लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 07 Mar, 2023
  • 13 min read
प्रारंभिक परीक्षा

स्वामी निवेश फंड- I

स्वामी निवेश कोष (Special Window for Affordable and Mid-Income Housing- SWAMIH) ने वर्ष 2019 में स्थापना के बाद से 20,557 घरों के निर्माण का कार्य को पूरा किया है।

  • यह भारत का सबसे बड़ा सामाजिक प्रभाव कोष है जिसे विशेष रूप से तनावग्रस्त और रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिये बनाया गया है।

SWAMIH निवेश कोष क्या है?

  • परिचय:
  • योग्यता मानदंड:
    • रियल एस्टेट परियोजनाएँ, जो धन की कमी के कारण रुकी हुई हैं, को रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA) के तहत अवश्य पंजीकृत होना चाहिये।
      • इनमें से प्रत्येक परियोजना लगभग पूरी होने के करीब होनी चाहिये।
    • इन्हें 'किफायती और मध्यम-आय परियोजना' श्रेणी के अंतर्गत भी आना चाहिये (कोई भी आवास परियोजना जिसमें आवास इकाइयाँ 200 वर्ग मीटर क्षेत्र से अधिक में न हों)।
    • सकारात्मक शुद्ध मूल्य वाली परियोजनाएँ भी SWAMIH निवेश की पात्र हैं।
      • सकारात्मक शुद्ध मूल्य वाली परियोजनाएँ वे हैं जो ग्राहकों के लिये बेहतर संग्रह और बिक्री के उत्प्रेरक का काम करती हैं और उनकी पूर्णता लागत और बकाया दायित्त्वों से अधिक मूल्यवान हैं।
  • उद्देश्य:
    • इसका उद्देश्य रुकी हुई आवास परियोजनाओं को पूरा करना और घर खरीदारों के लिये घरों का वितरण सुनिश्चित कर वित्तपोषण प्रदान करना है।
    • रियल एस्टेट उद्योग को नकदी मुक्त करते हुए सीमेंट और स्टील जैसे प्रमुख उद्योगों को बढ़ावा देना।

प्रदर्शन:

  • अभी तक इसने 12,000 करोड़ रुपए से अधिक की मंज़ूरी के साथ लगभग 130 परियोजनाओं को अंतिम स्वीकृति प्रदान की है।
  • इसके तहत 20,557 घरों का निर्माण किया गया है और अगले तीन वर्षों में 30 टियर 1 एवं 2 शहरों में 81,000 से अधिक घरों के निर्माण को पूरा करने का लक्ष्य है।
  • यह निवेश 26 परियोजनाओं के निर्माण को पूरा करने और अपने निवेशकों के लिये रिटर्न उत्पन्न करने में सक्षम रहा है।
  • इसने रियल एस्टेट और अवसंरचित क्षेत्र में कई सहायक उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ ही 35,000 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी को सफलतापूर्वक जारी किया है।

वैकल्पिक निवेश कोष (Alternative Investment Fund- AIF):

  • पारंपरिक इक्विटी, बाॅण्ड और नकदी के अलावा अन्य परिसंपत्तियों में निवेश करने हेतु AIF कई अलग-अलग निवेशकों से धन इकट्ठा करता है। इन परिसंपत्तियों में निजी इक्विटी, हेज फंड, रियल एस्टेट, कमोडिटीज़ या अन्य गैर-पारंपरिक निवेश शामिल हो सकते हैं।
  • AIF को सामान्यतः उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों और संस्थागत निवेशकों हेतु विपणन किया जाता है, जिनके पास अधिक जटिल एवं कम तरल परिसंपत्तियों में निवेश करने के लिये जानकारी तथा संसाधन होते हैं।
  • AIF को भारत में प्रतिभूति और भारतीय विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI) विनियम (AIF), 2012 के नियम 2 (1) (b) द्वारा परिभाषित किया गया है।
  • AIF में SEBI (म्यूचुअल फंड) विनियम, 1996, SEBI (सामूहिक निवेश योजनाओं) विनियम, 1999 या बोर्ड के किसी भी अन्य नियमों के तहत शामिल फंड प्रबंधन गतिविधियों को विनियमित करने वाले फंड शामिल नहीं है।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

हर पेमेंट डिजिटल मिशन

डिजिटल भुगतान जागरूकता सप्ताह (Digital Payments Awareness Week- DPAW) 2023 के दौरान 'हर पेमेंट डिजिटल' मिशन के शुभारंभ पर भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) ने आज़ादी के 75 वर्षों के अवसर पर 75 गाँवों को गोद लेने और उन्हें डिजिटल भुगतान सक्षम गाँवों में बदलने हेतु कार्यक्रम शुरू किया है।

पहल:

  • परिचय और उद्देश्य:
    • इस पहल के तहत भुगतान प्रणाली ऑपरेटर (Payment System Operators- PSO) देश भर में उन गाँवों को अपनाएंगे जो डिजिटल भुगतान हेतु जागरूकता बढ़ाने और व्यापारियों को ऑनबोर्ड करने के उद्देश्य से इनमें से प्रत्येक गाँव में शिविर आयोजित करेंगे।
      • PSO, भुगतान प्रणाली को स्थापित और संचालित करने वाली RBI द्वारा अधिकृत संस्था है।
        • फरवरी 2023 तक विभिन्न श्रेणियों जैसे- खुदरा भुगतान संगठन, कार्ड भुगतान नेटवर्क, ATM नेटवर्क, प्रीपेड भुगतान उपकरण आदि के तहत 67 PSO स्थापित हो चुकी हैं।
  • महत्त्व:
    • RBI द्वारा हर पेमेंट डिजिटल अभियान का उद्देश्य डिजिटल भुगतान में आसानी और सुविधा को बढ़ावा देना तथा नए उपभोक्ताओं को डिजिटल दायरे में लाने की सुविधा प्रदान करना है।
    • योजना के तहत बैंकों और गैर-बैंक भुगतान प्रणाली ऑपरेटर्स द्वारा विभिन्न डिजिटल भुगतान चैनल्स पर प्रकाश डाला गया है।
      • यह देश में डिजिटल भुगतान को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करेगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 07 मार्च, 2023

राप्ती नदी के मगरमच्छ

हाल के अध्ययन के अनुसार, अवैध मत्स्यन और रेत खनन जैसे मानवजनित खतरों ने दक्षिण-मध्य नेपाल में चितवन नेशनल पार्क (CNP) से बहने वाली राप्ती नदी के मगरमच्छों (Crocodylus plaustris) हेतु खतरा पैदा कर दिया है, जो बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (राज्य का एकमात्र बाघ अभयारण्य) से लगा हुआ है। वर्ष 1973 में स्थापित चितवन नेशनल पार्क नेपाल का पहला राष्ट्रीय उद्यान है। इस उद्यान में एकल सींग वाले एशियाई गैंडों की अंतिम आबादी रहती है। CNP के स्थानीय जातीय और नदी पर निर्भर समुदायों को आजीविका के अवसरों के साथ प्रभावी संरक्षण एवं प्रबंधन कार्यक्रमों में एकीकृत करने को प्राथमिकता देने की सिफारिश की गई है। मगर या मार्श मगरमच्छ विश्व स्तर पर पाए जाने वाले मगरमच्छों की 24 मौजूदा प्रजातियों में से एक है। यह भारत, पाकिस्तान, नेपाल और ईरान में पाई जाती है। प्रजातियों को अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature- IUCN) की रेड लिस्ट में 'सुभेद्य' के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसे वन्यजीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के परिशिष्ट- I में सूचीबद्ध किया गया है, साथ ही वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची- I में शामिल किया गया है। राप्ती नदी महाभारत की पहाड़ियों और हिमालय की निचली शृंखला से निकलती है एवं CNP की उत्तरी सीमा के साथ पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है।

और पढ़ें… भारत में मगरमच्छ की प्रजातियाँ

संयुक्त सैन्य अभ्यास FRINJEX-23

भारतीय और फ्राँसीसी सेना के बीच पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास FRINJEX-23 तिरुवनंतपुरम, केरल में आयोजित किया जाएगा। यह पहली बार है जब दोनों देशों की सेनाएँ इस प्रारूप में शामिल हो रही हैं, जिसमें प्रत्येक टुकड़ी में तिरुवनंतपुरम स्थित भारतीय सेना के सैनिकों और फ्राँसीसी 6वीं लाइट आर्मर्ड ब्रिगेड की एक-एक कंपनी समूह शामिल हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य सामरिक स्तर पर दोनों बलों के बीच अंतर-संचालन, समन्वय और सहयोग को बढ़ाना है। संयुक्त अभ्यास फ्राँस के साथ रक्षा सहयोग को और मज़बूत करेगा जो समग्र भारत-फ्राँस रणनीतिक साझेदारी का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। अन्य सैन्य-संवाद और नियमित रूप से आयोजित संयुक्त अभ्यासों में वरुण (नौसेना), गरुड़ (वायु सेना) तथा शक्ति (थल सेना) शामिल हैं।
और पढ़ें… भारत-फ्राँस संबंध

इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस (IBCA)

भारत ने सुझाव दिया है कि बाघों की सुरक्षा के लिये उसके नेतृत्त्व में एक अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन स्थापित किया जाना चाहिये और 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर (800 करोड़ रुपए से अधिक) के गारंटीकृत वित्तपोषण के साथ पाँच वर्ष की अवधि में समर्थन का आश्वासन दिया है। प्रस्तावित इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस (आईबीसीए) सात प्रमुख बाघों- बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुए, प्यूमा, जगुआर और चीता की सुरक्षा एवं संरक्षण की दिशा में कार्य करेगा। गठबंधन की सदस्यता 97 "रेंज" देशों के लिये खुली होगी, जिसमें अन्य इच्छुक राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय संगठन आदि भी शामिल हो सकते हैं। यह गठबंधन 2022 में नामीबिया से चीतों के आगमन से प्रेरित था जिसमें इन बड़ी बिल्लियों के प्राकृतिक आवास भी शामिल हैं। भारत विश्व का एकमात्र राष्ट्र है जहाँ प्यूमा और जगुआर को छोड़कर बाघ, शेर, तेंदुए, हिम तेंदुए और चीता पाए जाते हैं। इसलिये यह उचित होगा कि भारत संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठन के साथ सभी बड़े देशों को साथ लाने का बीड़ा उठाए। IBCA की शासन संरचना में सभी सदस्य देशों की एक महासभा होगी, जिसमें न्यूनतम 7 और अधिकतम 15 सदस्यों की एक परिषद जिसके सदस्य 5 वर्ष की अवधि के लिये महासभा द्वारा चुने जाएंगे तथा एक सचिवालय शामिल होगा। परिषद की सिफारिश पर महासभा एक विशिष्ट अवधि के लिये IBCA महासचिव नियुक्त करेगी।
और पढ़ें… भारत में चीतों की पुनःवापसी


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2