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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 17 Jan, 2023
  • 14 min read
प्रारंभिक परीक्षा

परख

हाल ही में सभी बोर्डों के लिये मूल्यांकन दिशा-निर्देश स्थापित करने के उद्देश्य के साथ राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (National Council for Education Research and Training- NCERT) ने भारत के पहले राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक, PARAKH (प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिये ज्ञान का विश्लेषण) अधिसूचित किया है। 

परख: 

  • परिचय: 
    • परख  को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)- 2020 के कार्यान्वयन के भाग के रूप में लॉन्च किया गया है, जिसमें नए मूल्यांकन पैटर्न और नवीनतम शोध के बारे में स्कूल बोर्डों को सलाह देने और उनके बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिये एक मानक-निर्धारण निकाय की परिकल्पना की गई है।
    • यह NCERT के एक भाग के रूप में कार्य करेगा।
    • इसे नेशनल अचीवमेंट सर्वे (NAS) और स्टेट अचीवमेंट सर्वे (SAS) जैसे समय-समय पर लर्निंग आउटकम टेस्ट आयोजित करने का भी काम सौंपा जाएगा।
    • यह तीन प्रमुख मूल्यांकन क्षेत्रों पर कार्य करेगा: व्यापक मूल्यांकन, स्कूल-आधारित मूल्यांकन तथा परीक्षा सुधार।
  • उद्देश्य:
    • समान मानदंड और दिशा-निर्देश: भारत के सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिये छात्र मूल्यांकन एवं निर्धारण हेतु मानदंड, मानक और दिशा-निर्देश निर्धारित करना।
    • मूल्यांकन पैटर्न में सुधार: यह 21वीं सदी की कौशल आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में अपने मूल्यांकन पैटर्न को बदलने के लिये स्कूल बोर्डों को प्रोत्साहित करेगा।
    • मूल्यांकन में असमानता को कम करना: यह राज्य और केंद्रीय बोर्डों में एकरूपता लाएगा जो वर्तमान में मूल्यांकन के विभिन्न मानकों का पालन करते हैं, जिससे अंकों में व्यापक असमानताएंँ पैदा होती हैं।
    • बेंचमार्क आकलन: बेंचमार्क मूल्यांकन ढांँचा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 में निहित मुद्दों को संबोधित करेगा।
  • महत्त्व:
    • कॉलेज प्रवेश में असमानता को दूर करना:
      • यह CBSE स्कूलों के अपने सहपाठियों की तुलना में कॉलेज प्रवेश के दौरान कुछ राज्य बोर्डों के विद्यार्थियों की समस्या के निपटान में मददगार साबित होगा।
    • अभिनव मूल्यांकन:
      • यह स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर परीक्षण, डिज़ाइन, संचालन, विश्लेषण और रिपोर्टिंग के लिये तकनीकी मानकों को विकसित एवं कार्यान्वित करेगा। 
    • समग्र दृष्टिकोण:
      • परख (PARAKH) का उद्देश्य शिक्षा के लिये समावेशी, भागीदारी और समग्र दृष्टिकोण की सुविधा प्रदान करना है, जो क्षेत्र के अनुभवों, अनुभवजन्य अनुसंधान, हितधारक प्रतिक्रिया के साथ-साथ सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखे गए अनुभवों को ध्यान में रखता है। 
    • प्रगतिशील बदलाव: 
      • यह शिक्षा के क्षेत्र में अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण की ओर एक प्रगतिशील बदलाव है।  
      • निर्धारित संरचना बच्चे की क्षमता, संज्ञानात्मक विकास के चरणों के साथ-साथ सामाजिक और शारीरिक जागरूकता को पूरा करने में सहायता करेगी। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. शिक्षा कोई निषेधाज्ञा नहीं है, यह एक व्यक्ति और सामाजिक परिवर्तन के सर्वांगीण विकास के लिये एक प्रभावी एवं व्यापक उपकरण है। उपर्युक्त कथन के आलोक में नई शिक्षा नीति, 2020 का परीक्षण कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020) 

स्रोत: हिंदुस्तान टाइम्स


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 जनवरी, 2023

स्काईहॉक : भारत का पहला 5G सक्षम ड्रोन

ओडिशा के संबलपुर में वीर सुरेंद्र साई प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (VSSUT) परिसर से शुरू हुई  टेक स्टार्टअप फर्म आईजी ड्रोन्स (IG Drones) ने हाल ही में भारत का पहला 5G-सक्षम ड्रोन (5G-Enabled Drone) विकसित किया है जो वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (VTOL) में सक्षम है। VTOL की सुविधा के कारण इसे टेक-ऑफ या लैंडिंग हेतु किसी विशेष रनवे या ट्रैक की आवश्यकता नही होती है, इस ड्रोन को स्काईहॉक (Skyhawk) नाम दिया गया है जिसका उपयोग रक्षा और चिकित्सा अनुप्रयोगों के अलावा अन्य क्षेत्रों में किया जा सकता है। ड्रोन में 5G तकनीक के इस्तेमाल से नियंत्रित करने में सटीकता सहित इसे सीधे कमांड सेंटर से नियंत्रित किया जा सकता है। स्काईहॉक (Skyhawk) ड्रोन 10 किलोग्राम पेलोड के साथ लगभग पाँच घंटे तक उड़ान भर सकता है, यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और थर्मल इमेजिंग जैसी क्षमताओं से भी लैस है। यह ड्रोन IP67 रेटेड है, इसे NavIC+GPS नेविगेशनल सैटेलाइट के संयोजन द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है, आईजी ड्रोन्स भारत की ड्रोन सर्वेक्षण, मैपिंग और इंस्पेक्शन की सुविधा प्रदान करने वाली टेक कंपनी है। इस कंपनी की कई राज्य सरकारों और 30 सबसे बड़े पीएसयू एवं MNCs के साथ साझेदारी है, इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है

5G-Drone

GeM पर वोमनिया की कामयाबी का जश्न

ऑनलाइन खरीदारी से जुड़ी सरकारी वेबसाइट Government e-Marketplace- GeM पर वोमनिया की सफलता के उपलक्ष्य में 14 जनवरी, 2023 को नई दिल्ली में जश्न मनाया गया। गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस ने ‘वोमनिया’ के संवर्द्धन के लिये नई व्यावसायिक प्रक्रियाओं और कार्यात्मकताओं को विकसित करने एवं शुरुआत के लिये कई कदम उठाए हैं। इस वेबसाइट पर पंजीकृत महिला उद्यमियों की संख्या 1 लाख 44 हज़ार से अधिक है जिन्हें वोमनिया कहा जाता है। ये महिला उद्यमी सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के क्षेत्र में विक्रेता तथा सेवा प्रदाता के रुप में पंजीकृत हैं और अब तक 21 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के उत्पादों की बिक्री कर चुकी हैं। वोमनिया की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई थी। "वोमनिया" पहल का उद्देश्य GeM पोर्टल पर अनौपचारिक क्षेत्र से महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों की सहभागिता को प्रोत्साहित करना तथा मध्यस्थों की भूमिका को नगण्य करते हुए विभिन्न सार्वजनिक खरीदारों के साथ उनके उत्पादों की बिक्री की सुविधा प्रदान करना है। साथ ही "वोमनिया" पहल महिला उद्यमियों द्वारा सामना की जाने वाली "बाज़ारों तक पहुँच", "वित्त तक पहुँच" और "मूल्य-संवर्द्धन तक पहुँच" की तिहरी चुनौतियों का समाधान करने का प्रयास करती है।

स्पिक मैके 

हाल ही में स्पिक मैके ने संस्कृति मंत्रालय और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के सहयोग से "श्रुति अमृत" नाम से अपनी बेहद लोकप्रिय 'म्यूज़िक इन द पार्क' सीरीज़ का आयोजन किया। इसी कड़ी में वर्ष 2023 का पहला आयोजन नई दिल्ली में हुआ। स्पिक मैके (SPIC MACAY): यह वर्ष 1977 में शुरू हुआ एक आंदोलन है और दुनिया भर के 850 से अधिक शहरों में इसकी शाखाएँ हैं। यह युवाओं के बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये स्वैच्छिक युवा आंदोलन है जो भारतीय शास्त्रीय, लोक संगीत तथा नृत्य, योग, ध्यान, शिल्प एवं कार्यक्रमों तथा कार्यशालाओं का आयोजन करके भारतीय संस्कृतिविश्व विरासत के मूर्त और अमूर्त पहलुओं को बढ़ावा देता है।

और पढ़ें..हिंदुस्तानी संगीत

वरुण

हाल ही में भारत और फ्राँस के बीच द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास का 21वाँ संस्करण पश्चिमी समुद्र तट पर शुरू हुआ। दोनों नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास का आरंभ वर्ष 1993 में हुआ था, इसे औपचारिक रूप से वर्ष 2001 में 'वरुण' के रूप में चिह्नित किया गया और यह भारत-फ्राँस के बीच रणनीतिक द्विपक्षीय संबंधों की पहचान है। यह पाँच दिवसीय अभ्यास 16-20 जनवरी, 2023 तक आयोजित किया जा रहा है।

अन्य में भारत-फ्राँस संयुक्त अभ्यास के अंतर्गत शक्ति (सेना), गरुड़ (वायु सेना) शामिल हैं।

France

और पढ़ें… भारत-फ्राँस रणनीतिक द्विपक्षीय संबंध

तिरुवल्लुवर दिवस

केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने तिरुवल्लुवर दिवस के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएँ दीं। वर्तमान समय में यह दिन आमतौर पर तमिलनाडु में 15 या 16 जनवरी को मनाया जाता है और पोंगल समारोह का एक हिस्सा है। तिरुवल्लुवर, जिसे वल्लुवर भी कहा जाता है, एक तमिल संत-कवि थे। उनकी जीवन अवधि को लेकर मतभेद है। जैसा कि उनकी धार्मिक पहचान है, उन्हें जैन धर्म से जुड़ा हुआ माना जाता है। हालाँकि हिंदुओं ने यह भी दावा किया है कि तिरुवल्लुवर हिंदू धर्म से संबंधित थे। उन्होंने संगम साहित्य में तिरुक्कुरल या 'कुरल' की रचना की तिरुक्कुरल में 10 दोहों के 133 खंड शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक को तीन पुस्तकों में विभाजित किया गया है: 

  • अराम (पुण्य), 
  • पोरुल (सरकार और समाज)
  • कामम् (प्यार) 

तिरुक्कुरल की तुलना विश्व के प्रमुख धर्मों की महान पुस्तकों से की गई है।

और पढ़ें…तिरुवल्लुवर दिवस

खारे पानी के मगरमच्छों की आबादी 

वार्षिक सरीसृप गणना के अनुसार, ओडिशा के केंद्रपाड़ा ज़िले में भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान और उसके आसपास के क्षेत्रों के जल निकायों में खारे पानी के मगरमच्छों की आबादी में मामूली वृद्धि हुई है। वर्ष 2023 में की गई गिनती में वन अधिकारियों ने मगरमच्छों की संख्या 1,793 होने की पुष्टि की जो वर्ष 2022 में 1,784 थी।

खारे पानी के मगरमच्छों की संरक्षण स्थिति: 

  • IUCN संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची: ‘संकटमुक्त’ (Least Concern)।
  • CITES: परिशिष्ट- I (ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और पापुआ न्यू गिनी में मौजूद आबादी परिशिष्ट- II में शामिल है)।
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची- I

वर्ष 2006 में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने भितरकनिका में 23 फुट लंबे खारे पानी के मगरमच्छ को विश्व के सबसे बड़े मगरमच्छ के रूप में दर्ज किया। मगरमच्छों की तीन प्रजातियों- खारे पानी के मगरमच्छ, मगर और घड़ियाल के लिये प्रजनन एवं पालन कार्यक्रम वर्ष 1975 में भारत तथा नेपाल के 34 स्थानों पर शुरू किया गया था। हालाँकि भितरकनिका में खारे पानी का  मगरमच्छ संरक्षण कार्यक्रम सबसे सफल रहा है। 

और पढ़ें…. विश्व मगरमच्छ दिवस, भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान


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