प्रारंभिक परीक्षा
वैश्विक शस्त्र व्यापार रिपोर्ट: SIPRI
वैश्विक हथियारों के व्यापार पर नज़र रखने वाले ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ (SIPRI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, तीन भारतीय कंपनियाँ वर्ष 2020 में संयुक्त हथियारों की बिक्री के मामले में दुनिया की शीर्ष 100 कंपनियों में शामिल हैं।
- ये तीन भारतीय कंपनियाँ- ‘हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (HAL), ‘इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज़’ और ‘भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड’ (BEL) हैं।
- वर्ष 2019 में भी हथियारों की बिक्री के मामले में इन तीनों को शीर्ष 100 में स्थान दिया गया था।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट
- यह एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान है जो संघर्ष, आयुध, हथियार नियंत्रण एवं निरस्त्रीकरण में अनुसंधान हेतु समर्पित है।
- वर्ष 1966 में स्टॉकहोम में स्थापित ‘स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट’ नीति निर्माताओं, शोधकर्त्ताओं, मीडिया और इच्छुक जनता को खुले स्रोतों के आधार पर डेटा, विश्लेषण तथा सिफारिशें प्रदान करता है।
प्रमुख बिंदु
- शीर्ष देश
- दुनिया भर में शीर्ष 100 कंपनियों में संयुक्त राज्य अमेरिका की कंपनियों की संख्या सबसे अधिक है। इस अवधि के दौरान अमेरिका के हथियारों की बिक्री 285 बिलियन अमरीकी डॉलर थी, जो कि वर्ष 2019 की तुलना में 1.9% की वृद्धि दर्शाता है।
- वहीं चीन 13% के साथ दूसरे स्थान पर था, जिसके बाद यूनाइटेड किंगडम (7.1%) का स्थान है।
- शीर्ष 100 कंपनियों में संयुक्त हथियारों की बिक्री के मामले में रूस और फ्राँस क्रमशः 5% और 4.7% के साथ चौथे और पाँचवें स्थान पर थे।
- भारतीय कंपनियाँ:
- इंडियन ऑर्डनेंस फैक्ट्री 1.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बिक्री के साथ 60वें स्थान पर हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.2% अधिक है।
- HAL 2.97 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ 42वें स्थान पर है, जो वर्ष 2019 की बिक्री से 1.5% अधिक है।
- वर्ष 2019 की तुलना में हथियारों की बिक्री में 1.63 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ BEL 66वें स्थान पर है, जो 4% अधिक है।
- वर्ष 2020 में वैश्विक स्तर पर हथियारों की बिक्री में भारत की हिस्सेदारी 1.2% थी। 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की उनकी कुल हथियारों की बिक्री वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में 1.7% अधिक थी जो दुनिया की कुल शीर्ष 100 कंपनियों का 1.2% हिस्सा था।
- हथियारों की बिक्री में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के कारक:
- घरेलू खरीद ने भारतीय कंपनियों को महामारी के नकारात्मक आर्थिक परिणामों से बचाने में मदद की है।
- वर्ष 2020 में भारत सरकार ने घरेलू कंपनियों की सहायता करने और हथियारों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाने हेतु 100 से अधिक विभिन्न प्रकार के सैन्य उपकरणों के आयात पर चरणबद्ध प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
प्रारंभिक परीक्षा
विश्व मृदा दिवस
हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)- केंद्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान (CCARI) ने 5 दिसंबर 2021 को 'विश्व मृदा दिवस' (WSD) मनाया।
प्रमुख बिंदु
- वर्ष 2002 में ‘इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सॉयल साइंसेज़’ (IUSS) द्वारा इसकी सिफारिश की गई थी। खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने WSD की औपचारिक स्थापना का समर्थन थाईलैंड के नेतृत्व में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने वाले वैश्विक मृदा भागीदारी मंच के रूप में किया है। ।
- 5 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा पहले आधिकारिक WSD के रूप में नामित किया गया था।
- 5 दिसंबर का दिन इसलिये चुना गया क्योंकि यह थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज का आधिकारिक जन्मदिवस है। जिन्होंने आधिकारिक तौर पर इस आयोजन को मंज़ूरी दी थी।
- FAO, WSD के अवसर पर दो पुरस्कार प्रदान करता है:
- राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस पुरस्कार: एक वार्षिक पुरस्कार जो पिछले वर्ष में उल्लेखनीय और आकर्षक विश्व मृदा दिवस गतिविधियों या अभियानों का आयोजन करने वाले व्यक्तियों, समुदायों, संगठनों और देशों को सम्मानित करता है।
- ग्लिंका विश्व मृदा पुरस्कार: यह पुरस्कार FAO द्वारा प्रदान किया जाता है। यह एक वार्षिक पुरस्कार है, जिसे दुनिया के सबसे अधिक दबाव वाले पर्यावरणीय मुद्दों को हल करने के लिये समर्पित व्यक्तियों को दिया जाता है। यह उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता है, जो अपने नेतृत्व और गतिविधियों द्वारा मृदा प्रबंधन को बढ़ावा तथा मृदा संसाधनों के संरक्षण में योगदान दे रहे हैं।
- मृदा स्वास्थ्य में सुधार हेतु भारत की पहल:
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
- जैविक कृषि
- परंपरागत कृषि विकास योजना
- उर्वरक आत्मनिर्भरता
- डिजिटल कृषि
- कार्बन खेती
- पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना
प्रारंभिक परीक्षा
वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRSAM) : DRDO
इस वर्ष फरवरी के बाद वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल (VL-SRSAM) का लगातार दूसरी बार रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया।
- इसे चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) से लॉन्च किया गया था।
प्रमुख बिंदु
- VL-SRSAM के बारे में:
- यह एक त्वरित प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है जिसे भारतीय नौसेना के लिये DRDO द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित किया गया है, जिसका उद्देश्य समुद्री-स्किमिंग लक्ष्यों सहित निकट सीमा पर विभिन्न हवाई खतरों को निष्क्रिय करना है।
- इस मिसाइल में 50 से किमी. की दूरी की परिचालन सीमा है और टर्मिनल चरण में फाइबर ऑप्टिक घूर्णाक्षदर्शी/जाइरोस्कोप (Gyroscope) और सक्रिय रडार होमिंग के माध्यम से मिड्कोर्स जड़त्वीय निर्देशन की सुविधा है।
- भविष्य के प्रक्षेपण हेतु आवश्यक नियंत्रक, कनस्तरीकृत उड़ान वाहन, हथियार नियंत्रण प्रणाली आदि के साथ वर्टिकल लॉन्चर यूनिट सहित सभी हथियार प्रणाली घटकों के एकीकृत ऑपेरशन को मान्य करने के लिये इस प्रणाली का शुभारंभ किया गया।
- भारतीय नौसेना के जहाज़ों से मिसाइल के भविष्य के प्रक्षेपण के लिये इन प्रणालियों का सफल परीक्षण महत्त्वपूर्ण है।
- यह हवाई खतरों के खिलाफ भारतीय नौसेना के जहाज़ों की रक्षा क्षमता को और बढ़ावा देगा। इसने भारतीय नौसैनिक जहाज़ों पर हथियार प्रणालियों के एकीकरण का मार्ग भी प्रशस्त किया है।
- विकास
- ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ की प्रमुख इकाइयों जैसे ‘रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला’ (DRDL) तथा अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI) और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान आदि ने सिस्टम के विकास में योगदान दिया है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन:
- यह भारत को अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों के साथ सशक्त बनाने के दृष्टिकोण के साथ रक्षा मंत्रालय की अनुसंधान एवं विकास शाखा है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1958 में ‘रक्षा विज्ञान संगठन’ (DSO) के साथ भारतीय सेना के ‘तकनीकी विकास प्रतिष्ठान’ (TDE) और ‘तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय’ (DTDP) के संयोजन से की गई थी।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 08 दिसंबर, 2021
विश्व सुनामी जागरूकता दिवस
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष 5 नवंबर को ‘विश्व सुनामी जागरूकता दिवस’ का आयोजन किया जाता है, जिसका उद्देश्य आम लोगों को सुनामी जैसी घातक आपदा के बारे में जागरूक करना है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस घातक आपदा के कारण पिछली एक सदी में लाखों लोगों की मृत्यु हुई है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, ‘सुनामी’ (Tsunami) शब्द की उत्पत्ति जापान से हुई है, जहाँ ‘सु’ (Tsu) शब्द का अर्थ है ‘बंदरगाह’ (Harbour) और ‘नामी’ (Nami) का अर्थ है ‘लहर’ (Waves) है। प्रायः तीव्र भूकंप के दौरान समुद्री प्लेट कई मीटर तक खिसक जाती है, फलस्वरूप समुद्री सतह पर ज़बरदस्त उथल-पुथल मचती है और इस कारण सागर की सतह पर जल बड़ी-बड़ी लहरों के रूप में उठता है। यद्यपि महासागरों में ये बहुत कम ऊँचाई की होती हैं, किंतु जैसे-जैसे ये किनारों की ओर बढ़ती हैं इनकी ऊँचाई और तीव्रता बढ़ती जाती है। यही तीव्र और ऊँची लहरें धरातल पर ‘सुनामी’ कहलाती हैं। वर्ष 2004 में हिंद महासागर में आई सबसे घातक सुनामी के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रत्येक वर्ष 5 नवंबर को विश्व सुनामी जागरूकता दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था।
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस
प्रतिवर्ष 07 दिसंबर को दुनिया भर में हवाई यात्रा में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठनों के महत्त्व के विषय में लोगों को सूचित करने हेतु ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस’ मनाया जाता है। ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस-2021’ की थीम ‘वैश्विक विमानन विकास हेतु उन्नत नवाचार’ है। आईसीएओ परिषद ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस’ के लिये प्रत्येक पाँच वर्ष की विशेष वर्षगाँठ थीम निर्धारित करती है और पूरे चार वर्ष के बीच की अवधि के लिये परिषद एक ही विषय को बरकरार रखती है। 7 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन दिवस’ के रूप में मनाने की आधिकारिक मान्यता संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1996 में दी गई थी। हालाँकि इस दिवस की शुरुआत वर्ष 1994 में ‘अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन’ की स्थापना की 50वीं वर्षगाँठ के अवसर पर की गई थी। अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन, संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1944 में राज्यों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन अभिसमय (शिकागो कन्वेंशन) के संचालन तथा प्रशासन के प्रबंधन हेतु की गई थी। इसका एक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन की योजना एवं विकास को बढ़ावा देना है ताकि दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन की सुरक्षित तथा व्यवस्थित वृद्धि सुनिश्चित हो सके।
सुनील अरोड़ा
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुनील अरोड़ा को ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस’ में सलाहकार बोर्ड में शामिल होने हेतु आमंत्रित किया गया है। ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस’ वर्ष 1995 में स्वीडन में स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है और दुनिया भर में स्थायी लोकतंत्र का समर्थन करने संबंधी एक मिशन है। इस संस्थान को सलाहकारों के 15 सदस्यीय बोर्ड द्वारा संचालित किया जाता है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होते हैं। ‘इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर डेमोक्रेसी एंड इलेक्टोरल असिस्टेंस’ संस्थान में वर्तमान में 34 सदस्य देश शामिल हैं। सुनील अरोड़ा दिसंबर 2018 से अप्रैल 2021 तक देश के 23वें मुख्य चुनाव आयुक्त थे। वर्ष 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी, सुनील अरोड़ा ने पूर्व में केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार के विभिन्न प्रमुख विभागों में कार्य किया है।
हॉर्नबिल महोत्सव
नगा विरासत की विशिष्टता और समृद्धि को संरक्षित करने, संरक्षित करने तथा पुनर्जीवित करने के लिये नगालैंड में प्रतिवर्ष ‘हॉर्नबिल महोत्सव’ का आयोजन किया जाता है। इस महोत्सव का नामकरण हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर किया गया है तथा इस महोत्सव की शुरुआत वर्ष 2000 में की गई थी। यह महोत्सव उस पक्षी (हॉर्नबिल) को समर्पित है, जो अपनी भव्यता और सतर्कता के गुणों के लिये जाना जाता है। हॉर्नबिल, अरुणाचल प्रदेश और केरल का राजकीय पक्षी है। यह भारतीय महाद्वीप और दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाता है। IUCN की रेड लिस्ट में इसे सुभेद्य (Vulnerable) श्रेणी में शामिल किया गया है।