से प्रस्तुत करने के लिये सशक्त बनाते हैं।
- इसके अलावा प्लेटफॉर्म डिजिटल सीवी को वैयक्तिकृत क्यूआर कोड के साथ एकीकृत करता है, जिससे संभावित नियोक्ताओं और भागीदारों के साथ कौशल एवं योग्यता साझा करना आसान हो जाता है।
कौशल विकास से संबंधित अन्य सरकारी पहल:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 3 उत्तर: (c) |
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 सितंबर, 2023
यशोभूमि
भारत के प्रधानमंत्री ने हाल ही में द्वारका, नई दिल्ली में 'यशोभूमि' नामक इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICC) के पहले चरण का उद्घाटन किया।
- 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल परियोजना क्षेत्र और 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ 'यशोभूमि' विश्व की सबसे बड़ी बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियों (Meetings, Incentives, Conferences, and Exhibitions- MICE) की सुविधा वाले केंद्रों में से एक होगी।
- 'यशोभूमि' स्थिरता के प्रति एक ठोस प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित करती है क्योंकि यह 100 प्रतिशत अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग, वर्षा जल संचयन के प्रावधानों के साथ अत्याधुनिक अपशिष्ट जल उपचार प्रणाली से सुसज्जित है और इसके परिसर को CII के भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) से प्लेटिनम प्रमाणन प्राप्त हुआ है।
सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति की पारदर्शी पहल
हाल ही में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति में पारदर्शिता बढ़ाने की एक पहल का खुलासा किया।
- संभावित न्यायिक नियुक्तियों के वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन की अनिवार्यता को संबोधित करने के लिये CJI ने विद्वानों, प्रशिक्षुओं और कानूनी शोधकर्ताओं की एक टीम की पेशकश की है।
- इस टीम की मुख्य ज़िम्मेदारी भारत के उन शीर्ष 50 न्यायाधीशों का व्यापक मूल्यांकन करना है, जिनकी सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति के लिये विचार किया जा रहा है।
- सेंटर फॉर रिसर्च एंड प्लानिंग के तत्त्वावधान में यह पहल, प्रक्रिया की गोपनीयता की सुरक्षा करते हुए पारदर्शी चयन मानदंड स्थापित करने हेतु की गई है।
- हालाँकि शीर्ष 50 न्यायाधीशों की पहचान के लिये विशिष्ट मानदंड अभी तक स्पष्ट नहीं किये गए हैं।
- अब तक नियुक्तियाँ कई मानदंडों के आधार पर की जाती रही हैं, जिनमें तीसरे न्यायाधीश मामलों के माध्यम से तैयार प्रक्रिया ज्ञापन का पालन करते हुए वरिष्ठता, क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और योग्यता शामिल हैं।
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हैदराबाद मुक्ति दिवस
वर्ष 2022 में 17 सितंबर को प्रतिवर्ष हैदराबाद मुक्ति दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की गई। यह दिन निज़ाम शासन के तहत पूर्ववर्ती हैदराबाद राज्य के भारतीय संघ में विलय का प्रतीक है।
- हैदराबाद, निज़ामों द्वारा शासित एक महत्त्वपूर्ण रियासत थी, जिसने ब्रिटिश संप्रभुता को स्वीकार किया था।
- जूनागढ़ और कश्मीर की तरह हैदराबाद 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता मिलने से पहले या बाद में भारत में शामिल नहीं हुआ; इसके निज़ाम का लक्ष्य स्वतंत्र रहना तथा अपनी सेना को मज़बूत करना था।
- हालाँकि आंतरिक उथल-पुथल के कारण क्षेत्रीय अस्थिरता को रोकने और हैदराबाद को भारत में एकीकृत करने के लिये ऑपरेशन पोलो के तहत 13 सितंबर, 1948 को भारतीय सेना को हैदराबाद में प्रवेश करना पड़ा।
- एकीकरण के बाद निज़ाम ने भारत में शामिल होने वाले अन्य रियासती शासकों के समान, राज्य के प्रमुख के रूप में अपना पद बनाए रखा।
- पाकिस्तान के विरोध और अंतर्राष्ट्रीय आलोचना के बावजूद उसने संयुक्त राष्ट्र में की गई शिकायतें वापस ले लीं, जिसके परिणामस्वरूप हैदराबाद संयुक्त राष्ट्र की भागीदारी के बिना भारत का हिस्सा बन गया।
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अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई (ICC) दिवस, 2023
16 सितंबर, 2023 को भारतीय तटरक्षक (ICG) ने सभी तटीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में अंतर्राष्ट्रीय तटीय सफाई (ICC) दिवस, 2023 का आयोजन किया।
- वर्ष 2006 से UNEP और दक्षिण एशिया सहकारी पर्यावरण कार्यक्रम (SACEP) (दक्षिण एशियाई क्षेत्र में) के तत्त्वावधान में यह दिवस प्रतिवर्ष सितंबर के तीसरे शनिवार को विश्व भर में आयोजित किया जाता है।
- इस वर्ष महाराष्ट्र के बाद तमिलनाडु में स्वयंसेवकों की सबसे अधिक भागीदारी देखी गई।
- ICG की स्थापना अगस्त 1978 में तटरक्षक अधिनियम, 1978 द्वारा भारत के एक स्वतंत्र सशस्त्र बल के रूप में की गई थी।
- ICG के गठन की अवधारणा वर्ष 1971 के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई और एक बहुआयामी तटरक्षक बल की रूपरेखा दूरदर्शी रुस्तमजी समिति (1974) द्वारा तैयार की गई।
- यह विश्व का चौथा सबसे बड़ा तटरक्षक बल है और इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। यह रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
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