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भारतीय अर्थव्यवस्था

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम को महारत्न का दर्ज़ा

  • 20 Nov 2019
  • 5 min read

प्रीलिम्स के लिये-

महारत्न कंपनी का दर्ज़ा एवं मानदंड, महारत्न कंपनियों की संख्या

मेन्स के लिये-

भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने से संबंधित विषय।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Hindustan Petroleum Corporation Limited- HPCL) और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Power Grid Corporation of India Limited- PGCIL) को ‘महारत्न’ का दर्जा दिया है।

भारत में महारत्न PSUs की संख्या :

पूर्व में भारत में कुल 8 महारत्न कंपनियाँ थीं, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के इस सूची में जुड़ने के बाद इनकी संख्या 10 हो गई है।

  1. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्‍स लिमिटेड (Bharat Heavy Electricals Limited)।
  2. भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Bharat Petroleum Corporation Limited)।
  3. कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited)।
  4. गेल इंडिया लिमिटेड (GAIL India Limited)।
  5. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Hindustan Petroleum Corporation Limited)।
  6. इंडियन आयल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Indian Oil Corporation Limited)।
  7. राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम लिमिटेड (National Thermal Power Corporation Limited)।
  8. ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Oil and Natural Gas Corporation Limited)।
  9. स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (Steel Authority of India Limited)।
  10. पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Power Grid Corporation of India Limited)।

महारत्न के दर्जे हेतु आवश्यक मानदंड:

  • कंपनियों को नवरत्न का दर्जा प्राप्त होना चाहिये।
  • कंपनी को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Security Exchange Board of India- SEBI) के नियामकों के अंतर्गत न्यूनतम निर्धारित सार्वजनिक हिस्सेदारी (Minimum Prescribed Public Shareholding) के साथ भारतीय शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होनी चाहिये।
  • विगत तीन वर्षों की अवधि में औसत वार्षिक व्यवसाय (Average Annual Turnover) 25,000 करोड़ रुपए से अधिक होना चाहिये।
  • पिछले तीन वर्षों में औसत वार्षिक निवल मूल्य (Average Annual Net Worth) 15,000 करोड़ रुपए से अधिक होना चाहिये।
  • पिछले तीन वर्षों का औसत वार्षिक शुद्ध लाभ (Average Annual Net Profit) 5,000 करोड़ रुपये से अधिक होना चाहिये।
  • कंपनियों की व्यापार के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में महत्वपूर्ण उपस्थिति होनी चाहिये।

महारत्न दर्जे के लाभ :

  • महारत्न का दर्ज़ा दिए जाने से इन कंपनियों की स्वायत्तता और परिचालन शक्ति में वृद्धि होगी, साथ ही इनको वित्तीय मामलों से संबंधित सभी निर्णय लेने की स्वतंत्रता प्राप्त होगी।
  • महारत्न का दर्ज़ा प्राप्त कम्पनियां वित्तीय संयुक्त उपक्रम (Financial Joint Venture) और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों (Wholly Owned Subsidiaries) में इक्विटी के जरिए निवेश कर सकती हैं।
  • महारत्न कंपनियाँ अपने निवल मूल्य के 15% और 5000 करोड़ रुपए की पूर्ण सीमा के साथ घरेलू और विदेशी कंपनियों के साथ विलय और अधिग्रहण (Mergers and Acquisition) कर सकती हैं।
  • महारत्न कंपनियों के बोर्ड कर्मियों और मानव संसाधन प्रबंधन एवं प्रशिक्षण से संबंधित योजनाओं की संरचना बना सकता है।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम

(Public Sector Undertakings)-

भारत सरकार द्वारा नियंत्रित एवं संचालित उद्यमों एवं उपक्रमों को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम कहा जाता है। ऐसे उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी 51% या इससे अधिक होती है।

स्रोत- द हिंदू

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