प्रिलिम्स फैक्ट्स (10 Jun, 2024)



IPEF मंत्रिस्तरीय बैठक 2024

स्रोत: पी.आई.बी.

भारत ने 6 जून, 2024 को सिंगापुर में आयोजित इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (Indo-Pacific Economic Framework for Prosperity- IPEF), मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया, जिसमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में साझेदार देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव को मज़बूत करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति की समीक्षा की गई।

बैठक की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

  • IPEF सदस्यों ने स्वच्छ अर्थव्यवस्था, निष्पक्ष अर्थव्यवस्था और समग्र IPEF समझौते पर केंद्रित तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
    • भारत ने इन समझौतों पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर नहीं किये हैं क्योंकि घरेलू अनुमोदन प्रक्रिया अभी भी चल रही है।
  • स्वच्छ अर्थव्यवस्था समझौता:
    • इसका उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु लचीलापन और ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने की दिशा में प्रयासों में तेज़ी लाना है।
    • भारत ने "कोआपरेटिव वर्क प्रोग्राम" (CWP) नामक एक नए सहयोगात्मक प्रयास शुरू करने में अग्रणी भूमिका निभाई है, जो इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट से मूल्यवान संसाधनों को पुनः प्राप्त करने पर केंद्रित है, जिसे ई-अपशिष्ट शहरी खनन के रूप में भी जाना जाता है।
  • IPEF कैटेलिटिक कैपिटल फंड:
    • यह फंड IPEF की उभरती और उच्च-मध्यम आय अर्थव्यवस्थाओं में स्वच्छ अर्थव्यवस्था अवसंरचना परियोजनाओं को समर्थन देने के लिये शुरू किया गया था।
    • ऑस्ट्रेलिया, जापान, कोरिया और अमेरिका जैसे संस्थापक समर्थकों ने 3.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निजी निवेश को प्रेरित करने के लिये प्रारंभिक अनुदान के रूप में 33 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान किये हैं।
  • निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौता:
    • इसका उद्देश्य अधिक पारदर्शी और पूर्वानुमानित कारोबारी माहौल बनाना, निष्पक्ष प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देना और भ्रष्टाचार के विरुद्ध प्रयासों को बढ़ाना है।
    • भारत ने डिजिटल फोरेंसिक्स एवं सिस्टम-संचालित जोखिम विश्लेषण में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रकाश डाला जिसे वह अन्य IPEF साझेदारों को प्रदान करेगा।
  • IPEF अपस्किलिंग पहल:
    • यह IPEF साझेदार देशों में मुख्य रूप से महिलाओं और लड़कियों को डिजिटल कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है।
    • पिछले 2 वर्षों में इसने 10.9 मिलियन अपस्किलिंग अवसर प्रदान किये हैं, जिनमें से 4 मिलियन भारत में थे।

IPEF क्या है?

  • परिचय:
    • IPEF को 23 मई, 2022 को टोक्यो, जापान में लॉन्च किया गया था, जिसमें 14 देश शामिल हैं। IPEF क्षेत्र में विकास, आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ साझेदार देशों के बीच आर्थिक जुड़ाव तथा सहयोग को मज़बूत करना चाहता है।
  • सदस्य:
    • ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, न्यूज़ीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम। 
    • ये 14 IPEF भागीदार वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 40% और वैश्विक वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार का 28% प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • स्तंभ: 
    • IPEF 4 मुख्य स्तंभों पर आधारित है: (I) निष्पक्ष और लचीला व्यापार, (II) आपूर्ति शृंखला में लचीलापन (III) स्वच्छ अर्थव्यवस्था (नवीकरणीय ऊर्जा एवं कार्बन उत्सर्जन में कमी) तथा (IV) निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (कर और भ्रष्टाचार विरोधी नीतियाँ)।
    • भारत IPEF के स्तंभ II से IV में शामिल हो गया है, जबकि स्तंभ I में उसे पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
  • निष्पक्ष एवं लचीला व्यापार (स्तंभ I): इसका उद्देश्य क्षेत्र में आर्थिक विकास, शांति और समृद्धि को बढ़ावा देना है।
  • आपूर्ति-शृंखला लचीलापन (स्तंभ II): आपूर्ति शृंखलाओं को अधिक लचीला, मज़बूत और अच्छी तरह से एकीकृत बनाने का प्रयास करना।
    • महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी और निवेश को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
    • अपस्किलिंग और रीस्किलिंग पहलों के माध्यम से श्रमिकों की भूमिका को बढ़ाने का लक्ष्य है।
  • स्वच्छ अर्थव्यवस्था (स्तंभ III): इसका उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों पर सहयोग को बढ़ावा देना है।
    • यह स्वच्छ ऊर्जा के अनुसंधान, विकास, व्यावसायीकरण और उपयोग पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • भारत-प्रशांत क्षेत्र में जलवायु संबंधी परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करता है।
  • निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (स्तंभ IV): प्रभावी भ्रष्टाचार विरोधी और कर उपायों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
    • भ्रष्टाचार से निपटने के लिये विधायी और प्रशासनिक ढाँचे में सुधार हेतु भारत द्वारा उठाए गए मज़बूत कदमों पर प्रकाश डाला गया।


राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (National Testing Agency- NTA) ने NEET UG परिणाम जारी किया, जिसमें 720/720 अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों की असामान्य रूप से बड़ी संख्या और 718 या 719 के विवादास्पद निकट-पूर्ण अंक की ओर ध्यान आकर्षित किया गया।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी क्या है?

  • परिचय:
    • राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) की स्थापना भारतीय सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत एक सोसायटी के रूप में की गई थी।
    • यह उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिये प्रवेश परीक्षा आयोजित करने वाला एक स्वायत्त और आत्मनिर्भर परीक्षण संगठन है।
  • गवर्नेस:
    • NTA की अध्यक्षता मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक प्रख्यात शिक्षाविद् करता है।
    • मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Chief Executive Officer- CEO) इसका महानिदेशक होगा जिनकी नियुक्ति सरकार द्वारा की जाएगी।
    • इसमें एक बोर्ड ऑफ गवर्नर्स होगा जिसमें उपयोगकर्त्ता संस्थानों के सदस्य शामिल होंगे।
  • कार्य:
    • मौजूदा स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में से पर्याप्त बुनियादी ढाँचे वाले साझेदार संस्थानों की पहचान करना, जो उनकी शैक्षणिक दिनचर्या पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना ऑनलाइन परीक्षाओं के संचालन की सुविधा प्रदान करेंगे।
    • आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके सभी विषयों के लिये प्रश्न बैंक बनाना।
    • एक मज़बूत अनुसंधान एवं विकास संस्कृति के साथ-साथ परीक्षण के विभिन्न पहलुओं में विशेषज्ञों का एक समूह स्थापित करना।
    • ETS (Educational Testing Services) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना।
    • भारत सरकार/राज्य सरकारों के मंत्रालयों/विभागों द्वारा सौंपी गई किसी भी अन्य परीक्षा का संचालन करना।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission- NMC):

  • NMC भारत में चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास के लिये सर्वोच्च नियामक निकाय है।
  • NMC की स्थापना वर्ष 2020 में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 द्वारा भारतीय चिकित्सा परिषद (Medical Council of India- MCI) के स्थान पर की गई थी।
  • NMC में चार स्वायत्त बोर्ड शामिल हैं: स्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड, स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा बोर्ड, चिकित्सा मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड तथा नैतिकता एवं चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड।
  • NMC के पास एक चिकित्सा सलाहकार परिषद भी है, जो चिकित्सा शिक्षा और प्रैक्टिस से संबंधित मामलों पर आयोग को सलाह देती है।
  • NMC चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण के मानकों और गुणवत्ता, चिकित्सकों के पंजीकरण तथा नैतिकता, एवं चिकित्सा संस्थानों के मूल्यांकन और रेटिंग को भी नियंत्रित करता है।
  • NMC ने प्रतिष्ठित विश्व चिकित्सा शिक्षा महासंघ (World Federation for Medical Education- WFME) से मान्यता प्राप्त की है, जिसका अर्थ है कि NMC द्वारा प्रदान की गई चिकित्सा डिग्रियों को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।

और पढ़ें: भारत में चिकित्सा शिक्षा की स्थिति


वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट, 2024

स्रोत: द हिंदू

कैपजेमिनी वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट (Capgemini World Wealth Report) के अनुसार, भारत के उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्तियों (High Net-Worth Individuals- HNWI) की संख्या वर्ष 2022 की तुलना में 2023 में 12.2% बढ़ी है। देश में अब 3.589 मिलियन उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति हैं।

  • भारत के HNWI की वित्तीय संपत्ति वर्ष 2023 में 12.4% बढ़कर 1,445.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गई, जो 2022 में 1,286.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी।
  • वैश्विक स्तर पर वर्ष 2023 में HNWI की संपत्ति और जनसंख्या में क्रमशः 4.7% और 5.1% की वृद्धि होने का अनुमान है।
  • वर्ष 2023 में भारत:
    • भारत की बेरोज़गारी दर वर्ष 2023 में घटकर 3.1 प्रतिशत हो गई, जो वर्ष 2022 में 7 प्रतिशत थी। 
    • बाज़ार पूंजीकरण में 29.0% की वृद्धि हुई, जबकि वर्ष 2022 में इसमें 6% की वृद्धि हुई थी।
    • सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में देश की राष्ट्रीय बचत वर्ष 2022 के 29.9 प्रतिशत की तुलना में वर्ष 2023 में बढ़कर 33.4 प्रतिशत हो गई।
  • HNWI वे हैं जिनके पास 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक की निवेश योग्य परिसंपत्तियाँ हैं, जिनमें उनका प्राथमिक निवास, संग्रहणीय वस्तुएँ, उपभोग्य वस्तुएँ और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ शामिल नहीं हैं।

अधिक पढ़ें: भारत में अत्यंत उच्च निवल मूल्य वाले व्यक्ति  


ABHA-आधारित स्कैन और शेयर सेवा

स्रोत: पी.आई.बी. 

हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (National Health Authority- NHA) ने आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट्स (ABHA) आधारित स्कैन और शेयर सेवा के माध्यम से बाह्य-रोगी विभाग (Out-Patient Department- OPD) में पंजीकरण के लिये 3 करोड़ से अधिक टोकन सृजित कर उपलब्धि हासिल की है।

  • यह OPD पंजीकरण काउंटर पर प्रदर्शित QR कोड को स्कैन करके OPD अपॉइंटमेंट की सुविधा प्रदान कर मरीज़ों को पंजीकरण करने में सक्षम बनाता है।
  • इससे अपॉइंटमेंट के लिये लंबी कतार में प्रतीक्षा करने की आवश्यकता समाप्त हो गई है, जिससे बुजु़र्गों, गर्भवती महिलाओं और शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को लाभ मिला है।
  • उत्तर प्रदेश ने सबसे अधिक टोकन सृजित किये हैं, उसके बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और जम्मू-कश्मीर का स्थान है।
  • यह सेवा वर्ष 2022 में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (Ayushman Bharat Digital Mission- ABDM) के तहत शुरू की गई थी।
  • ABHA एक अद्वितीय 14-अंकीय संख्या है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य रिकॉर्ड को एकीकृत करने के लिये किया जाता है, ईसका उद्देश्य एक डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना है।

और पढ़ें: आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट


ऑस्ट्रेलिया में गैर-नागरिकों को सशस्त्र बलों में शामिल होने की अनुमति

स्रोत: द हिंदू

ऑस्ट्रेलिया जुलाई 2024 से उन गैर-नागरिक स्थायी निवासियों को ऑस्ट्रेलियाई सशस्त्र बलों में शामिल होने की अनुमति देगा जो कम-से-कम 12 महीने से ऑस्ट्रेलिया में रह रहे हैं।

  • इसका उद्देश्य ऑस्ट्रेलिया का अपनी सेना के भर्ती लक्ष्य को प्राप्त करना है।
  • फाइव आईज़ देशों (Five Eyes Countries) के नागरिकों को इसमें शामिल होने के लिये प्राथमिकता दी जाएगी।
    • फाइव आईज़ एक खुफिया गठबंधन है जिसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूज़ीलैंड, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका शामिल हैं।
    • ये देश बहुपक्षीय UK-USA समझौते के पक्ष में हैं।
  • चीन से बढ़ते खतरे तथा वर्तमान में लगभग 90,000 रक्षा कार्मिकों की संख्या को बढ़ाकर ऑस्ट्रेलिया अपनी सेना को मज़बूत करना चाहता है।

Australia

और पढ़ें: भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध


जोल्फा

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में ईरान के राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की ईरान के पूर्वी अज़रबैजान प्रांत के जोल्फा में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु हो गई।

  • यह अमेरिका निर्मित Bell-212 हेलीकॉप्टर था, जो पुराना होने के बावजूद अपनी विश्वसनीयता के लिये जाना जाता था।

जोल्फा:

  • जोल्फा ईरान के पूर्वी अज़रबैजान प्रांत के जोल्फा काउंटी (Jolfa County) के मध्य ज़िले में एक शहर है।
  • यह काउंटी और ज़िले दोनों की राजधानी के रूप में कार्य करता है।
  • जोल्फा को अरस नदी (Aras River), अज़रबैजान की सीमा पर स्थित जुल्फा शहर से अलग करती है।

Jolfa

और पढ़ें: ईरान -इज़रायल संघर्ष