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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 04 Nov, 2023
  • 22 min read
प्रारंभिक परीक्षा

उपास्थ्यणु (कांड्रोसाइट) में हीमोग्लोबिन

स्रोत: द हिंदू  

नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में एक खोज में पाया गया कि कांड्रोसाइट, जो उपास्थि निर्मित करते हैं, अपने अस्तित्व के लिये हीमोग्लोबिन का भी उत्पादन करते हैं तथा उस पर निर्भर रहते हैं, जिससे सिद्ध होता कि हीमोग्लोबिन केवल लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) तक ही सीमित नहीं है।

कांड्रोसाइट वे कोशिकाएँ हैं जो उपास्थि (अस्थियों के बीच एक संयोजी ऊतक) का निर्माण करती हैं।

हीमोग्लोबिन बॉडीज़ अथवा 'हेडी': 

  • खोज:
    • वर्ष 2017 में चीन में एक रोगविज्ञानी को गोलाकार संरचनाएँ [ग्रोथ प्लेट्स (कुछ विशेष लंबी अस्थियों के अंत में मौजूद उपास्थियुक्त ऊतक) का अध्ययन करने के दौरान] मिलीं, जो RBC के समान थीं तथा उनमें हीमोग्लोबिन मौजूद था।
      • उपास्थि में कार्यात्मक हीमोग्लोबिन की खोज से यह संभावना भी उत्पन्न होती है कि यह कुछ संयुक्त रोगों का कारक बनता है क्योंकि अस्थियों की कई विकृतियाँ कांड्रोसाइट में दोषों से भी विकसित होती हैं।
  • हीमोग्लोबिन बॉडीज़ का निर्माण:
    • हीमोग्लोबिन बॉडीज़ या हेडी के रूप में जानी जाने वाली संरचनाएँ उपास्थि बनाने वाले कांड्रोसाइट के अंदर खोजी गईं और पानी से तेल को अलग करने की तरह एक चरण पृथक्करण प्रक्रिया द्वारा बनाई गईं।

  • स्टेम सेल में अंतर्दृष्टि: 
    • शोध में वर्ष 2018 में ग्रोथ प्लेट में स्टेम कोशिकाओं का एक विशेष समूह पाया गया और यह इसके संभावित प्रभावों के बारे में उत्साहित करता हैं।
      • एक विचार यह है कि ग्रोथ प्लेट में हीमोग्लोबिन इन स्टेम कोशिकाओं की नियति को प्रभावित कर सकता है।

मूल कोशिका/स्टेम सेल: 

  • ये शरीर में कच्चे पदार्थ के समान होती हैं अर्थात् वे ऐसी कोशिकाएँ हैं जिनसे विशिष्ट कार्यों वाली अन्य सभी कोशिकाएँ उत्पन्न होती हैं।
    • शरीर या प्रयोगशाला में कुछ विशिष्ट स्थितियों में स्टेम कोशिकाएँ विभाजित होकर और अधिक कोशिकाएँ निर्मित करती हैं जिन्हें मादा संतति कोशिकाएँ कहा जाता है।

कांड्रोसाइट में हीमोग्लोबिन का महत्त्व: 

  • कांड्रोसाइट में हीमोग्लोबिन का महत्त्व:
    • हीमोग्लोबिन, कांड्रोसाइट (कोशिकाएँ जो उपास्थि का निर्माण करती हैं) के अस्तित्त्व के लिये आवश्यक है। हीमोग्लोबिन के बिना कांड्रोसाइट कोशिकाएँ मर जाती हैं और चूहों में भ्रूण की घातकता का कारण बनती हैं (चूहों पर किये गए एक प्रयोग के परिणाम के आधार पर)।
  • कांड्रोसाइट में ऑक्सीजन परिवहन और भंडारण में हीमोग्लोबिन की भूमिका:
    • हीमोग्लोबिन कोशिकाओं के भीतर ऑक्सीजन का परिवहन करके कांड्रोसाइट को कम ऑक्सीजन स्तर से निपटने में सहायता करता है। हीमोग्लोबिन के बिना कांड्रोसाइट हाइपोक्सिक तनाव और कार्य करने की शक्ति की कमी का अनुभव करते हैं।
    • हीमोग्लोबिन कांड्रोसाइट के लिये ऑक्सीजन भंडार के रूप में कार्य करता है, ज़रूरत पड़ने पर ऑक्सीजन मुक्त करता है। हीमोग्लोबिन के बिना कांड्रोसाइट ऑक्सीजन का पर्याप्त स्तर नहीं बनाए रख पाते और नष्ट हो जाते हैं।

लाल रक्त कोशिकाएँ:

  • लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) को एरिथ्रोसाइट्स के रूप में भी जाना जाता है।
  • RBC में आयरन से भरपूर हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीन होता है जो रक्त को लाल रंग प्रदान करता है।
  • RBC अस्थि मज्जा में उत्पादित सबसे प्रचुर रक्त कोशिका है। उनका मुख्य कार्य विभिन्न ऊतकों और अंगों तक ऑक्सीजन पहुँचाना है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. अक्सर सुर्ख़ियों में रहने वाली 'स्टेम कोशिकाओं' के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? (2012)

  1. स्टेम कोशिकाएँ केवल स्तनपायी जीवों से ही प्राप्त की जा सकती हैं।
  2. स्टेम कोशिकाएँ नई औषधियों को परखने के लिये प्रयोग की जा सकती हैं। 
  3. स्टेम कोशिकाएँ चिकित्सा थेरेपी के लिये प्रयोग की जा सकती हैं।

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)


प्रश्न. अनुप्रयुक्त जैव-प्रौद्योगिकी में शोध तथा विकास संबंधी उपलब्धियाँ क्या हैं? ये उपलब्धियाँ समाज के निर्धन वर्गों के उत्थान में किस प्रकार सहायक होंगी? (2021)


प्रारंभिक परीक्षा

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की छठी असेंबली

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में नई दिल्ली के भारत मंडपम में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance- ISA) की छठी असेंबली का आयोजन किया गया। 

असेंबली के प्रमुख हाइलाइट्स:

  • असेंबली में  ISA की व्यापक रणनीति पर चर्चा की गई, जिसमें नवीकरणीय स्रोतों में संक्रमण से पहले ऊर्जा पहुँच पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया, इसमें संगठन के सिद्धांत "पहले ऊर्जा पहुँच और फिर ऊर्जा रूपांतरण या हरित ऊर्जा का उपयोग करके ऊर्जा पहुँच" (Access first and then transition) को प्रतिबिंबित किया गया।
  • असेंबली में परियोजनाओं के लिये वाइअबिलटी गैप फंडिंग (VGF) में वृद्धि की घोषणा की गई, विशेष रूप से अफ्रीकी देशों में अधिक निवेश को बढ़ावा देने के लिये इसे 10% से बढ़ाकर 10% से 35% तक करने का निर्णय लिया गया
  • असेंबली के दौरान ISA द्वारा समर्थित चार परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। ये परियोजनाएँ हैं:
    • मलावी गणराज्य के संसद भवन का सौरीकरण।
    • फिज़ी गणराज्य में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा केंद्रों का सौरीकरण।
    • सेशेल्स गणराज्य में सौर संचालित कोल्ड स्टोरेज की स्थापना।
    • किरिबाती गणराज्य में स्कूल का सौरीकरण
  • भारत ने सौर ऊर्जा को प्राथमिक ऊर्जा स्रोत बनाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और इस बात पर ज़ोर दिया कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में वर्ष 2030 तक विश्व की कुल विद्युत की 65 प्रतिशत आपूर्ति करने और वर्ष 2050 तक विद्युत क्षेत्र के 90 प्रतिशत को डीकार्बोनाइज़ करने की क्षमता है। 

नोट: लगभग 80% वैश्विक आबादी उन देशों में निवास करती है जो जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भर है। 

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन: 

  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के वितरण में वृद्धि के लिये एक सक्रिय तथा सदस्य-संचालित एवं सहयोगी मंच है। इसका मूल उद्देश्य ऊर्जा तक पहुँच को सुविधाजनक बनाना, ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करना और अपने सदस्य देशों में ऊर्जा संक्रमण को बढ़ावा देना है।
  • शुरुआत में भारत और फ्राँस के संयुक्त प्रयास के रूप में ISA की संकल्पना 2015 में 21वें कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP21) के दौरान की गई थी।
    • वर्ष 2020 में इसके फ्रेमवर्क समझौते में संशोधन के साथ सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देश ISA में शामिल होने के लिये पात्र हैं।
    • वर्तमान में 116 देश हस्ताक्षरकर्त्ता हैं, जिनमें से 94 ने पूर्ण सदस्य बनने के लिये आवश्यक अनुसमर्थन पूरा कर लिया है।
  • ISA अपनी 'टुवर्ड्स 1000' रणनीति द्वारा निर्देशित है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा समाधानों में 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना है, जबकि स्वच्छ ऊर्जा समाधानों का उपयोग करके 1,000 मिलियन लोगों तक ऊर्जा पहुँच प्रदान करना है तथा परिणामस्वरूप 1,000 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता की स्थापना करना है।
    • इससे प्रत्येक वर्ष 1,000 मिलियन टन CO2 के वैश्विक सौर उत्सर्जन को कम करने में सहायता मिलेगी।
  • असेंबली ISA की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व होता है।
    • यह निकाय ISA के फ्रेमवर्क समझौते के कार्यान्वयन और अपने उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु किये जाने वाले समन्वित कार्यों से संबंधित निर्णय लेता है।

 UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

  1. अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को 2015 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में लॉन्च किया गया था।
  2. गठबंधन में संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश शामिल हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 
(c) 1 और 2 दोनों
(d)  न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (a)


प्रारंभिक परीक्षा

CAR-T सेल थेरेपी

प्रिलिम्स के लिये:

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO), काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर T सेल (CAR-T cell) थेरेपी,  NexCAR19, नेशनल कैंसर ग्रिड

मेन्स के लिये:

CAR-T सेल थेरेपी, विकास और दैनिक जीवन में उनके अनुप्रयोग एवं प्रभाव

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

हाल ही में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation- CDSCO) ने भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर T सेल (CAR-T cell) थेरेपी, NexCAR19 के लिये बाज़ार प्राधिकार प्रदान किया है।   

  • भारत अब स्वदेशी CAR-T और जीन थेरेपी प्लेटफॉर्म रखने वाले पहले विकासशील देशों में से एक है।

NexCAR19:

  • परिचय:
    • NexCar19 एक प्रकार की CAR-T और जीन थेरेपी है जिसे भारत में ImmunoACT द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है, जो कि IIT बॉम्बे में इनक्यूबेट की गई कंपनी है।
    • इसे CD19 प्रोटीन का संवहन करने वाली कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
      • यह प्रोटीन कैंसर कोशिकाओं पर एक मार्कर के रूप में कार्य करता है, जो CAR-T कोशिकाओं को उनकी पहचान करने, पालन करने और उन्मूलन प्रक्रिया शुरू करने में सक्षम बनाता है।
    • यहाँ तक कि कुछ विकसित देशों के पास अपनी CAR-T थेरेपी नहीं है; वे उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका या यूरोप से आयात करते हैं।

  • रोगी पात्रता: 
    • NexCAR19 थेरेपी B-सेल लिंफोमा वाले व्यक्तियों के लिये है, जिन पर कीमोथेरेपी जैसे मानक उपचारों का प्रभाव नहीं पड़ा और जिन्होंने कैंसर की पुनरावृत्ति का अनुभव किया है।
    • प्रारंभ में थेरेपी 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के रोगियों के लिये स्वीकृत है।
  • प्रक्रिया:
    • यह प्रक्रिया एक ट्रांसफ्यूज़न केंद्र में रोगी द्वारा रक्त दान करने से शुरू होती है। T-कोशिकाओं को आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है और 7-10 दिनों की अवधि के भीतर रोगी में पुन: स्थापित किया जाता है।
  • प्रभावकारिता:
    • इससे दवा-संबंधी विषाक्तता काफी कम हो जाती है। यह न्यूरॉन्स और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को न्यूनतम नुकसान पहुँचाता है, इस स्थिति को न्यूरोटॉक्सिसिटी के रूप में जाना जाता है।

      • न्यूरोटॉक्सिसिटी तब हो सकती है जब CAR-T कोशिकाएँ CD19 प्रोटीन को पहचानती हैं और मस्तिष्क में प्रवेश करती हैं, जिससे संभावित रूप से जीवन के लिये खतरा उत्पन्न हो सकता है

    • इस थेरेपी के परिणामस्वरूप मिनिमल साइटोकिन रिलीज़ सिंड्रोम (CRS) भी होता है, जो ट्यूमर कोशिकाओं की एक महत्त्वपूर्ण संख्या की कमी के कारण शरीर में सूजन और हाइपरइन्फ्लेमेशन की विशेषता है, क्योंकि CAR-T कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने एवं उसे  खत्म करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 4 नवंबर, 2023

डायनासोर का विनाश करने वाला क्षुद्रग्रह और उसके परिणाम

नेचर जियोसाइंस जर्नल में प्रकाशित हालिया शोध से पता चला है कि 66 मिलियन वर्ष पूर्व मेक्सिको के युकाटन प्रायद्वीप पर एक क्षुद्रग्रह (चिकक्सुलब इम्पैक्टर- Chicxulub Impactor) के प्रभाव से वायुमंडल में उत्सर्जित धूल द्वारा महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई गई।

  • यह शोध टैनिस नामक नॉर्थ डकोटा पेलियोन्टोलॉजिकल साइट से अवसादों का उपयोग करके पेलियोक्लाइमेट सिमुलेशन (Paleoclimate Simulations- PS) के आधार पर किया गया था।
    • पिछली जलवायु का अध्ययन करने और भविष्य में होने वाले परिवर्तनों का पूर्वानुमान लगाने के लिये PS पृथ्वी की जलवायु का अनुकरण करता है।
  • इस प्रभाव के कारण वनाग्नि (वनों की आग), भूकंप और जलवायु आपदाएँ हुई, आसमान में अंधेरा छा गया, तापमान 27°F तक गिर गया तथा प्रकाश संश्लेषण अवरुद्ध हो गया, जो पौधों के जीवन के लिये आवश्यक है, जिसके परिणामस्वरूप गंभीर परिणामों के साथ प्रभावकारी सर्दी की स्थिति देखी गई
  • शोधकर्त्ताओं ने गणना की कि इस प्रभाव से उत्पन्न धूल की कुल मात्रा 2,000 गीगाटन से अधिक थी, जो माउंट एवरेस्ट के वज़न का 11 गुना थी
  • 6-9 मील चौड़े क्षुद्रग्रह ने क्रेटेशियस काल (जो 145 मिलियन वर्ष पहले शुरू हुआ तथा 66 मिलियन वर्ष पहले समाप्त हुआ) को समाप्त कर दिया, जिससे डायनासोर सहित पृथ्वी की तीन-चौथाई प्रजातियाँ लुप्त हो गईं। इस बीच, छोटे, अनुकूलनीय स्तनधारी विकसित हुए और अंततः पृथ्वी की प्रमुख प्रजाति के रूप में उभरे।
    • पुनर्प्राप्ति में लगभग 20 वर्ष लग गए, पूर्व-प्रभाव स्थितियाँ उसी समय सीमा में वापस आ गईं।

NMC का वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन मंच

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) चिकित्सकीय जानकारी तक आसान पहुँच के लिये ‘वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन मंच' के साथ भारत की चिकित्सा पंजीकरण प्रणाली में बदलाव की योजना बना रहा है।

  • NMC की पहल का उद्देश्य भारत में प्रत्येक चिकित्सक की जानकारी तक सार्वजनिक पहुँच प्रदान करके दोहराव और नौकरशाही बाधाओं को खत्म करना है।
  • एक राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर (NMR) पायलट प्रोजेक्ट  डॉक्टरों को अंतर्राज्यीय प्रैक्टिस के लिये विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करेगा
    • स्नातक मेडिकल छात्रों को 'मास्क यूआईडी' सौंपी जाएगी, जिसका अनावरण उनकी एमबीबीएस की डिग्री पूरी होने पर किया जाएगा। इससे योग्यता के अद्यतन और अंतर्राज्यीय लाइसेंसिंग की अनुमति मिलेगी।
    • NMR डॉक्टरों के  डेटा को केंद्रीकृत करेगा, जिसमें योग्यता, पंजीकरण तिथियाँ , विशिष्टताएँ आदि शामिल हैं, जो पहुँच सुनिश्चित करेगा।
  • NMC अतिरिक्त योग्यताओं, लाइसेंस नवीनीकरण और अस्वीकृत आवेदनों के लिये अपील विकल्पों की प्रक्रियाओं की रूपरेखा भी तैयार करता है।

और पढ़ें…राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC)

अंटार्कटिक एवियन फ्लू का प्रकोप

ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वेक्षण (BAS) के वैज्ञानिकों ने पहली बार अंटार्कटिक क्षेत्र में उच्च रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंज़ा (HPAI) की उपस्थिति की पहचान की है, जिससे क्षेत्र में पेंगुइन और सील की सुभेद्य आबादी के लिये गंभीर चिंताएँ बढ़ गई हैं।

  • खोज में दक्षिण जॉर्जिया के बर्ड द्वीप पर ब्राउन स्कुआ आबादी में HPAI पाया गया।
  • एवियन इन्फ्लूएंज़ा, जिसे प्रायः बर्ड फ्लू कहा जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है।
    • वर्ष 1996 में उच्च रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंज़ा H5N1 वायरस की पहचान पहली बार दक्षिणी चीन में घरेलू जलपक्षी में की गई थी।

और पढ़ें… एवियन इन्फ्लूएंज़ा 

कानूनी पहचान के समाधान के लिये IOM की वैश्विक पहल

हाल ही में कानूनी पहचान के बिना लोगों के लिये मूल और गंतव्य देशों के बीच बातचीत को बढ़ावा देने हेतु  डेनमार्क के कोपेनहेगन में संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) द्वारा एक कानूनी पहचान तथा अधिकार-आधारित रिटर्न प्रबंधन सम्मेलन आयोजित किया गया।

  • इसमें इस बात पर प्रकाश डाला गया कि वैश्विक स्तर पर लगभग एक अरब लोगों के पास कानूनी पहचान का अभाव है, जिससे सेवाओं तक उनकी पहुँच और आवाजाही की स्वतंत्रता बाधित होती है, जिससे अधिक खतरनाक एवं अनियमित प्रवासन मार्ग बन जाते हैं।
  • यह पहल वर्ष 2022 में लॉन्च किये गए IOM के ग्लोबल प्रोग्राम एन्हांसिंग रीडमिशन एंड लीगल आइडेंटिटी कैपेसिटीज़ (RELICA) के ढाँचे के भीतर आयोजित की गई थी।
  • IOM की स्थापना वर्ष 1951 में हुई थी और इसका मुख्य कार्यालय ले ग्रैंड-सैकोनेक्स, स्विट्ज़रलैंड में है।

और पढ़ें…अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन आउटलुक, 2022


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