पोचमपल्ली को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँव का पुरस्कार : यूएनडब्ल्यूटीओ
हाल ही में तेलंगाना के पोचमपल्ली गाँव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO) द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँवों में से एक के रूप में चुना गया।
- यह पुरस्कार दिसंबर 2021 में मैड्रिड (स्पेन) में UNWTO महासभा के 24वें सत्र के अवसर पर प्रदान किया जाएगा।
- केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने एक ग्रामीण पर्यटन नीति का भी मसौदा तैयार किया है जो न केवल हमारे गाँवों में पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय कला और शिल्प को पुनर्जीवित करेगी तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी।
- इससे पूर्व तेलंगाना के मुलुगु ज़िले में स्थित रुद्रेश्वर मंदिर (जिसे रामप्पा मंदिर के रूप में भी जाना जाता है) को यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- पोचमपल्ली गाँव:
- पोचमपल्ली, तेलंगाना के नलगोंडा ज़िले का एक कस्बा है और इसे अक्सर उत्कृष्ट साड़ियों के लिये भारत के सिल्क सिटी के रूप में जाना जाता है, जिसे इकत (Ikat) नामक एक अनूठी शैली के माध्यम से बुना जाता है।
- पोचमपल्ली इकत शैली को वर्ष 2004 में एक भौगोलिक संकेतक (GI Status) के रूप में दर्ज किया गया।
- पोचमपल्ली की अनूठी बुनाई शैलियों और पैटर्न पर प्रधानमंत्री के 'वोकल फॉर लोकल' (Vocal for Local) के उद्देश्य के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के एक भाग के रूप में विशेष रूप से ध्यान दिया गया है।
- प्रधानमंत्री ने बुनाई की तकनीकों की विविधता और हमारी समृद्ध हथकरघा परंपरा को मान्यता देने के लिये 7 अगस्त, 2015 को पहले राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक घोषणा के लिये एक श्रद्धांजलि के रूप में किया था। स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक घोषणा कलकत्ता में वर्ष 1905 में 7 अगस्त को टाउन हॉल की एक बैठक में की गई थी।
- 18 अप्रैल, 1951 को इस गाँव से आचार्य विनोबा भावे द्वारा शुरू किये गए भूदान आंदोलन की याद में पोचमपल्ली को भूदान पोचमपल्ली के नाम से भी जाना जाता है।
- विनोबा भावे वर्ष 1958 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय व्यक्ति थे। उन्हें 1983 में मरणोपरांत भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।
- पर्यटन मंत्रालय ने भारत से UNWTO सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँव की प्रविष्टि के लिये तीन गाँवों की सिफारिश की थी। हालाँकि पोचमपल्ली को UNWTO द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँवों में से एक के रूप में सम्मानित किया गया था।
- इन तीन गाँवों में शामिल थे- मेघालय में कोंगथोंग, मध्य प्रदेश में लधपुरा खास और तेलंगाना में पोचमपल्ली।
- पोचमपल्ली, तेलंगाना के नलगोंडा ज़िले का एक कस्बा है और इसे अक्सर उत्कृष्ट साड़ियों के लिये भारत के सिल्क सिटी के रूप में जाना जाता है, जिसे इकत (Ikat) नामक एक अनूठी शैली के माध्यम से बुना जाता है।
- बेस्ट टूरिज़्म विलेज इनिशिएटिव:
- यह उन गाँवों के महत्त्व को उजागर करने के लिये UNWTO द्वारा संचालित एक पायलट प्रोजेक्ट है, जो पर्यटन संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने, सामूहिक उत्सव को प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान करता है और जैव विविधता की सुरक्षा करता है।
- इसका उद्देश्य उन गाँवों को पुरस्कृत करना है जो ग्रामीण स्थलों के उत्कृष्ट उदाहरण हैं और इसके निर्दिष्ट नौ मूल्यांकन क्षेत्रों के अनुरूप अच्छी प्रथाओं का प्रदर्शन करते हैं।
- इसका उद्देश्य गाँवों को प्रशिक्षण और सुधार के अवसर प्रदान कर ग्रामीण पर्यटन क्षमता को बढ़ाने में सहायता करना है।
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (UNWTO)
- यह संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट एजेंसी है जो उत्तरदायी, धारणीय और सार्वभौमिक रूप से सुलभ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ज़िम्मेदार है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1975 में की गई थी। इसका मुख्यालय मैड्रिड (स्पेन) में स्थित है।
- UNWTO पर्यटन के लिये वैश्विक आचार संहिता के कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करता है, ताकि इसके संभावित नकारात्मक प्रभावों को कम करते हुए पर्यटन के सामाजिक-आर्थिक योगदान को बढ़ाया जा सके।
‘दुआरे राशन' योजना: पश्चिम बंगाल
हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य की पूरी आबादी के लिये ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ (PDS) के तहत खाद्यान्न उपलब्ध कराने हेतु 'दुआरे राशन' (घर के दरवाज़े पर राशन) योजना शुरू की है।
- लोगों को राशन कार्ड के लिये आवेदन करने में मदद हेतु एक मोबाइल एप्लीकेशन- ‘खाद्य साथी: अमर राशन मोबाइल एप’ भी लॉन्च किया गया।
प्रमुख बिंदु
- योजना के तहत डीलर लाभार्थियों के घर तक राशन पहुँचाएंगे।
- राज्य में लगभग 21000 राशन डीलर हैं और सरकार प्रत्येक डीलर को डिलीवरी वाहन खरीदने के लिये 1 लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान करेगी।
- राशन डीलरों को दो सहायकों की भर्ती करने की भी अनुमति होगी, जिनके 50 प्रतिशत वेतन का भुगतान राज्य द्वारा किया जाएगा।
- प्रत्येक वाहन को पड़ोस में सुविधाजनक स्थान पर खड़ा किया जाएगा ताकि निवासियों को राशन लेने के लिये 500 मीटर से अधिक चलने की आवश्यकता न हो।
- इससे राज्य के करीब 10 करोड़ लोगों को फायदा होने की उम्मीद है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली
- यह भारत में समाज के गरीब वर्गों को भोजन, अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएँ प्रदान करने संबंधी सरकार द्वारा प्रबंधित एक प्रणाली है।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत स्थापित ‘उचित मूल्य की दुकानों’ (FPS) या राशन की दुकानों की एक शृंखला के माध्यम से खाद्य और कुछ गैर-खाद्य पदार्थ रियायती दर पर उपलब्ध कराए जाते हैं।
- इस प्रणाली का प्रबंधन उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
- राज्य और केंद्र सरकारें गरीबी रेखा के नीचे तथा इससे ऊपर के समुदायों के लिये कम कीमत पर खाद्यान्न व अन्य आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराने हेतु काम करती हैं।
- केंद्र सरकार संसाधनों की खरीद, संरक्षण, परिवहन और आवंटन हेतु उत्तरदायी है।
- राज्य सरकार कार्ड और दुकानों के माध्यम से इन राशनकार्ड धारकों की पहचान और उपलब्धता का एक नेटवर्क स्थापित करना सुनिश्चित करती है।
- केंद्र सरकार, किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खाद्यान्न खरीदती है और इसे केंद्रीय निर्गम मूल्य पर राज्यों को बेचती है।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वर्तमान में वितरण के लिये राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को गेहूँ, चावल, चीनी और मिट्टी तेल जैसी वस्तुओं का आवंटन किया जा रहा है।
- कुछ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ आउटलेट्स के माध्यम से बड़े पैमाने पर खपत की अतिरिक्त वस्तुओं जैसे- दालें, खाद्य तेल, आयोडीनयुक्त नमक, मसाले आदि का वितरण भी करते हैं।
- ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, (NFSA) 2013’ कानूनी रूप से 75% ग्रामीण आबादी और 50% शहरी आबादी को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत रियायती खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार देता है।
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 नवंबर, 2021
सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँव- ‘पोचमपल्ली’
तेलंगाना में हैदराबाद से तकरीबन 50 किमी. दूर स्थित ‘पोचमपल्ली’ गाँव को ‘संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन’ (UNWTO) द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँवों में से एक के रूप में चुना गया है। नलगोंडा ज़िले में ‘पोचमपल्ली’ को प्रायः उत्कृष्ट साड़ियों के लिये भारत के ‘रेशम शहर’ के रूप में जाना जाता है, जिसे ‘इकत’ नामक एक अनूठी शैली के माध्यम से बुना जाता है। ‘पोचमपल्ली इकत’ शैली को वर्ष 2004 में एक भौगोलिक संकेतक (GI) प्राप्त हुआ था। 18 अप्रैल, 1951 को आचार्य विनोबा भावे द्वारा इस गाँव से भूदान आंदोलन की शुरुआत की गई थी, जिसको चिह्नित करने हेतु ‘पोचमपल्ली’ गाँव को ‘भूदान पोचमपल्ली’ के नाम से भी जाना जाता है। ‘संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन’ द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गाँव के चयन से संबंधित इस पहल का उद्देश्य उन गाँवों को पुरस्कृत करना है, जिन्होंने स्वयं को ग्रामीण स्थलों के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में स्थापित किया है। साथ ही इसका उद्देश्य गाँवों को प्रशिक्षण एवं सुधार के अवसर प्रदान कर ग्रामीण पर्यटन क्षमता को बढ़ाने में सहायता करना है।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस
प्रतिवर्ष 16 नवंबर को भारत में ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ का आयोजन किया जाता है। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता और भारतीय समाचार पत्रों एवं समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखने तथा उनमें सुधार करने के लिये 16 नवंबर, 1966 को भारतीय प्रेस परिषद (PCI) की स्थापना की गई थी। वर्ष 1954 में गठित प्रथम प्रेस आयोग ने वर्ष 1956 में भारत में पत्रकारिता की नैतिकता और प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिये एक समिति के गठन की बात की थी। इसके तकरीबन 10 वर्ष बाद भारतीय प्रेस परिषद (PCI) का गठन किया गया। यह नैतिकता के उल्लंघन और प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन संबंधी शिकायतों का न्यायनिर्णयन करती है। वर्तमान में जस्टिस चंद्रमौली कुमार प्रसाद भारतीय प्रेस परिषद (PCI) के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। भारतीय प्रेस परिषद (PCI) एक सांविधिक निकाय है, जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाती है। इसके अलावा इस परिषद में 28 अन्य सदस्य होते हैं, जिनमें से 20 प्रेस का प्रतिनिधित्व करते हैं, पाँच सदस्य संसद के दोनों सदनों से नामित होते हैं और तीन सदस्य सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं कानूनी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
खाद्य संग्रहालय
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री ने हाल ही में तमिलनाडु के तंजावुर में देश के पहले ‘खाद्य संग्रहालय’ का उद्घाटन किया है। इस खाद्य संग्रहालय को ‘भारतीय खाद्य निगम’ और ‘विश्वेश्वरैया इंडस्ट्रियल एंड टेक्नोलॉजिकल म्यूज़ियम’ (बंगलूरू) द्वारा 1.10 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किया गया है। ध्यातव्य है कि ‘तंजावुर’ भारतीय खाद्य निगम (FCI) का जन्मस्थान भी माना जाता है, जहाँ 14 जनवरी, 1965 को इसके पहले कार्यालय का उद्घाटन किया गया था। यह संग्रहालय खानाबदोश शिकारी समूहों से सभ्यता की शुरुआत की ओर अग्रणी कृषि प्रक्रियाओं में मनुष्य के विकास को प्रदर्शित करता है। साथ ही विभिन्न प्राचीन अनाज भंडारण विधियों, भंडारण संबंधी चुनौतियों और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खाद्यान्न उत्पादन संबंधी परिदृश्य को प्रदर्शित करता है। संग्रहालय में ‘भारतीय खाद्य निगम’ की अब तक की यात्रा को भी डिजिटल रूप से प्रदर्शित किया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस
प्रतिवर्ष 16 नवंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित दिवस है जिसका उद्देश्य असहिष्णुता के खतरों के बारे में जन जागरूकता पैदा करना है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 1995 को ‘सहिष्णुता के लिये एक वर्ष’ के रूप में घोषित किया गया था। सहिष्णुता पर सिद्धांतों की घोषणा भी उसी वर्ष 16 नवंबर को की गई थी। संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 1995 में महात्मा गांधी की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देने हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस’ के आयोजन की घोषणा की थी।