प्रारंभिक परीक्षा
ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम ट्रैकर एंक्लेट
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में एक कैदी की गतिविधियों पर नज़र रखने के लिये उसके पैर में ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (GPS) ट्रैकर एंक्लेट लगाने के बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।
- देश में यह पहली बार है कि GPS ट्रैकर का इस तरह इस्तेमाल किया गया है।
GPS ट्रैकर एंक्लेट:
- परिचय:
- GPS एंक्लेट छोटे, पहनने योग्य उपकरण हैं, इन्हें उन व्यक्तियों के टखनों पर लगाया जाता है जो पैरोल, परिवीक्षा, घर में नज़रबंद या जमानत पर होते हैं और जिनकी कानूनी निगरानी आवश्यक होती है।
- ट्रैकर को किसी व्यक्ति के टखने या बाँह पर लगाया जा सकता है। इसके लिये GPS एंक्लेट और GPS ब्रेसलेट का उपयोग किया जाता है।
- GPS एंक्लेट से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करने, उन्हें हटाने या क्षतिग्रस्त करने तथा ऐसे किसी अन्य प्रयास के चलते इसका अलार्म चालू हो जाता है।
- इनकी बैटरी लाइफ भी कई दिनों की होती है और इन्हें पहनने वाला इसे चार्ज कर सकता है।
- GPS एंक्लेट का उपयोग कर्फ्यू, यात्रा प्रतिबंध, न्यायालय या पर्यवेक्षण एजेंसी द्वारा लगाई गई अन्य शर्तों को लागू करने के लिये भी किया जा सकता है।
- GPS एंक्लेट छोटे, पहनने योग्य उपकरण हैं, इन्हें उन व्यक्तियों के टखनों पर लगाया जाता है जो पैरोल, परिवीक्षा, घर में नज़रबंद या जमानत पर होते हैं और जिनकी कानूनी निगरानी आवश्यक होती है।
- कार्य पद्धति:
- GPS एंक्लेट हर समय इसे पहनने वाले का सटीक स्थान प्रदान करने के लिये GPS तकनीक का उपयोग करती है और कानून प्रवर्तन तथा सुरक्षा एजेंसियों को वास्तविक समय पर उनकी गतिविधियों की निगरानी करने की अनुमति देती है।
- कैदियों पर GPS ट्रैकर एंक्लेट का उपयोग:
- इस GPS डिवाइस के प्रयोग के परिणामस्वरूप दांडिक न्याय लागत और जेल में मौजूद अपराधियों की संख्या को कम करने में मदद मिलती है जिससे सरकारी संसाधनों का उपयोग अन्य अधिक गंभीर अपराधों के लिये किया जा सकता है।
- ये डिवाइस अपराध की रोकथाम कर कानून का अनुपालन सुनिश्चित करते हैं और पारिवारिक संबंधों, शिक्षा एवं सहायता सेवाओं के माध्यम से अपराधी के कल्याण को बढ़ावा देकर उनकी सार्वजनिक सुरक्षा व पुनर्वास सुनिश्चित करते हैं।
- वैश्विक स्तर पर GPS एंक्लेट के उपयोग की वैधानिक स्थिति:
- संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम तथा मलेशिया सहित कई देशों में जमानत के लिये GPS ट्रैकर एक पूर्वापेक्षा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- भारत में GPS एंक्लेट से संबंधित चिंताएँ:
- मानव अधिकार कार्यकर्त्ताओं का तर्क है कि GPS से व्यक्तियों की निगरानी करना उनके निजता के अधिकार तथा अपराधियों की गरिमा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने 'मेनका गांधी बनाम भारत संघ' (1978) मामले में फैसला सुनाया कि जीवन के अधिकार में मानव गरिमा का अधिकार भी शामिल है।
- GPS एंक्लेट कुछ कानूनी और नैतिक मुद्दों को उजागर करते हैं, जैसे भारत में उनके उपयोग को नियंत्रित करने वाले स्पष्ट एवं विशिष्ट कानूनों व विनियमों की कमी।
- मानव अधिकार कार्यकर्त्ताओं का तर्क है कि GPS से व्यक्तियों की निगरानी करना उनके निजता के अधिकार तथा अपराधियों की गरिमा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
ग्लोबल पोज़िशनिंग सिस्टम (GPS) क्या है?
- GPS एक उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है, जिसका उपयोग स्थल पर किसी वस्तु की स्थिति निर्धारित करने के लिये किया जाता है। यह अमेरिकी स्वामित्व वाली प्रणाली उपयोगकर्त्ताओं को पोज़िशनिंग, नेविगेशन एवं टाइमिंग (PNT) सेवाएँ प्रदान करती है।
- यह नागरिक तथा सैन्य दोनों हेतु सेवा प्रदान करती है। नागरिक सेवा सभी उपयोगकर्त्ताओं के लिये निरंतर, विश्वव्यापी आधार पर निःशुल्क उपलब्ध है। सैन्य सेवा अमेरिका तथा संबद्ध सशस्त्र बलों के साथ-साथ अनुमोदित सरकारी एजेंसियों के लिये उपलब्ध है।
नोट:
- भारत की PNT सेवाओं को पूरा करने के लिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक क्षेत्रीय नेविगेशन उपग्रह प्रणाली स्थापित की है जिसे क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली (NavIC) कहा जाता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. GPS तकनीक का उपयोग निम्नलिखित में से किन क्षेत्रों में हो सकता है? (2018)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) |
प्रारंभिक परीक्षा
सशस्त्र बलों में महिलाओं हेतु समान लाभ
स्रोत: पी.आई.बी.
हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री ने सशस्त्र बलों में महिला सैनिकों, नौसैनिकों और वायु सैनिकों के लिये उनके अधिकारी समकक्षों के समान मातृत्व, शिशु देखभाल तथा शिशु गोद लेने की छुट्टियों के नियमों में विस्तार के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
- यह निर्णय समावेशी भागीदारी के दृष्टिकोण को दर्शाता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं को रैंक की परवाह किये बिना समान लाभ प्राप्त हों।
नोट:
- अब तक भारतीय वायु सेना या नौसेना में कोई महिला वायु सैनिक या नाविक नहीं थी। सरकार द्वारा वर्ष 2022 में शुरू की गई अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के बाद दोनों सेनाओं ने महिलाओं को अपने रैंक में शामिल करना शुरू कर दिया।
- सेना ने शुरुआत में वर्ष 2019 में महिलाओं को सैन्य पुलिस कोर (CMP) में शामिल किया था, और अब उन्हें CMP में अग्निवीरों के रूप में शामिल किया गया है।
नए प्रस्ताव के क्या लाभ हैं?
- चार वर्ष की अवधि के बाद योग्यता के आधार पर चुने गए 25% अग्निवीरों में से केवल महिलाएँ ही मातृत्व एवं परिवार से संबंधित विस्तारित लाभों के लिये पात्र हैं।
- अग्निपथ योजना के अनुसार, इन महिलाओं को अपने चार वर्ष का कार्यकाल पूरा करने तक शादी की अनुमति नहीं है।
- यह नया प्रस्ताव सभी महिलाओं के लिये, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक की, मातृत्व, शिशु देखभाल और शिशु गोद लेने की छुट्टियों के नियमों का विस्तार करेगा।
- सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों को वर्तमान में 180 दिन का मातृत्व अवकाश, 360 दिन का शिशु देखभाल अवकाश तथा 180 दिन का शिशु गोद लेने का अवकाश प्रदान किया जाता है।
- ये लाभ अब महिला सैनिकों, नौसैनिकों तथा वायु सैनिकों पर भी लागू होंगे।
- छुट्टी नियमों के विस्तार से सशस्त्र बलों से संबंधित महिला को विशिष्ट पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों के समाधान में अत्यधिक सहायता मिलेगी।
- इससे उनकी कार्य स्थितियों में भी सुधार होगा तथा अपने पेशेवर एवं पारिवारिक जीवन को बेहतर ढंग से संतुलित करने में मदद मिलेगी।
अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना क्या है?
- परिचय:
- अग्निपथ, देशभक्त युवाओं को सशस्त्र बलों में सेवा करने की अनुमति देता है।
- प्रतिभागियों, जिन्हें अग्निवीर कहा जाता है, का कार्यकाल 4 वर्ष का है, जिसमें लगभग 45,000 से 50,000 सैनिकों की वार्षिक भर्ती की जाएगी।
- चार वर्षों के बाद बैच के केवल 25% कर्मियों को ही उनकी संबंधित सेवाओं में 15 वर्ष के सेवा विस्तार के लिये चुना जाता है।
- पात्रता मापदंड:
- अग्निपथ योजना विशेष रूप से अधिकारी रैंक से नीचे के गैर-कमीशन कर्मियों पर लागू होती है।
- सेना में सर्वोच्च पद कमीशन अधिकारी का होता है। वे भारतीय सशस्त्र बलों में एक विशेष रैंक रखते हैं। वे अक्सर राष्ट्रपति की संप्रभु शक्ति के अधीन आयोग में कार्य करते हैं तथा उन्हें आधिकारिक तौर पर देश की रक्षा करने का निर्देश दिया जाता है।
- इस योजना में 17.5 से 23 वर्ष के बीच के उम्मीदवार आवेदन करने के पात्र होंगे।
- अग्निपथ योजना विशेष रूप से अधिकारी रैंक से नीचे के गैर-कमीशन कर्मियों पर लागू होती है।
- अग्निवीरों के लिये लाभ:
- 4 वर्ष की सेवा पूरी होने पर अग्निवीरों को 11.71 लाख रुपए की एकत्रित 'सेवा निधि' प्रदान की जाएगी, जिसमें अर्जित ब्याज भी शामिल होगा।
- साथ ही उन्हें चार वर्ष के लिये 48 लाख रुपए की जीवन बीमा सुरक्षा भी मिलेगी।
- मृत्यु के मामले में 1 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जाएगा, जिसमें सेवा की शेष अवधि का वेतन भी शामिल होगा।
- चार वर्ष बाद नौकरी छोड़ने वाले सैनिकों के पुनर्वास में सरकार मदद करेगी। उन्हें कौशल प्रमाणपत्र और ब्रिज कोर्स उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रारंभिक परीक्षा
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में विस्थापन
स्रोत: द हिंदू
संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने हाल ही में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में आंतरिक विस्थापन में वृद्धि की सूचना दी, जो आश्चर्यजनक रूप से 6.9 मिलियन तक पहुँच गई।
- उत्तरी किवु के पूर्वी प्रांत में विद्रोही समूह मौवेमेंट डू 23 मार्स (M23) के साथ चल रहे संघर्ष के कारण लगभग दस लाख लोग विस्थापित हो गए हैं।
कांगो में व्यापक विस्थापन में योगदान कारक कौन-से हैं?
- DRC में संघर्ष:
- 1990 के दशक में वर्ष 1996 और वर्ष 1998 में गृह युद्धों के साथ शुरू हुआ DRC संघर्ष 1994 के रवांडा नरसंहार के बाद और बढ़ गया था, जहाँ जातीय हुतु (Hutu) चरमपंथियों ने लगभग दस लाख अल्पसंख्यक जातीय तुत्सी और गैर-चरमपंथी हुतु लोगों को मार डाला था।
- रवांडा की सीमा से लगे पूर्वी DRC को तब से 120 से अधिक विद्रोही समूहों (संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार) के विद्रोह का सामना करना पड़ा है, जिससे तनाव और हिंसा बढ़ गई है।
- क्षेत्रीय विवाद और संसाधन प्रतिस्पर्द्धा संघर्ष को बढ़ावा देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में लोग हताहत होते हैं।
- नवंबर 2021 से तुत्सी के नेतृत्व वाले M23 विद्रोही अभियान के हालिया पुनरुत्थान ने सुरक्षा चुनौतियों को और बढ़ा दिया है, M23 आंदोलन ने जनवरी 2023 से अब तक उल्लेखनीय प्रगति की है।
- संघर्ष में प्रमुख हितधारक:
- उल्लेखनीय विद्रोही समूहों में M23 के अलावा एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस (ADF) और कोऑपरेटिव फॉर डेवलपमेंट ऑफ द कांगो (CODECO) शामिल हैं।
- ADF, 1999 से युगांडा में एक विद्रोही समूह, ने वर्ष 2019 में इस्लामिक स्टेट के प्रति निष्ठा की प्रतिज्ञा ली।
- CODECO हेमास और कांगो सेना के विरुद्ध जातीय लेंडु (Lendu) के हितों की रक्षा करने के अपने मिशन पर ज़ोर देता है।
- उल्लेखनीय विद्रोही समूहों में M23 के अलावा एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस (ADF) और कोऑपरेटिव फॉर डेवलपमेंट ऑफ द कांगो (CODECO) शामिल हैं।
- विस्थापन का कारण:
- जातीय असहिष्णुता और विद्रोह: रवांडा नरसंहार के बाद दो मिलियन हुतु शरणार्थी उत्तर और दक्षिण किवु में विस्थापित हो गए, जिससे जातीय मिलिशिया भड़क उठी तथा तनाव बढ़ गया।
- राजनीतिक अनिश्चितता और शासन संबंधी मुद्दे: DRC के वर्तमान अध्यक्ष को चल रही असुरक्षा के बीच चुनावी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे "स्वतंत्र, लोकतांत्रिक व पारदर्शी" वोट की अखंडता खतरे में है।
- क्षेत्रीय तनाव: रवांडा, युगांडा तथा बुरुंडी द्वारा समर्थित सशस्त्र समूह, प्रॉक्सी के रूप में कार्य करते हैं, जिससे संघर्ष की गतिशीलता एवं क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ जाती है।
- मानवीय संकट: किवु सिक्योरिटी ट्रैक्टर ने वर्ष 2023 में 1,400 मौतों तथा 600 से अधिक हमलों की रिपोर्ट दी है।
- उत्तरी किवु, इतुरी तथा दक्षिण किवु में 1.1 मिलियन से अधिक लोगों को भोजन सहायता की आवश्यकता है, क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया, विशेष रूप से वित्तपोषण की अपर्याप्त स्थिति है।
DRC से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं?
- अवस्थिति:
- DRC अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा तथा विश्व का 11वाँ सबसे बड़ा देश है।
- इसकी 37 किलोमीटर लंबी तटरेखा है तथा देश का आधे से अधिक भाग घने उष्णकटिबंधीय वर्षावन से ढका हुआ है।
- राजधानी:
- किन्शासा DRC की राजधानी है जो कांगो नदी के समीप स्थित है।
- सीमावर्ती देश:
- भाषाएँ:
- इसकी आधिकारिक भाषा फ्रेंच है, लेकिन अन्य बोली जाने वाली भाषाओं में कितुबा, लिंगाला, स्वाहिली तथा शिलुबा शामिल हैं।
- मुद्रा:
- कांगोलीज़ फ्रैंक (CDF)।
- प्राकृतिक संसाधन:
- यह प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। इसमें लकड़ी, तेल तथा गैस, सोना एवं हीरे, साथ ही कोबाल्ट व तांबा जैसे ऊर्जा संक्रमण के लिये महत्त्वपूर्ण खनिज शामिल हैं।
- प्रमुख प्रजातियाँ:
- बोनोबोस एवं पूर्वी निम्न भूमि गोरिल्ला जैसे अनोखे वानर केवल कांगो में पाए जाते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न1. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त युग्मों में कितने सही सुमेलित हैं? (a) केवल एक युग्म उत्तर: (C) प्रश्न 2 विश्व का लगभग तीन-चौथाई कोबाल्ट, इलेक्ट्रिक मोटर वाहनों के लिये बैटरी के निर्माण के लिये आवश्यक धातु, का उत्पादन किसके द्वारा किया जाता है? (2023) (a) अर्जेंटीना उत्तर: (c) व्याख्या:
प्रश्न 3 निम्नलिखित में से कौन-सा कांगो बेसिन का हिस्सा है? (2023) (a) कैमरून उत्तर: (a) व्याख्या:
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विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 नवंबर, 2023
बिरसा मुंडा की जयंती
भारत के प्रधानमंत्री ने छोटानागपुर पठार क्षेत्र में मुंडा जनजाति से संबंधित आदिवासी नेता बिरसा मुंडा को उनकी जयंती (15 नवंबर, 1875) पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
- ब्रिटिश औपनिवेशिक उपस्थिति और आदिवासियों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के मिशनरियों के प्रयासों के जवाब में बिरसा मुंडा ने 'बिरसाइत (Birsait)' विश्वास की शुरुआत की, वे एक आदिवासी नेता के रूप में उभरे और ब्रिटिश रूपांतरण प्रयासों के खिलाफ प्रतिरोध का नेतृत्व किया।
- उन्होंने मुंडा विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसका उद्देश्य मुंडा राज, या स्व-शासन स्थापित करना और उनकी भूमि तथा जंगल पर आदिवासियों के अधिकारों को बहाल करना था।
- बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को औपनिवेशिक कानूनों का विरोध और लगान देने से इनकार करने के लिये प्रोत्साहित किया। उन्होंने गुरिल्ला युद्ध, धार्मिक प्रथाओं को चुनौती देने और सामाजिक परिवर्तनों को शामिल करते हुए उलगुलान आंदोलन शुरू किया।
- उलगुलान आंदोलन का उद्देश्य अंग्रेज़ों को खदेड़कर मुंडा राज की स्थापना करना था।
- जनजातीय योगदान को स्वीकार करते हुए जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया गया।
- अनुयायियों द्वारा उन्हें 'भगवान' और 'धरती आबा' (Dharti Abba) के रूप में जाना जाता है।
- भारतीय संसद द्वारा बिहार पुनर्गठन अधिनियम, 2000 पारित होने के बाद 15 नवंबर, 2000 को (बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर) बिहार से अलग झारखंड राज्य की स्थापना की गई थी।
और पढ़ें… बिरसा मुंडा की जयंती, जनजातीय गौरव दिवस
बेस्तु वर्ष 2023
- भारत के प्रधानमंत्री ने गुजराती नव वर्ष के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएँ दी।
- गुजराती नव वर्ष 2023, जिसे पड़वा अथवा बेस्तु वर्ष के नाम से भी जाना जाता है, यह 14 नवंबर को मनाया जा रहा है।
- यह पाँच दिवसीय दिवाली समारोह के दौरान मनाया जाता है। यह आदर्श रूप से कार्तिक मास (हिंदू कैलेंडर माह) में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को पड़ता है।
और पढ़ें…भारत के पारंपरिक नववर्ष त्योहार
उबासी का संक्रामक रहस्य
उबासी, जो अक्सर बोरियत या मानसिक विराम से जुड़ी होती है, दिलचस्प संक्रामक गुणों वाली एक घटना बनी हुई है।
- वैज्ञानिकों ने पाया कि बंदर, मनुष्यों की तरह, संक्रामक उबासी में संलग्न होते हैं, खासकर समान आयु और सामाजिक समूहों में।
- यह घटना समकालिक नींद-जागने के पैटर्न और प्राइमेट्स के बीच साझा ध्यान से जुड़ी हुई है।
- हालाँकि यह अनिवार्य नहीं है, उबासी लेना समूह की गतिशीलता में एक शक्तिशाली ट्रिगर के रूप में कार्य करता है। अध्ययन व्यावहारिक समकालिकता की एक व्यापक अवधारणा का सुझाव देता है, जहाँ देखी गई क्रियाएँ दूसरों को संक्रामक तरीके से प्रभावित करती हैं।