प्रिलिम्स फैक्ट्स (14 Jan, 2023)



एशियाई जलपक्षी गणना

एशियाई जलपक्षी गणना (Asian Waterbird Census- AWC) 2023 के अनुसार, कुछ प्रवासी जलपक्षियों की आबादी, विशेष रूप से केरल के अलप्पुझा क्षेत्र में आने वाली बत्तख की प्रजातियों में गिरावट देखी गई है।

Asian-Waterbird

प्रमुख बिंदु  

  • प्रमुख विलुप्त प्रजातियाँ: 
    • पिछले सर्वेक्षणों में देखी गई उत्तरी शोवेलर, कॉमन टील और यूरेशियन कबूतर जैसी बत्तख प्रजातियाँ इस बार पूरी तरह से गायब थीं।
  • जलवायु परिवर्तन का प्रभाव:  
    • जलवायु परिवर्तन ने इस क्षेत्र में आने वाले पक्षियों की संख्या को प्रभावित किया है। हालाँकि पक्षी प्रवासन पर जलवायु परिवर्तन के सटीक प्रभाव के संदर्भ में अधिक विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता है।

एशियाई जलपक्षी गणना (AWC):

  • परिचय:  
    • यह एक नागरिक-विज्ञान कार्यक्रम है जो विश्व भर में आर्द्रभूमि और जलपक्षी के संरक्षण एवं प्रबंधन का समर्थन करता है।  
      • AWC वैश्विक परियोजना ‘द इंटरनेशनल वॉटर बर्ड सेंसस प्रोग्राम’ का एक अभिन्न अंग है।
    • इसका संचालन अफ्रीका, यूरोप, पश्चिम एशिया, नियोट्रोपिक्स और कैरिबियन में अंतर्राष्ट्रीय जलपक्षी गणना  के अन्य क्षेत्रीय कार्यक्रमों के समानांतर होता है।
  • भारत में AWC:  
    • यह वर्ष 1987 में भारतीय उपमहाद्वीप में शुरू किया गया था और इसने अफगानिस्तान से पूर्व की ओर जापान, दक्षिण-पूर्व एशिया और आस्ट्रेलिया तक एशिया के प्रमुख क्षेत्रों को तेज़ी से कवर किया है।
    • भारत में AWC को बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) और वेटलैंड्स इंटरनेशनल द्वारा संयुक्त रूप से समन्वित किया जाता है।
  • महत्त्व:  

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. 'वेटलैंड्स इंटरनेशनल' नामक संरक्षण संगठन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से  सही है/हैं? (2014)  

  1. यह उन देशों द्वारा गठित एक अंतर-सरकारी संगठन है जो रामसर कन्वेंशन के हस्ताक्षरकर्त्ता हैं।
  2. यह ज्ञान के विकास और संग्रहण के लिये तथा व्यावहारिक अनुभव का बेहतर नीतियों हेतु परसमर्थन करने के लिये क्षेत्र स्तर पर कार्य करता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (B) 

स्रोत: द हिंदू 


सोल ऑफ स्टील चैलेंज

14 जनवरी को उत्तराखंड में 'सोल ऑफ स्टील' चैलेंज शुरू किया गया है जिसका उद्देश्य ऊँचे स्थानों पर व्यक्ति की सहनशक्ति का परीक्षण करना है।

सोल ऑफ स्टील चैलेंज:

  • यह CLAW ग्लोबल की एक पहल है और इसे भारतीय सेना द्वारा समर्थन प्रदान किया जा रहा है।
  • सोल ऑफ स्टील की अवधारणा कौशल समूहों को संयोजित करना और चुनौतियों का निर्माण  करना है जो उच्च ऊँचाई वाले वातावरण में जीवित रहने, स्थिर होने और बढ़ने की मानव क्षमता को मज़बूत करेगा।
    • यह यूरोप में लंबी दूरी की ट्रायथलॉन चुनौती की तर्ज पर आधारित 'आयरनमैन ट्रायथलॉन' प्रणाली है, जो किसी व्यक्ति के धैर्य और धीरज का परीक्षण करता है।
  • जीवन कौशल प्रशिक्षण और युवाओं के विकास के अलावा उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन (एडवेंचर टूरिज़्म) को विश्व स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।

CLAW ग्लोबल: 

  • CLAW (कॉन्कर लैंड एयर वाटर) ग्लोबल, यह विशेष बलों के दिग्गजों और कई संस्कृतियों, धर्मों, क्षमताओं आदि से संबंधित दिव्यांगजनों की एक टीम है, जिसका उद्देश्य क्षमता एवं स्वतंत्रता की मज़बूत भावना व विश्वास के साथ टीम वर्क के महत्त्व को प्रदर्शित करना है।
    • इसकी स्थापना जनवरी 2019 में एक पैरा स्पेशल फोर्स ऑफिसर मेजर विवेक जैकब द्वारा की गई थी, जो 14 वर्ष की सेवा के बाद एक लड़ाकू स्काईडाइव के दौरान चोट लगने के बाद सेवानिवृत्त हो गए थे। 
  • CLAW ने दिव्यांगजनों की मज़बूत भावना और क्षमता को व्यक्त करने के लिये 'ऑपरेशन ब्लू फ्रीडम' नामक आंदोलन शुरू किया।
  • नोट: 
    • सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन वर्ष 1953 में भारतीय सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ, फील्ड मार्शल केएम करियप्पा औपचारिक रूप से सेवानिवृत्त हुए।
    • उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ वर्ष 1947 के युद्ध में भारतीय सेना को विजय दिलाई।
    • यह दिन पहली बार वर्ष 2016 में मनाया गया।

स्रोत: द हिंदू


5G तकनीक लागू करने वाला पहला आकांक्षी ज़िला

हाल ही में मध्य प्रदेश का विदिशा ज़िला आकांक्षी ज़िला स्टार्टअप द्वारा पेश किये गए उन्नत 5G उपयोग के  मामलों की ऑन-ग्राउंड तैनाती वाला भारत का पहला ज़िला बन गया। 

पहल की मुख्य विशेषताएँ:

  • यह अतिरिक्त सचिव (दूरसंचार) और प्रशासक सार्वभौमिक सेवा दायित्त्व कोष (USOF) के मार्गदर्शन में विदिशा ज़िला प्रशासन और दूरसंचार विकास केंद्र (C-DOT), दूरसंचार विभाग (DoT) की एक संयुक्त पहल है। 
  • 5G को सामुदायिक और ज़िला स्वास्थ्य केंद्रों, मॉडल स्कूलों, कृषि एवं डेयरी किसानों तथा कौशल विकास केंद्रों में 1 वर्ष की अवधि के लिये तैनात किया जाएगा और बाद में आवश्यकता के अनुसार बढ़ाया जा सकता है।
  • विदिशा के उपयोगकर्त्ता समुदायों को निर्बाध सेवाएँ प्रदान करने के लिये ये डिजिटल समाधान भारतनेट ब्रॉडबैंड द्वारा संचालित होंगे। 

आकांक्षी ज़िला कार्यक्रम: 

  • इसे वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था जिसका उद्देश्य उन ज़िलों का विकास करना है जिन्होंने प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम प्रगति दिखाई है।
  • आकांक्षी ज़िले भारत के वे ज़िले हैं जो खराब सामाजिक-आर्थिक संकेतकों से प्रभावित हैं। 
    • इसमें देश भर के 112 ज़िले शामिल हैं।
  • भारत सरकार के स्तर पर कार्यक्रम का संचालन नीति आयोग द्वारा किया जाता है। इसके अलावा कई मंत्रालय ज़िलों की प्रगति हेतु योजना के कार्यान्वयन में योगदान दे रहे हैं।

5G टेक्नोलॉजी:

  • 5G नेटवर्क 5वीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है। यह 1G, 2G, 3G और 4G नेटवर्क के बाद नवीनतम वैश्विक वायरलेस मानक है।
  • 5G 3 बैंड (लो, मिड और हाई फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम) में काम करता है, जिनमें से सभी के अपने उपयोग और सीमाएँ हैं।
  • यह एक नए प्रकार के नेटवर्क को सक्षम बनाता है जिसे मशीनों, वस्तुओं और उपकरणों सहित वस्तुतः सभी को एक-साथ जोड़ने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

स्रोत: पी.आई.बी.


लोकल बबल

हाल ही में सौरमंडल के चारों ओर विशाल ब्रह्मांडीय गुहा पर नए अध्ययन में ब्रह्मांड के रहस्यों और तारों की उत्पत्ति को उज़ागर करने की क्षमता का पता चला है।

  • सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स (CfA) के शोधकर्त्ता  हार्वर्ड और स्मिथसोनियन ने लोकल बबल नामक गुहा का 3डी चुंबकीय मानचित्र तैयार किया है।

Local-Bubbles

लोकल बबल: 

  • लोकल बबल 1,000 प्रकाश-वर्ष चौड़ा गुहा या सुपर बबल है। आकाशगंगा में अन्य सुपर बबल भी मौजूद हैं।
  • लोकल बबल हमारी आकाशगंगा, मिल्की वे के इंटरस्टेलर माध्यम (Interstellar MediumISM) में एक बड़ा, कम घनत्त्व वाला क्षेत्र है।
    • इंटरस्टेलर माध्यम वह पदार्थ है जो तारों के बीच के स्थान को भरता है।
  • यह एक गुहा है जिसे लगभग 30 से 50 मिलियन वर्ष पहले हुए सुपरनोवा विस्फोटों की एक शृंखला द्वारा निर्मित माना जाता है। 

सुपरनोवा:

  • सुपरनोवा एक शक्तिशाली और चमकदार विस्फोट है जो एक विशाल तारे के जीवन के अंत में होता है।  
  • यह तारे के कोर के पतन के कारण होता है, जो ऊर्जा की अत्यधिक मात्रा उत्पन्न कर सकता है। 
  • सुपरनोवा भारी तत्त्वों के साथ अंतर-तारकीय माध्यम के संवर्द्धन और कॉस्मिक किरणों के प्रसार के लिये भी महत्त्वपूर्ण है।
  • सुपरनोवा के दो मुख्य प्रकार हैं:
    • टाइप I: 
      • यह एक सफेद बौने तारे के थर्मोन्यूक्लियर विस्फोट के कारण होने वाला सुपरनोवा है जो एक बाइनरी सिस्टम का हिस्सा है। 
      • सफेद बौना अपने साथी तारे से सामग्री प्राप्त करता है और जब इसका द्रव्यमान एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है, तो यह अस्थिर हो जाता है एवं विस्फोट हो जाता है।  
    • टाइप II:  
      • यह एक विशाल तारे के कोर के गुरुत्त्वीय पतन के कारण होता है।
      • जब किसी तारे का नाभिकीय ईंधन समाप्त हो जाता है, तो तारे की बाहरी परतें अंदर की ओर धंँस जाती हैं, जिससे कोर (Core) अत्यधिक गर्म और घना हो जाता है।  
      • इससे भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है, और तारे में विस्फोट होता है।
      • क्षणिक ही सही, लेकिन विस्फोट की चमक पूरी आकाशगंगा में सबसे ज़्यादा प्रकाशमान होती है और विस्फोट के मलबे से तारा धुंध (Nebulae), धूल और भारी तत्त्वों का निर्माण हो सकता है।

लोकल बबल्स को 3D मानचित्र के रूप में दर्शाने के साधन: 

  • इसमें यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की Gaia और Planck अंतरिक्ष आधारित वेधशालाओं का इस्तेमाल किया गया।  
  • Gaia का उपयोग ब्रह्मांडीय धूल कण की अवस्थिति और क्षेत्रीय एकाग्रता को समझने के किया गया था।
    • इससे लोकल बबल की सीमाओं का पता लगाने में भी मदद मिली।  
  • Planck की सहायता से ब्रह्मांडीय धूल कण के चुंबकीय संरेखण के संबंध में जानकारी प्राप्त हुई। 
  • यह संरेखण धूल के कणों पर कार्य करने वाले चुंबकीय क्षेत्र के अभिविन्यास को इंगित कर सकता है, जो शोधकर्त्ताओं को लोकल बबल्स की सतह पर 3डी चुंबकीय क्षेत्र अभिविन्यास उत्पन्न करने की अनुमति देता है।   

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. हाल ही में वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से अरबों प्रकाश वर्ष दूर विशालकाय 'ब्लैकहोल्स' के विलय को देखा। इस अवलोकन का क्या महत्त्व है? (2019) 

(a) हिग्स बोसोन कणों का पता लगाया गया। 
(b) गुरुत्त्वीय तरंगों का पता लगाया गया। 
(c) वर्महोल के माध्यम से अंतर-गैलेक्टिक(inter-galactic) अंतरिक्ष यात्रा की संभावना की पुष्टि की गई। 
(d) इसने वैज्ञानिकों को 'विलक्षणता' को समझने में सक्षम बनाया 

उत्तर: (b) 

स्रोत: डाउन टू अर्थ


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 जनवरी, 2023

स्टार्टअप इंडिया नवोन्मेषण सप्ताह

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) द्वारा 10-16 जनवरी तक ‘स्टार्टअप इंडिया नवोन्मेषण (इनोवेशन) सप्ताह’ का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का उद्देश्य पूरे देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम के हितधारकों को शामिल करना तथा भारत में उद्यमिता और नवाचार की भावना को बढ़ावा देना है। ज्ञातव्य है कि 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस भी मनाया जाता है। इस अवसर पर उद्यमिता एवं नवाचार की भावना को बढ़ावा देने हेतु देश भर में 75 से अधिक स्थानों पर स्टार्टअप से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। इन आयोजनों में इनक्यूबेटरों का प्रशिक्षण, महिला उद्यमियों के लिये समर्पित कार्यशालाएँ, परामर्श कार्यशालाएँ, क्षमता निर्माण कार्यशालाएँ, स्टार्टअप पिचिंग सत्र आदि शामिल हैं। भारत स्टार्टअप्स के लिये ‘हॉटस्पॉट’ के रूप में उभरा है। 108 यूनिकॉर्न के साथ भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईकोसिस्टम है। देश में वर्ष 2016 में 471 स्टार्टअप थे जो वर्ष 2023  में बढ़कर 86,456 हो गए है। 6 वर्षों में भारत में स्टार्टअप्स की संख्या में 15 हज़ार प्रतिशत से ज़्यादा की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्तमान में देश के स्टार्टअप लाखों युवाओं को रोज़गार प्रदान कर रहे हैं। केंद्र सरकार के आँकड़ों के मुताबिक, स्टार्टअप्स ने देश में 8,88000 से अधिक नौकरियाँ सृजित की हैं। स्टार्टअप इंडिया अभियान का शुभारंभ 16 जनवरी 2016 को हुआ था। इसके अलावा भारत की G-20 अध्यक्षता के तहत स्टार्टअप-20 एंगेजमेंट ग्रुप की स्थापना भी की गई है। स्टार्टअप-20 एंगेजमेंट ग्रुप की स्थापना से नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा और बदलते वैश्विक परिदृश्य में स्टार्टअप्स की भूमिका को मान्यता मिलेगी।

भारतीय शांति रक्षकों को संयुक्‍त राष्‍ट्र मेडल

दक्षिण सूडान संयुक्‍त राष्‍ट्र मिशन (United Nations Mission in South Sudan- UNMISS) में सेवा प्रदान करने वाले एक हज़ार से अधिक भारतीय शांति रक्षकों को उनकी असाधारण सेवा के लिये संयुक्‍त राष्‍ट्र मेडल से सम्‍मानित किया गया। दक्षिण सूडान संयुक्‍त राष्‍ट्र मिशन ने एक ट्वीट के माध्यम से बताया कि कुल 1171 भारतीयों को दक्षिण सूडान के अपर नील में उनके महत्त्वपूर्ण कार्य के लिये संयुक्‍त राष्‍ट्र मेडल से सम्‍मानित किया गया है। UNMISS वेबसाइट पर पोस्ट किये गए एक लेख में बताया गया है कि यह पहली बार है जब भारतीय सेना की एक महिला अधिकारी, मेजर जैस्मीन चट्ठा ने अपर नील में आयोजित पुरस्कार समारोह में पैदल सेना, इंजीनियरों और चिकित्सा अधिकारियों सहित भारतीय दल की परेड का नेतृत्त्व किया है भारतीय सैन्‍य दल ने नागरिकों की रक्षा करने के साथ ही अवसंरचनाओं की मरम्‍मत और निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

कृषि-क्लीनिक और कृषि-व्यवसाय योजना

हाल ही में राष्ट्रीय युवा दिवस पर कृषि-क्लीनिक और कृषि-व्यवसाय (AC & ABC) योजना के तहत प्रशिक्षित किये गए 82 सर्वश्रेष्ठ कृषि उद्यमियों को किसानों के लिये कृषि-क्लिनिक और कृषि व्यवसाय सेवाओं के माध्यम से उनके महत्त्वपूर्ण योगदान हेतु सम्मानित किया गया। कृषि-क्लीनिक और कृषि-व्यवसाय योजना सरकार की एक मेगा फ्लैगशिप योजना है, जिसे भारत सरकार ने नाबार्ड (NABARD) के सहयोग से अप्रैल 2002 में शुरू किया था। इसका उद्देश्य बैंकों से ऋण एवं सब्सिडी प्राप्त करने के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में 45 दिनों के नि:शुल्क आवासीय प्रशिक्षण के माध्यम से बेरोज़गार युवाओं को स्व-नियोजित कृषि उद्यमी में बदलना है। तथा बड़ी संख्या में उपलब्ध कृषि स्नातकों की विशेषज्ञता को उपयोग में लाना है। यह योजना राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (National Institute of Agricultural Extension Management), हैदराबाद द्वारा सभी राज्यों में फैले 136 नोडल प्रशिक्षण संस्थानों (NTIS) के नेटवर्क के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों में कार्यान्वित किया जा रही है।

मकर संक्रांति

हाल ही में प्रधानमंत्री ने देश के लोगों को मकर संक्रांति, भोगी, लोहड़ी और पोंगल के फसल त्योहारों के अवसर पर बधाई दी है। इस त्योहार में देश भर के किसान अपनी कड़ी मेहनत एवं उद्यम का जश्न मनाते हैं। मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को दर्शाता है क्योंकि यह अपने खगोलीय पथ पर भ्रमण करता है। यह दिन ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत का प्रतीक और छह महीने के शुभ समय की शुरुआत करता है, जिसे हिंदुओं को उत्तरायण या सूर्य के उत्तरायण के रूप में जाना जाता है। इस दिन से जुड़े उत्सवों को देश के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है:

Shishur_Sankraat

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ऑनलाइन गेमिंग में भारत का पहला उत्कृष्टता केंद्र

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के भारतीय सॉफ्टवेयर टेक्क्नॉलोजी पार्क (STPI) के माध्यम से डिजिटल इंडिया स्टार्टअप हब, मार्च 2023 तक ऑनलाइन गेमिंग में भारत का पहला उत्कृष्टता केंद्र शिलांग में स्थापित किया जाएगा। मंत्रालय डिजिटल कौशल पर प्रशिक्षण प्रदान करने के लिये शिलांग में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी संस्थान (NIELIT) के तहत एक अत्याधुनिक केंद्र भी स्थापित करेगा। सरकार प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) 4.0 के माध्यम से स्किल इंडिया को फिर से शुरू करने जा रही है, जो मेघालय में लगभग 50,000 युवाओं को उद्योग समर्थित रोज़गार अवसर प्रदान करने के साथ-साथ भविष्योन्मुखी कौशल विकास से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करेगा।

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केरल में संविधान साक्षरता अभियान 

केरल में अपनी तरह की पहली पहल, कोल्लम ज़िला पंचायत, ज़िला योजना समिति और केरल स्थानीय प्रशासन संस्थान (KILA) द्वारा संयुक्त रूप से संविधान साक्षरता अभियान का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य कोल्लम को पहला पूर्ण रूप से संविधान साक्षर ज़िला घोषित करना है। इस अभियान के माध्यम से 10 वर्ष से अधिक आयु के कोल्लम की पूरी आबादी को संविधान की प्रस्तावना एवं दस्तावेज़ की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, इसके मूल सिद्धांतों, नागरिकों के मौलिक अधिकारों तथा कानूनी उपायों के बारे में जानकारी दी जाएगी।

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LHS 475 b 

हाल ही में जेम्स वेब टेलीस्कोप ने अपने पहले एक्सोप्लैनेट की खोज की पुष्टि की, एक ग्रह जो दूसरे तारे की परिक्रमा कर रहा है। ग्रह, जिसे पहले LHS 475b के रूप में वर्गीकृत किया गया था, यह ग्रह लगभग पृथ्वी के समान आकार का है और इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का लगभग 99% है। शोधकर्त्ताओं ने उल्लेख किया कि ग्रह मात्र दो दिनों में अपने तारे के चारों ओर एक परिक्रमा पूरी करता है। हालाँकि LHS 475b सौरमंडल के किसी भी ग्रह की तुलना में अपने तारे के निकट है, लेकिन इसके लाल बौने तारे का तापमान सूर्य के तापमान का आधा है, इसलिये शोधकर्त्ता उम्मीद कर रहे हैं कि इसमें भी वातावरण हो सकता है। लाल बौना तारा- एक छोटा, कम द्रव्यमान वाला, मंद और शांत तारा है। कई की सतहों पर बड़े फ्लेयर्स और मास इजेक्शन की घटनाएँ होती हैं। लाल बौने तारों का रहने योग्य क्षेत्र हमारे सूर्य जैसे तारों की तुलना में तारे के निकट है, जिससे संभावित रहने योग्य ग्रहों का निरीक्षण करना आसान हो जाता है।

जेम्स वेब टेलीस्कोप अपने सहयोगियों, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) के साथ नासा के नेतृत्त्व में एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है।

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