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प्रोकैरियोट्स से यूकैरियोट्स का विकास

  • 27 Jun 2023
  • 7 min read

हाल ही में प्रोकैरियोट्स (Prokaryotes) से यूकैरियोट्स (Eukaryotes) के विकास को समझने में काफी रुचि देखी गई है, जो इस महत्त्वपूर्ण सवाल पर प्रकाश डालता है कि केंद्रक (Nuclei) और कोशिकांगों (Organelles) से युक्त जटिल कोशिकाओं का विकास कैसे हुआ है।

  • एंडोसिम्बायोसिस के प्रचलित सिद्धांत से पता चलता है कि यूकैरियोट्स एक प्राचीन आर्कियन (सूक्ष्मजीवों का एक आदिम समूह जो चरम स्थितियों वाले आवास में पनपते हैं) और एक जीवाणु के बीच सहजीवी संबंध से विकसित हुए हैं।

यूकैरियोट्स और प्रोकैरियोट्स:

  • पृथ्वी पर जीवों को मोटे तौर पर कोशिकाओं के प्रकार के आधार पर प्रोकैरियोट्स और यूकैरियोट्स में विभाजित किया जाता है।
प्रोकैरियोट्स: यूकैरियोट्स:
प्रोकैरियोट्स उन जीवों को कहते हैं जिनमें एक वास्तविक नाभिक और झिल्ली से बँधे कोशिकांग का अभाव होता है। उनकी आनुवंशिक सामग्री आमतौर पर एक गोलाकार DNA अणु, एक परमाणु झिल्ली के अंदर बंद हुए बिना साइटोप्लाज़्म में मौजूद होती है। यूकैरियोट्स ऐसे जीव हैं जिनकी कोशिकाएँ स्पष्ट रूप से एक झिल्ली के अंदर केंद्रक से युक्त होती हैं।
प्रोकैरियोट्स में बैक्टीरिया और आर्किया शामिल हैं। यूकैरियोटिक कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार के झिल्ली से बँधे कोशिकांग होते हैं जैसे माइटोकॉन्ड्रिया, एंडोप्लाज़्मिक रेटिकुलम, गॉल्जीकाय तथा आंतरिक झिल्ली का एक जटिल नेटवर्क। ये कोशिकांग कोशिका के अंदर विशेष कार्य करते हैं।
इसकी मुख्य विशेषताओं में केंद्रक या कोशिकांग के बिना छोटी, सरल कोशिकाएँ शामिल होना है। इसकी मुख्य विशेषताओं में केंद्रक वाली बड़ी जटिल कोशिकाएँ और विभिन्न कोशिकांग शामिल हैं।

एंडोसिंबायोसिस द्वारा यूकैरियोट्स की उत्पत्ति:

  • एंडोसिंबायोसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जहाँ एक जीव दूसरे जीव के अंदर रहता है और दोनों को इस संबंध से लाभ होता है।
  • एंडोसिंबायोटिक सिद्धांत से पता चलता है कि यूकैरियोट्स, जीवाणु को निगलने वाले एक छोटे आर्कियोन से विकसित हुए हैं।
    • आर्कियोन जीवाणु की रक्षा कर एक स्थिर वातावरण प्रदान करता है तथा जीवाणु, आर्कियोन को ऊर्जा की आपूर्ति करता है।
  • समय के साथ-साथ ये एक-दूसरे पर निर्भर हो गए तथा इन्होंने एक नए प्रकार की कोशिका का निर्माण किया जिसे यूकैरियोट्स कहा जाता है।
    • अंत में यह जीवाणु माइटोकॉन्ड्रिया बन गया जो कोशिका के लिये ऊर्जा उत्पन्न करता है।
  • पौधों में एक अन्य एंडोसिंबायोटिक प्रक्रिया होती है जिसमें सायनोबैक्टीरिया (नील हरित शैवाल) क्लोरोप्लास्ट (हरित लवक) बन जाता है जो प्रकाश संश्लेषण का संचालन करता है।
    • इस सहजीवी संबंध ने यूकैरियोट्स को विकसित होने, अधिक जटिल और विभिन्न वातावरणों के अनुकूल होने की अनुमति प्रदान की है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रिलिम्स:

प्रश्न. अक्सर समाचारों में रहने वाले 'स्टेम सेल' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2012)

  1. स्टेम कोशिकाएँ केवल स्तनधारियों से प्राप्त की जा सकती हैं
  2. स्टेम कोशिकाओं का उपयोग नई दवाओं की जाँच के लिये किया जा सकता है
  3. स्टेम कोशिकाओं का उपयोग चिकित्सा उपचारों के लिये किया जा सकता है

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3

(c) केवल 3

(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • स्टेम कोशिकाएँ अविभाजित या "रिक्त" कोशिकाएँ होती हैं जो कोशिकाओं में विकसित होने में सक्षम होती हैं यह शरीर के विभिन्न भागों में कई कार्य करती हैं। शरीर की अधिकांश कोशिकाएँ विभेदित कोशिकाएँ ही हैं। ये कोशिकाएँ किसी विशेष अंग में केवल एक विशिष्ट उद्देश्य की पूर्ति कर सकती हैं। उदाहरण के लिये लाल रक्त कोशिकाओं को विशेष रूप से रक्त के माध्यम से ऑक्सीजन के परिसंचरण के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • स्टेम कोशिकाएँ न केवल स्तनधारियों, बल्कि पौधों और अन्य जीवों में भी पाई जाती हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • चूँकि स्टेम कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं में परिवर्तित होने की क्षमता होती है, इसलिये वैज्ञानिकों का मानना है कि ये बीमारियों के बारे में समझने और उनके इलाज़ के लिये उपयोगी हो सकती हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, स्टेम कोशिकाओं का उपयोग निम्नलिखित कार्यों के लिये किया जा सकता है:
    • क्षतिग्रस्त अंगों अथवा ऊतकों को प्रतिस्थापित करने के लिये प्रयोगशाला में नई कोशिकाएँ विकसित करने में।
    • ठीक से काम नहीं कर रहे अंगों के हिस्सों को ठीक करने में।
    • कोशिकाओं में व्याप्त आनुवंशिक दोषों के कारणों पर शोध करने में।
    • बीमारियों की उत्पत्ति अथवा कुछ कोशिकाओं के कैंसर कोशिकाओं में बदल जाने के कारण का पता लगाने संबंधी शोध करने में।
    • सुरक्षा और प्रभावशीलता के लिये नई दवाओं का परीक्षण करने में। अतः कथन 2 सही है।
    • चिकित्सीय उपचार करने में। अतः कथन 3 सही है।
  • अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

स्रोत: द हिंदू

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