प्रिलिम्स फैक्ट्स (13 Dec, 2022)



मदरसों/अल्पसंख्यकों को शिक्षा प्रदान करने की योजना- SPEMM

हाल ही में सामाजिक न्याय और अधिकारिता संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने मदरसों/अल्पसंख्यकों को शिक्षा प्रदान करने की योजना (Scheme for Providing Quality Education to Madrasas/Minorities- SPEMM) को जारी रखने के अनुमोदन में विलंब के लिये सरकार से जवाब मांगा है।

  • SPEMM मदरसों और अल्पसंख्यक संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का उद्देश्य रखता है।

SPEMM के बारे में:

  • क्रियान्वयन एजेंसी:
    • शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग
  • उप-योजनाएँ:
    • मदरसों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की योजना (SPQEM): इसका उद्देश्य मदरसों में ऐसा गुणात्मक सुधार लाना है कि वे मुस्लिम बच्चों को औपचारिक शिक्षा-विषयों में राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली के मानक प्राप्त करने में सक्षम बनाने में समर्थ बन सकें।
    • अल्पसंख्यक संस्थानों के बुनियादी ढाँचे के विकास की योजना (IDMI): यह योजना अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को औपचारिक शिक्षा की सुविधाएँ सुलभ कराने के लिये अल्पसंख्यक संस्थानों (प्राथमिक/माध्यमिक/वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय) में स्कूलों के बुनियादी ढाँचे को बढ़ाकर अल्पसंख्यकों को शिक्षा की सुविधा प्रदान करने हेतु क्रियान्वित की गई है।
  • विशेषताएँ:
    • SPQEM:
      • मदरसा और मकतब जैसे पारंपरिक संस्थानों को अपने पाठ्यक्रम में विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन, हिंदी और अंग्रेज़ी को शामिल करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करना
      • राज्य मदरसा बोर्डों को मदरसा आधुनिकीकरण कार्यक्रम की निगरानी करने में सक्षम बनाने के लिये उनकी सहायता करके राज्य मदरसा बोर्डों को मज़बूत करना
      • मदरसों में गुणवत्ता घटकों जैसे कि उपचारात्मक शिक्षण, मूल्यांकन और सीखने के परिणामों में वृद्धि, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान आदि की व्यवस्था करना।
    • IDMI:
      • अल्पसंख्यकों लड़कियों, विशेष ज़रूरतों वाले बच्चों और शैक्षिक रूप से सबसे अधिक वंचित बच्चों के लिये शैक्षिक सुविधाओं को प्रोत्साहित करना

नोट:

  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत धार्मिक अथवा भाषाई सभी अल्पसंख्यक-वर्गों को अपनी रुचि के शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा।
  • अनुच्छेद 30 के तहत संरक्षण केवल अल्पसंख्यकों (धार्मिक या भाषायी) तक ही सीमित है और नागरिकों के किसी भी वर्ग (जैसा कि अनुच्छेद 29 के तहत) तक विस्तारित नहीं किया जा सकता।

संसदीय समितियाँ

  • परिचय:
    • संसदीय समिति सांसदों का एक पैनल है जिसे सदन द्वारा नियुक्त या निर्वाचित किया जाता है या अध्यक्ष/सभापति द्वारा नामित किया जाता है।
    • समिति अध्यक्ष/सभापति के निर्देशन में कार्य करती है और यह अपनी रिपोर्ट सदन या अध्यक्ष/सभापति को प्रस्तुत करती है।
    • संसदीय समितियों की उत्पत्ति ब्रिटिश संसद में हुई है।
    • उन्हें अनुच्छेद 105 और अनुच्छेद 118 के तहत अधिकार प्राप्त हैं।
      • अनुच्छेद 105 सांसदों के विशेषाधिकारों से संबंधित है।
      • अनुच्छेद 118 संसद को अपनी प्रक्रिया और कार्य संचालन को विनियमित करने के लिये नियम बनाने का अधिकार देता है।
  • प्रकार:
    • स्थायी समितियाँ:
      • स्थायी समितियाँ स्थायी होती हैं (प्रत्येक वर्ष या समय-समय पर गठित) और निरंतर आधार पर काम करती हैं।
      • स्थायी समितियों को निम्नलिखित छह श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
        • वित्तीय समितियाँ, विभागीय स्थायी समितियाँ, जाँच हेतु समितियाँ, जाँच और नियंत्रण के लिये समितियाँ, सदन के दिन-प्रतिदिन के कार्य से संबंधित समितियाँ, हाउस कीपिंग या सर्विस कमेटी।
    • तदर्थ समितियाँ:
      • जबकि तदर्थ समितियाँ अस्थायी होती हैं और उन्हें सौंपे गए कार्य के पूरा होने पर उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है।
        • उन्हें आगे जाँच समितियों और सलाहकार समितियों में विभाजित किया गया है।
        • प्रमुख तदर्थ समितियाँ विधेयकों पर प्रवर और संयुक्त समितियाँ हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. भारत में यदि किसी धार्मिक संप्रदाय/समुदाय को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक का दर्जा दिया जाता है, तो वह किस विशेष लाभ का हकदार है? (2011)

  1. यह विशिष्ट शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन कर सकता है।
  2. भारत का राष्ट्रपति स्वतः ही लोकसभा के लिये किसी समुदाय के एक प्रतिनिधि को नामित करता है।
  3. इसे प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम का लाभ मिल सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल  2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


प्रश्न. भारत में निम्नलिखित में से कौन दूरसंचार, बीमा, बिजली आदि क्षेत्रों में स्वतंत्र नियामकों की समीक्षा करता है? (2019)

  1. संसद द्वारा गठित तदर्थ समितियाँ
  2. संसदीय विभाग से संबंधित स्थायी समितियाँ
  3. वित्त आयोग
  4. वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग
  5. नीति आयोग

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 3, 4 और 5
(d) केवल 2 और 5

उत्तर: (a)


प्रश्न. भारत की संसद के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सी संसदीय समिति जाँच करती है और सदन को रिपोर्ट करती है कि संविधान द्वारा प्रदत्त या संसद द्वारा प्रत्यायोजित विनियमों, नियमों, उप-नियमों, उप-विधियों आदि को बनाने की शक्तियों का कार्यपालिका द्वारा प्रतिनिधिमंडल के दायरे में उचित रूप से प्रयोग किया जा रहा है

(a) सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति
(b) अधीनस्थ विधान संबंधी समिति
(c) नियम समिति
(d) कार्य मंत्रणा समिति

उत्तर: (b)

स्रोत: द हिंदू


डेयर टू ड्रीम प्रतियोगिता

चर्चा में क्यों?

पिछले तीन वर्षों में रक्षा और वैमानिकी/एयरोस्पेस के क्षेत्र में नवाचार के लिये व्यक्तिगत और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिये डेयर टू ड्रीम की तीन प्रतियोगिताओं के तहत कुल 5,637 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

प्रतियोगिता के विषय में:

  • इसे भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की स्मृति में शुरू किया गया था।
  • रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) स्टार्ट-अप और अन्वेषकों/इनोवेटर्स को उभरती प्रौद्योगिकियों में कुछ प्रमुख चुनौतियों को हल करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है जो भारत की रक्षा और एयरोस्पेस क्षमताओं को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
  • DRDO वर्ष 2019 से हर साल इनोवेटर्स, उद्यमियों, 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों और स्टार्ट-अप को एक साथ लाने के लिये इस प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है।
    • डेयर टू ड्रीम 2.0 और डेयर टू ड्रीम 3.0 को क्रमशः 2020 और 2021 में लॉन्च किया गया था।
  • प्रविष्टियों के मूल्यांकन के लिये चयन मानदंड प्रस्ताव की पूर्णता, वैज्ञानिक सुदृढ़ता, डिज़ाइन पूर्णता, योग्यता, प्राप्त तकनीकी तत्परता स्तर और नवाचार हैं।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना

जनजातीय कार्य मंत्रालय वर्तमान में देश भर में कम-से-कम 50% जनजातीय आबादी वाले 36,428 गाँवों और 500 अनुसूचित जनजातियों को 'आदर्श जनजातीय' गाँवो के रूप में विकसित करने हेतु प्रयासरत है।

  • जनजातीय कार्य मंत्रालय ने मौजूदा विशेष केंद्रीय सहायता योजना को जनजातीय उप-योजना का रूप दिया है और इसका नामकरण 'प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना' किया गया है। इसके कार्यान्वयन हेतु निर्धारित वर्ष 2021-22 से 2025-26 है।

प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना

  • परिचय:
    • यह राज्य सरकारों के प्रयासों के पूरक के रूप में जनजातीय उप-योजना (TSP) के अलावा विशेष केंद्रीय सहायता प्रदान करके जनजातीय लोगों के विकास एवं कल्याण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
    • इसका उद्देश्य केंद्रीय अनुसूचित जनजाति घटक के तहत योजनाओं के अंतर्गत उपलब्ध फंड का उपयोग करते हुए अधिक जनजातीय आबादी वाले गाँवों में बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराना और विकास संबंधी अंतर को कम करना है।
    • यह योजना भारत सरकार के 100% अनुदान के साथ एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
  • उद्देश्य:

स्रोत: पी.आई.बी.


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 दिसंबर, 2022

अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस

प्रतिवर्ष 11 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस (International Mountain Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2003 में एक प्रस्ताव पारित करके की थी। दुनियाभर में मौजूद पहाड़ प्रकृति के अहम अंग हैं, पहाड़ों का संरक्षण करते हुए सतत् विकास को प्रोत्साहित करना तथा पर्वतों के महत्त्व को रेखांकित करने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना ही इसका मुख्य उद्देश्य है। प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है, इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस की थीम “Women Move Mountains” है। इस दिवस के लिये संयुक्त राष्ट्र खाद्य व कृषि संगठन द्वारा समन्वय किया जाता है साथ ही पर्वतों के महत्त्व को दर्शाने के लिये विभिन्न किस्म के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। FAO के अनुसार पर्वत ताज़े पानी का एक महत्त्वपूर्ण स्त्रोत है, इनसे विश्व के कुल 60-80% ताज़े पानी की आपूर्ति होती है। यह जैव विविधता के लिये भी अति आवश्यक है। पिछले कुछ समय से जलवायु परिवर्तन, भू-क्षरण तथा प्राकृतिक आपदाओं के कारण पर्वतों को नुकसान हो रहा है।

मारिया टेल्कस

12 दिसंबर को गूगल ने मारिया टेल्कस (Maria Telkes) पर एक डूडल बनाकर उन्हें सम्मानित किया। मारिया टेल्क्स शीर्ष वैज्ञानिकों और बायोफिजिसिस्ट थी जिन्हें 'द सन क्वीन' (The Sun Queen) यानि 'सूरज की रानी' के नाम से भी जाना जाता है। मारिया टेल्कस का जन्म 12 दिसंबर, 1900 को बुडापेस्ट के हंगरी शहर में हुआ था और इस वर्ष उनकी 122वीं जयंती है। उनका मानना था कि सूर्य की शक्ति मानव जीवन को बदल सकती है और वह सही थी।  वर्ष 1924 में यूनिवर्सिटी ऑफ बुडापेस्ट से पीएचडी की, इसके बाद वह संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं और वहाँ एक बायोफिजिसिस्ट के रूप में पद स्वीकार किया तथा वर्ष 1939 में उन्होंने MIT रिसर्च ग्रुप को ज्वाइन किया, जो सोलर एनर्जी पर केंद्रित था। वर्ष 1948 में आर्किटेक्ट एलेनोर रेमंड के साथ मिलकर ऐसी प्रणाली तैयार की जो सूरज की रोशनी की गर्मी से दीवारों को गर्म रख सकती है। उन्होंने अपने शुरुआती करियर में बायोफिजिक्स पर आधारित एनर्जी पर रिसर्च किया, वह मारिया टेल्कस ही थीं, जिन्होंने सोलर पॉवर्ड डिस्टिलर से समुद्री पानी को पीने योग्य बनाया, ताकी समुद्र में खो जाने वाले सैनिक पानी पी सकें, यह मारिया टेल्कस का सबसे प्रसिद्ध आविष्कार माना जाता था।