Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07-सितंबर, 2022
‘इग्नाइटेड माइंड्स कार्यक्रम ’
लद्दाख में सेना की फायर एण्ड फ्यूरी कॉर्प्स ने कारगिल में भी विद्यार्थियों को चिकित्सा और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिये ‘इग्नाइटेड माइंड्स कार्यक्रम’ की शुरूआत की है। पिछले वर्ष लेह में इस योजना की सफलतापूर्वक शुरूआत की गई थी। इसका उद्देश्य लद्दाख के युवाओं को समग्र शैक्षणिक प्रशिक्षण मुहैया कराना है। विशेष रूप से कारगिल में रहने वाली लड़कियों को पूर्णकालिक आवासीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिये हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड तथा राष्ट्रीय एकता और शैक्षणिक विकास संगठन के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इस संयुक्त अभियान के अंतर्गत कारगिल की लड़कियों को संयुक्त प्रवेश परीक्षा (Joint Entrance Examination-JEE) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (National Eligibility cum Entrance Test (Undergraduate)-NEET) के लिये पूर्ण और निःशुल्क आवासीय कोचिंग मुहैया कराई जाएगी। कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिये ज़रूरी है कि अभ्यर्थी लद्दाख का मूल निवासी हो, उसे बारहवीं कक्षा में 70 प्रतिशत अंक मिला हो या इस वर्ष परीक्षा की तैयारी कर रहा हो। साथ ही उसकी वार्षिक पारिवारिक आय साढ़े तीन लाख रुपए से कम होनी चाहिये। कानपुर स्थित गैर सरकारी संगठन राष्ट्रीय एकता और शैक्षणिक विकास संगठन इस कार्यक्रम को लागू करेगा, जबकि सेना इसमें प्रशासनिक सहयोग प्रदान करेगी। हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड इसके लिये वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस
07 अगस्त, 2021 को देश भर में 8वाँ ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ आयोजित किया गया। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य आम जनता के बीच हथकरघा उद्योग के बारे में जागरूकता पैदा करना और सामाजिक-आर्थिक विकास में इसके योगदान को रेखांकित करना है। इसके अलावा यह दिवस भारत की हथकरघा विरासत की रक्षा करने व हथकरघा बुनकरों एवं श्रमिकों को अधिक अवसर प्रदान करने पर भी ज़ोर देता है। इस दिन को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में इसलिये चुना गया, क्योंकि ब्रिटिश सरकार द्वारा किये जा रहे बंगाल विभाजन का विरोध करने के लिये वर्ष 1905 में इसी दिन कलकत्ता टाऊन हॉल में स्वदेशी आंदोलन आरंभ किया गया था और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर भारतीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने की घोषणा की गई थी। तकरीबन एक सदी तक इस दिवस के महत्त्व को देखते हुए वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री द्वारा पहले ‘राष्ट्रीय हथकरघा दिवस’ का उद्घाटन किया गया। ज्ञात हो कि भारत का हथकरघा क्षेत्र देश की गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। भारत की सॉफ्ट पावर को लंबे समय से हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र द्वारा समर्थन दिया गया है। 'खादी डिप्लोमेसी' इसी का एक उदाहरण है। भारत में कपड़ा और हथकरघा क्षेत्र कृषि के बाद लोगों के लिये रोज़गार व आजीविका का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत है। हथकरघा उद्योग भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2.3%, औद्योगिक उत्पादन का 7%, भारत की निर्यात आय में 12% और कुल रोज़गार में 21% से अधिक का योगदान देता है।
36वें राष्ट्रीय खेल
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री ने अहमदाबाद में ट्रांसस्टेडिया के ईकेए एरिना में 36वें राष्ट्रीय खेलों के गीत और शुभंकर का अनावरण किया। 36वें राष्ट्रीय खेल 2022 गुजरात में आयोजित किये जायेंगे। यह 27 सितंबर, 2022 से 10 अक्तूबर, 2022 तक आयोजित होगा। इसमें सभी 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश भाग लेंगे। कुल मिलाकर 36 खेलों का आयोजन किया जाएगा, जो “एकता के लिये खेल” टैगलाइन के अनुरूप होंगे। इस वर्ष योगासन और मल्लखंभ को खेलों की सूची में जोड़ा गया है। इस प्रकार यह भारत में स्वदेशी खेलों को बढ़ावा देगा। इसका उद्घाटन समारोह नरेंद्र मोदी स्टेडियम में किया जाएगा। 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों के अनुमानित 7,000 एथलीटों के 36 खेलों में भाग लेने की उम्मीद है, जिनमें अधिकांश पारंपरिक ओलंपिक खेल शामिल हैं। राष्ट्रीय खेल 2022 गुजरात के 6 शहरों, गांधीनगर, सूरत, अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा और भावनगर में आयोजित किये जाएंँगे। शुभंकर का नाम सावज है जिसका गुजराती में अर्थ शावक होता है। यह शुभंकर भारत की सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है, साथ ही तेज़ी से बढ़ते भारत की एक झलक भी देता है कि भारत फिर से विश्व नेता बनने के लिये तैयार है। राष्ट्रीय खेलों का अंतिम संस्करण वर्ष 2015 में केरल में आयोजित किया गया था। राष्ट्रीय खेलों का 2022 संस्करण सात वर्ष के अंतराल के बाद आयोजित किया जाएगा।