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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 06 Mar, 2023
  • 25 min read
प्रारंभिक परीक्षा

ग्रेट सी-हॉर्स का प्रवास

एक अध्ययन ने संकेत दिया है कि कोरोमंडल तट पर व्यापक पैमाने पर मत्स्य शिकार के कारण ग्रेट सी-हॉर्स (समुद्री घोड़े), ओडिशा की ओर पलायन होने को मजबूर हो सकते हैं।

  • हालाँकि ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ने की गतिविधि न्यून है, फिर भी उपयुक्त आवास की कमी के कारण यह ग्रेट सी-हॉर्स के लिये यह उपयुक्त क्षेत्र नहीं हो सकता है।

समुद्री घोड़े के विषय में प्रमुख तथ्य क्या हैं?

  • परिचय:
    • सी-हॉर्स, समुद्र की छोटी मछलियाँ हैं जिनका नाम उनके सिर के आकार के कारण रखा गया है, जो एक छोटे घोड़े के सिर जैसा दिखता है। उन्हें मछलियों की एक प्रजाति जीनस हिप्पोकैम्पस (Genus: Hippocampus) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
    • विश्व भर में सी-हॉर्स की 46 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारत के तटीय पारिस्थितिक तंत्र के तहत इंडो-पैसिफिक में पाई जाने वाली 12 में से 9 प्रजातियाँ शामिल हैं।
    • ये लगभग 52° उत्तर – 45° दक्षिण अक्षांशों के मध्य उथले तटीय जल में पाई जाती हैं।

seahorse

  • भारत के विविध महासागरीय पारिस्थितकी तंत्र जैसे- प्रवाल भित्तियाँ, मैक्रो-एगल बेड, समुद्री घास और मैंग्रोव में सी-हॉर्स की आबादी पाई जाती है।
  • भारत में वितरण:
    • लक्षद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह को छोड़कर ये नौ प्रजातियाँ गुजरात से ओडिशा तक आठ राज्यों और पाँच केंद्रशासित प्रदेशों के समुद्र तटों पर पाई जाती हैं।
  • सुस्त तैराक:
    • ये तैरते समय अपने शरीर को एक ऊर्ध्वाधर स्थिति में बनाए रखते हैं और अपने कोमल पृष्ठीय पंखों का उपयोग करते हुए आगे बढ़ते हैं।
    • ये राफ्टिंग के माध्यम से चलते हैं और मैक्रोशैवाल या प्लास्टिक अपशिष्ट जैसी तैरने वाली सामग्रियों से चिपके रहते हैं ताकि समुद्र की धाराएँ उन्हें बाहर की ओर फैला सकें।
  • विशेष प्रजनन प्रथा:
    • मादा अपने अंडों को नर की पूँछ के आधार पर एक ब्रूड थैली में जमा करती है, जहाँ उन्हें बाद में एक अंडाकार (अंडवाहिनी) का उपयोग करके निषेचित किया जाता है, तभी नर संतान को जन्म देता है।
  • संरक्षण स्थिति:
    • IUCN स्थिति- असुरक्षित/ कमज़ोर
    • CITES: परिशिष्ट II

पतन और प्रवासन के क्या कारण हैं?

  • ग्रेट सी-हॉर्स की संख्या इसके अतिदोहन के परिणामस्वरूप घट रही है:
    • पारंपरिक चीनी दवाओं के कारण
    • मछलियों की सजावट के माध्यम से
    • अत्यधिक मछली पकड़ने से
    • मत्स्य पालन के माध्यम से।
  • यह सी-हॉर्स की आबादी पर अत्यधिक दबाव बनाता है, जिनकी अपने व्यापक और लंबे जीवन के ऐतिहासिक लक्षणों को बनाए रखने के लिये स्थानीय आवासों पर उच्च निर्भरता है।
  • पाक की खाड़ी और मन्नार की खाड़ी से लेकर ओडिशा तक ग्रेट सी-हॉर्स का 1,300 किमी. उत्तर की ओर प्रवास भारत के दक्षिणी तट के आसपास व्यापक मत्स्यन गतिविधियों का परिणाम है।
    • कोरोमंडल तट पर प्रतिवर्ष लगभग 13 मिलियन व्यक्ति पकड़े जाते हैं।

प्रवासन संबंधी चुनौतियाँ:

  • उपयुक्त आवासों की कमी: चिल्का क्षेत्र को छोड़कर ओडिशा तट में प्रवाल भित्तियों और समुद्री घास के मैदानों का अभाव है जिससे उपयुक्त आवासों का निर्माण नहीं हो पाता है।
    • इस प्रकार जब तक बॉटम ट्रॉलिंग जैसी मत्स्यन के तरीकों पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाता है या उन्हें पकड़ने वाले मत्स्यन जालों को प्रतिबंधित नहीं किया जाता है, तब तक यह प्रजातियों हेतु चुनौतीपूर्ण होगा।
  • संरक्षण उपायों का अभाव: यह पूर्वी तट पर भारत के तटीय पारिस्थितिक तंत्र की निगरानी की कमी को उज़ागर करता है और शेष समुद्री आबादी के बेहतर संरक्षण एवं प्रबंधन की आवश्यकता की मांग करता है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न. निम्नलिखित जंतुओं पर विचार कीजिये: (2013)

  1. समुद्री गाय
  2. समुद्री घोड़ा
  3. समुद्री सिंह

उपर्युक्त में से कौन-सा/से स्तनधारी है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • सी-हॉर्स (समुद्री घोड़ा), समुद्री घास खाने वाला समुद्री स्तनपायी है जो प्रशांत महासागर के पश्चिमी भाग, हिंद महासागर में पाया जाता है। यह "डुगोंगिडे" परिवार की एकमात्र मौजूद प्रजाति है। अत: 1 सही है।
  • सी-हॉर्स वास्तव में छोटी मछलियाँ हैं जिनका नाम उनके सिर के आकार के कारण रखा गया है, जो एक छोटे घोड़े के सिर जैसा दिखता है। सी-हॉर्स स्तनधारी नहीं हैं क्योंकि उन्हें "जीनस हिप्पोकैम्पस" में मछली के रूप में वर्गीकृत किया गया है। अत: 2 सही नहीं है।
  • सी-लायन (समुद्री सिंह) समुद्री या जलीय स्तनधारी हैं क्योंकि वे बच्चों को जन्म देते हैं, वायवीय श्वसन करते हैं तथा अन्य सभी स्तनधारियों की तरह अपने बच्चों को दूध पिलाते हैं। वे मुख्य रूप से प्रशांत जल क्षेत्र में पाए जाते हैं। अत: 3 सही है।
  • अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

वैश्विक खुफिया प्रमुखों का सम्मेलन

भारत ने 1 मार्च को विश्व भर के 26 देशों के खुफिया और सुरक्षा प्रमुखों के दूसरे सम्मेलन का आयोजन किया।

  • रायसीना डायलॉग की शुरुआत से एक दिन पहले अप्रैल 2022 में पहली बार सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसे भारत के प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने संबोधित किया।

सम्मेलन के मुख्य आकर्षण:

  • परिचय: सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन, रायसीना डायलॉग के एक भाग के रूप में देश की बाहरी खुफिया एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) एवं राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) द्वारा किया जाता है जो NSA को रिपोर्ट करता है।
  • उद्देश्य: वर्तमान में चल रहे भू-राजनीतिक तनावों पर चर्चा करने के लिये प्रतिभागियों को इस संकट और अन्य भू-राजनीतिक तनावों को दूर करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान किया गया। हालाँकि यह बैठक रूस-यूक्रेन संघर्ष पर केंद्रित थी।
  • बैठक की प्रकृति: यह म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन और सिंगापुर के शांगरी-ला डायलॉग (Shangri-La Dialogue) की तर्ज पर तैयार की गई है।
    • यह G20 विदेश मंत्रियों की बैठक और रायसीना संवाद के साथ आयोजित हुमई थी। भारत G20 और शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation -SCO) दोनों की अध्यक्षता करता है।
    • इस बैठक में संयुक्त राज्य अमेरिका को छोड़कर बहरीन, यूनाइटेड किंगडम, फ्राँस और जापान के सुरक्षा प्रमुख उपस्थित हुए थे।

रायसीना संवाद क्या है?

  • रायसीना संवाद, भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर आधारित भारत का प्रमुख सम्मेलन है जो वैश्विक समुदाय के सामने सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रतिबद्ध है।
    • भारत सरकार, ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन और विदेश मंत्रालय संयुक्त रूप से इस सम्मेलन का आयोजन करते हैं।
  • वर्ष 2023 में इसकी थीम, "उत्तेजना, अनिश्चितता, अशांति: तूफान में प्रकाश स्तंभ" का उद्देश्य दुनिया की वर्तमान स्थिति को चित्रित करना है।
  • यह संवाद एक बहु-हितधारक, क्रॉस-सेक्टोरल चर्चा के रूप में संरचित है, जिसमें राज्य के प्रमुख कैबिनेट मंत्री और स्थानीय व्यापारी प्रतिनिधि, मीडिया तथा शिक्षाविद विचारकों के रूप में भाग लेते हैं।

ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन:

  • यह नई दिल्ली स्थित एक स्वतंत्र थिंक टैंक है जिसके तीन केंद्र मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में स्थित हैं।
  • यह निष्पक्ष और न्यायसंगत दुनिया में एक शक्तिशाली एवं समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में नीतिगत सोच का मार्गदर्शन तथा सहायता करते हुए भारत के विकल्पों को पहचानने और सूचित करने में मदद करता है। यह उन स्थानों पर भारतीय दृष्टिकोण को व्यक्त करता है जो अंतर्राष्ट्रीय मंचों को आकार देते हैं।
  • यह दुनिया भर में सरकारों, व्यापार, शिक्षा और नागरिक समाज में निर्णयकर्त्ताओं के लिये गैर-पक्षपातपूर्ण, स्वतंत्र, अच्छी तरह से शोध किये गए विश्लेषण और इनपुट प्रदान करता है।

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

एरीथ्रिटोल

हाल के शोध के अनुसार, लोकप्रिय कृत्रिम स्वीटनर एरिथ्रिटोल के प्रयोग से दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम की संभावनाएँ बढ़ी हैं।

शोध का परिणाम:

  • शोध के नतीजे बताते हैं कि एरिथ्रिटोल ने प्लेटलेट को सक्रिय करने और क्लॉट बनाना आसान कर दिया है।
  • एरिथ्रिटोल प्लेटलेट्स, रक्त कोशिकाओं को सक्रिय करता है, जो थक्के का कारण बनती हैं, जब वे एक साथ टकराते हैं। प्लेटलेट्स का ऐसा एकत्रीकरण शरीर के विभिन्न भागों में रक्त वाहिकाओं में रक्त के प्रवाह को अवरुद्ध करता है।
    • जब यह रक्त वाहिकाओं में हृदय अथवा मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करती हैं तो हृदय संबंधी घटनाएँ घातक हो सकती हैं और नहीं भी।

एरिथ्रिटोल:

  • परिचय: यह एक प्रकार का चीनी मादक पेय है जिसका उपयोग आमतौर पर खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में चीनी के विकल्प के रूप में किया जाता है। इसमें कोई कैलोरी नहीं होती है तथा पारंपरिक शर्करा के विपरीत रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि भी नहीं होती है।
    • टेबल शुगर को आमतौर पर न्यूनतम कैलोरी, कार्ब और "कीटो (KETO)" उत्पादों (वसा में उच्च और कार्बोहाइड्रेट में निम्न) में कृत्रिम मिठास के रूप में प्रयोग किया जाता है।
  • लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI): यह भी माना जाता है कि अन्य मिठास की तुलना में इसका GI कम होता है, जिसका अर्थ है कि यह इंसुलिन के स्तर को मज़बूती से प्रभावित नहीं कर सकता है।
    • GI एक मूल्य है जिसका उपयोग यह मापने हेतु किया जाता है कि कितने विशिष्ट खाद्य पदार्थ रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं।
  • उपयोग: एरिथ्रिटोल युक्त शर्करा मुक्त उत्पादों की अक्सर उन लोगों हेतु सिफारिश की जाती है जिन्हें मोटापा, मधुमेह या चयापचय सिंड्रोम है और वे अपने शर्करा या कैलोरी सेवन को प्रबंधित करने का प्रयास कर रहे हैं।
    • इन स्थितियों वाले लोगों को दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी प्रतिकूल हृदय संबंधी घटनाओं का भी अधिक खतरा होता है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न. निम्नलिखित में से किसमें 'ट्राइक्लोसन' के विद्यमान होने की सर्वाधिक संभावना है, जिसके लंबे समय तक उच्च स्तर के प्रभावन में रहने को हानिकारक माना जाता है? (2021)

(A) खाद्य परिरक्षक
(B) फल पकाने वाले पदार्थ
(C) पुनः प्रयुक्त प्लास्टिक के पात्र
(D) प्रसाधन सामग्री

उत्तर: D

व्याख्या:

  • ट्राइक्लोसन एक ऐसा घटक है जो कई उपभोक्ता उत्पादों में प्रयोग किया जाता है जिसका उद्देश्य जीवाणु संदूषण को कम करना या रोकना है। यह जीवाणुरोधी साबुन और बॉडी वॉश, टूथपेस्ट एवं कुछ सौंदर्य प्रसाधनों में प्रयुक्त होता है।
  • अतः विकल्प D सही उत्तर है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023

हाल ही में जल शक्ति मंत्रालय ने ग्रामीण जल और स्वच्छता क्षेत्र की महिला चैंपियनों को सम्मानित करने हेतु "स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023" का आयोजन किया।

  • "जल शक्ति अभियान: कैच द रेन" 2023 की "पीने ​​के जल की स्रोत स्थिरता" विषय के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

प्रमुख बिंदु

  • "स्वच्छ सुजल भारत" बनाने के प्रयास में ज़मीनी स्तर पर महिलाओं के नेतृत्त्व और भागीदारी को पहचानने एवं उजागर करने हेतु यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) तक आयोजित किया जाएगा।
  • 36 महिला WASH/वॉश चैंपियंस को 'स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023' से सम्मानित किया गया है।
  • उन्हें स्वच्छ भारत मिशन - ग्रामीण (SBM-G), जल जीवन मिशन (JJM), जल शक्ति अभियान: कैच द रेन (JSA-CTR) के कार्यान्वयन में ज़मीनी स्तर पर उनके असाधारण और अनुकरणीय कार्य के लिये सम्मानित किया गया।
  • इस अवसर पर माननीय राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय फ्लैगशिप मिशनों के तहत ODF प्लस मॉडल गाँव, हर घर जल गाँव, जल संरक्षण आदि में असाधारण योगदान देने वाली महिला अचीवर्स को सम्मानित किया।

कैच द रेन- 2023 के प्रमुख बिंदु:

  • भारत के राष्ट्रपति ने मानसून के मौसम में जल के संरक्षण को एक जन अभियान में बदलने के प्रयासों के हिस्से के रूप में 'कैच द रेन-2023' लॉन्च किया।
  • थीम 2023: पेयजल के लिये स्रोत स्थिरता।
  • टैग लाइन: कैच द रेन, वेयर इट फाल्स, व्हेन इट फाल्स (Catch the rain, where it falls, when it falls)।
  • कैच द रेन एक जन आंदोलन अभियान है जो सभी हितधारकों को वर्षा जल संचयन संरचनाओं को बनाए रखने के लिये प्रोत्साहित करता है।
  • यह अभियान राष्ट्रीय जल मिशन (NWM), जल शक्ति मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
  • अभियान पूरे देश में ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में चलाया जा रहा है।

जल संरक्षण हेतु किये गए प्रयास:

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न: 

प्रश्न: अगर राष्ट्रीय जल मिशन को ठीक से और पूरी तरह से लागू किया जाता है तो इसका देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा? (2012)

  1. शहरी क्षेत्रों की पानी की ज़रूरतों का एक हिस्सा अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण के माध्यम से पूरा किया जाएगा।
  2. पानी के अपर्याप्त वैकल्पिक स्रोतों वाले तटीय शहरों की पानी की आवश्यकताओं को उपयुक्त तकनीकों को अपनाकर पूरा किया जाएगा जो समुद्री जल के उपयोग की अनुमति देती हैं।
  3. हिमालय मूल की सभी नदियों को प्रायद्वीपीय भारत की नदियों से जोड़ा जाएगा।
  4. किसानों द्वारा बोरवेल खोदने और भूजल निकालने के लिये मोटर एवं पंपसेट लगाने पर आने वाले संपूर्ण खर्च की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जाएगी।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: B

स्रोत: पी.आई.बी.


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 06 मार्च, 2023

बैम्बू क्रैश बैरियर

हाल ही में महाराष्ट्र में चंद्रपुर और यवतमाल ज़िलों को जोड़ने वाले वाणी-वरोरा राजमार्ग पर दुनिया का पहला 200 मीटर लंबा बैम्बू क्रैश बैरियर लगाया गया है। 'बहू बल्ली' नामक बैम्बू क्रैश बैरियर का विभिन्न सरकारी संस्थानों में परीक्षण किया गया और इसे फायर रेटिंग टेस्ट के दौरान क्लास- 1 दर्जा दिया गया एवं इसे भारतीय सड़क कॉन्ग्रेस (Indian Road Congress- IRC) द्वारा भी मान्यता दी गई है। यह क्रैश बैरियर स्टील का एक सही विकल्प प्रदान करता है और पर्यावरण संबंधी चिंताओं का समाधान करता है। IRC देश में हाईवे इंजीनियरों की शीर्ष संस्था है। IRC की स्थापना वर्ष 1934 में भारतीय सड़क विकास समिति की सिफारिशों पर की गई थी, जिसे भारत में सड़क विकास के उद्देश्य से सरकार द्वारा स्थापित जयकर समिति (1927) के रूप में जाना जाता है।

बाल मित्र दिवस

5वें जन औषधि दिवस के अवसर पर फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) देश भर में एक सप्ताह तक उत्सव आयोजित कर रहा है। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के कार्यक्रमों में से एक दिन बच्चों को समर्पित था और इसे 'बाल मित्र दिवस' के रूप में मनाया गया। इन आयोजनों का उद्देश्य महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और बच्चों सहित आम जनता की भागीदारी को बढ़ाना है ताकि परियोजना का लाभ देश के हर कोने तक पहुँच सके। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना वर्ष 2008 में फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा जन औषधि अभियान के नाम से शुरू किया गया एक अभियान है। अभियान को वर्ष 2015-16 में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के रूप में नया रूप दिया गया था। ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (BPPI) PMBJP के लिये कार्यान्वयन एजेंसी है। BPPI रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत कार्य करता है। BPPI ने जन औषधि सुगम एप्लीकेशन भी विकसित किया है।
और पढ़ें… जन औषधि दिवस

INS त्रिकंद

INS त्रिकंद 26 फरवरी से 16 मार्च 2023 तक खाड़ी क्षेत्र में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास- Cutlass Express 2023 (IMX/CE-23) में भाग ले रहा है। यह अभ्यास समुद्री सुरक्षा बढ़ाने, समुद्री वाणिज्य के लिये क्षेत्र में समुद्री लेन को सुरक्षित रखने के साझे उद्देश्य के साथ 50 से अधिक देशों और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों के प्रतिभागियों के साथ आयोजित किया जाएगा। IMX/CE-23 विश्व के सबसे बड़े बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यासों में से एक है। हालाँकि यह भारतीय नौसेना की पहली IMX भागीदारी है, यह दूसरा अवसर भी है जहाँ एक भारतीय नौसेना जहाज़ संयुक्त समुद्री बलों (CMF) द्वारा आयोजित अभ्यास में भाग ले रहा है। INS त्रिकंद ने 22 नवंबर को उत्तर-पश्चिमी अरब सागर में CMF के नेतृत्त्व वाले ऑपरेशन सी स्वॉर्ड 2 में हिस्सा लिया था।
और पढ़ें… भारतीय नौसेना

मेंढक प्रजाति की 89 वर्ष पश्चात् पुनः खोज

अतीत में पश्चिमी घाट के उथले जलमार्ग जेरडॉन के संकीर्ण मुँह वाले मेंढक (ऊपरोडॉन मोंटानस) का घर थे। चूँकि ये प्रजातियाँ स्थायी रूप से गायब हो गई हैं, जिन्हें अंतिम बार वर्ष 1934 में खोजा गया था। जूलॉजिस्ट की एक टीम ने वर्ष 2022 में पश्चिमी घाट की जैवविविधता की 40 प्रजातियों के टैडपोल की तस्वीरें लीं, जिन्हें आखिरी बार 89 वर्ष पूर्व देखा गया था। अधिकांश उभयचर प्राणी दो भिन्न चरणों से गुज़रते हैं: जल-स्वतंत्र वयस्क चरण (भोजन और प्रजनन) और जलीय लार्वा चरण (फीडिंग) जिसे टैडपोल के रूप में जाना जाता है। इन टैडपोल अथवा लार्वा में वयस्कों से पूर्ण भिन्न अलग रूपात्मक विशेषताएँ, भोजन, निवास स्थान और पारिस्थितिकी होती है। मेंढकों की चमकदार भूरे रंग की त्वचा होती है जिसके ऊपर पीठ और सिर पर गहरे भूरे, लाल और सुनहरे रंग के धब्बे होते हैं तथा उनके पास एक लंबा स्नाउट होता है जो उन्हें पहचान प्रदान करता है। इन्हें चट्टानों की पोखरों में या बारिश के पानी से भरे पेड़ों के छिद्र में खोजा जा सकता है। इसके टैडपोल तैराक मुक्त और स्वपोषी होते हैं (जो अन्य प्रजातियों पर फीड करते हैं)। टैडपोल के शारीरिक रंग में परिवर्तन दिन (तुलनात्मक रूप से गहरा) और रात (थोड़ा पारदर्शी) के दौरान देखा गया है। इसे मोंटेन प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जिसकी उच्चतम ऊँचाई की एक सीमा है। ये वायनाड के करीब पालघाट और शेनकोटा दर्रा से लेकर अगस्त्यमलाई पहाड़ियों तक दक्षिण की ओर फैले हुए हैं। इसे खतरे वाली प्रजाति को प्रकृति लाल सूची के इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन (IUCN) में 'निकट खतरे' के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

और पढ़ें… पश्चिमी घाट


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