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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 16 Apr, 2025
  • 14 min read
रैपिड फायर

हेडियन प्रोटो क्रस्ट

स्रोत: द हिंदू

मैक्वेरी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन से पता चलता है कि प्लेट विवर्तनिकी [और प्रविष्ठन (Subduction)] से जुड़े अद्वितीय रासायनिक संकेत विवर्तनिक प्लेटों के संचलन के शुरू होने से पूर्व ही पृथ्वी की प्रारंभिक पर्पटी (हेडियन प्रोटो क्रस्ट) में मौजूद थे। 

  • रासायनिक संकेत प्राचीन चट्टानों में विशिष्ट रासायनिक पैटर्न हैं जो प्लेट विवर्तनिकी (Plate Tectonics) प्रक्रियाओं के संकेतक के रूप में काम करते हैं
    • परंपरागत रूप से, ये संकेत, जैसे समृद्ध हल्के दुर्लभ मृदा तत्त्व (LREE) और विशिष्ट समस्थानिक अनुपात (Nd, Sr, Pb) प्रविष्ठन (Subduction) का संकेत देते हैं। 
  • हालाँकि, अध्ययन में पाया गया है कि ये संकेत बिना किसी प्रविष्ठन के भी बन सकते हैं, जिससे यह विचार चुनौतीपूर्ण हो जाता है कि ये संकेत केवल प्लेट विवर्तनिकी तक ही सीमित हैं।
    • प्रविष्ठन क्षेत्र (Subduction Zone) वह क्षेत्र है जहाँ प्रविष्ठन होता है, जो गहरे महासागरीय गर्तों, ज्वालामुखीय चापों (Volcanic Arcs) और भूकंपों द्वारा चिह्नित होता है।

Subduction_zone

हेडियन प्रोटो क्रस्ट और हेडियन एऑन:

  • हेडियन प्रोटो क्रस्ट पृथ्वी की सबसे प्रारंभिक परत है, जिसका निर्माण हेडियन एऑन (4.6 से 4 अरब वर्ष पूर्व) के प्रथम 200 मिलियन वर्षों में हुआ था, यह वह काल था जिसमें अत्यधिक ऊष्मा, ज्वालामुखीय गतिविधियाँ और आंशिक रूप से पिघली हुई सतह थी।
    • समय के साथ पिघली हुई सतह के कुछ भाग शीतल होकर ठोस हो गए, जिससे प्रथम क्रस्ट का निर्माण हुआ।
  • हेडियन एऑन के बाद आर्कियन ईऑन (4 से 2.5 अरब वर्ष पूर्व) आया, जिसे पृथ्वी की पहली स्थिर परत के निर्माण, प्लेट विवर्तनिकी की शुरुआत और जीवन के उद्भव के रूप में चिह्नित किया गया। 
    • जैसे-जैसे सतह शीतल होती गई, मोटी परत ने पहले महाद्वीपों का निर्माण किया, जो नीचे अर्द्ध-तरल दुर्बलतामंडल (Semi-Fluid Asthenosphere) के ऊपर चला गया।

Tectonic_plates

और पढ़ें: प्लेट विवर्तनिकी 


रैपिड फायर

भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि

स्रोत: द हिंदू

पंजाब नेशनल बैंक से 13,500 करोड़ रूपए से अधिक की धोखाधड़ी के आरोपी भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि के तहत भारतीय अधिकारियों द्वारा औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध किए जाने के बाद बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया।

  • भारत ने अगस्त 2024 में चोकसी के प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध किया था, जिसमें आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी जैसे आरोपों का हवाला दिया गया था। बेल्जियम ने पुष्टि करने के बाद कि ये आरोप स्थानीय स्तर पर दंडनीय हैं, इसे स्वीकृति दे दी।
  • प्रपलायी अपराधी: ऐसा व्यक्ति जिस पर विदेश में प्रत्यर्पण अपराध कारित करने का आरोप है, या जो ऐसा करने का षडयंत्र रचता है, प्रयास करता है, उद्दीपन करता है, या सहायता करता है, या भारत में रहते हुए ऐसे अपराधों में शामिल होता है (प्रत्यर्पण अधिनियम, 1962 की धारा 2(f) के अनुसार)।
  • प्रत्यर्पण संधि: भारतीय प्रत्यर्पण अधिनियम 1962 में 'प्रत्यर्पण संधि' को प्रपलायी (Fugitive) अपराधियों के प्रत्यर्पण के लिये भारत और किसी विदेशी राज्य के बीच द्विपक्षीय समझौते के रूप में परिभाषित किया गया है।
    • विदेश मंत्रालय प्रत्यर्पण मामलों के लिये केंद्रीय प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है।
  • भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि: वर्ष 2020 में अनुसमर्थित नई प्रत्यर्पण संधि ने ग्रेट ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच पूर्व में वर्ष 1901 में हुई संधि का स्थान लिया, जिसे वर्ष 1958 में पत्रों के आदान-प्रदान के माध्यम से भारत पर लागू किया गया था। 
    • वर्तमान में भारत गणराज्य और बेल्जियम साम्राज्य के बीच लागू नई संधि के अंतर्गत दोनों देश भगोड़े अपराधियों को प्रत्यर्पित कर सकते हैं।
    • संधि में यह प्रावधान है कि प्रत्यर्पण केवल उन अपराधों के लिये होगा जो दोनों देशों में दंडनीय हैं तथा अपने नागरिकों के लिये प्रत्यर्पण आबद्धकर नहीं है।
    • अनुरोध करने वाले देश को गिरफ्तारी के 14 दिनों के भीतर औपचारिक रूप से अनुरोध प्रस्तुत करना होगा और दो माह के भीतर पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध कराने होंगे। अगर अनुरोध राजनीतिक रूप से प्रेरित है तो उसे अस्वीकार किया जा सकता है। 

Belgium

और पढ़ें: भारत-बेल्जियम प्रत्यर्पण संधि


रैपिड फायर

राष्ट्रपति की स्लोवाक गणराज्य की यात्रा

स्रोत: पी.आई.बी.

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्लोवाक गणराज्य (जिसे स्लोवाकिया के नाम से भी जाना जाता है) की यात्रा 29 वर्षों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली यात्रा थी, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाना था।

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सार्वजनिक सेवा, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय में उनके योगदान के लिये स्लोवाकिया में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया।

भारत-स्लोवाक गणराज्य संबंध: 

  • व्यापार संबंध: वर्ष 2024 में द्विपक्षीय व्यापार 1.28 बिलियन यूरो को पार कर गया, जिससे भारत ने अनुकूल व्यापार संतुलन बनाए रखा।
    • स्लोवाकिया को भारत के प्रमुख निर्यातों में मोबाइल फोन, जूते, वस्त्र, मोटर वाहन पार्ट्स, दवाएँ शामिल हैं।
    • स्लोवाकिया द्वारा भारत को किये जाने वाले प्रमुख निर्यातों में मोटर वाहन, मशीनरी, पंप, ट्रांसमिशन शाफ्ट शामिल हैं।
    • भारत-स्लोवाकिया वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने के लिये वर्ष 1995 में एक संयुक्त आर्थिक समिति (JEC) की स्थापना की गई।
  • अंतरिक्ष सहयोग: पहला स्लोवाक उपग्रह, SKcube, वर्ष 2017 में भारतीय PSLV-XL पर लॉन्च किया गया था।
  • परमाणु सहयोग: भारत और स्लोवाकिया के बीच शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिये परमाणु ऊर्जा के सुरक्षित उपयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए।
  • स्लोवाक गणराज्य: यह मध्य यूरोप में एक स्थल-रुद्ध देश है। इसकी सीमा दक्षिण में हंगरी, उत्तर में पोलैंड, उत्तर-पश्चिम में चेक गणराज्य, पश्चिम में ऑस्ट्रिया और पूर्व में यूक्रेन से लगती है।
    • वेलवेट रिवोल्यूशन (वर्ष 1989) ने चेकोस्लोवाकिया में साम्यवादी शासन को समाप्त कर दिया और वर्ष 1993 में चेक गणराज्य और स्लोवाकिया में देश का शांतिपूर्ण विघटन हुआ (जिसे अक्सर "वेलवेट डिवोर्स" के रूप में जाना जाता है)।
    • स्लोवाकिया एक उच्च आय वाली विकसित अर्थव्यवस्था है जिसकी राजधानी ब्रातिस्लावा है और यह संसदीय लोकतांत्रिक गणराज्य प्रणाली का पालन करती है।

Slovak_Republic

और पढ़ें: भारत-यूरोपीय संघ संबंध


रैपिड फायर

विश्व के प्राचीनतम जीव रूप

स्रोत: प्रेस रीडर

साइनोबैक्टीरिया, स्ट्रोमेटोलाइट्स और आर्किया जैसे प्राचीन जीव रूप पृथ्वी की विकासमूलक समुत्थानशक्ति और पारिस्थितिक महत्त्व के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं।

  • सायनोबैक्टीरिया (नील-हरित शैवाल), जो लगभग 3.5 अरब वर्ष पूर्व अस्तित्व में आए, ऑक्सीजन प्रकाश संश्लेषण करने वाले पहले जीव थे, जिससे बृहद ऑक्सीकरण घटना (लगभग 2.4 अरब वर्ष पूर्व) घटित हुई, जिसके परिणामस्वरूप पृथ्वी का वायुमंडल ऑक्सीजन से समृद्ध हुआ, जिससे जीवन संभव हुआ।
  • स्ट्रोमेटोलाइट्स, सायनोबैक्टीरिया निवह द्वारा निर्मित स्तरित शैल रुपी संरचनाएँ हैं, जो खनिजों को विपाशित करती हैं तथा धीरे-धीरे कठोर होकर शैल का रूप ले लेती हैं। 
    • पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में पाए गए प्राचीनतम स्ट्रोमेटोलाइट्स लगभग 3.5 अरब वर्ष प्राचीन हैं, जो प्राचीन सूक्ष्मजीवी पारिस्थितिकी तंत्र की जानकारी के स्रोत हैं।
  • आर्किया एककोशिकीय सूक्ष्मजीव हैं जो बैक्टीरिया से भिन्न होते हैं, तथा इनकी आनुवंशिक विशेषताएँ  यूकैरियोट के समान होती हैं। 
    • इनमें से कई जीव एक्सट्रीमोफाइल हैं, जो विषम वातावरण में जीवित रहते हैं और जैव-भू-रासायनिक चक्रण में योगदान देते हैं। एंडोसिम्बायोटिक सिद्धांत के अनुसार यूकेरियोट्स एक जीवाणु के समावेश के माध्यम से आर्किया से विकसित हुए, जिससे माइटोकॉन्ड्रिया का निर्माण हुआ।
  • आर्मिलारिया ओस्टोया, "विशालकाय कवक", ओरेगन के माल्हेर राष्ट्रीय वन (अमेरिका) में पाया जाने वाला विशालतम जीवित जीव है और 8,000 वर्ष से अधिक प्राचीन है, जो उल्लेखनीय पारिस्थितिक प्रभुत्व और दीर्घायु को प्रदर्शित करता है।
  • जिन्को बाइलोबा वृक्ष, जो 290 मिलियन वर्ष से भी अधिक प्राचीन है, एक "जीवित जीवाश्म" है जिसके पर्ण जुरासिक काल से ही अपरिवर्तित हैं। 
    • वर्ष 1945 में हुए हिरोशिमा विस्फोट से इसकी उत्तरजीविता संरक्षित रही और इसमें काल प्रभावन का कोई लक्षण नहीं है तथा 600 वर्ष प्राचीन होने के बाद भी इसका अस्तित्व बना हुआ है।

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और पढ़ें: अंतिम सार्वभौमिक सामान्य पूर्वज (LUCA) 


रैपिड फायर

हिमाचल प्रदेश का 78वाँ स्थापना दिवस

स्रोत: बिज़नेस स्टैण्डर्ड

हिमाचल प्रदेश दिवस प्रतिवर्ष 15 अप्रैल को मनाया जाता है, जो वर्ष 1948 में मुख्य आयुक्त प्रांत के रूप में इसके गठन का प्रतीक है। 

  • पृष्ठभूमि: यह 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के कार्यान्वयन के साथ श्रेणी C राज्य बन गया। बाद में 1 नवंबर 1956 को एक केंद्रशासित प्रदेश बना तथा वर्ष 1966 में पंजाब के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ इसका विस्तार किया गया। 
  • 25 जनवरी 1971 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ और यह हिमाचल प्रदेश अधिनियम, 1970 के तहत भारत का 18वाँ राज्य बन गया।
  • व्युत्पत्ति: "हिमाचल" नाम संस्कृत के "हिमा" (हिम) और "आंचल" (गोद) से लिया गया है, जो हिमालय में बसे इसके भूगोल का सटीक वर्णन करता है।
    • सीमाएँ: हिमाचल प्रदेश की सीमाएँ भारत के केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड राज्यों के साथ साझा होती हैं। 
      • अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी सीमा चीन से लगती है। 
  • अर्थव्यवस्था: हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्ष 2024-25 में 2.27 ट्रिलियन (USD 27.27 बिलियन) रहा। वित्त वर्ष 2025 (अगस्त तक) में निर्यात कुल 223.20 मिलियन यूएस डॉलर रहा, जिसमें दवा निर्माण तथा जैविक उत्पादों का योगदान कुल 69.5% रहा।
    • हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2019 से 2023 तक संचयी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह कुल 246.74 मिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।

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और पढ़ें: हिमाचल प्रदेश का स्थापना दिवस


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