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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 18 Aug, 2023
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

रेडियो थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर

हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation- ISRO) ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (Bhabha Atomic Research Center- BARC) के सहयोग से रेडियो थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर (Radio Thermoelectric Generator- RTG) के विकास पर काम शुरू किया है, जो एक अभिनव दृष्टिकोण है, इसका उद्देश्य अंतरग्रहीय यात्राओं के लिये पारंपरिक रासायनिक इंजनों की बाधाओं को दूर करना है। 

  • रासायनिक इंजन सैटेलाइट थ्रस्टर्स (Satellite Thrusters) के अनुकूल हैं, लेकिन ईंधन सीमा तथा दूर के क्षेत्रों में सौर ऊर्जा की कमी के कारण डीप स्पेस ट्रेवल (Deep Space Travel) के लिये उनका अपर्याप्त उपयोग देखा गया है।
  • असाधारण उपलब्धियों के साथ मिशनों को सशक्त बनाने के लिये वॉयेजर (Voyager), कैसिनी (Cassini) और क्यूरियोसिटी (Curiosity) जैसे अमेरिकी अंतरिक्ष यान द्वारा RTG को सफलतापूर्वक नियोजित किया गया है।

रेडियो थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर (RTG):

  • परिचय:
    • RTG नवीन ऊर्जा स्रोत हैं जिन्हें डीप स्पेस मिशन (Deep Space Missions) में चुनौतियों का समाधान करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
    • RTG प्लूटोनियम-238 या स्ट्रोंटियम-90 जैसे रेडियोधर्मी पदार्थों का उपयोग करते हैं, जो समय के साथ क्षय होने पर ऊष्मा उत्सर्जित करते हैं।
    • इस ऊष्मा का उपयोग कर इसे विद्युत में परिवर्तित किया जा सकता है, जो अंतरिक्ष यान के प्रणोदन और उसे शक्ति प्रदान करने में सक्षम है।
  • RTG के घटक:
    • रेडियोआइसोटोप हीटर यूनिट (RHU):
      • RHU रेडियोधर्मी पदार्थों (Radioactive Materials) के क्षय के माध्यम से ऊष्मा उत्पन्न करने के लिये ज़िम्मेदार है।
      • यह तापीय ऊर्जा (Thermal Energy) जारी करके प्रक्रिया शुरू करता है, जो विद्युत उत्पादन की नींव के रूप में कार्य करती है।
    • RTG (हीट-टू-इलेक्ट्रिसिटी कन्वर्ज़न):
      • RTG घटक RHU द्वारा उत्पन्न ऊर्जा को उपयोग करने योग्य बिजली में बदल देता है।
      • यह कन्वर्ज़न थर्मोकपल (Thermocouple), एक ऐसा पदार्थ जो तापमान प्रवणता (Temperature Gradient) के संपर्क में आने पर वोल्टेज उत्पन्न करता है, के माध्यम से होता है
      • थर्मोकपल द्वारा उत्पादित वोल्टेज का उपयोग अंतरिक्ष यान पर बैटरी चार्ज करने के लिये किया जाता है।
      • ये बैटरियाँ बदले में प्रणोदन तंत्र सहित विभिन्न प्रणालियों को शक्ति प्रदान करती हैं, जो अंतरग्रहीय यात्रा को सक्षम बनाती हैं।
  • अंतरिक्ष मिशनों के लिये RTGs के लाभ:
    • सूर्य और अंतरिक्ष यान की दूरी:
      • सौर-संचालित प्रणालियों के विपरीत RTGs सूर्य से अंतरिक्ष यान की दूरी की परवाह किये बिना प्रभावी ढंग से काम करते हैं।
      • यह विशेषता लॉन्च विंडो और ग्रहीय संरेखण से संबंधित बाधाओं को समाप्त करती है।
    • विश्वसनीयता और सामंजस्य:
      • RTGs ऊर्जा का एक सुसंगत और विश्वसनीय स्रोत प्रदान करते हैं, जो लंबे समय तक गहरे अंतरिक्ष अभियानों को बनाए रखने के लिये आवश्यक है।
      • रेडियोधर्मी पदार्थों का क्रमिक क्षय ऊष्मा और विद्युत की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करता है।

भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र:

  • BARC भारत की प्रमुख परमाणु अनुसंधान केंद्र है जो मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।
  • यह उन्नत अनुसंधान और विकास के लिये व्यापक बुनियादी ढाँचे वाला एक बहु-विषयक अनुसंधान केंद्र है।
  • इसका उद्देश्य मुख्य रूप से विद्युत उत्पादन के लिये परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण अनुप्रयोगों को बनाए रखना है।

स्रोत: बिज़नेस लाइन


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 अगस्त, 2023

फ्लडवाच- रियल टाइम फ्लड मॉनीटरिंग एप्लीकेशन

हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय के तहत केंद्रीय जल आयोग ने रियल टाइम में बाढ़ से संबंधित जानकारी प्रदान  करने के लिये "फ्लडवॉच" मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया।

  • "फ्लडवॉच" की प्रमुख विशेषताएँ: 
    • रियल टाइम में बाढ़ की निगरानी का आशय देश भर में बाढ़ से संबंधित अद्यतित जानकारी प्रदान करने से है।
    • बाढ़ संबंधी जानकारी की अधिक सटीक स्थिति प्रदान करने के लिये यह एप विभिन्न स्रोतों से नदी प्रवाह डेटा का उपयोग करता है।
    • एप उपयोगकर्त्ता मानचित्र की सहायता से सीधे स्थान का चयन कर अथवा इंटरैक्टिव मानचित्र सुविधा से सर्च बॉक्स का उपयोग कर केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ पूर्वानुमान (24 घंटे) अथवा बाढ़ संबंधी सलाह (7 दिन) पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
    • "फ्लडवॉच" में बाढ़ संबंधी सटीक पूर्वानुमान सुनिश्चित करने के लिये उपग्रह डेटा विश्लेषण, गणितीय मॉडलिंग और रियल टाइम निगरानी जैसी उन्नत तकनीकों का प्रयोग किया जाता है।

सिम कार्ड पंजीकरण द्वारा धोखाधड़ी पर अंकुश लगाना:

भारत में दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications- DoT) ने साइबर फ्रॉड और सिम कार्ड से संबंधित स्कैम कॉल से निपटान हेतु नए उपाय पेश किये हैं, इनमें फर्ज़ी गतिविधियों पर अंकुश लगाने तथा मोबाइल सुरक्षा को मज़बूत करने के लक्ष्य के साथ सिम डीलरों (SIM Dealers) का अनिवार्य पंजीकरण और सत्यापन शामिल है।

  • हाल के प्रयासों से 67,000 सिम डीलरों तथा 52 लाख कनेक्शनों को ब्लैकलिस्टिंग में डाला गया है, साथ ही 300 से अधिक प्रथम सूचना रिपोर्ट (First Information Report- FIR) दर्ज की गई हैं।
  • संचार साथी पोर्टल (Sanchar Saathi portal- SSP) का रोलआउट इन प्रयासों का पूरक है, जो दूरसंचार से संबंधित धोखाधड़ी से निपटने हेतु भारत की प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करता है।
  • DoT के तहत सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (Centre for Development of Telematics- C-DOT) द्वारा विकसित SSP, आइडेंटिटी थेफ्ट और बैंकिंग फ्रॉड जैसी प्रचलित दूरसंचार धोखाधड़ी को संबोधित करता है।
    • 40 लाख से अधिक फर्ज़ी कनेक्शनों की पहचान की गई तथा इस पोर्टल का उपयोग कर 36 लाख कनेक्शन काट दिये गए।
  • यह आइडेंटिटी थेफ्ट, जाली KYC, मोबाइल डिवाइस थेफ्ट और बैंकिंग फ्रॉड से बचाता है।

      अंडूरी उत्सव: उत्तराखंड का अद्भुत मक्खन महोत्सव

      उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के दयारा बुग्याल में मनाया जाने वाला अंडूरी उत्सव, जिसे बटर फेस्टिवल के नाम से जाना जाता है, हाल ही में संपन्न हुआ।

      • समुद्र तल से 11,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित दयारा बुग्याल राज्य के प्राचीन घास के मैदानों में से एक है।इसे बटर होली के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि लोग खेल-खेल में एक-दूसरे को मक्खन, दूध और छाछ लगाते हैं।

      ‘मैटी बनाना’ 

      तमिलनाडु के कन्याकुमारी ज़िले की मूल किस्म मैटी बनाना (मैटी केला) को हाल ही में इसकी अनूठी विशेषताओं और गुणों के लिये भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया।

      • मैटी बनाना के छह प्रकार होते हैं जो रंग, सुगंध, स्वाद और बनावट में भिन्न होते हैं, साथ ही बच्चों के भोजन एवं औषधीय उपयोग के लिये भी उपयुक्त होते हैं।
      • इस केले को आमतौर पर 'बेबी बनाना' के नाम से जाना जाता है।
      • कन्याकुमारी की विशिष्ट जलवायु और मृदा में इसका उपयुक्त विकास होता है।

      और पढ़ें… भौगोलिक संकेत (जीआई)


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