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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 09 Sep, 2022
  • 36 min read
प्रारंभिक परीक्षा

कर्त्तव्य पथ

प्रिलिम्स के लिये:

नेताजी सुभाष चंद्र बोस,  कर्त्तव्य पथ, सेंट्रल विस्टा।

मेन्स के लिये:

कर्त्तव्य पथ और उसका महत्त्व, राजपथ का इतिहास।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री ने ' कर्त्तव्य पथ' का उद्घाटन और इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया।

प्रमुख बिंदु

  • कर्त्तव्य पथ सत्ता के प्रतीक के रूप में पूर्ववर्ती राजपथ से सार्वजनिक स्वामित्व और अधिकारिता का उदाहरण होने के कारण  कर्त्तव्य पथ में बदलाव का प्रतीक है।
  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की जाएगी जहाँ पराक्रम दिवस (23 जनवरी 2022) पर होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
    • ग्रेनाइट से बनी यह प्रतिमा स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान के लिये उपयुक्त श्रद्धांजलि है और उनके प्रति देश के ऋणी होने का प्रतीक होगी।
    • श्री अरुण योगीराज, जो मुख्य मूर्तिकार थे, द्वारा तैयार की गई, 28 फीट ऊँची प्रतिमा को अखंड ग्रेनाइट पत्थर से उकेरा गया है और इसका वजन 65 मीट्रिक टन है।
  • ये कदम प्रधानमंत्री के दूसरे 'पंच प्राण' के अनुरूप हैं, जो 75 वें स्वतंत्रता दिवस 2022 के दौरान अमृत काल में न्यू इंडिया के लिये प्रतिज्ञा की गई थी कि: 'औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को मिटा दें'।

राजपथ के कायाकल्प की ज़रूरत:

  • वर्षों से राजपथ और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के क्षेत्रों में आगंतुकों के बढ़ते यातायात का दबाव देखा जा रहा था, जिससे इसके बुनियादी ढाँचे पर दबाव पड़ रहा था।
    • सेंट्रल विस्टा एवेन्यू सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का हिस्सा है।
  • इसमें सार्वजनिक शौचालय, पीने के जल, स्ट्रीट फर्नीचर और पर्याप्त पार्किंग स्थान जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था।
  • इसके अलावा अपर्याप्त साइनबोर्ड, जल की सुविधाओं का खराब रख-रखाव और बेतरतीब पार्किंग थी।
  • साथ ही गणतंत्र दिवस परेड और अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों को कम व्यवधान तरीके से आयोजित करने की आवश्यकता महसूस की गई, जिसमें सार्वजनिक आंदोलन पर न्यूनतम प्रतिबंध हो।
  • वास्तुशिल्प की अखंडता और निरंतरता को सुनिश्चित करते हुए इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पुनर्विकास किया गया है।

राजपथ का संक्षिप्त इतिहास :

  • ब्रिटिश शासन के दौरान इसे किंग्सवे कहा जाता था जिसे एडविन लुटियंस और नई दिल्ली के आर्किटेक्ट हर्बर्ट बेकर द्वारा सौ वर्ष से भी पूर्व एक औपचारिक मार्ग के रूप में डिज़ाइन किया गया था।
  • वर्ष 1911 में राजधानी कलकत्ता से नई दिल्ली स्थानांतरित की गई और उसके बाद कई वर्षों तक निर्माण कार्य जारी रहा।
  • लुटियंस ने एक "औपचारिक धुरी" के आसपास केंद्रित आधुनिक शाही शहर की अवधारणा प्रस्तुत की जिसे भारत के तत्कालीन सम्राट जॉर्ज पंचम के सम्मान में किंग्सवे नाम दिया गया था, जिन्होंने वर्ष 1911 के दरबार के दौरान दिल्ली का दौरा किया था, जहाँ उन्होंने औपचारिक रूप से राजधानी को स्थानांतरित करने के निर्णय की घोषणा की थी।
    • इसका नामकरण लंदन में स्थित किंग्सवे मार्ग के नाम पर हुआ, जो वर्ष 1905 में बनी एक मुख्य सड़क थी, जिसका नाम जॉर्ज पंचम के पिता किंग एडवर्ड सप्तम के सम्मान में रखा गया था।
  • वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के बाद इस मार्ग को हिंदी नाम ‘राजपथ’ दिया गया, जिस पर के गणतंत्र दिवस परेड होती है।

कर्त्तव्य पथ और उसका महत्व:

  • ग्रैंड कैनोपी के नीचे नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक का पूरा खंड और क्षेत्र कर्त्तव्य पथ के रूप में जाना जाएगा।
  • कर्त्तव्य पथ में पूर्ववर्ती "राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन" शामिल हैं।
  • कर्त्तव्य पथ में लैंडस्केप, वॉकवे के साथ लॉन, अतिरिक्त हरे भरे स्थान, नवीनीकृत छोटी-छोटी नहरें, एमेनिटी ब्लॉक, बेहतर साइनेज और वेंडिंग कियोस्क प्रदर्शित होंगे।
  • इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रबंधन, उपयोग किए गए जल का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण और ऊर्जा कुशल प्रकाश व्यवस्था जैसी कई सुविधाएँ भी शामिल हैं।
  • तत्कालीन राजपथ के दोनों किनारों पर पुनर्निर्मित और विस्तारित लॉन बड़ी सेंट्रल विस्टा परियोजना का हिस्सा हैं, जहाँ केंद्रीय सचिवालय और कई अन्य सरकारी कार्यालयों के साथ एक नए त्रिकोणीय संसद भवन का पुनर्निर्माण किया जा रहा है।

सुभाष चंद्र बोस

  • जन्म:
    • सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक शहर में हुआ था। उनकी माता का नाम प्रभावती दत्त बोस (Prabhavati Dutt Bose) और पिता का नाम जानकीनाथ बोस (Janakinath Bose) था।

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  • शिक्षा और प्रारंभिक जीवन:
    • वर्ष 1919 में उन्होंने भारतीय सिविल सेवा (ICS) की परीक्षा पास की थी। हालाँकि बाद में बोस ने इस्तीफा दे दिया।
    • वह विवेकानंद की शिक्षाओं से अत्यधिक प्रभावित थे और उन्हें अपना आध्यात्मिक गुरु मानते थे।
    • उनके राजनीतिक गुरु चितरंजन दास थे।
      • वर्ष 1921 में बोस ने चित्तरंजन दास की स्वराज पार्टी द्वारा प्रकाशित समाचार पत्र 'फॉरवर्ड' के संपादन का कार्यभार संभाला।
  • कॉन्ग्रेस के साथ संबंध:
    • उन्होंने बिना शर्त स्वराज (Unqualified Swaraj) अर्थात् स्वतंत्रता का समर्थन किया और मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट (Motilal Nehru Report) का विरोध किया जिसमें भारत के लिये डोमिनियन के दर्जे की बात कही गई थी।
    • उन्होंने वर्ष 1930 के नमक सत्याग्रह में सक्रिय रूप से भाग लिया और वर्ष 1931 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के निलंबन तथा गांधी-इरविन समझौते पर हस्ताक्षर करने का विरोध किया।
    • वर्ष 1930 के दशक में वह जवाहरलाल नेहरू और एम.एन. रॉय के साथ कॉन्ग्रेस की वाम राजनीति में संलग्न रहे।
    • बोस वर्ष 1938 में हरिपुरा में कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
    • वर्ष 1939 में त्रिपुरी (Tripuri) में उन्होंने गांधी जी के उम्मीदवार पट्टाभि सीतारमैय्या (Pattabhi Sitaramayya) के खिलाफ फिर से अध्यक्ष पद का चुनाव जीता।
    • उन्होंने एक नई पार्टी 'फॉरवर्ड ब्लॉक' की स्थापना की। इसका उद्देश्य अपने गृह राज्य बंगाल में राजनीतिक वामपंथ और प्रमुख समर्थन आधार को मज़बूत करना था।
  • भारतीय राष्ट्रीय सेना:
    • वह जुलाई 1943 में जर्मनी से जापान-नियंत्रित सिंगापुर पहुँचे वहाँ से उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा ‘दिल्ली चलो’ जारी किया और 21 अक्तूबर, 1943 को आज़ाद हिंद सरकार तथा भारतीय राष्ट्रीय सेना के गठन की घोषणा की।
    • भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन पहली बार मोहन सिंह और जापानी मेजर इविची फुजिवारा (Iwaichi Fujiwara) के नेतृत्त्व में किया गया था तथा इसमें मलाया (वर्तमान मलेशिया) अभियान के दौरान सिंगापुर में जापान द्वारा कैद किये गए ब्रिटिश-भारतीय सेना के युद्ध बंदियों को शामिल किया गया था।
    • साथ ही इसमें सिंगापुर की जेल में बंद भारतीय कैदी और दक्षिण-पूर्व एशिया के भारतीय नागरिक भी शामिल थे। इसकी सैन्य संख्या बढ़कर 50,000 हो गई थी।
    • INA ने वर्ष 1944 में इम्फाल और बर्मा में भारत की सीमा के भीतर मित्र देशों की सेनाओं का मुकाबला किया।
    • नवंबर 1945 में ब्रिटिश सरकार द्वारा INA के सदस्यों पर मुकदमा चलाए जाने के तुरंत बाद पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।
  • मृत्यु:
    • वर्ष 1945 में ताइवान में विमान दुर्घटनाग्रस्त में उनकी मृत्यु हो गई। हालाँकि अभी भी उनकी मृत्यु के संबंध में कई राज छिपे हुए हैं।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)

प्रश्न . भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान निम्नलिखित में से किसने 'फ्री इंडियन लीजन' नामक सेना स्थापित की थी? (2008)

(a) लाला हरदयाल
(b) रासबिहारी बोस
(c) सुभाष चंद्र बोस
(d) वी.डी. सावरकर

उत्तर: c

व्याख्या:

  • फ्री इंडियन लीजन भारतीय स्वयंसेवकों द्वारा गठित पैदल सेना रेजिमेंट थी। जो सेना युद्ध के भारतीय कैदियों और यूरोप में प्रवासियों से बनी थी।
  • भारतीय स्वतंत्रता नेता, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिये जर्मन सरकार की मदद से इस सेना का गठन किया। इस सेना को "टाइगर लीजन" के नाम से भी जाना जाता है।

अतः विकल्प (c) सही है।


प्रश्न. भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक आकांक्षाओं के ताबूत में नौसैनिक विद्रोह किस तरह से आखिरी कील साबित हुआ? (मुख्य परीक्षा, 2014)

 स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया


प्रारंभिक परीक्षा

यूएस स्टार्ट-अप सेतु

हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को की खाड़ी क्षेत्र में रूपांतरण और कौशल संवर्द्धन कार्यक्रम में यूएस स्टार्टअप सेतु सहायक उद्यमियों का शुभारंभ किया।

स्टार्टअप

  • परिचय:
    • स्टार्टअप शब्द एक कंपनी के संचालन के पहले चरण को संदर्भित करता है। स्टार्टअप एक या एक से अधिक उद्यमियों द्वारा स्थापित किये जाते हैं जो एक ऐसे उत्पाद या सेवा का विकास करना चाहते हैं जिसकी बाज़ार में मांग है।
    • ये कंपनियाँ आमतौर पर उच्च लागत और सीमित राजस्व के साथ शुरू होती हैं, यही वजह है कि वे उद्यम पूंजीपतियों जैसे विभिन्न स्रोतों से पूंजी की मांग करती हैं।
  • भारत में स्टार्टअप्स की वृद्धि :
    • उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने स्टार्टअप को मान्यता दी है जो 56 विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं।
    • इस दिशा में निरंतर सरकारी प्रयासों के परिणामस्वरूप मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स की संख्या वर्ष 2016 के 471 से बढ़कर वर्ष 2022 में 72,993 हो गई है।

स्टार्टअप सेतु:

  • परिचय:
    • SETU या परिवर्तन और कौशल में सहायक उद्यमी वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत भारत सरकार की पहल है।
    • यह पहल भारत में स्टार्ट-अप को संयुक्त राज्य अमेरिका-आधारित निवेशकों और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के अभिकर्त्ताओं को वित्त पोषण, बाज़ार पहुँच और व्यावसायीकरण सहित विभिन्न क्षेत्रों में परामर्श एवं सहायता के साथ जोड़ेगी।
  • महत्त्व:
    • भारत में उद्यमिता और सन राइजिंग स्टार्टअप में निवेश करने के इच्छुक अमेरिकी कंपनियों के मध्य भौगोलिक बाधाओं को कम करना।
    • स्टार्टअप इंडिया पहल मेंटरशिप, एडवाइजरी, असिस्टेंस, रेजिलिएशन और ग्रोथ (Mentorship, Advisory, Assistance, Resilience, and Growth MAARG) कार्यक्रम के तहत मेंटरशिप पोर्टल के माध्यम से इस क्षेत्र का समर्थन किया जाएगा, जो भारत में स्टार्टअप्स के लिये सिंगल-स्टॉप समाधान खोजकर्त्ता है।
      • पोर्टल को इस विचार के साथ विकसित किया गया है कि यह देश के हर कोने से एक संरक्षक से जुड़ने के लिये पहुँच योग्य हो।
  • आवश्यकता:
    • यह अनुमान है कि लगभग 90% स्टार्ट-अप और आधे से अधिक अच्छी तरह से वित्त पोषित स्टार्टअप अपने शुरुआती दिनों में विफल हो जाते हैं। व्यवसाय को संभालने में अनुभव की कमी एक प्रमुख समस्या है तथा संस्थापकों को निर्णय लेने और नैतिक समर्थन के लिये सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
    • जैसा कि भारत एक अग्रणी स्टार्ट-अप गंतव्य बन गया है, सही समय पर उचित मार्गदर्शन सर्वोपरि है।
    • इसके अलावा, भारत सरकार एक स्टार्टअप की यात्रा में प्रोत्साहित कर राष्ट्र के विकास में योगदान के लिये दिग्गजों, अनुभवी विशेषज्ञों और उद्योग जगत के लोगों को आमंत्रित करती है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. उद्यम पूंजी से क्या तात्पर्य है? (2014)

(a) उद्योगों को उपलब्ध कराई गई अल्पकालीन पूंजी
(b) नए उद्यमियों को उपलब्ध कराई गई दीर्घकालीन प्रारंभिक पूंजी
(c) उद्योगों को हानि उठाते समय उपलब्ध कराई गई निधियाँ
(d) उद्योगों के प्रतिस्थापन एवं नवीकरण के लिये उपलब्ध कराई गई निधियाँ

 उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • जोखिम पूंजी एक नए या बढ़ते व्यवसाय को निधि प्रदान करती है। आमतौर पर यह जोखिम पूंजी उद्योगों द्वारा प्रदान की जाती है, जो उच्च जोखिम वाले वित्तीय पोर्टफोलियो से संबंधित होती है।
  • जोखिम पूंजी वाले उद्योग किसी भी स्टार्टअप में इक्विटी के बदले स्टार्टअप कंपनी को निधि प्रदान करते हैं।
  • जो निवेशक पूंजी का निवेश करते हैं उन्हें उद्यम पूंजीवादी (VC) कहा जाता है। उद्यम पूंजी निवेश को उद्यम पूंजी या बीमारू उद्यम पूंजी के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि इसमें उद्यम के सफल न होने पर हानि का जोखिम भी शामिल होता है, साथ ही निवेश के प्रतिफल की प्राप्ति में मध्यम से लंबी अवधि का समय भी लग सकता है।
  • अतः विकल्प b सही है।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली की त्वरित प्रतिक्रिया

हाल ही में भारत ने ओडिशा तट से दूर एकीकृत परीक्षण रेंज (Integrated Test Range -ITR) चांँदीपुर से सतह से हवा में मार करने वाली त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल (Quick Reaction Surface to Air Missile-QRSAM) प्रणाली के छह सफल उड़ान परीक्षण कि।

सतह से हवा में मार करने वाली त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल (QRSAM):

  • परिचय:
    • QRSAM एक कनस्तर आधारित प्रणाली है, जिसका अर्थ है कि इसे विशेष रूप से डिजाइन किये गए डिब्बों से संग्रहीत और संचालित किया जाता है।
      • कनस्तर में, आंतरिक वातावरण नियंत्रण प्रणाली होती है, इस प्रकार इसके परिवहन और भंडारण को आसान बनाने के साथ-साथ हथियारों की शेल्फ लाइफ में भी काफी सुधार होता है।
    • यह प्रणाली चलायमान लक्ष्यों का पता लगाने और उन पर नजर रखने में सक्षम है और छोटे पड़ावों के साथ लक्ष्यों को उलझाती है।

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  • रेंज और गतिशीलता:
    • यह एक कम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली है, जिसे मुख्य रूप से DRDO द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है ताकि दुश्मन के हवाई हमलों से सेना के बख्तरबंद क्षेत्रों को सुरक्षा कवच प्रदान किया जा सके।
    • संपूर्ण हथियार प्रणाली को एक मोबाइल और चलने योग्य प्लेटफॉर्म पर कॉन्फ़िगर किया गया है और यह चलते-फिरते वायु रक्षा प्रदान करने में सक्षम है।
    • इसे सेना में शामिल करने के लिये डिजाइन किया गया है और इसकी सीमा 25 से 30 किलोमीटर है।
  • कार्य पद्धति:
    • QRSAM हथियार के साथ चलायमान अवस्था में कार्य करता है, जिसमें पूरी तरह से स्वचालित कमांड और नियंत्रण प्रणाली शामिल है।
      • इसमें एक लॉन्चर के साथ दो रडार - एक्टिव एरे बैटरी सर्विलांस रडार और एक्टिव एरे बैटरी मल्टीफंक्शन रडार - भी शामिल हैं।
    • दोनों राडार में "सर्च ऑन मूव" और "ट्रैक ऑन मूव" क्षमताओं के साथ 360-डिग्री कवरेज है।
    • यह प्रणाली कॉम्पैक्ट है, जो एकल चरण ठोस चालित मिसाइल का उपयोग करती है तथा इसमें डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित दो-तरफा डेटा लिंक और टर्मिनल सक्रिय साधक के साथ एक मध्य-पाठ्यक्रम जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. कभी-कभी समाचार में उल्लिखित टर्मिनल हाई ऑल्टिट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD)’ क्या है ?

(a) इज़रायल की एक रडार प्रणाली
(b) भारत का घरेलू मिसाइल प्रतिरोधी कार्यक्रम
(c) अमेरिकी मिसाइल प्रतिरोधी प्रणाली
(d) जापान और दक्षिण कोरिया के बीच एक रक्षा सहयोग

उत्तर: (c)

व्याख्या:

  • अमेरिका की थाड THAAD मिसाइल प्रणाली मध्यम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों को उनकी उड़ान के शुरुआती दौर में ही गिराने के लिये डिज़ाइन की गई है।
  • इसके उनके पास वातावरण के अंदर और बाहर मिसाइल को इंटरसेप्ट करने की क्षमता है।
  • यह अन्य बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों के साथ इंटरऑपरेबल है और दुनिया भर में अत्यधिक गतिशील और तैनाती योग्य है।

अतः विकल्प (c) सही है।


प्रश्न. अग्नि-IV मिसाइल के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं? (2014)

  1. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है।
  2. यह केवल तरल प्रणोदक द्वारा संचालित होती है।
  3. यह लगभग 7500 किमी. दूरी तक एक टन परमाणु आयुध पहुँचाने में सक्षम है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

  • अग्नि- IV भारत की परमाणु-संपन्न लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 4,000 किमी. है।
  • स्वदेश निर्मित अग्नि- IV सतह से सतह पर मार करने वाली दो चरणों वाली मिसाइल है। यह 17 टन वज़न के साथ 20 मीटर लंबी है। अत: कथन 1 सही है।
  • यह दो चरणों वाली ठोस ईंधन प्रणाली है जो एक टन के परमाणु हथियार को 4,000 किलोमीटर की दूरी तक ले जा सकती है। अत: कथन 2 और 3 सही नहीं हैं।

अत: विकल्प (a) सहहै।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

मानव विकास रिपोर्ट 2021-22

मानव विकास रिपोर्ट 2021-22 के अनुसार मानव विकास सूचकांक (HDI) में भारत की रैंक वर्ष 2020 के 130 से घटकर वर्ष 2022 में 132 हो गई है, जो कि कोविड -19 महामारी के मद्देनजर HDI स्कोर में वैश्विक गिरावट के अनुरूप है।

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मानव विकास रिपोर्ट:

  • परिचय:
    • मानव विकास रिपोर्ट (HDR) वर्ष 1990 से जारी की जाती हैं जिसने मानव विकास दृष्टिकोण के माध्यम से विभिन्न विषयों का पता लगाया है।
    • यह मानव विकास रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित की जाती है।
  • लक्ष्य: इसका लक्ष्य अवसरों, विकल्पों और स्वतंत्रता के विस्तार में योगदान करना है।
  • थीम: मानव विकास रिपोर्ट, 2021-22 की थीम ‘‘अनिश्चित समय, अनसुलझा जीवन: परिवर्तन में एक दुनिया में हमारे भविष्य को आकार देन’' (Uncertain Times, Unsettled Lives: Shaping our Future in a World in Transformation) है।

मानव विकास सूचकांक:

  • HDI एक समग्र सूचकांक है जो चार संकेतकों को ध्यान में रखते हुए मानव विकास में औसत उपलब्धि को मापता है:
    • जन्म के समय जीवन प्रत्याशा (सतत् विकास लक्ष्य 3),
    • स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष (सतत् विकास लक्ष्य 4.3),
    • स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष (सतत् विकास लक्ष्य 4.4),
    • सकल राष्ट्रीय आय-GNI) (सतत् विकास लक्ष्य 8.5)।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं:

  • वैश्विक:
    • 90% देशों ने वर्ष 2020 या वर्ष 2021 में अपने मानव विकास सूचकांक मूल्य में कमी दर्ज की है, जो सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में प्रगति को उलट देता है।
    • जीवन प्रत्याशा में गिरावट: मानव विकास सूचकांक की गिरावट में एक बड़ा योगदान जीवन प्रत्याशा में वैश्विक गिरावट है, जो वर्ष 2019 के 72.8 वर्ष से घटकर वर्ष 2021 में 71.4 वर्ष हो गया है।
  • भारतीय परिप्रेक्ष्य:
    • मानव विकास सूचकांक: भारत का HDI मूल्य वर्ष 2021 में 0.633 था, जो विश्व औसत 0.732 से कम था। वर्ष 2020 में भी, भारत ने वर्ष 2019 के पूर्व-कोविड स्तर (0.645) की तुलना में अपने HDI मूल्य (0.642) में गिरावट दर्ज की।
    • जीवन प्रत्याशा: वर्ष 2021 में जन्म के समय भारत की जीवन प्रत्याशा 67.2 वर्ष दर्ज की गई थी।
    • स्कूली शिक्षा: स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष 11.9 वर्ष; स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष 6.7 वर्ष।
    • सकल राष्ट्रीय आय: प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय 6,590 अमेरिकी डॉलर थी।
    • लैंगिक असमानता सूचकांक: लैंगिक असमानता सूचकांक में भारत 122वें स्थान पर है।
  • अन्य परिप्रेक्ष्य:
    • मनुष्य जलवायु परिवर्तन के लिये तैयार नहीं: इसमें कहा गया है कि हाल के वर्षों में एंथ्रोपोसिन के कारण आग और तूफान और अन्य ग्रह-स्तर के परिवर्तनों जैसे जलवायु संकटों के लिये मानव तैयार नहीं है।
    • कीड़ों की जनसंख्या में गिरावट: कीट परागणकों के कमी के कारण मानवों को बड़े पैमाने पर खाद्य और अन्य कृषि उत्पादों के उत्पादन में चुनौती का सामना करना पड़ता है।
      • चूँकि कीट अपनी विविधता, पारिस्थितिक भूमिका और कृषि, मानव स्वास्थ्य एवं प्राकृतिक संसाधनों पर प्रभाव के कारण महत्त्वपूर्ण हैं।
      • वे सभी स्थलीय पारिस्थितिक तंत्रों के लिये जैविक आधार बनाते हैं, आगे, वे पोषक तत्त्वों का चक्रण करते हैं, पौधों को परागित करते हैं, बीजों का प्रसार करते हैं, मृदा की संरचना और उर्वरता को बनाए रखते हैं, अन्य जीवों की आबादी को नियंत्रित करते हैं और अन्य जीवों के लिये प्रमुख खाद्य स्रोत प्रदान करते हैं।
    • माइक्रोप्लास्टिक खतरा: प्लास्टिक अब हर जगह- समुद्र में देश के आकार के कूड़े के ढेर में, संरक्षित जंगलों और पहाड़ों में फ़ैल चुका है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रिलिम्स:

Q. UNDP के समर्थन से ऑक्सफ़ोर्ड निर्धनता एव बहु-आयामी निर्धनता सूचकांक में निम्नलिखित में से कौन-सा/से सम्मिलित है/हैं? (2012)

  1. घरेलू स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, संपत्ति और सेवाओं का अभाव
  2. राष्ट्रीय स्तर पर क्रय शक्ति समता
  3. राष्ट्रीय स्तर पर बजट घाटे और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर की सीमा

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: A

व्याख्या:

  • बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) उन अभावों को दर्शाता है जिनका सामना एक गरीब व्यक्ति शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर के संबंध में एक साथ करता है, जैसा कि निम्नलिखित तालिका में दर्शाया गया है। अत: कथन 1 सही है।
  • इसके तीन समान रूप से भारित आयाम हैं - स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर।
    • इन तीन आयामों को 12 संकेतकों द्वारा दर्शाया जाता है, जैसे- पोषण, स्कूल में नामांकन, स्कूली शिक्षा, पेयजल, स्वच्छता, आवास, बैंक खाते आदि।

अतः विकल्प (a) सही है।


प्रश्न: लगातार उच्च विकास के बावजूद भारत अभी भी मानव विकास के निम्नतम संकेतकों पर है। उन मुद्दों की जाँच करें जो संतुलित और समावेशी विकास को दुशप्राप्य बनाते हैं। (मुख्य परीक्षा, 2016)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 सितंबर, 2022

विश्व आदिवासी दिवस

प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) या विश्व के देशज लोगों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of the World’s Indigenous Peoples) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुनिया की देशज लोगों के अधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है तथा उन योगदानों को स्वीकार करना है जो देशज लोग वैश्विक मुद्दों जैसे पर्यावरण संरक्षण हेतु करते हैं। वर्ष 2022 में देशज लोगों के इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय "पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसारण में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका" है। 9 अगस्त, 1982 को जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में देशज आबादी पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह (United Nations Working Group on Indigenous Populations) की पहली बैठक आयोजित की गई थी। जिसके परिप्रेक्ष्य में प्रति वर्ष 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। यह दिवस संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के अनुसार, वर्ष 1994 से प्रत्येक वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है। देशज लोग अद्वितीय संस्कृतियों, लोगों और पर्यावरण समर्थित परंपराओं के उत्तराधिकारी व अभ्यासी हैं। उन्होंने सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक विशेषताओं को बरकरार रखा है जो उन प्रमुख समाजों से अलग हैं जिनमें वे रहते हैं। दुनिया भर के 90 देशों में 476 मिलियन से अधिक स्वदेशी लोग रहते हैं, जो वैश्विक आबादी का 6.2% हिस्सा है।

दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 'मंथन '

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने 8 सितंबर, 2022 को बंगलुरु में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 'मंथन' का उद्घाटन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के भारत को आत्मनिर्भर बनाने की परिकल्पना पर बल दिया तथा कहा कि इन चार क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विकास से पाँच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। विदर्भ में अमृत सरोवर कार्यक्रम के कार्यान्वयन से राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास के साथ-साथ जल संरक्षण, बेहतर भूजल, सतत् कृषि और किसानों की आय में वृद्धि हुई है। केंद्र सरकार के गति-शक्ति योजना से बंदरगाह संपर्क में सुधार होगा और माल परिवहन के लिये सड़कों पर निर्भरता कम होगी। इससे परिवहन की लागत कम होगी और निर्यात में भी सहायता मिलेगी। इस अवसर पर उन्होंने हैकाथॉन के 10 विजेताओं की घोषणा की। सड़क परिवहन क्षेत्र को बदलने वाले ऐप्स के विकास के लिये प्रत्येक विजेता को 10 लाख रुपए मिलेंगे। सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई वर्ष 2008 में 91 हज़ार किलोमीटर से बढ़कर वर्तमान में 1 लाख 41 हज़ार किलोमीटर हो गई है तथा इसके निर्माण की गति 12 किलोमीटर प्रतिदिन से बढ़ कर अब 37 किलोमीटर प्रतिदिन हो गई है।

महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का निधन 

हाल ही में ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का 96 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वे 70 वर्षों से भी अधिक समय तक ब्रिटेन की महारानी रहीं। अब उनके पुत्र चार्ल्‍स तृतीय को ब्रिटेन का राजा बनाया जाएगा। एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर ब्रिटेन में सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिये गए हैं और राष्‍ट्रीय ध्‍वज आधा झुका दिया गया है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय 25 वर्ष की थीं, जब ब्रिटेन की गद्दी पर उनकी ताजपोशी हुई थी। तब से लेकर अब तक करीब 7 दशक से वे इस गद्दी पर काबिज थीं। वह ब्रिटेन की सत्ता संभालने वाली सबसे उम्रदराज महिला थीं। इसके अलावा विश्व के भी सबसे बुजुर्ग शासकों में महारानी एलिज़ाबेथ का नाम आता था। वह वर्ष 1952 में ब्रिटेन की महारानी बनी थीं, जिनके शासनकाल के 70 साल पूरे होने के खास मौके पर देश भर में चार दिवसीय प्लैटिनम जुबली समारोह का आयोजन किया गया था। ब्रिटेन की महारानी के पास पासपोर्ट नहीं था, क्योंकि देश के नागरिकों को वही पासपोर्ट जारी करती थीं। ग्लोबल गुडविल टूर में चंद्रमा पर जाने वाले पहले शख्स नील आर्मस्ट्रांग, बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिंस ने 14 अक्तूबर, 1969 को बकिंघम पैलेस में महारानी एलिजाबेथ II से मुलाकात की थी।


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