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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 15 Mar, 2023
  • 16 min read
प्रारंभिक परीक्षा

गिद्धों का समकालिक सर्वेक्षण

फरवरी 2023 में पक्षियों पर की गई पहली समकालिक जनगणना के अनुसार, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल में 246 गिद्ध विद्यमान हैं।

  • यह सर्वेक्षण केरल वन और वन्यजीव विभाग ने तमिलनाडु एवं कर्नाटक के साथ-साथ पश्चिमी घाट के चुनिंदा क्षेत्रों में किया था। 

सर्वेक्षण की मुख्य विशेषताएँ:

  • यह सर्वेक्षण मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व (MTR) और तमिलनाडु में सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व (STR), केरल में वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (WWS), बांदीपुर टाइगर रिज़र्व (BTR) तथा कर्नाटक में नागरहोल टाइगर रिज़र्व (NTR) सहित आसपास के क्षेत्र में किया गया था।  
    • मुदुमलाई टाइगर रिज़र्व में कुल 98, सत्यमंगलम टाइगर रिज़र्व में 2, वायनाड वन्यजीव अभयारण्य में 52, बांदीपुर टाइगर रिज़र्व में 73 और नागरहोल टाइगर रिज़र्व में 23 गिद्ध देखे गए।
  • स्वयंसेवकों द्वारा सफेद पूँछ वाले गिद्धों (183), लंबी चोंच वाले गिद्धों (30), लाल सिर वाले गिद्धों (28), मिस्र के गिद्धों (3), हिमालयन ग्रिफॉन (1) और सिनेरियस गिद्धों (1) को देखा गया है।
  • डाइक्लोफेनाक दावा के संपर्क में आने के कारण गिद्धों में 2000 के दशक से विनाशकारी गिरावट देखी जा रही है, जिसे मुख्य रूप से मवेशियों के लिये दर्द निवारक के रूप में उपयोग किया जाता है, और विशेषज्ञों का मानना है कि जंगली शव की उपलब्धता में वृद्धि गिद्धों को पनपने में मदद करने के लिये आवश्यक सबसे महत्त्वपूर्ण कदमों में से एक था।

गिद्ध: 

  • परिचय: 
    • यह बड़े मरे हुए जीव खाने वाले पक्षियों की 22 प्रजातियों में से एक है जो मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाई जाती हैं। 
    • वे प्रकृति के अपशिष्ट संग्राहक के रूप में एक महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं और पर्यावरण को अपशिष्ट से मुक्त रखने में मदद करते हैं।
      • वन्यजीवों की बीमारियों को नियंत्रण में रखने में भी गिद्ध महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
    • भारत गिद्धों की 9 प्रजातियों का निवास स्थान है, ये प्रजातियाँ हैं- ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड, लॉन्ग-बिल्ड, स्लेंडर-बिल्ड, हिमालयन, रेड-हेडेड, इजिप्शीयन, बियर्ड, सिनेरियस और यूरेशियन ग्रिफॉन। 
      • इन 9 प्रजातियों में से अधिकांश पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है।
        • बियर्ड, लॉन्ग-बिल्ड, स्लेंडर-बिल्ड, ओरिएंटल व्हाइट-बैक्ड प्रजातियाँ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में संरक्षित हैं। बाकी 'अनुसूची IV' के तहत संरक्षित हैं।

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN): 

IUCN-Status

  • खतरा: 
    • मानवजनित गतिविधियों के कारण प्राकृतिक आवासों का नुकसान। 
    • भोजन की कमी और दूषित भोजन। 
    • विद्युत लाइनों से करंट लगने के कारण मौत। 
  • संरक्षण के प्रयास: 
    • हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने देश में गिद्धों के संरक्षण के लिये एक गिद्ध कार्ययोजना 2020-25 शुरू की है।
      • यह डिक्लोफेनैक का न्यूनतम उपयोग सुनिश्चित करेगा और गिद्धों के मुख्य भोजन मवेशियों के शवों को विषाक्त होने से रोकेगा।
    • भारत में गिद्धों की मौत के कारणों का अध्ययन करने के लिये वर्ष 2001 में हरियाणा के पिंजौर में एक गिद्ध देखभाल केंद्र (VCC) स्थापित किया गया था।
    • वर्ष 2004 में VCC को भारत में पहला गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र (Vulture Conservation and Breeding Centre- VCBC) हेतु अद्यतन किया गया था।
      • वर्तमान में भारत में 9 गिद्ध संरक्षण और प्रजनन केंद्र (VCBC) हैं, जिनमें से 3 बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (Bombay Natural History Society- BNHS) द्वारा प्रशासित हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न: गिद्ध जो कुछ वर्ष पहले भारतीय ग्रामीण इलाकों में बहुत आम हुआ करते थे, आजकल कम ही देखे जाते हैं। इसके लिये ज़िम्मेदार है: (2012)

(a) नई आक्रामक प्रजातियों द्वारा उनके घोंसले का विनाश
(b) पशु मालिकों द्वारा अपने रोगग्रस्त मवेशियों के इलाज हेतु इस्तेमाल की जाने वाली दवा
(c) उपलब्ध भोजन की कमी
(d) व्यापक और घातक बीमारी।

उत्तर: (b)

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2023

उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया गया। वर्ष 2023 के लिये विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का विषय "हरित ऊर्जा संक्रमण के माध्यम से उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना" है। 

  • यह अधिक स्थायी और उपभोक्ता-अनुकूल पारिस्थितिकी निर्माण की दिशा में एक कदम है। भारत में हर साल 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है।  

उपभोक्ता अधिकारों से संबंधित वर्तमान पहलें क्या हैं? 

  • पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता को कम करना:  
    • इसका मुख्य लक्ष्य जीवाश्म ईंधन जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम करने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है और स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों पर त्वरित संक्रमण को सक्षम करना है जो स्थिरता, सुरक्षा, सामर्थ्य तथा पहुँच को बढ़ावा देकर दीर्घ अवधि में उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेगा। 
  • राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन:  
    • ई-कॉमर्स उपभोक्ताओं हेतु खरीदारी का सबसे पसंदीदा माध्यम बन गया है। हालाँकि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (National Consumer Helpline- NCH) पर उपभोक्ताओं द्वारा पंजीकृत ई-कॉमर्स शिकायतों की संख्या में वृद्धि हुई है।
    • इसलिये अधिक शिकायतें प्राप्त करने और धन वापसी, प्रतिस्थापन, साथ ही शिकायत निवारण में तेज़ी लाने हेतु NCH को तकनीकी रूप से मज़बूत किया जा रहा है।
    • NCH मुकदमेबाज़ी से पहले के स्तर पर एक वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में काम करता है। NCH 17 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है, जिनमें हाल ही में जोड़ी गई मैथिली, कश्मीरी और संथाली भाषाएँ शामिल हैं। 
  • ई-दाखिल पोर्टल:  
    • उपभोक्ता शिकायतों की ऑनलाइन फाइलिंग की सुविधा हेतु ई-दाखिल पोर्टल की स्थापना की गई है।
    • यह प्रासंगिक उपभोक्ता फोरम तक आसानी से पहुँचने हेतु परेशानी मुक्त, तीव्र और सस्ती सुविधा प्रदान करता है, जिससे वहाँ जाने एवं अपनी शिकायत दर्ज करने हेतु शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होती है।
    • इसका उद्देश्य डिजिटाइज़ करना और प्रौद्योगिकी की मदद से उपभोक्ताओं हेतु न्याय तक पहुँच को आसान बनाना है। 
  • राइट टू रिपेयर पोर्टल: 
    • LiFE (लाइफस्टाइल फॉर एन्वायरनमेंट) आंदोलन को ध्यान में रखते हुए उपभोक्ताओं को नियोजित अप्रचलन से बचाने हेतु विभाग ने "राइट टू रिपेयर पोर्टल" का विकास शुरू किया है, जिसके परिणामस्वरूप ई-अपशिष्ट में वृद्धि हुई है।
    • उम्मीद है कि पोर्टल लागत, मौलिकता और स्पेयर पार्ट्स की वारंटी से संबंधित चिंताओं को दूर करेगा।
  • ई-अपशिष्ट को कम करना:
    • विभाग इलेक्ट्रॉनिक और विद्युत अपशिष्ट (ई-अपशिष्ट) को कम करने और अधिक टिकाऊ उपभोक्ता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ पहनने योग्य उपकरणों के लिये चार्जिंग समाधान हेतु एक हैकथॉन आयोजित करने की योजना बना रहा है।
    • वायरलेस चार्जिंग विधियों का भी पता लगाया जा रहा है, जो ई-अपशिष्ट को कम करने में मदद करेगा।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. भारतीय विधान के प्रावधानों के अंतर्गत उपभोक्ताओं के अधिकारों/ विशेषाधिकारों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2012) 

  1. उपभोक्ताओं को खाद्य की जाँच करने के लिये नमूने लेने का अधिकार है। 
  2. उपभोक्ता यदि उपभोक्ता मंच में शिकायत दर्ज करता है तो उसे इसके लिये कोई फीस नहीं देनी होगी।
  3. उपभोक्ता की मृत्यु हो जाने पर उसका वैधानिक उत्तराधिकारी उसकी ओर से उपभोक्ता मंच में शिकायत दर्ज कर सकता है। 

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1  
(b) केवल 2 और 3  
(c) केवल 1 और 3  
(d) 1, 2 और 3 

उत्तर: (c) 

स्रोत: पी..आई..बी.


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 मार्च, 2023

बोल्ड कुरुक्षेत्र अभ्यास का 13वाँ संस्करण 

सिंगापुर की सेना और भारतीय सेना ने भारत के जोधपुर सैन्य स्टेशन में द्विपक्षीय शस्त्राभ्यास बोल्ड कुरुक्षेत्र के 13वें संस्करण में भाग लिया। इस अभ्यास की मेज़बानी भारतीय सेना ने की। अभ्यास शृंखला में पहली बार दोनों सेनाओं ने एक कमांड पोस्ट अभ्यास में भाग लिया, जिसमें बटालियन और ब्रिगेड स्तर की रणनीति और कंप्यूटर वॉरगेमिंग शामिल थे। बोल्ड कुरुक्षेत्र अभ्यास सिंगापुर की सेना और भारतीय सेना के बीच संयुक्त सेना प्रशिक्षण एवं अभ्यास हेतु द्विपक्षीय व्यवस्था के दायरे में आयोजित किया जाता है। यह अभ्यास पहली बार वर्ष 2005 में आयोजित किया गया था। भारत और सिंगापुर के बीच अन्य अभ्यासों में संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण (वायु सेना), त्रिपक्षीय समुद्री अभ्यास SIMTEX (थाईलैंड के साथ) और अग्नि योद्धा अभ्यास (सेना) शामिल हैं।

Malaysia

और पढ़ें… भारत-सिंगापुर संबंध

भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिये अब और मुआवज़ा नहीं: सर्वोच्च न्यायालय  

हाल ही में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 1984 में भोपाल में हुई गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिये यूनियन कार्बाइड कंपनी (UCC) से अधिक मुआवज़े की मांग वाली केंद्र की उपचारात्मक याचिका को खारिज़ कर दिया।

3 दिसंबर, 1989 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) से अत्यधिक खतरनाक और विषाक्त गैस, मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) (रासायनिक सूत्र- CH3NCO या C2H3NO) का रिसाव हुआ। इस त्रासदी में 5,295 लोगों की मौत हुई तथा लगभग 5,68,292 लोग घायल हुए, इसके अलावा पशुधन और संपत्ति का भी काफी नुकसान हुआ।

और पढ़े… भोपाल गैस त्रासदी 

परमाणु ऊर्जा से चलने वाली अटैक सबमरीन और AUKUS

संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन ने हिंद-प्रशांत में चीन की महत्त्वाकांक्षाओं का मुकाबला करने के लिये वर्ष 2030 के दशक की शुरुआत से ऑस्ट्रेलिया को परमाणु संचालित हमलावर पनडुब्बियाँ प्रदान करने की योजना का विवरण दिया। स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिये एक साझा प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में समझौते को वर्ष 2021 के AUKUS साझेदारी में शामिल किया गया है। सितंबर 2021 में अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका (AUKUS) के बीच हिंद-प्रशांत के लिये एक नई त्रिपक्षीय सुरक्षा साझेदारी की घोषणा की। इस व्यवस्था का मुख्य आकर्षण ऑस्ट्रेलिया के लिये अमेरिकी परमाणु पनडुब्बी प्रौद्योगिकी का साझाकरण है। इसका इंडो-पैसिफिक ओरिएंटेशन दक्षिण चीन सागर में चीन की मुखर कार्यवाही के विरुद्ध एक गठबंधन का निर्माण करता है।  

और पढ़ें… AUKUS, भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन का विस्तार

वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS)

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ओडिशा के तट पर चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS) मिसाइल के लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण किये। VSHORADS एक मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPAD) है जो कम दूरी पर कम ऊँचाई वाले हवाई खतरों को निष्क्रिय करने के लिये तैयार किया गया  है। इसे अन्य DRDO प्रयोगशालाओं एवं भारतीय उद्योग साझेदारों के सहयोग से अनुसंधान केंद्र इमारत, हैदराबाद द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन एवं विकसित किया गया है। मिसाइल में कई नई प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं।

और पढ़ें… रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन,  VSHORADS एवं MANPAD


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