इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 16 Nov, 2022
  • 12 min read
प्रारंभिक परीक्षा

राष्ट्रीय प्रेस दिवस

भारतीय प्रेस परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 16 नवंबर को पूरे भारत में राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया जाता है।

भारतीय प्रेस परिषद:

  • परिचय:
    • यह पहली बार वर्ष 1966 में भारतीय प्रेस परिषद अधिनियम, 1965 के तहत पहले प्रेस आयोग की सिफारिशों पर स्थापित किया गया था, जिसका दोहरा उद्देश्य भारत में समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखने एवं इसमें सुधार कर प्रेस की स्वतंत्रता को संरक्षित करना था।
    • अर्द्ध-न्यायिक स्वायत्त प्राधिकरण के रूप में इसे वर्ष 1979 में संसद के एक अधिनियम, प्रेस परिषद अधिनियम, 1978 के तहत फिर से स्थापित किया गया था।
    • भारतीय प्रेस परिषद एकमात्र निकाय है जो प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के अपने कर्त्तव्य में राज्य के उपकरणों पर भी अधिकार का प्रयोग करता है।
  • संगठन:
    • यह परिषद एक कॉर्पोरेट निकाय है जिसमें एक अध्यक्ष और 28 सदस्य होते हैं।
  • उद्देश्य:
    • प्रेस की स्वतंत्रता बनाए रखना।
    • भारत में समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखना एवं सुधार करना।
  • भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारियाँ:
    • भूमिकाएँ:
      • इस परिषद के पास अनुसंधान करने, किसी भी प्रस्तावित कानून, नियम या प्रेस से संबंधित अन्य मद पर अपनी राय देने और उस राय को उपयुक्त अधिकारियों को संप्रेषित करने का अधिकार है।
      • लोक महत्त्व के मामलों में परिषद संज्ञान ले सकती है और मौके पर जाँच करने के लिये एक विशेष समिति का गठन कर सकती है।
    • ज़िम्मेदारियाँ:
      • समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों को अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने में मदद करना।
      • उच्च पेशेवर मानकों के अनुसार समाचार पत्रों, समाचार एजेंसियों और पत्रकारों के लिये एक आचार संहिता का निर्माण करना।
      • समाचार पत्रों, समाचार एजेंसियों और पत्रकारों की ओर से सार्वजनिक महत्त्व के उच्च मानकों को बनाए रखना तथा यह सुनिश्चित करना कि अधिकारों एवं ज़िम्मेदारियों की भावना को बढ़ावा दिया जाए।

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स


प्रारंभिक परीक्षा

उद्योग संक्रमण शिखर सम्मेलन नेतृत्त्व

भारत और स्वीडन ने मिस्र के शर्म अल शेख में COP27 के मौके पर लीडरशिप फॉर इंडस्ट्री ट्रांज़िशन (LeadIT) शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की।

  • शिखर सम्मेलन के बाद COP27 में इंडिया पविल्यन (भारतीय मंडप) में LeadIT शिखर सम्मेलन 2022 का शुभारंभ किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • LeadIT सदस्यों ने निम्न कार्बन संक्रमण को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता पर फिर से ज़ोर दिया।
  • इस आयोजन में गोलमेज़ चर्चां शामिल थी जो वित्त और अन्य क्रॉस-सेक्टोरल मुद्दों तथा सफल निम्न कार्बन संक्रमण की आवश्यकताओं पर केंद्रित थीं।
  • सदस्य, नए सदस्यों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिये भी प्रतिबद्ध हैं। उभरते और विकासशील देशों में भारी उद्योगों के संक्रमण में निवेश के जोखिम को कम करने के महत्त्व पर भी प्रकाश डाला गया।
  • शिखर सम्मेलन LeadIT के सदस्यों द्वारा शिखर सम्मेलन के बयान को स्वीकार करने के साथ संपन्न हुआ।

‘लीडरशिप फॉर इंडस्ट्री ट्रांज़िशन’ (LeadIT):

  • परिचय:
    • LeadIT पहल उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देती है जो वैश्विक जलवायु कार्रवाई में प्रमुख हितधारक हैं और जहाँ विशिष्ट हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
    • यह उन देशों और कंपनियों को संगठित करता है जो पेरिस समझौते को हासिल करने एवं कार्रवाई के लिये प्रतिबद्ध हैं।
    • इसे वर्ष 2019 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में स्वीडन और भारत की सरकारों द्वारा लॉन्च किया गया था तथा यह विश्व आर्थिक मंच द्वारा समर्थित है।
    • LeadIT के सदस्य इस विचार को बढ़ावा देते हैं कि वर्ष 2050 तक ऊर्जा-गहन उद्योगों में निम्न-कार्बन उत्सर्जन के उपायों को अपनाकर शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लक्ष्यों की पूर्ति की जा सकती है।
  • सदस्य:
    • LeadIT में देशों और कंपनियों को मिलाकर कुल 37 सदस्य हैं।
      • जापान और दक्षिण अफ्रीका इस पहल के नवीनतम सदस्य हैं।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

फोटोनिक क्रिस्टल

शोधकर्त्ताओं ने बेहतर तापीय स्थिरता और ऑप्टिकल शुद्धता के साथ एक नरम समायोज्य फोटोनिक क्रिस्टल बनाया है जो दृश्यमान स्पेक्ट्रम में चमकीले रंगों को दर्शाता है तथा इसका उपयोग बेहतर एवं अधिक लचीला परावर्तक डिस्प्ले और लेज़र सिस्टम बनाने के लिये किया जा सकता है।

फोटोनिक क्रिस्टल:

  • परिचय:
    • फोटोनिक क्रिस्टल ऑप्टिकल नैनोस्ट्रक्चर होते हैं जिनमें अपवर्तक सूचकांक समय-समय पर बदलता रहता है।
      • अपवर्तनांक एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर प्रकाश की किरण के झुकने का माप है । इसे अपवर्तन सूचकांक भी कहा जाता है।
    • यह प्रकाश सीधा प्रसार(प्रोपेगेशन) को उसी प्रकार प्रभावित करता है जिस प्रकार प्राकृतिक क्रिस्टल की संरचना से एक्स-किरणों (X-rays) का विवर्तन होता है और अर्द्धचालकों के परमाणु जाल (क्रिस्टल संरचना) इलेक्ट्रॉनों की चालकता को प्रभावित करते हैं।
    • फोटोनिक क्रिस्टल प्रकृति में संरचनात्मक रंगाई और पशु परावर्तकों के रूप में होते हैं।
      • प्रकृति में पाए जाने वाले उदाहरणों में दूधिया पत्थर (opal), तितली के पंख, मोर के पंख आदि शामिल हैं, जो अलग-अलग इंद्रधनुषी रंगों का प्रदर्शन करते हैं।
  • उपयोग:
    • कृत्रिम रूप से उत्पादित या प्रयोगशालाओं में इंजीनियरिंग के क्रम में फोटोनिक क्रिस्टल के उपयोग के तहत परावर्तन कोटिंग्स से लेकर ऑप्टिकल कंप्यूटर तक के अनुप्रयोग शामिल हैं।
    • यह पीसी को दृश्यमान वर्णक्रमीय व्यवस्था में रचनात्मक रंगों को प्रदर्शित करने में सक्षम बनाते हैं।
    • शोधकर्त्ता भी इन-सीटू पोस्ट-फैब्रिकेशन (in-situ post-fabrication) के गुणों के साथ तालमेल हेतु निरंतर प्रयासरत रहे हैं।
    • तरल क्रिस्टल (LC) का उपयोग करके विकसित की जाने वाली उन्नत फोटोनिक सामग्री और उपकरणों के प्रति आकर्षण में व्यापक वृद्धि हुई है क्योंकि ये बाह्य उद्दीपन के प्रतिक्रिया स्वरूप स्वतः संगठित होने, चरणबद्ध संक्रमण और आणविक अभिविन्यास जैसे व्यवहार प्रदर्शित करते हैं।

स्रोत: पी.आई.बी.


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 नवंबर, 2022

पंचायत अनुसूचित विस्‍तार अधिनियम 

मध्‍य प्रदेश सरकार ने पंचायत अनुसूचित विस्‍तार अधिनियम लागू कर दिया है। राष्‍ट्रपति ने 15 नवंबर, 2022 को मध्‍य प्रदेश के शहडोल ज़िले में एक कार्यक्रम में इसकी औपचारिक घोषणाा की। इसका उपयोग जनजातीय समुदाय के लोगों को सशक्‍त बनाने के लिये किया जाएगा। इस अधिनियम का उद्देश्‍य ग्राम सभाओं की सक्रिय भागीदारी से जनजातीय लोगों को शोषण से बचाना है। यह अधिनियम अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को विशेष रूप से प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में विशेष अधिकार देता है। पंचायत अनुसूचित विस्‍तार अधिनियम (PESA/पेसा) वर्ष 1996 में "पंचायतों से संबंधित संविधान के भाग IX के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तारित करने के लिये" अधिनियमित किया गया था। संविधान के अनुच्छेद 243-243ZT के भाग IX में नगर पालिकाओं और सहकारी समितियों से संबंधित प्रावधान हैं। इस अधिनियम के तहत अनुसूचित क्षेत्र वे हैं जिन्हें अनुच्छेद 244 (1) में संदर्भित किया गया है, जिसके अनुसार पाँचवीं अनुसूची के प्रावधान असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम के अलावा अन्य राज्यों में अनुसूचित क्षेत्रों की अनुसूचित जनजातियों पर लागू होंगे। पाँचवीं अनुसूची इन क्षेत्रों के लिये विशेष प्रावधानों की शृंखला प्रदान करती है।

भारतीय ओलंपिक संघ एथलीट आयोग 

ओलंपिक पदक विजेता एम.सी मैरीकॉम, पी.वी. सिंधु, मीराबाई चानु और गगन नारंग आदि दस प्रमुख खिलाड़ियों को भारतीय ओलंपिक संघ एथलीट आयोग का सदस्य चुना गया है। इस सर्वोच्च संस्था के सदस्य के रूप में पाँच पुरुष एवं पाँच महिला खिलाड़ियों को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। विंटर ओलंपिक के खिलाड़ी शिवा केशवन, टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल, महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल, तलवारबाज़ भवानी देवी, नौकायन खिलाड़ी बजरंग लाल तथा पूर्व शॉटपुट खिलाड़ी ओमप्रकाश सिंतथाकरहाना इस संस्था के अन्य छह सदस्य निर्वाचित हुए हैं। ये सभी ओलंपिक खिलाड़ी हैं। भारतीय ओलंपिक संघ भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (NOC) है। संघ का कार्य ओलंपिक खेलों, एशियाई खेलों व अन्य अंतर्राष्ट्रीय बहु-खेल प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्त्व करने वाले एथलीटों का चयन करना और भारतीय टीम का प्रबंधन करना है। यह भारतीय राष्ट्रमंडल खेल संघ की तरह ही कार्य करता है, तथा राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का प्रतिनिधिित्त्व करने वाले एथलीटों का भी चयन करता है। 


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2