प्रिलिम्स फैक्ट्स (06 Dec, 2022)



इंडोनेशिया का सेमेरु ज्वालामुखी

हाल ही में इंडोनेशिया के पूर्वी जावा द्वीप स्थित सेमेरु ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ।

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सेमेरु ज्वालामुखी

  • सेमरू- जिसे "द ग्रेट माउंटेन" के रूप में भी जाना जाता है जावा का सबसे उच्चतम ज्वालामुखी शिखर है तथा सर्वाधिक सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है।
  • इसमें अंतिम बार दिसंबर, 2019 में विस्फोट हुआ था।
  • इंडोनेशिया में विश्व के सक्रिय ज्वालामुखियों की सर्वाधिक संख्या होने के साथ-साथ इसके पैसिफिक रिंग ऑफ फायर/ परि-प्रशांत अग्नि वलय (Pacific’s Ring of Fire) में अवस्थित होने के कारण यहाँ भूकंपीय उथल-पुथल का खतरा भी बना रहता है।
  • सेमरू ज्वालामुखी भी सूंडा प्लेट (यूरेशियन प्लेट का हिस्सा) के नीचे स्थित इंडो-ऑस्ट्रेलियाई प्लेट के उप-भाग के रूप में निर्मित द्वीपीय चाप (Island Arcs) का हिस्सा है। यहांँ निर्मित गर्त सुंडा गर्त के नाम से जाना है, जावा गर्त (Java Trench) इसका प्रमुख खंड/भाग है।

पैसिफिक रिंग ऑफ फायर:

  • रिंग ऑफ फायर, जिसे परि-प्रशांत अग्नि वलय (Circum-Pacific Belt) के रूप में भी जाना जाता है, सक्रिय ज्वालामुखियों और लगातार आने वाले भूकंपों के कारण प्रशांत महासागर में निर्मित क्षेत्र है।
  • यह प्रशांत (Pacific), कोकोस (Cocos), भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई (Indian-Australian), नाज़्का (Nazca), उत्तरी अमेरिकी (North American) और फिलीपीन प्लेट्स (Philippine Plates) सहित कई टेक्टोनिक प्लेटों के मध्य एक सीमा का निर्धारण करती है।

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द्वीपीय चाप:

  • ये तीव्र ज्वालामुखीय और भूकंपीय गतिविधि तथा ओरोज़ेनिक (पर्वत-निर्माण) प्रक्रियाओं से जुड़े समुद्री द्वीपों की लंबी, घुमावदार शृंखलाएंँ हैं।
    • एक द्वीपीय चाप में सामान्यतः एकभू-क्षेत्र/लैंड मास (Land Mass) या आंशिक रूप से संलग्न उथला समुद्र शामिल होता है।
    • उत्तल क्षेत्र के साथ हमेशा एक लंबी, संकीर्ण गहरी गर्त विद्यमान होती है।
    • समुद्र के इन गहरे क्षेत्रों में सबसे बड़ी एवं गहरी महासागरीय गर्त पाई जाती है जिसमें मारियाना (दुनिया की सबसे गहरी गर्त) और टोंगा गर्त शामिल हैं।
  • भूगर्भिक विशेषता के इन प्रारंभिक उदाहरणों में अल्यूशियन-अलास्का गर्त (Aleutian-Alaska Arc) और क्यूराइल-कामचटका गर्त (Kuril-Kamchatka Arc) शामिल हैं।

अन्य ज्वालामुखी:

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. बैेरन द्वीप ज्वालामुखी भारतीय क्षेत्र में स्थित एक सक्रिय ज्वालामुखी है।
  2. बैेरन द्वीप ग्रेट निकोबार से लगभग 140 किमी. पूर्व में स्थित है।
  3. पिछली बार वर्ष 1991 में बैरन द्वीप ज्वालामुखी में विस्फोट हुआ था और तब से यह निष्क्रिय है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) केवल 1 और 3

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • बैेरन द्वीप भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है जो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित है। अत: कथन 1 सही है।
  • यह अंडमान सागर में अंडमान द्वीप के दक्षिणी भाग पोर्ट ब्लेयर से लगभग 140 किमी. की दूरी पर स्थित है। बैेरन द्वीप से ग्रेट निकोबार के बीच की दूरी दी गई दूरी से अधिक है। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • यहाँ ज्वालामुखी का पहला रिकॉर्डेड विस्फोट वर्ष 1787 में हुआ था। पिछले 100 वर्षों में इसमें कम-से-कम पाँच बार विस्फोट हो चुका है। इसके बाद अगले 100 वर्षों तक यह निष्क्रिय रहा। वर्ष 1991 में बड़े पैमाने पर फिर से इसमें विस्फोट हुआ था
  • तब से हर दो-तीन वर्षों में इसमें विस्फोट दर्ज किया गया है, इस शृंखला में नवीनतम विस्फोट फरवरी 2016 में हुआ था। अत: कथन 3 सही नहीं है।

अतः विकल्प (a) सही है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस

वर्ष 2010 से प्रत्येक वर्ष 4 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस मनाया जाता है।

  • डॉ. लॉरी मार्कर ने खय्याम (khayam) की याद में इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस के रूप में नामित किया, इस चीते को उन्होंने विंस्टन, ओरेगन में वाइल्डलाइफ सफारी में एक शावक के रूप में पाला था।

चीता

  • चीता बड़ी बिल्ली प्रजातियों में सबसे पुरानी प्रजातियों में से एक है, जिनके पूर्वजों की उत्पत्ति पाँच मिलियन से अधिक वर्षों से मियोसीन युग में हुई थी।
  • चीता दुनिया का सबसे तेज़ भूमि स्तनपायी भी है जो अफ्रीका और एशिया में पाया जाता है।
  • दुनिया के 7,000 चीतों में से अधिकांश दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया और बोत्सवाना में पाए जाते हैं।
  • नामीबिया में चीतों की दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है।
  • चीता एकमात्र बड़ा माँसाहारी है जो अधिक शिकार और निवास स्थान के हानि के कारण भारत से पूरी तरह से विलुप्त हो गया है।
  • हाल ही में भारत में आठ चीतों को नामीबिया से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया है।

क्रमांक

पैरामीटर

अफ्रीकी चीता

एशियाई चीता

1.

IUCN की रेड लिस्ट

‘सुभेद्य’ (Vulnerable)

‘अति संकटग्रस्त’ (Critically Endangered).

2.

CITES की सूची

परिशिष्ट-I

परिशिष्ट-I

3.

वितरण

वन में लगभग 6,500-7,000 अफ्रीकी चीते मौजूद हैं।

केवल ईरान में 40-50 पाए जाते हैं।

4.

भौतिक विशेषताएँ

इसका आकार एशियाई चीता की तुलना में बड़ा होता है।

शरीर पर बहुत अधिक फर, छोटा सिर व लंबी गर्दन,  आमतौर पर इनकी आँखें लाल होती हैं और प्रायः बिल्ली के समान दिखते हैं।

5.

चित्र

African-Cheetah

Asiatic-Cheetah

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ):

प्रश्न. निम्नलिखित पर विचार कीजिये: (2012)

  1. ब्लैक नेक क्रेन
  2. चीता
  3. उड़न गिलहरी
  4. हिम तेंदुआ

उपर्युक्त में से कौन-से स्वाभाविक रूप से भारत में पाए जातें हैं? 

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • ब्लैक नेक क्रेन आमतौर पर तिब्बत और ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र में पाई जाती है। सर्दियों में वे भारतीय हिमालय के कम ठंडे क्षेत्रों में चले जाते हैं। IUCN सूची में इसे निकट संकटग्रस्त के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अत: कथन 1 सही है।
  • चीता भारत में विलुप्त प्रजाति है। वे स्वतंत्रता पूर्व काल के दौरान मुख्य रूप से शिकार किये जाने के कारण विलुप्त हो गए। बीसवीं शताब्दी की शुरुआत तक इसकी प्रजातियाँ पहले से ही कई क्षेत्रों में विलुप्त होने की ओर बढ़ रही थीं। भारत में एशियाई चीतों की उपस्थिति का अंतिम भौतिक प्रमाण वर्ष 1947 में पूर्वी मध्य प्रदेश या उत्तरी छत्तीसगढ़ में मिला था। IUCN सूची में इसे संवेदनशील के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अत: कथन 2 सही नहीं है।
  • उड़न गिलहरी पश्चिमी घाट, पूर्वोत्तर और अन्य भारतीय जंगलों में पाई जाती है। IUCN सूची में इसे कम चिंताजनक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। अत: कथन 3 सही है।
  • हिम तेंदुआ जिसे IUCN सूची में संवेदनशील के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, हिमालय पर्वतमाला में पाया जाता है। अत: कथन 4 सही है।

अतः विकल्प (b) सही है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 दिसंबर, 2022

विश्व मृदा दिवस

स्वस्थ मृदा के महत्त्व पर ध्यान केंद्रित करने और मृदा संसाधनों के स्थायी प्रबंधन हेतु जागरूकता फैलाने के लिये प्रतिवर्ष 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) मनाया जाता है। वर्ष 2022 के लिये इसकी थीम- ‘मृदा, जिससे अनाज उत्पादित होता है’ ("Soils: Where food begins") है। संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया था। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें सम्मेलन में इसे आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया तथा दिसंबर 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 05 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस घोषित किया तथा 05 दिसंबर, 2014 को पहला आधिकारिक विश्व मृदा दिवस मनाया गया।

महापरिनिर्वाण दिवस

राष्‍ट्र 06 दिसंबर, 2022 को भारत रत्‍न डॉक्‍टर भीमराव अंबेडकर को उनके 67वें महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि दे रहा है। राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उपराष्‍ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री ने नई दिल्‍ली में संसद भवन परिसर में बाबा साहे‍ब अंबेडकर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर’ की पुण्यतिथि 6 दिसंबर को प्रत्येक वर्ष ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ‘परिनिर्वाण’, जिसे बौद्ध धर्म का एक प्रमुख सिद्धांत माना जाता है, एक संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है मृत्यु के बाद ‘मुक्ति’ अथवा ‘मोक्ष’। बौद्ध ग्रंथ महापरिनिब्बाण सुत्त (Mahaparinibbana Sutta) के अनुसार, 80 वर्ष की आयु में हुई भगवान बुद्ध की मृत्यु को मूल महापरिनिर्वाण माना जाता है। ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर’ का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रांत (अब मध्य प्रदेश) के ‘महू’ में हुआ था। डॉ. अंबेडकर एक समाज सुधारक, न्यायविद, अर्थशास्त्री, लेखक, बहु-भाषाविद और तुलनात्मक धर्म दर्शन के विद्वान थे। उन्हें ‘भारतीय संविधान के जनक’ के रूप में जाना जाता है। वह स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून/विधि मंत्री थे। वर्ष 1920 में उन्होंने एक पाक्षिक (15 दिन की अवधि में छपने वाला) समाचार पत्र ‘मूकनायक’ की शुरुआत की जिसने एक मुखर और संगठित दलित राजनीति की नींव रखी। इसके अलावा वर्ष 1923 में उन्होंने ‘बहिष्कृत हितकारिणी सभा’ की स्थापना की। मार्च 1927 में उन्होंने ‘महाड़ सत्याग्रह’ (Mahad Satyagraha) का नेतृत्त्व किया। उन्होंने तीनों गोलमेज सम्मेलनों में भाग लिया। वर्ष 1956 में उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया।

मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन

कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने 5 दिसंबर, 2022 को सतत् कृषि के लिये मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। उन्होंने रासायनिक कृषि और अन्य कारणों से मृदा की उर्वरता कम होने एवं जलवायु परिवर्तन का देश तथा विश्व के लिये एक बड़ी चिंता का विषय बताया। सरकार मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से भी काम कर रही है। उनके अनुसार दो चरणों में देश भर के किसानों को 22 करोड़ से अधिक मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये जा चुके हैं। सरकार मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन योजना के तहत बुनियादी ढाँचा भी विकसित कर रही है। अब तक 499 स्थायी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ, 113 मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ, आठ हज़ार 811 मिनी मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ और दो हज़ार 395 ग्राम-स्तरीय मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएँ स्थापित की जा चुकी हैं।