प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 07- 08- 2019
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस
National Handloom Day
7 अगस्त, 2019 को 5वाँ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (National Handloom Day) मनाया गया।
- भारत के हथकरघा उद्योग पर रोशनी डालने के लिये प्रत्येक वर्ष 7 अगस्त को यह दिवस मनाया जाता है।
- प्रथम राष्ट्रीय हथकरघा दिवस का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अगस्त, 2015 को चेन्नई में मद्रास विश्वविद्यालय की शताब्दी के अवसर पर किया था।
- इस दिन को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में इसलिये चुना गया, क्योंकि ब्रिटिश सरकार द्वारा किये जा रहे बंगाल विभाजन का विरोध करने के लिये वर्ष 1905 में इसी दिन कलकत्ता टाऊन हॉल में स्वदेशी आंदोलन आरंभ किया गया था।
- इसका उद्देश्य देश के सामाजिक आर्थिक विकास में हथकरघे का योगदान और बुनकरों की आमदनी में वृद्धि करना तथा घरेलू उत्पादों एवं उत्पादन प्रक्रियाओं पर ध्यान केंद्रित करना है।
- केंद्रित वस्त्र तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
- इस कार्यक्रम का मुख्य आयोजन ओडिशा के भुवनेश्वर में किया गया। हथकरघे की समृद्ध परंपरा के कारण भुवनेश्वर को मुख्य आयोजन स्थल के रूप में चुना गया है।
- भारत के बुनकरों की 50 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी पूर्वी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में बसती है और इनमें से अधिकांश महिलाएँ हैं।
- भुवनेश्वर में राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने का उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं को सशक्त बनाना है।
कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिये हैकथॉन
टेक्नोपार्क फर्म UST ग्लोबल (UST Global) द्वारा ‘D3 Code’ का पहला संस्करण लॉन्च किया जा रहा है, जो पूरे देश में कॉलेज और विश्वविद्यालय के छात्रों के लिये एक हैकथॉन है।
- हैकथॉन या स्मार्ट इंडिया हैकथॉन नई तकनीक, नई खोज एवं नवाचार का मंच है।
- इस दौरान देश भर में कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी तथा विजेताओं को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाएगा।
- शीर्ष 20 टीमों के प्रत्येक सदस्य, जो अंतिम 24-घंटों के दौरान हैकथॉन में भाग लेते हैं, को UST ग्लोबल, इंडस्ट्रीज़ में शामिल होने के लिये सशर्त नौकरी की पेशकश (नियम और शर्तों के अधीन) प्राप्त होगी।
- हैकथॉन का एनुअल डेवलपर कॉन्फ्रेंस D 3 कोड (Dream, Develop and Disrupt) दिसंबर में आयोजित किया जाएगा।
- ‘D3 code’ छात्रों के दैनिक जीवन में आने वाली कुछ समस्याओं को हल करने के लिये एक राष्ट्रव्यापी पहल है जिसका उद्देश्य छात्रों को टेक्नोलॉजी संबंधी समस्याओं को हल करने के लिये एक मंच प्रदान करना है।
- इसके तहत देश भर के सभी कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के छात्रों को प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिये आमंत्रित किया जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों को D 3 सम्मेलन में भाग लेने का मौका दिया जाएगा।
स्मार्ट इंडिया हैकथॉन
- यह देश के समक्ष आ रही चुनौतियों का समाधान करने के लिये नवीन एवं परिवर्तनकारी डिजिटल टेक्नोलॉजी संबंधी नवाचारों की पहचान करने की एक अनूठी पहल है।
- यह एक नॉन-स्टॉप डिजिटल उत्पाद विकास प्रतिस्पर्द्धा है, जहाँ नवोन्मेषी समाधानों के लिये टेक्नोलॉजी के छात्रों के समक्ष समस्याएँ रखी जाती हैं।
- यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया है ।
UST ग्लोबल (UST Global)
- यह डिजिटल, IT सेवाओं एवं समाधानों के लिये एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रदाता है
- इसका मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका में कैलिफोर्निया के एलिसो वीजो में स्थित है।
- इसकी स्थापना स्टीफन रॉस (Stephen Ross) ने वर्ष 1998 में की थी।
- कंपनी के कार्यालय अमेरिका, भारत, मेक्सिको, यूके, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, स्पेन और पोलैंड में हैं।
टोनी मॉरिसन
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमेरिकी लेखिका टोनी मॉरिसन ( Toni Morrison ) का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
- 11 उपन्यासों की लेखिका मॉरिसन को वर्ष 1993 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था।
- साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाली यह पहली अफ्रीकी-अमेरिकी महिला थीं।
- उपन्यासों के साथ-साथ ये बच्चों की पुस्तकें और निबंध संग्रह की भी लेखिका थीं।
- इनका पहला उपन्यास 'द ब्लूस्ट आई' वर्ष 1970 में प्रकाशित हुआ था।
- वर्ष 1987 में प्रकाशित मॉरिसन की पुस्तक Beloved में एक भगोड़ी महिला दास की कहानी लिखी गई थी, जिस पर वर्ष 1998 में ओपराह विन्फ्रे ( Oprah Winfrey ) अभिनीत एक फिल्म भी बनाई गई थी।
मेघदूत मोबाइल एप
भू-विज्ञान एवं कृषि मंत्रालय ने डिजिटल इंडिया के तहत किसानों को तकनीक से जोड़ने के लिये एक मोबाइल एप मेघदूत लॉन्च किया है।
- यह एप किसानों को उनके क्षेत्र के हिसाब से कृषि एवं मवेशियों के लिये मौसम आधारित सलाह उनकी स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराएगा जिसकी सहायता से किसान फसल और मवेशियों की बेहतर तरीके से देखभाल कर सकेंगे।
- मेघदूत एप की सहायता से किसान तापमान, वर्षा, नमी एवं वायु की तीव्रता तथा दिशा के बारे में जान सकते हैं।
- एप की सूचनाएँ सप्ताह में दो दिन मंगलवार एवं शुक्रवार को अपडेट की जाएंगी।
- शुरुआत में यह एप देश के 150 ज़िलों के स्थानीय मौसम के बारे में जानकारी प्रदान करेगा। तत्पश्चात् आने वाले एक साल में इसकी सेवा का विस्तार किया जाएगा।
- मेघदूत एप को भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department), भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Tropical Meteorology) तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) ने मिलकर विकसित किया है।
- एप पर सूचनाओं को चित्र और मैप के रूप में दिया जाएगा है इसे व्हाट्सएप और फेसबुक से जोड़ा गया है। भविष्य में इसे यू-ट्यूब से भी जोड़ दिया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि देश में 44 फीसदी लोग कृषि क्षेत्र में रोज़गार प्राप्त करते हैं।
- इससे पहले किसानों के लिये किसान सुविधा एप और पूसा कृषि मोबाइल एप लाया गया था। किसान सुविधा एप पर मौसम, बाज़ार मूल्य, बीज, उर्वरक, कीटनाशक और कृषि मशीनरी के बारे में जानकारी मिलती है। पूसा कृषि मोबाइल एप भारतीय कृषि शोध संस्थान द्वारा लाई गई नई तकनीक के बारे में बताता है।
मैगलन जलडमरूमध्य
Strait of Magellan
मैगलन जलडमरूमध्य दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप के दक्षिणी किनारों के साथ स्थित है, इसका कुछ भाग अर्जेंटीना से और शेष भाग दक्षिणी चिली से लगा हुआ है। यह जलडमरूमध्य अटलांटिक एवं प्रशांत महासागर को जोड़ता है।
- इस जलडमरूमध्य का नाम फर्डिनेंड मैगलन के नाम पर रखा गया है जिन्होंने वर्ष 1520 में इसकी खोज की थी।
- मैगलन जलडमरूमध्य पर स्थित चिली का बंदरगाह शहर पुंटा एरेनास (Punta Arenas) पनामा नहर बनने से पूर्व व्यापारिक मार्गों की दृष्टि से अत्यंत महत्त्वपूर्ण था।
- यह जलडमरूमध्य दक्षिण अमेरिका के मुख्य भू-भाग एवं टिएरा डेल फ्यूगो द्वीपसमूह के द्वीपों द्वारा घिरा है।
फर्डिनेंड मैगलन
Ferdinand Magellan
- फर्डिनेंड मैगलन पुर्तगाल का प्रसिद्ध अन्वेषक था।
- लगभग 500 साल पहले वह दुनिया की खोज के साहसिक कार्य पर रवाना हुआ था जो दुनिया भर में पहली बार अन्वेषण के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
- पृथ्वी की खोज का श्रेय मैगलन को ही दिया जाता है।
- जलडमरूमध्य को पार करते हुए मैगलन और उसके चालक दल ने दक्षिणी गोलार्द्ध से नग्न आँखों से दिखाई देने वाली दो आकाशगंगाओं का अवलोकन किया था जिसे अब मैगलैनिक बादल (Magellanic Clouds) के रूप में जाना जाता है।
- उसने 'मसाला द्वीप' (मलेशिया का मलुकु द्वीप) के लिये पश्चिम से होकर मार्ग खोजने में स्पेन के राजा चार्ल्स प्रथम की सहायता की थी।
- वह अपने साथियों के साथ पृथ्वी का चक्कर लगाने को निकला था लेकिन फिलीपींस के आदिवासियों द्वारा मैगलन की हत्या कर दी गई। जिसके पश्चात् उसके साथियों ने शेष यात्रा तय की।
- ब्रह्मांड के बारे में यूरोपियों के ज्ञान में यात्रा इस ने भी अहम योगदान दिया है।
मैगलैनिक बादल
Magellanic Clouds
- ये दो अनियमित आकाशगंगाओं, बड़े मैगलैनिक क्लाउड ( Large Magellanic Cloud- LMC) और स्मॉल मैगलैनिक क्लाउड (Small Magellanic Cloud- SMC) से मिलकर बने हैं जो प्रत्येक 1,500 मिलियन वर्षों में एक बार मिल्की वे की परिक्रमा करते हैं।
- मैगलैनिक बादलों ने दूर के ब्रह्मांड की हमारी समझ में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।